पानीपत में गाड़ी से कुचलकर दोस्त की हत्या:परिजनों ने बीमारी से मौत समझ अंतिम संस्कार किया; चौथे दिन VIDEO सामने आया

पानीपत में गाड़ी से कुचलकर दोस्त की हत्या:परिजनों ने बीमारी से मौत समझ अंतिम संस्कार किया; चौथे दिन VIDEO सामने आया हरियाणा के पानीपत में एक युवक ने अपने दोस्त को ही कार से कुचलकर मार डाला। इन दोनों के एक दोस्त ने इस मामले का खुलासा किया है, जबकि मृतक के घरवाले प्राकृतिक मौत मानकर उसका अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं। पुलिस ने मामले का CCTV सामने आने पर FIR दर्ज की है। वहीं, वारदात के चश्मदीद से पूछताछ की जा रही है। उसने बताया है कि दोनों के बीच दारू पार्टी के दौरान कहासुनी हुई थी। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया। पीड़ित युवक रातभर ठंड में गली में पड़ा रहा, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी थी और मौत हुई। भाई ने पुलिस को बताईं ये 3 बातें… 1. 4 भाई-बहनों में सबसे बड़ा था मृतक
मामला पानीपत शहर के पुराना औद्योगिक थाना क्षेत्र का है। पुलिस को दी शिकायत में सुखदेव ने बताया कि वह कुलदीप नगर का रहने वाला है। वह मजदूरी करता है। वे 4 भाई-बहन हैं, जिनमें 3 भाई और सबसे छोटी बहन है। सबसे बड़ा भाई कन्हैया उर्फ बकरा (30) था, जो फैक्ट्री में काम करता था। वह कभी-कभार बहुत ज्यादा शराब पी लेता था। 2. अचेत अवस्था में गली में पड़ा था कन्हैया
सुखदेव ने बताया कि 20 जनवरी की सुबह करीब 11 बजे पता लगा कि कन्हैया अचेत हालत में हवा सिंह फैक्ट्री के सामने गली में पड़ा हुआ है। सूचना मिलने पर मैं अपने पिता अनिल के साथ मौके पर पहुंचा। वहां से हम कन्हैया को उठाकर घर ले गए। 3. अगले दिन सीने में दर्द उठा
इसके बाद 21 जनवरी को कन्हैया ने बताया कि उसके सीने में दर्द हो रहा है। इसलिए, घर में रखी एक दवाई उसे दे दी गई। इसके बाद दोपहर 1 बजे उसे अस्पताल ले जाने लगे तो देखा कि उसकी मौत हो चुकी है। हम अस्पताल नहीं पहुंच पाए थे। हमने उसकी प्राकृतिक मौत समझ कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। चश्मदीद दोस्त ने बताई वारदात की पूरी कहानी… अंतिम संस्कार के 3 दिन बाद खुलासा
