कानपुर में बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने 25 हजार के इनामी बदमाश को छुड़ाने के बुधवार की रात ग्वालटोली थाने पहुंच गए। उनके साथ सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। जमकर बवाल और हंगामा हुआ। इसके बाद तीन थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। विधायक अभिजीत सांगा ने पुलिस अधिकारियों से इनामी को छोड़ने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा- युवक पर फर्जी केस बनाकर जेल भेजा जा रहा है। उसे हमारे आने के 4 घंटे बाद भी पुलिस ने नहीं छोड़ा। चालान कर दिया। अब कहीं एनकाउंटर न कर दें। उन्होंने कहा- निर्दोष को जेल भेज देंगे, विवेचक कानपुर बेच खाएंगे। इससे महाराज जी (CM योगी) और सरकार का ही नुकसान होना है। इस दौरान थाने में जमकर नारेबाजी की गई। हालातों को देखते हुए पुलिस बल ने मोर्चा संभाला। इस हंगामे में महिलाएं भी शामिल रहीं। अधिकारियों से पावर दिखाने के बाद भी विधायक आरोपी को नहीं छुड़ा पाए। सबसे पहले हंगामे की तीन तस्वीरें… पहले जानते हैं पुलिस ने किसे और क्यों उठाया
मामला ग्वालटोली थाने का है। यहां 30 मार्च 2024 को लोधवाखेड़ा धारमखेड़ा निवासी गुड्डी ने हत्या के प्रयास और बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में FIR दर्ज कराई थी। आरोप था- गांव के चंद्रशेखर, शिवा, बसीठ, अंकित, नीरज, परिवेश, जितेंद्र और संजय ने उनके बेटे विशाल पर जानलेवा हमला किया है। पुलिस ने मामले में जांच की और आरोप सही पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल की। केस में मुख्य आरोपी शिवा बीते 3 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने शिवा पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। ग्वालटोली पुलिस ने बुधवार को इनामी शिवा को अरेस्ट कर लिया। शिवा के गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही रात में बिठूर विधानसभा से भाजपा के विधायक अभिजीत सिंह सांगा सैकड़ों समर्थकों के साथ ग्वालटोली थाने पहुंच गए। उनका कहना था कि पुलिस बेगुनाह शिवा को जेल भेज रही है। शिवा पर फर्जी केस बनाया और गलत तरीके से 25 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया। विधायक शिवा को छुड़ाने की जिद पर अड़ गए और समर्थकों के साथ ग्वालटोली थाने में धरने पर बैठ गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने थाने में जमकर हंगामा किया। पुलिस के खिलाफ चार घंटे तक नारेबाजी करते रहे। हंगामा बवाल को देखते हुए सर्किल फोर्स, एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार और डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने स्टैंड लिया कहा- नहीं छोड़ेंगे डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने कहा- आरोपी को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस की जांच में शिवा हत्या के प्रयास का आरोपी है। 3 महीने से फरार चल रहा था और पुलिस ने उसे कड़ी मशक्कत से अरेस्ट किया है। शिवा को पुलिस लिखा-पढ़ी में दाखिल कर चुकी है। उसे किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जा सकता है। इसके बाद विधायक सांगा ने चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- मेरी थोड़ी तो इज्जत रख लीजिए, चौकी इंचार्ज को ही सस्पेंड कर दीजिए। डीसीपी सेंट्रल ने उनकी इस मांग को भी खारिज कर दिया। डीसीपी ने कहा- बगैर जांच किसी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई नहीं करेंगे। डीसीपी ने विधायक सांगा के आरोप को लेकर एक जांच बैठा दी है। जांच एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार को सौंपी गई है। तब जाकर चार घंटे बाद रात 1:30 बजे हंगामा बवाल शांत हुआ और विधायक अपने समर्थकों के साथ लौट गए। विधायक बोले- फर्जी