<div id=”:s3″ class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:2ho” aria-controls=”:2ho” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP Ravi Kishan Demanded Cancer Hospital:</strong> पूर्वांचल में कैंसर पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इस गंभीर बीमारी के इलाज के लिए समर्पित स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से मरीजों और उनके परिवारों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला ने संसद में नियम 377 के तहत गोरखपुर में अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की स्थापना की मांग करते हुए इस समस्या को जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में समर्पित कैंसर अस्पताल की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई, और चेन्नई जैसे शहरों में जाना पड़ता है. जिससे उनके पूरे परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय रिपोर्टों और विशेषज्ञों के अनुसार, गोरखपुर और आस-पास के जिलों में हर साल 4,000 से अधिक नए कैंसर मरीज सामने आते हैं. इसके अलावा, लगभग 35,000 हजार पुराने मरीज कीमोथेरेपी, फॉलोअप और अन्य जांच प्रक्रियाओं के लिए बड़े शहरों में जाने को मजबूर हैं. कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए समय पर इलाज और उचित चिकित्सा सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है. इलाज में देरी और महंगे इलाज के कारण हर साल हजारों मरीजों की जान चली जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आर्थिक स्थिति बिगड़ने का दर्द</strong><br />सांसद रवि किशन ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि जब मरीज कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज कराने के लिए उनके पास मदद मांगने आते हैं, तो वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष से उनकी सहायता करवाते हैं. लेकिन इन मरीजों को मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में जाना पड़ता है, जिससे पूरा परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से टूट जाता है. उन्होंने कहा, “इलाज के लिए पूरा परिवार सफर करता है. यात्रा, रहने और इलाज का खर्च उनके आर्थिक बजट को बुरी तरह प्रभावित करता है. कई बार परिवार की सारी संपत्ति बिक जाती है.”<br /><br /><strong>पीएम मोदी और सीएम योगी की योजनाएं</strong><br />प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सरकार ने कैंसर मरीजों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. जिनसे लोगों को राहत मिल रही है. जैसे कि प्रधानमंत्री राहत कोष, आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री राहत योजना, लेकिन स्थानीय स्तर पर समर्पित कैंसर अस्पताल की अनुपस्थिति इन योजनाओं के प्रभाव को सीमित कर देती है. यदि गोरखपुर में कैंसर अस्पताल बनता है, तो इन योजनाओं का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांसद की अपील</strong><br />सांसद रवि किशन ने संसद में केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा, “गोरखपुर और पूर्वांचल के मरीजों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए अपने ही क्षेत्र में इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए. मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि गोरखपुर में एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण कराया जाए, ताकि लाखों लोगों को राहत मिल सके.” गोरखपुर पूर्वांचल का सबसे बड़ा शहर है. जिसकी स्वास्थ्य सुविधाओं पर आस-पास के 20 जिलों के अलावा बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग भी निर्भर हैं. यहां एम्स (AIIMS) जैसी उच्चस्तरीय स्वास्थ्य संस्था मौजूद है, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोई विशेष सरकारी अस्पताल नहीं है. गोरखपुर में सरकारी कैंसर अस्पताल न होने के कारण गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बहुत कठिनाई होती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैंसर अस्पताल से संभावित लाभ</strong><br />अगर गोरखपुर में कैंसर अस्पताल बनता है, तो इसका लाभ न केवल गोरखपुर और उत्तर प्रदेश को, बल्कि बिहार और अन्य पड़ोसी राज्यों के लाखों लोगों को मिलेगा.</p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>स्थानीय इलाज- मरीजों को अपने ही क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलेगा.</li>
<li>आर्थिक राहत- मरीजों और उनके परिवारों को महंगे सफर और रहने के खर्च से बचाया जा सकेगा.</li>
<li>समय की बचत- समय पर इलाज मिलने से मरीजों की जान बचाने की संभावना बढ़ जाएगी.</li>
<li>स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास- अस्पताल के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विकास होगा.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जनता की उम्मीदें</strong><br />गोरखपुर और आस-पास के जिलों की जनता को सांसद रवि किशन की इस पहल से बड़ी उम्मीद है. क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यदि यह अस्पताल बनता है, तो यह उनके लिए जीवनदायिनी साबित होगा. अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के निर्णय पर टिकी हैं. कैंसर के इलाज के लिए गोरखपुर में एक अत्याधुनिक अस्पताल की स्थापना न केवल पूर्वांचल बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य ढांचे के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. सांसद रवि किशन द्वारा उठाई गई यह मांग इस क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/jaunpur-atala-masjid-survey-hearing-on-december-16-hindu-side-made-demand-2839812″>Jaunpur की अटाला मस्जिद का सर्वे होगा या नहीं? 16 दिसंबर को होगी सुनवाई, हिंदू पक्ष ने की है ये मांग</a></strong></p>