युवक की मौत के 3 दिन बाद 24 जनवरी को गांव गढ़ी सिकंदरपुर का रहने वाला कन्हैया का दोस्त अमित उसके घर पहुंचा। अमित ने कन्हैया के घर वालों को बताया कि उसकी मौत प्राकृतिक नहीं थी, बल्कि उसकी हत्या की गई है। अमित ने बताया कि 20 जनवरी की रात को वह और कन्हैया कुलदीप नगर के ही रहने वाले दलबीर और शिव कुमार के साथ बैठकर शराब पी रहे थे। इसी दौरान दलबीर और कन्हैया की कहासुनी हो गई थी। दोनों के बीच काफी गाली-गलौज भी हुई। हालांकि, बाद में दोनों साथ हो गए। एक दोस्त को छोड़कर चले घर
अमित का कहना है कि घर चलने के समय उन्होंने शिव कुमार को वहीं छोड़ दिया था। जबकि, बाकी तीनों अपनी ईको गाड़ी से घर चल दिए। जब उनकी गाड़ी विशाल फैक्ट्री के पास पहुंची, तो दलबीर ने कार रोक ली। उसने कहा कि टॉयलेट लगी है। इसके बाद तीनों उतरकर टॉयलेट करने लगी। इसी बीच दलबीर ने फिर से कन्हैया से मारपीट शुरू कर दी। दोनों के बीच फिर से हाथापाई शुरू हो गई। हालांकि, इनका बीच-बचाव अमित ने करवा दिया। दोनों अलग हो गए। इसके बाद कन्हैया पैदल ही घर की ओर जाने लगा। टक्कर मारकर गिराया, फिर कार चढ़ा दी
चश्मदीद अमित ने बताया है कि कन्हैया लड़खड़ाते हुए घर की ओर जा रहा था। इसी दौरान दलबीर गाड़ी में बैठा और उसने तेजी से कार चलाते हुए कन्हैया को टक्कर मार दी। इससे कन्हैया जमीन पर गिर गया। फिर दलबीर उसे कुचलता हुआ तेजी से फरार हो गया। कुचलने के बाद कन्हैया वहीं पड़ा रहा। सुबह तक उसकी किसी ने खबर नहीं ली। वह पूरी रात ठंड में था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। गाड़ी का पहिया भी उसके सीने से निकला था, जिससे उसके सीने में पहले दर्द हुआ था। इसके बाद मौत हो गई। पुलिस ने चश्मदीद के बयान पर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