केस, फिर इनाम, अब एनकाउंटर न कर दें विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा- शिवा निषाद मेरा कार्यकर्ता है। पुलिस ने आरोपी शिव निषाद पर झूठी FIR दर्ज की है। वह वारदात के दौरान मौके पर नहीं था। मेरे थाने पहुंचते ही पुलिस ने शिवा का चालान काट दिया। इतना ही नहीं उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। अब मुझे डर है कि कानपुर की पुलिस कहीं मेरे जाने के बाद शिवा का एनकाउंटर न कर दे। सांगा बोले- आप लोगों ने मुझे विपक्ष का पप्पू बना दिया… विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने एसीपी महेश कुमार और डीसीपी से बात करते हुए कहा- 2023 में अरेस्ट हुए शिवा के भाई की हत्या हुई थी। वह वादी मुकदमा है। इसलिए शिवा के खिलाफ साजिश करके एक के बाद एक झूठे मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। मैं इसके लिए अभी कमिश्नर से बात करता हूं, मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है कि आप लोगों ने मुझे विपक्ष का पप्पू बना दिया है…। लड़का शिक्षक है, हम गवाही देने को तैयार हैं विधायक ने कहा- यह बेचारा शिक्षक है बच्चों को छप्पर डालकर पढ़ाता है। अगर आज मैं सही को सही नहीं कहूंगा, तो नीचे वाले दरोगा इंस्पेक्टर कानपुर को बेच खाएंगे। जनप्रतिनिधियों पुलिस में अगर इतनी दूरी हुई तो निश्चित तौर से इसका नुकसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हमारी सरकार को झेलना पड़ेगा। हर फील्ड में गलत लोग हैं, हमारी फील्ड में भी गलत लोग हैं, हमारे साथ आपकी फील्ड में गलत लोग हैं। मैं गवाही देने को तैयार हूं। हमारे कार्यकर्ता को बीन रहे हैं पुलिस वाले विधायक ने एसीपी महेश कुमार से कहा-मेरी कमीश्नर और डीसीपी से बात हो चुकी है। मैं 7 साल में पहली बार थाने आया हूं। मैं सभी जनप्रतिनिधियों से कहूंगा कि थाने पहुंचे। पुलिस हमारे कार्यकर्ता को बीन-बीनकर खत्म कर देंगे। बहुत रोज लोग जेल जाते हैं। हम सबका ठेका नहीं लिए हुए हैं। लेकिन, मैं सही को सही और गलत को गलत नहीं कहूंगा। तो आपके दरोगा और इंस्पेक्टर थाने को बेच खाएंगे। ये विवेचक कानपुर को बेच खाएंगे। इसका नुकसान, आखिरकार महाराज जी और सरकार को होना है। विधायक ने कहा-मैं ऊपर बात कर लूंगा, मैंने सचिन सागर को हटवा दिया विधायक ने कहा-मुझे ऑन कैमरा खाने में कोई दिक्कत नहीं है। मुझको भी जेल भेजिए क्या आप किसी निर्दोष को जेल भेज देंगे…? मैं इस लड़के को तब से जानता हूं, जब इसके चेहरे पर रेशे तक नहीं थे। मैंने सचिन सागर को हटवाया। कानपुर में मुझे ये सभी चीजें सही करनी हैं। आप सहयोग करेंगे तो ठीक है, नहीं तो हम सड़क पर उतरकर सही करेंगे। उन्होंने एसीपी से पूछा- क्या आप जेल जा सकते हैं। मौके पर पहुंचे डीसीपी से सांगने कहा- मुझे बड़ा शर्मिंदा होकर कहना पड़ रहा है। हमारी सरकार में आपके माध्यम से कानून का चीरहरण किया जा रहा है। अगर उसे नहीं छोड़ सकते तो मुझे भी जेल भेज दीजिए। कानपुर की कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। आप लोग अपने हठ में हैं। ऐसा भी न करिए कि हम लोगों को अंग्रेजों की याद आने लगे, हमें ऐसी विधायक राजनीति नहीं करनी। इतने अधिकारी पीड़ित को न्याय कहां मिलेगा। हत्यारों की टूल बन जाएगी पुलिस तो न्याय तो मिल चुका। उन्होंने डीसीपी से कहा- आपकी की गई गंदगी हम नहीं उठाएंगे। बताइए किस-किससे बात करूं। अभी कमिश्नर को फोन करूं। मैं ऊपर बात कर लूंगा, लेकिन ऐसे नहीं चलेगा। इसपर डीसीपी ने कहा- हम भी जनप्रतिनिधि हैं। आपका मेरे पास कोई फोन नहीं आया और न इस केस में कोई बात हुई है। जांच के बाद ही चीजें आगे बढ़ती है। फिलहाल, डीसीपी सेंट्रल ने जांच के आदेश दिए। इसके बाद यह हंगामा बंद हुआ। विधायक अपने समर्थकों के साथ बेरंग वापस लौट गए। कानपुर में बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने 25 हजार के इनामी बदमाश को छुड़ाने के बुधवार की रात ग्वालटोली थाने पहुंच गए। उनके साथ सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। जमकर बवाल और हंगामा हुआ। इसके बाद तीन थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। विधायक अभिजीत सांगा ने पुलिस अधिकारियों से इनामी को छोड़ने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा- युवक पर फर्जी केस बनाकर जेल भेजा जा रहा है। उसे हमारे आने के 4 घंटे बाद भी पुलिस ने नहीं छोड़ा। चालान कर दिया। अब कहीं एनकाउंटर न कर दें। उन्होंने कहा- निर्दोष को जेल भेज देंगे, विवेचक कानपुर बेच खाएंगे। इससे महाराज जी (CM योगी) और सरकार का ही नुकसान होना है। इस दौरान थाने में जमकर नारेबाजी की गई। हालातों को देखते हुए पुलिस बल ने मोर्चा संभाला। इस हंगामे में महिलाएं भी शामिल रहीं। अधिकारियों से पावर दिखाने के बाद भी विधायक आरोपी को नहीं छुड़ा पाए। सबसे पहले हंगामे की तीन तस्वीरें… पहले जानते हैं पुलिस ने किसे और क्यों उठाया
मामला ग्वालटोली थाने का है। यहां 30 मार्च 2024 को लोधवाखेड़ा धारमखेड़ा निवासी गुड्डी ने हत्या के प्रयास और बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में FIR दर्ज कराई थी। आरोप था- गांव के चंद्रशेखर, शिवा, बसीठ, अंकित, नीरज, परिवेश, जितेंद्र और संजय ने उनके बेटे विशाल पर जानलेवा हमला किया है। पुलिस ने मामले में जांच की और आरोप सही पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल की। केस में मुख्य आरोपी शिवा बीते 3 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने शिवा पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। ग्वालटोली पुलिस ने बुधवार को इनामी शिवा को अरेस्ट कर लिया। शिवा के गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही रात में बिठूर विधानसभा से भाजपा के विधायक अभिजीत सिंह सांगा सैकड़ों समर्थकों के साथ ग्वालटोली थाने पहुंच गए। उनका कहना था कि पुलिस बेगुनाह शिवा को जेल भेज रही है। शिवा पर फर्जी केस बनाया और गलत तरीके से 25 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया। विधायक शिवा को छुड़ाने की जिद पर अड़ गए और समर्थकों के साथ ग्वालटोली थाने में धरने पर बैठ गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने थाने में जमकर हंगामा किया। पुलिस के खिलाफ चार घंटे तक नारेबाजी करते रहे। हंगामा बवाल को देखते हुए सर्किल फोर्स, एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार और डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने स्टैंड लिया कहा- नहीं छोड़ेंगे डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने कहा- आरोपी को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस की जांच में शिवा हत्या के प्रयास का आरोपी है। 3 महीने से फरार चल रहा था और पुलिस ने उसे कड़ी मशक्कत से अरेस्ट किया है। शिवा को पुलिस लिखा-पढ़ी में दाखिल कर चुकी है। उसे किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जा सकता है। इसके बाद विधायक सांगा ने चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- मेरी थोड़ी तो इज्जत रख लीजिए, चौकी इंचार्ज को ही सस्पेंड कर दीजिए। डीसीपी सेंट्रल ने उनकी इस मांग को भी खारिज कर दिया। डीसीपी ने कहा- बगैर जांच किसी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई नहीं करेंगे। डीसीपी ने विधायक सांगा के आरोप को लेकर एक जांच बैठा दी है। जांच एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार को सौंपी गई है। तब जाकर चार घंटे बाद रात 1:30 बजे हंगामा बवाल शांत हुआ और विधायक अपने समर्थकों के साथ लौट गए। विधायक बोले- फर्जी केस, फिर इनाम, अब एनकाउंटर