</div> <div id=”:s3″ class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:2ho” aria-controls=”:2ho” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP Ravi Kishan Demanded Cancer Hospital:</strong> पूर्वांचल में कैंसर पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन इस गंभीर बीमारी के इलाज के लिए समर्पित स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से मरीजों और उनके परिवारों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला ने संसद में नियम 377 के तहत गोरखपुर में अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की स्थापना की मांग करते हुए इस समस्या को जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में समर्पित कैंसर अस्पताल की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई, और चेन्नई जैसे शहरों में जाना पड़ता है. जिससे उनके पूरे परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय रिपोर्टों और विशेषज्ञों के अनुसार, गोरखपुर और आस-पास के जिलों में हर साल 4,000 से अधिक नए कैंसर मरीज सामने आते हैं. इसके अलावा, लगभग 35,000 हजार पुराने मरीज कीमोथेरेपी, फॉलोअप और अन्य जांच प्रक्रियाओं के लिए बड़े शहरों में जाने को मजबूर हैं. कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए समय पर इलाज और उचित चिकित्सा सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है. इलाज में देरी और महंगे इलाज के कारण हर साल हजारों मरीजों की जान चली जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आर्थिक स्थिति बिगड़ने का दर्द</strong><br />सांसद रवि किशन ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि जब मरीज कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज कराने के लिए उनके पास मदद मांगने आते हैं, तो वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष से उनकी सहायता करवाते हैं. लेकिन इन मरीजों को मुंबई, चेन्नई जैसे शहरों में जाना पड़ता है, जिससे पूरा परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से टूट जाता है. उन्होंने कहा, “इलाज के लिए पूरा परिवार सफर करता है. यात्रा, रहने और इलाज का खर्च उनके आर्थिक बजट को बुरी तरह प्रभावित करता है. कई बार परिवार की सारी संपत्ति बिक जाती है.”<br /><br /><strong>पीएम मोदी और सीएम योगी की योजनाएं</strong><br />प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की सरकार ने कैंसर मरीजों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. जिनसे लोगों को राहत मिल रही है. जैसे कि प्रधानमंत्री राहत कोष, आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री राहत योजना, लेकिन स्थानीय स्तर पर समर्पित कैंसर अस्पताल की अनुपस्थिति इन योजनाओं के प्रभाव को सीमित कर देती है. यदि गोरखपुर में कैंसर अस्पताल बनता है, तो इन योजनाओं का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांसद की अपील</strong><br />सांसद रवि किशन ने संसद में केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा, “गोरखपुर और पूर्वांचल के मरीजों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए अपने ही क्षेत्र में इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए. मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि गोरखपुर में एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण कराया जाए, ताकि लाखों लोगों को राहत मिल सके.” गोरखपुर पूर्वांचल का सबसे बड़ा शहर है. जिसकी स्वास्थ्य सुविधाओं पर आस-पास के 20 जिलों के अलावा बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग भी निर्भर हैं. यहां एम्स (AIIMS) जैसी उच्चस्तरीय स्वास्थ्य संस्था मौजूद है, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोई विशेष सरकारी अस्पताल नहीं है. गोरखपुर में सरकारी कैंसर अस्पताल न होने के कारण गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बहुत कठिनाई होती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैंसर अस्पताल से संभावित लाभ</strong><br />अगर गोरखपुर में कैंसर अस्पताल बनता है, तो इसका लाभ न केवल गोरखपुर और उत्तर प्रदेश को, बल्कि बिहार और अन्य पड़ोसी राज्यों के लाखों लोगों को मिलेगा.</p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>स्थानीय इलाज- मरीजों को अपने ही क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलेगा.</li>
<li>आर्थिक राहत- मरीजों और उनके परिवारों को महंगे सफर और रहने के खर्च से बचाया जा सकेगा.</li>
<li>समय की बचत- समय पर इलाज मिलने से मरीजों की जान बचाने की संभावना बढ़ जाएगी.</li>
<li>स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास- अस्पताल के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विकास होगा.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जनता की उम्मीदें</strong><br />गोरखपुर और आस-पास के जिलों की जनता को सांसद रवि किशन की इस पहल से बड़ी उम्मीद है. क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यदि यह अस्पताल बनता है, तो यह उनके लिए जीवनदायिनी साबित होगा. अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार के निर्णय पर टिकी हैं. कैंसर के इलाज के लिए गोरखपुर में एक अत्याधुनिक अस्पताल की स्थापना न केवल पूर्वांचल बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य ढांचे के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. सांसद रवि किशन द्वारा उठाई गई यह मांग इस क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/jaunpur-atala-masjid-survey-hearing-on-december-16-hindu-side-made-demand-2839812″>Jaunpur की अटाला मस्जिद का सर्वे होगा या नहीं? 16 दिसंबर को होगी सुनवाई, हिंदू पक्ष ने की है ये मांग</a></strong></p>
</div> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ज्ञानवापी मामले का मुस्लिम पक्ष खुश, वाराणसी के धर्माचार्य काफी आहत?