पानीपत में गाड़ी से कुचलकर दोस्त की हत्या:परिजनों ने बीमारी से मौत समझ अंतिम संस्कार किया; चौथे दिन VIDEO सामने आया

पानीपत में गाड़ी से कुचलकर दोस्त की हत्या:परिजनों ने बीमारी से मौत समझ अंतिम संस्कार किया; चौथे दिन VIDEO सामने आया हरियाणा के पानीपत में एक युवक ने अपने दोस्त को ही कार से कुचलकर मार डाला। इन दोनों के एक दोस्त ने इस मामले का खुलासा किया है, जबकि मृतक के घरवाले प्राकृतिक मौत मानकर उसका अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं। पुलिस ने मामले का CCTV सामने आने पर FIR दर्ज की है। वहीं, वारदात के चश्मदीद से पूछताछ की जा रही है। उसने बताया है कि दोनों के बीच दारू पार्टी के दौरान कहासुनी हुई थी। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया। पीड़ित युवक रातभर ठंड में गली में पड़ा रहा, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी थी और मौत हुई। भाई ने पुलिस को बताईं ये 3 बातें… 1. 4 भाई-बहनों में सबसे बड़ा था मृतक
मामला पानीपत शहर के पुराना औद्योगिक थाना क्षेत्र का है। पुलिस को दी शिकायत में सुखदेव ने बताया कि वह कुलदीप नगर का रहने वाला है। वह मजदूरी करता है। वे 4 भाई-बहन हैं, जिनमें 3 भाई और सबसे छोटी बहन है। सबसे बड़ा भाई कन्हैया उर्फ बकरा (30) था, जो फैक्ट्री में काम करता था। वह कभी-कभार बहुत ज्यादा शराब पी लेता था। 2. अचेत अवस्था में गली में पड़ा था कन्हैया
सुखदेव ने बताया कि 20 जनवरी की सुबह करीब 11 बजे पता लगा कि कन्हैया अचेत हालत में हवा सिंह फैक्ट्री के सामने गली में पड़ा हुआ है। सूचना मिलने पर मैं अपने पिता अनिल के साथ मौके पर पहुंचा। वहां से हम कन्हैया को उठाकर घर ले गए। 3. अगले दिन सीने में दर्द उठा
इसके बाद 21 जनवरी को कन्हैया ने बताया कि उसके सीने में दर्द हो रहा है। इसलिए, घर में रखी एक दवाई उसे दे दी गई। इसके बाद दोपहर 1 बजे उसे अस्पताल ले जाने लगे तो देखा कि उसकी मौत हो चुकी है। हम अस्पताल नहीं पहुंच पाए थे। हमने उसकी प्राकृतिक मौत समझ कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। चश्मदीद दोस्त ने बताई वारदात की पूरी कहानी… अंतिम संस्कार के 3 दिन बाद खुलासा
युवक की मौत के 3 दिन बाद 24 जनवरी को गांव गढ़ी सिकंदरपुर का रहने वाला कन्हैया का दोस्त अमित उसके घर पहुंचा। अमित ने कन्हैया के घर वालों को बताया कि उसकी मौत प्राकृतिक नहीं थी, बल्कि उसकी हत्या की गई है। अमित ने बताया कि 20 जनवरी की रात को वह और कन्हैया कुलदीप नगर के ही रहने वाले दलबीर और शिव कुमार के साथ बैठकर शराब पी रहे थे। इसी दौरान दलबीर और कन्हैया की कहासुनी हो गई थी। दोनों के बीच काफी गाली-गलौज भी हुई। हालांकि, बाद में दोनों साथ हो गए। एक दोस्त को छोड़कर चले घर
अमित का कहना है कि घर चलने के समय उन्होंने शिव कुमार को वहीं छोड़ दिया था। जबकि, बाकी तीनों अपनी ईको गाड़ी से घर चल दिए। जब उनकी गाड़ी विशाल फैक्ट्री के पास पहुंची, तो दलबीर ने कार रोक ली। उसने कहा कि टॉयलेट लगी है। इसके बाद तीनों उतरकर टॉयलेट करने लगी। इसी बीच दलबीर ने फिर से कन्हैया से मारपीट शुरू कर दी। दोनों के बीच फिर से हाथापाई शुरू हो गई। हालांकि, इनका बीच-बचाव अमित ने करवा दिया। दोनों अलग हो गए। इसके बाद कन्हैया पैदल ही घर की ओर जाने लगा। टक्कर मारकर गिराया, फिर कार चढ़ा दी
चश्मदीद अमित ने बताया है कि कन्हैया लड़खड़ाते हुए घर की ओर जा रहा था। इसी दौरान दलबीर गाड़ी में बैठा और उसने तेजी से कार चलाते हुए कन्हैया को टक्कर मार दी। इससे कन्हैया जमीन पर गिर गया। फिर दलबीर उसे कुचलता हुआ तेजी से फरार हो गया। कुचलने के बाद कन्हैया वहीं पड़ा रहा। सुबह तक उसकी किसी ने खबर नहीं ली। वह पूरी रात ठंड में था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। गाड़ी का पहिया भी उसके सीने से निकला था, जिससे उसके सीने में पहले दर्द हुआ था। इसके बाद मौत हो गई। पुलिस ने चश्मदीद के बयान पर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