न कर दें विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा- शिवा निषाद मेरा कार्यकर्ता है। पुलिस ने आरोपी शिव निषाद पर झूठी FIR दर्ज की है। वह वारदात के दौरान मौके पर नहीं था। मेरे थाने पहुंचते ही पुलिस ने शिवा का चालान काट दिया। इतना ही नहीं उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। अब मुझे डर है कि कानपुर की पुलिस कहीं मेरे जाने के बाद शिवा का एनकाउंटर न कर दे। सांगा बोले- आप लोगों ने मुझे विपक्ष का पप्पू बना दिया… विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने एसीपी महेश कुमार और डीसीपी से बात करते हुए कहा- 2023 में अरेस्ट हुए शिवा के भाई की हत्या हुई थी। वह वादी मुकदमा है। इसलिए शिवा के खिलाफ साजिश करके एक के बाद एक झूठे मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। मैं इसके लिए अभी कमिश्नर से बात करता हूं, मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है कि आप लोगों ने मुझे विपक्ष का पप्पू बना दिया है…। लड़का शिक्षक है, हम गवाही देने को तैयार हैं विधायक ने कहा- यह बेचारा शिक्षक है बच्चों को छप्पर डालकर पढ़ाता है। अगर आज मैं सही को सही नहीं कहूंगा, तो नीचे वाले दरोगा इंस्पेक्टर कानपुर को बेच खाएंगे। जनप्रतिनिधियों पुलिस में अगर इतनी दूरी हुई तो निश्चित तौर से इसका नुकसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हमारी सरकार को झेलना पड़ेगा। हर फील्ड में गलत लोग हैं, हमारी फील्ड में भी गलत लोग हैं, हमारे साथ आपकी फील्ड में गलत लोग हैं। मैं गवाही देने को तैयार हूं। हमारे कार्यकर्ता को बीन रहे हैं पुलिस वाले विधायक ने एसीपी महेश कुमार से कहा-मेरी कमीश्नर और डीसीपी से बात हो चुकी है। मैं 7 साल में पहली बार थाने आया हूं। मैं सभी जनप्रतिनिधियों से कहूंगा कि थाने पहुंचे। पुलिस हमारे कार्यकर्ता को बीन-बीनकर खत्म कर देंगे। बहुत रोज लोग जेल जाते हैं। हम सबका ठेका नहीं लिए हुए हैं। लेकिन, मैं सही को सही और गलत को गलत नहीं कहूंगा। तो आपके दरोगा और इंस्पेक्टर थाने को बेच खाएंगे। ये विवेचक कानपुर को बेच खाएंगे। इसका नुकसान, आखिरकार महाराज जी और सरकार को होना है। विधायक ने कहा-मैं ऊपर बात कर लूंगा, मैंने सचिन सागर को हटवा दिया विधायक ने कहा-मुझे ऑन कैमरा खाने में कोई दिक्कत नहीं है। मुझको भी जेल भेजिए क्या आप किसी निर्दोष को जेल भेज देंगे…? मैं इस लड़के को तब से जानता हूं, जब इसके चेहरे पर रेशे तक नहीं थे। मैंने सचिन सागर को हटवाया। कानपुर में मुझे ये सभी चीजें सही करनी हैं। आप सहयोग करेंगे तो ठीक है, नहीं तो हम सड़क पर उतरकर सही करेंगे। उन्होंने एसीपी से पूछा- क्या आप जेल जा सकते हैं। मौके पर पहुंचे डीसीपी से सांगने कहा- मुझे बड़ा शर्मिंदा होकर कहना पड़ रहा है। हमारी सरकार में आपके माध्यम से कानून का चीरहरण किया जा रहा है। अगर उसे नहीं छोड़ सकते तो मुझे भी जेल भेज दीजिए। कानपुर की कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। आप लोग अपने हठ में हैं। ऐसा भी न करिए कि हम लोगों को अंग्रेजों की याद आने लगे, हमें ऐसी विधायक राजनीति नहीं करनी। इतने अधिकारी पीड़ित को न्याय कहां मिलेगा। हत्यारों की टूल बन जाएगी पुलिस तो न्याय तो मिल चुका। उन्होंने डीसीपी से कहा- आपकी की गई गंदगी हम नहीं उठाएंगे। बताइए किस-किससे बात करूं। अभी कमिश्नर को फोन करूं। मैं ऊपर बात कर लूंगा, लेकिन ऐसे नहीं चलेगा। इसपर डीसीपी ने कहा- हम भी जनप्रतिनिधि हैं। आपका मेरे पास कोई फोन नहीं आया और न इस केस में कोई बात हुई है। जांच के बाद ही चीजें आगे बढ़ती है। फिलहाल, डीसीपी सेंट्रल ने जांच के आदेश दिए। इसके बाद यह हंगामा बंद हुआ। विधायक अपने समर्थकों के साथ बेरंग वापस लौट गए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर