Bihar Winter Session: ‘सिर्फ सरकार की आंख खोलने के लिए…’, भाई वीरेंद्र के समर्थन में उतरे तेजस्वी यादव

Bihar Winter Session: ‘सिर्फ सरकार की आंख खोलने के लिए…’, भाई वीरेंद्र के समर्थन में उतरे तेजस्वी यादव

<p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav News:</strong> पांच दिनों के बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आज चौथे दिन गुरुवार को अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला, जब विपक्ष के आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी पर बैठने चले गए. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ. इस पर भाई वीरेंद्र ने सफाई दी कि विधानसभा में सीट अरेंजमेंट हो, हमारे तीन विधायक सत्ता पक्ष में जाकर बैठ रहे हैं, जब कोई कहीं बैठ सकता है तो हम भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने चले गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाई वीरेंद्र के पक्ष में क्या बोले तेजस्वी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी भाई वीरेंद्र के कारनामे का समर्थन करते हुए कहा कि वो सरकार की आंख खोलने के लिए और सचेत करने के लिए गए थे, वह कुर्सी पर बैठे नहीं है. तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा चालू होने से पहले विधानसभा संचालन को लेकर जो मीटिंग हुई थी, उसी मीटिंग में हमारे सचेतक अख्तरुल शाहीन ने लिखित रूप से विधानसभा अध्यक्ष महोदय को पत्र देकर सचेत किया था कि बागी विधायकों की सदस्यता ली जाए .</p>
<p style=”text-align: justify;”>कई बार उन पर कार्रवाई की मांग हम लोगों ने की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और वे लोग उधर बैठते रहे. उन्होंने कहा कि तब तो कोई भी कहीं भी बैठ सकता है, जबकि सबकी सबकी सीट एलॉट है. पक्ष, विपक्ष, मंत्रियों की, मुख्यमंत्री की, नेता प्रतिपक्ष सबकी सीट अलॉट है तो कोई भी कहीं भी ऐसे कैसे बैठ सकता है और जब पार्टी ने लिख कर दे दिया है तीन लोगों पर कार्रवाई करने के लिए तो क्यों नहीं करवाई हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तीसरा सत्र बीत गया और वे लोग लगातार अटेंड कर रहे हैं. यह तो कहीं ना कहीं दिखता है कि कुछ भी नियम से नहीं चल रहा है. सरकार नियम से ऊपर हो गई है तो आज हमारे विधायकों मैं बहुत रोष था और उसी को लेकर इसको लेकर सरकार का आंख खोलने के लिए सचेत किया गया है. कोई कहीं बैठा नहीं है. भाई वीरेंद्र भी मुख्यमंत्री की सीट पर गए तो वह बैठे नहीं है, सचेत करने के लिए गए थे कि कायदे और नियम से हाउस चलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने कहा कि बाद में हम स्पीकर महोदय से मिले कि आप गार्जियन हैं आप सीनियर नेता हैं. आपका काफी पुराना अनुभव है. आप पर हमको पूरा विश्वास है तो अध्यक्ष महोदय ने कहा कि उन लोगों की सीट हमने अलॉट कर दिया है. वह तीनों विधायक चाहते थे कि हम कहीं और बैठे, तो हमने कहा कि यह दल तय करेगा कि कौन कहां बैठेगा. वह राष्ट्रीय जनता दल में है तो कार्रवाई करो और उन लोगों की सदस्यता हटाओ. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के हम नेता हैं, हम तय करेंगे की कौन कहां बैठेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई- तेजस्वी यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कोई विधायक लिख करके अध्यक्ष को दे देगा और उसकी अनुमति मिल जाएगी, ऐसा नहीं होता है. वह पार्ट ऑफ द पार्टी है, तो फिर दल का मतलब क्या रह गया. वे लोग तो तीन ही हैं, पार्टी चाहती है तो उन पर कार्रवाई होती है. उन लोगों की सदस्यता जाती है, उन लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया है, बीप का उल्लंघन उन लोगों ने किया है तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. जबकि पार्टी ने चिट्ठी लिख कर दिया है सदस्यता हटाने की, लेकिन कार्रवाई जब नहीं हो रही है तो जहां दल बैठता है वह लोग भी वहीं