सोनीपत में बेनतीजा रही प्रशासन-किसानों की मीटिंग:IOCL तेल पाइप लाइन का विरोध जारी, SDM बोले- डिमांड उनकी क्षमता से बाहर

सोनीपत में बेनतीजा रही प्रशासन-किसानों की मीटिंग:IOCL तेल पाइप लाइन का विरोध जारी, SDM बोले- डिमांड उनकी क्षमता से बाहर हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. की पाइप लाइन बिछाने के मामले में आज किसानों व प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। एसडीएम के साथ मीटिंग में 11 सदस्यीय कमेटी शामिल हुई और किसानों की मांग उनके सामने रखी। गोहाना प्रशासन इन मांगों पर कोई हल नहीं निकाल सका है। वहीं, किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजे की राशि पानीपत की तर्ज पर नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक के बाद किसान नेता अक्षय नरवाल ने बताया कि करीबन 1 घंटे तक एसडीएम के साथ बातचीत हुई है। किसान तेल की पाइपलाइन बिछाने में प्रति एकड़ 80 लाख मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं। नरवाल ने यह भी बताया कि एसडीएम द्वारा कहा गया है कि किसानों की मांग उनकी क्षमता से बाहर है। बैठक में जोगिंदर मलिक, राजेंद्र कोहला, जगबीर गंगाणा,अनिल नूरन खेड़ा, कुलदीप बुटाना, वीरेंद्र जागसी, सोनू कोहला, सोमबीर भी शामिल रहे। फरवरी में होगी बड़ी महापंचायत किसान नेता अक्षय नरवाल का कहना है कि किसानों की मुआवजे मांगों को लेकर जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दे रहा है। सरकार, प्रशासन कोई भी किसानों से बातचीत करना चाहता है तो किसानों के दरवाजे खुले हैं। अक्षय नरवाल ने यह भी कहा कि किसान किसी भी सूरत में झुकने वाले नहीं है। जब तक सरकार किसानों के मुआवजे की मांग को स्वीकार नहीं करती ,तब तक लगातार आंदोलन जारी रहेगा। अक्षय का यह भी कहना है कि फरवरी में गांव कोहला में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन होगा। जिसमें प्रदेश के उन सभी किसानों को बुलाया जाएगा,जो तेल कंपनी की मनमानी से पीड़ित हैं और जिन किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजारी जा रही है। कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। किसानों की मांग है कि मुआवजे की राशि 80 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाए। कल किसानों ने रुकवाया था काम बता दें कि, जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने सोमवार को तेल पाइप लाइन बिछाने के कार्य को रुकवा दिया था। इस दौरान पुलिस और किसान भी आमने-सामने आ गए। पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच काफी तनाव देखने को मिला था। वहीं गर्मी निकालने की भी बातें प्रशासन द्वारा कही गई तो किसान आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने सीधे तौर पर चेतावनी दी थी कि कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को नहीं चलने दिया जाएगा। बाद में किसानों के सामने पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा और पुलिस ने काम को रुकवा दिया। किसान नेता अक्षय नरवाल बोले अक्षय नरवाल ने प्रशासन और सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा कि पानीपत के किसानों को 80 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया है, जबकि सोनीपत के किसानों को केवल 26 लाख रुपए देने की बात हो रही है। आज क़े लिए किसानों को बातचीत करने के लिए समय दिया गया था । बातचीत का कोई हल नहीं निकला है। किसान एक बार फिर अपनी रणनीति बनाते हुए आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। किसान नेता अक्षय नरवाल ने कहा, “जमीन की कीमत में 19-20 का अंतर हो सकता है, लेकिन जमीन और आसमान का अंतर नहीं हो सकता। यह प्रशासन की साजिश है, जो कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को उनके हक से वंचित कर रही है। किसान मांग पर अड़े
बता दें कि, पानीपत से गुजरात तक जाने वाली तेल कंपनी की पाइप लाइन सोनीपत, रोहतक और भिवानी से होकर गुजरेगी। इसको लेकर अगस्त से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई मंत्रियों से उन्हें आश्वासन मिला है। लेकिन किसी ने कोई हल नहीं निकाला है। किसानों की खुली चेतावनी किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर प्रशासन बल प्रयोग करेगा, तो हम अपनी छाती और लाठी लेकर खड़े हैं। जब तक हमें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक पाइपलाइन बिछाने का काम नहीं होने देंगे।” आज हुई बैठक क़े बाद जब हल नहीं निकला तो किसान पंचायत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो आंदोलन और उग्र होगा।

सोनीपत में बेनतीजा रही प्रशासन-किसानों की मीटिंग:IOCL तेल पाइप लाइन का विरोध जारी, SDM बोले- डिमांड उनकी क्षमता से बाहर

