<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर और सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने महापौर पर दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 (DMC Act 1957) के उल्लंघन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि महापौर ने एमसीडी सदन की अवैध बैठक आयोजित की, जिसमें न तो माननीय आयुक्त उपस्थित थे और न ही विपक्षी पार्षद थे. इस बैठक में केवल 25 से 30 आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद ही मौजूद थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक की वैधता पर सवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस बैठक में कई पुराने मुद्दों को शामिल किया गया, जिनका एमसीडी की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. इन मुद्दों की जांच आवश्यक है. उन्होंने महापौर से आग्रह किया है कि 26 फरवरी को आयोजित बैठक को अवैध और निरस्त घोषित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 क्या है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के अनुसार, एमसीडी की बैठकों में महापौर, आयुक्त और सभी पार्षदों की उपस्थिति आवश्यक होती है. हालांकि, पिछले कुछ समय से एमसीडी की बैठकों में हंगामा और विवाद की स्थिति बनी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी हुआ था विवाद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदाहरण के लिए, जनवरी 2024 में भी हंगामे के बीच दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए थे, जिनमें सदन को वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार देने और लोकल शॉपिंग सेंटरों की दुकानों को डी-सील करने के प्रस्ताव शामिल थे. इस दौरान भी विपक्षी बीजेपी ने इन प्रस्तावों को असंवैधानिक करार दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, अक्टूबर 2024 में भी एमसीडी की बैठक में सत्ता पक्ष ने कई प्रस्ताव पारित किए थे, जिन पर विपक्षी बीजेपी ने सवाल उठाए थे. बीजेपी ने इन प्रस्तावों को अवैध करार देते हुए कहा था कि यह नगर निगम के प्रक्रिया एवं संचालन नियमों का उल्लंघन है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक को अवैध घोषित करने की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेताओं का आरोप है कि महापौर द्वारा आयोजित की गई हालिया बैठक भी इसी तरह के नियमों का उल्लंघन करती है, क्योंकि इसमें आवश्यक अधिकारियों और विपक्षी पार्षदों की अनुपस्थिति में निर्णय लिए गए. उन्होंने महापौर से इस बैठक को अवैध घोषित करने की मांग की है. इस प्रकार, दिल्ली नगर निगम की बैठकों में नियमों के पालन और पारदर्शिता को लेकर विवाद और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जिससे नगर निगम के कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कैग की रिपोर्ट पर CM रेखा गुप्ता बोलीं, ‘खास लोगों के फायदे के लिए लाई गई नई शराब नीति'” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/cm-rekha-gupta-on-delhi-cag-report-targets-previous-aap-government-ann-2892325″ target=”_blank” rel=”noopener”>कैग की रिपोर्ट पर CM रेखा गुप्ता बोलीं, ‘खास लोगों के फायदे के लिए लाई गई नई शराब नीति'</a></strong></p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/6pmsvxjQlZ4?si=4XV3fRQ7DWXNNTQJ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर और सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने महापौर पर दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 (DMC Act 1957) के उल्लंघन का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि महापौर ने एमसीडी सदन की अवैध बैठक आयोजित की, जिसमें न तो माननीय आयुक्त उपस्थित थे और न ही विपक्षी पार्षद थे. इस बैठक में केवल 25 से 30 आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद ही मौजूद थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक की वैधता पर सवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस बैठक में कई पुराने मुद्दों को शामिल किया गया, जिनका एमसीडी की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. इन मुद्दों की जांच आवश्यक है. उन्होंने महापौर से आग्रह किया है कि 26 फरवरी को आयोजित बैठक को अवैध और निरस्त घोषित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 क्या है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के अनुसार, एमसीडी की बैठकों में महापौर, आयुक्त और सभी पार्षदों की उपस्थिति आवश्यक होती है. हालांकि, पिछले कुछ समय से एमसीडी की बैठकों में हंगामा और विवाद की स्थिति बनी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी हुआ था विवाद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उदाहरण के लिए, जनवरी 2024 में भी हंगामे के बीच दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए थे, जिनमें सदन को वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार देने और लोकल शॉपिंग सेंटरों की दुकानों को डी-सील करने के प्रस्ताव शामिल थे. इस दौरान भी विपक्षी बीजेपी ने इन प्रस्तावों को असंवैधानिक करार दिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, अक्टूबर 2024 में भी एमसीडी की बैठक में सत्ता पक्ष ने कई प्रस्ताव पारित किए थे, जिन पर विपक्षी बीजेपी ने सवाल उठाए थे. बीजेपी ने इन प्रस्तावों को अवैध करार देते हुए कहा था कि यह नगर निगम के प्रक्रिया एवं संचालन नियमों का उल्लंघन है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक को अवैध घोषित करने की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेताओं का आरोप है कि महापौर द्वारा आयोजित की गई हालिया बैठक भी इसी तरह के नियमों का उल्लंघन करती है, क्योंकि इसमें आवश्यक अधिकारियों और विपक्षी पार्षदों की अनुपस्थिति में निर्णय लिए गए. उन्होंने महापौर से इस बैठक को अवैध घोषित करने की मांग की है. इस प्रकार, दिल्ली नगर निगम की बैठकों में नियमों के पालन और पारदर्शिता को लेकर विवाद और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जिससे नगर निगम के कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”कैग की रिपोर्ट पर CM रेखा गुप्ता बोलीं, ‘खास लोगों के फायदे के लिए लाई गई नई शराब नीति'” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/cm-rekha-gupta-on-delhi-cag-report-targets-previous-aap-government-ann-2892325″ target=”_blank” rel=”noopener”>कैग की रिपोर्ट पर CM रेखा गुप्ता बोलीं, ‘खास लोगों के फायदे के लिए लाई गई नई शराब नीति'</a></strong></p>
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BJP ने MCD के मेयर पर लगाया नियमों के उल्लंघन का आरोप, बैठक अवैध घोषित करने की मांग