बैठे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/union-minister-giriraj-singh-on-formation-of-hemant-soren-government-in-jharkhand-now-not-any-fault-in-evm-2832441″>’अब EVM में दोष नहीं दिख रहा?’, झारखंड में हेमंत सरकार बनने पर गिरिराज सिंह का तंज</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Tejashwi Yadav News:</strong> पांच दिनों के बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आज चौथे दिन गुरुवार को अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला, जब विपक्ष के आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी पर बैठने चले गए. इसके बाद जमकर हंगामा हुआ. इस पर भाई वीरेंद्र ने सफाई दी कि विधानसभा में सीट अरेंजमेंट हो, हमारे तीन विधायक सत्ता पक्ष में जाकर बैठ रहे हैं, जब कोई कहीं बैठ सकता है तो हम भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने चले गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भाई वीरेंद्र के पक्ष में क्या बोले तेजस्वी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी भाई वीरेंद्र के कारनामे का समर्थन करते हुए कहा कि वो सरकार की आंख खोलने के लिए और सचेत करने के लिए गए थे, वह कुर्सी पर बैठे नहीं है. तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा चालू होने से पहले विधानसभा संचालन को लेकर जो मीटिंग हुई थी, उसी मीटिंग में हमारे सचेतक अख्तरुल शाहीन ने लिखित रूप से विधानसभा अध्यक्ष महोदय को पत्र देकर सचेत किया था कि बागी विधायकों की सदस्यता ली जाए .</p>
<p style=”text-align: justify;”>कई बार उन पर कार्रवाई की मांग हम लोगों ने की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और वे लोग उधर बैठते रहे. उन्होंने कहा कि तब तो कोई भी कहीं भी बैठ सकता है, जबकि सबकी सबकी सीट एलॉट है. पक्ष, विपक्ष, मंत्रियों की, मुख्यमंत्री की, नेता प्रतिपक्ष सबकी सीट अलॉट है तो कोई भी कहीं भी ऐसे कैसे बैठ सकता है और जब पार्टी ने लिख कर दे दिया है तीन लोगों पर कार्रवाई करने के लिए तो क्यों नहीं करवाई हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तीसरा सत्र बीत गया और वे लोग लगातार अटेंड कर रहे हैं. यह तो कहीं ना कहीं दिखता है कि कुछ भी नियम से नहीं चल रहा है. सरकार नियम से ऊपर हो गई है तो आज हमारे विधायकों मैं बहुत रोष था और उसी को लेकर इसको लेकर सरकार का आंख खोलने के लिए सचेत किया गया है. कोई कहीं बैठा नहीं है. भाई वीरेंद्र भी मुख्यमंत्री की सीट पर गए तो वह बैठे नहीं है, सचेत करने के लिए गए थे कि कायदे और नियम से हाउस चलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तेजस्वी यादव ने कहा कि बाद में हम स्पीकर महोदय से मिले कि आप गार्जियन हैं आप सीनियर नेता हैं. आपका काफी पुराना अनुभव है. आप पर हमको पूरा विश्वास है तो अध्यक्ष महोदय ने कहा कि उन लोगों की सीट हमने अलॉट कर दिया है. वह तीनों विधायक चाहते थे कि हम कहीं और बैठे, तो हमने कहा कि यह दल तय करेगा कि कौन कहां बैठेगा. वह राष्ट्रीय जनता दल में है तो कार्रवाई करो और उन लोगों की सदस्यता हटाओ. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के हम नेता हैं, हम तय करेंगे की कौन कहां बैठेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई- तेजस्वी यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कोई विधायक लिख करके अध्यक्ष को दे देगा और उसकी अनुमति मिल जाएगी, ऐसा नहीं होता है. वह पार्ट ऑफ द पार्टी है, तो फिर दल का मतलब क्या रह गया. वे लोग तो तीन ही हैं, पार्टी चाहती है तो उन पर कार्रवाई होती है. उन लोगों की सदस्यता जाती है, उन लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया है, बीप का उल्लंघन उन लोगों ने किया है तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. जबकि पार्टी ने चिट्ठी लिख कर दिया है सदस्यता हटाने की, लेकिन कार्रवाई जब नहीं हो रही है तो जहां दल बैठता है वह लोग भी वहीं बैठे.&nbsp;</p>
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