सोनीपत में बेनतीजा रही प्रशासन-किसानों की मीटिंग:IOCL तेल पाइप लाइन का विरोध जारी, SDM बोले- डिमांड उनकी क्षमता से बाहर हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. की पाइप लाइन बिछाने के मामले में आज किसानों व प्रशासन के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। एसडीएम के साथ मीटिंग में 11 सदस्यीय कमेटी शामिल हुई और किसानों की मांग उनके सामने रखी। गोहाना प्रशासन इन मांगों पर कोई हल नहीं निकाल सका है। वहीं, किसानों का कहना है कि जब तक मुआवजे की राशि पानीपत की तर्ज पर नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक के बाद किसान नेता अक्षय नरवाल ने बताया कि करीबन 1 घंटे तक एसडीएम के साथ बातचीत हुई है। किसान तेल की पाइपलाइन बिछाने में प्रति एकड़ 80 लाख मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं। नरवाल ने यह भी बताया कि एसडीएम द्वारा कहा गया है कि किसानों की मांग उनकी क्षमता से बाहर है। बैठक में जोगिंदर मलिक, राजेंद्र कोहला, जगबीर गंगाणा,अनिल नूरन खेड़ा, कुलदीप बुटाना, वीरेंद्र जागसी, सोनू कोहला, सोमबीर भी शामिल रहे। फरवरी में होगी बड़ी महापंचायत किसान नेता अक्षय नरवाल का कहना है कि किसानों की मुआवजे मांगों को लेकर जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की सहमति नहीं दे रहा है। सरकार, प्रशासन कोई भी किसानों से बातचीत करना चाहता है तो किसानों के दरवाजे खुले हैं। अक्षय नरवाल ने यह भी कहा कि किसान किसी भी सूरत में झुकने वाले नहीं है। जब तक सरकार किसानों के मुआवजे की मांग को स्वीकार नहीं करती ,तब तक लगातार आंदोलन जारी रहेगा। अक्षय का यह भी कहना है कि फरवरी में गांव कोहला में एक बड़ी महापंचायत का आयोजन होगा। जिसमें प्रदेश के उन सभी किसानों को बुलाया जाएगा,जो तेल कंपनी की मनमानी से पीड़ित हैं और जिन किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजारी जा रही है। कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। किसानों की मांग है कि मुआवजे की राशि 80 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाए। कल किसानों ने रुकवाया था काम बता दें कि, जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने सोमवार को तेल पाइप लाइन बिछाने के कार्य को रुकवा दिया था। इस दौरान पुलिस और किसान भी आमने-सामने आ गए। पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच काफी तनाव देखने को मिला था। वहीं गर्मी निकालने की भी बातें प्रशासन द्वारा कही गई तो किसान आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने सीधे तौर पर चेतावनी दी थी कि कंपनी के पाइप लाइन बिछाने के कार्य को नहीं चलने दिया जाएगा। बाद में किसानों के सामने पुलिस प्रशासन को झुकना पड़ा और पुलिस ने काम को रुकवा दिया। किसान नेता अक्षय नरवाल बोले अक्षय नरवाल ने प्रशासन और सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है और कहा कि पानीपत के किसानों को 80 लाख रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया है, जबकि सोनीपत के किसानों को केवल 26 लाख रुपए देने की बात हो रही है। आज क़े लिए किसानों को बातचीत करने के लिए समय दिया गया था । बातचीत का कोई हल नहीं निकला है। किसान एक बार फिर अपनी रणनीति बनाते हुए आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। किसान नेता अक्षय नरवाल ने कहा, “जमीन की कीमत में 19-20 का अंतर हो सकता है, लेकिन जमीन और आसमान का अंतर नहीं हो सकता। यह प्रशासन की साजिश है, जो कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को उनके हक से वंचित कर रही है। किसान मांग पर अड़े
बता दें कि, पानीपत से गुजरात तक जाने वाली तेल कंपनी की पाइप लाइन सोनीपत, रोहतक और भिवानी से होकर गुजरेगी। इसको लेकर अगस्त से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर कई मंत्रियों से उन्हें आश्वासन मिला है। लेकिन किसी ने कोई हल नहीं निकाला है। किसानों की खुली चेतावनी किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर प्रशासन बल प्रयोग करेगा, तो हम अपनी छाती और लाठी लेकर खड़े हैं। जब तक हमें उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक पाइपलाइन बिछाने का काम नहीं होने देंगे।” आज हुई बैठक क़े बाद जब हल नहीं निकला तो किसान पंचायत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो आंदोलन और उग्र होगा।

कुरुक्षेत्र में भाकियू मेंबर पर गंडासियों से हमला:ट्रैक्टर मार्च से लौटते हुए रास्ता रोका; पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

कुरुक्षेत्र में भाकियू मेंबर पर गंडासियों से हमला:ट्रैक्टर मार्च से लौटते हुए रास्ता रोका; पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप कुरुक्षेत्र के पिहोवा में ट्रैक्टर मार्च में शामिल होकर लौट रहे भाकियू सदस्य को निशाना बनाते हुए बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया। मामला पुरानी रंजिश का है। हालांकि किसान यूनियन पिहोवा ने एक भाजपा नेता पर आरोपियों का साथ देने का आरोप लगाया है। इसे लेकर किसानों ने DSP पिहोवा से मुलाकात भी की। साथ ही चेतावनी दी मामले में कार्रवाई न होने पर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। अजय जांगड़ा निवासी लोहार माजरा ने बताया कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में शामिल होकर अपने ट्रैक्टर पर घर लौट रहा था। करीब डेढ़ बजे भौर सैयदां गांव के पास पहुंचा] तो सामने से किसी ने उसके आगे ट्रैक्टर अड़ा कर उसको रोक दिया। इसी दौरान 7-8 युवक ने उस पर गंडासी व बिंडो से हमला कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। शिकायत पर पुलिस ने खड़का व अंकुश को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। पुलिस कर रही केस को कमजोर उधर, इस मामले को लेकर भाकियू पिहोवा ने जांच अधिकारी पर छोटी धाराएं लगाने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि पुलिस राजनैतिक दबाव के चलते केस को कमजोर कर रही है। प्रिंस वड़ैच ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेता मामले में कार्रवाई ना करने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बना रहा है। कॉल डिटेल निकालने पर इसका खुलासा हो सकता है। उन्होंने मामले को लेकर DSP पिहोवा से बातचीत की है। अगर पुलिस मामले में नियमानुसार कार्रवाई नहीं करेगी तो बैठक कर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि आरोपियों ने अजय को ट्रैक्टर से नीचे खींच लिया और उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया। उन्होंने शिकायत के साथ पुलिस को वीडियो भी दी थी, मगर पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज करने की बजाय 32 घंटे मामला दर्ज किया।

कुरुक्षेत्र में भाकियू मेंबर पर गंडासियों से हमला:ट्रैक्टर मार्च से लौटते हुए रास्ता रोका; पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

कुरुक्षेत्र में भाकियू मेंबर पर गंडासियों से हमला:ट्रैक्टर मार्च से लौटते हुए रास्ता रोका; पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप कुरुक्षेत्र के पिहोवा में ट्रैक्टर मार्च में शामिल होकर लौट रहे भाकियू सदस्य को निशाना बनाते हुए बदमाशों ने जानलेवा हमला कर दिया। मामला पुरानी रंजिश का है। हालांकि किसान यूनियन पिहोवा ने एक भाजपा नेता पर आरोपियों का साथ देने का आरोप लगाया है। इसे लेकर किसानों ने DSP पिहोवा से मुलाकात भी की। साथ ही चेतावनी दी मामले में कार्रवाई न होने पर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। अजय जांगड़ा निवासी लोहार माजरा ने बताया कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में शामिल होकर अपने ट्रैक्टर पर घर लौट रहा था। करीब डेढ़ बजे भौर सैयदां गांव के पास पहुंचा] तो सामने से किसी ने उसके आगे ट्रैक्टर अड़ा कर उसको रोक दिया। इसी दौरान 7-8 युवक ने उस पर गंडासी व बिंडो से हमला कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। शिकायत पर पुलिस ने खड़का व अंकुश को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। पुलिस कर रही केस को कमजोर उधर, इस मामले को लेकर भाकियू पिहोवा ने जांच अधिकारी पर छोटी धाराएं लगाने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि पुलिस राजनैतिक दबाव के चलते केस को कमजोर कर रही है। प्रिंस वड़ैच ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेता मामले में कार्रवाई ना करने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बना रहा है। कॉल डिटेल निकालने पर इसका खुलासा हो सकता है। उन्होंने मामले को लेकर DSP पिहोवा से बातचीत की है। अगर पुलिस मामले में नियमानुसार कार्रवाई नहीं करेगी तो बैठक कर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि आरोपियों ने अजय को ट्रैक्टर से नीचे खींच लिया और उसे बुरी तरह से जख्मी कर दिया। उन्होंने शिकायत के साथ पुलिस को वीडियो भी दी थी, मगर पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज करने की बजाय 32 घंटे मामला दर्ज किया।

सोनीपत में युवक से 10 लाख रुपए हड़पे:सोशल मीडिया पर विदेश में की जॉब ऑफर; अमेरिका जाने के लालच में फंसा

सोनीपत में युवक से 10 लाख रुपए हड़पे:सोशल मीडिया पर विदेश में की जॉब ऑफर; अमेरिका जाने के लालच में फंसा हरियाणा के सोनीपत में साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। इसमें ठगों ने एक युवक को अमेरिका में नौकरी और फ्री वीजा का झांसा देकर लगभग 10 लाख रुपए की चपत लगा दी। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इससे पहले यहां टास्क देकर या फिर शेयर ट्रेडिंग में कमाई का झांसा देकर लोगों को ठगा जा रहा था। इस प्रकार की ऑनलाइन ठगी का ये पहला मामला सामने आया है। प्रीतमपुरा गांव के रहने वाले राहुल ने पुलिस को बताया कि 29 अप्रैल 2024 को उनको इंस्टाग्राम पर एक मैसेज आया। उसमें GSFP नाम की कथित अमेरिकी कंपनी की ओर से फ्री वीजा और नौकरी का प्रस्ताव दिया गया। अगले दिन एक विदेशी नंबर से उनको फोन आया और उन्हें बताया गया कि उनका चयन हो गया है। राहुल के अनुसार मई 2024 से जुलाई 2024 के बीच कई किश्तों में उससे कुल 9 लाख 92 हजार रुपए विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा लिए। जब और अधिक पैसों की मांग की गई, तो उसको धोखाधड़ी का अहसास हुआ। उसने पहले साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई और फिर साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने धारा 318(4), 338, 336(3), 340, 61 BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने कुल 8 विदेशी नंबरों का प्रयोग किया और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल किया। पुलिस टीम धोखाधड़ी में शामिल लोगों की पहचान और पैसों की बरामदगी के लिए जांच कर रही है।

हरियाणा कैबिनेट में 15% मंत्री बनाए जाने का मामला:हाईकोर्ट में समय की कमी से सुनवाई स्थगित, याची की दलील-14 मंत्री नहीं होने चाहिए

हरियाणा कैबिनेट में 15% मंत्री बनाए जाने का मामला:हाईकोर्ट में समय की कमी से सुनवाई स्थगित, याची की दलील-14 मंत्री नहीं होने चाहिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह की कैबिनेट में कुल विधायकों के 15% मंत्रियों को जगह दिए जाने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता समय की कमी के कारण अपनी दलीलें पूरी नहीं कर सका, इसलिए कोर्ट ने मामले को शेष दलीलों के लिए 4 फरवरी तक स्थगित कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट पहले ही राज्य सरकार व केंद्र को नोटिस भेजकर जवाब तलब कर चुका है। याचिका में आरोप लगाया गया कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 प्रतिशत हो सकते हैं, मगर हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो कि संविधान संशोधन का उल्लंघन है। संविधान संशोधन के उल्लंघन का आरोप इस मामले को लेकर एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर कर बताया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो कि संविधान के संशोधन का उल्लंघन है। याचिका में सीएम सहित सभी प्रतिवादी याचिका में याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया गया कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की गाढ़ी कमाई से किया जाता है। मंत्रियों को हटाने की याचिका में मांग याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए। इसके साथ ही याचिका लंबित रहते मंत्रियों को मिलने वाले लाभ पर रोक पर रोक लगाए जाने की भी हाईकोर्ट से मांग की गई हैं। जब मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और उसके बाद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था और सैनी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था उसको लेकर भी भट्टी ने याचिका दायर की थी जो अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

हरियाणा कैबिनेट में 15% मंत्री बनाए जाने का मामला:हाईकोर्ट में समय की कमी से सुनवाई स्थगित, याची की दलील-14 मंत्री नहीं होने चाहिए

हरियाणा कैबिनेट में 15% मंत्री बनाए जाने का मामला:हाईकोर्ट में समय की कमी से सुनवाई स्थगित, याची की दलील-14 मंत्री नहीं होने चाहिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह की कैबिनेट में कुल विधायकों के 15% मंत्रियों को जगह दिए जाने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता समय की कमी के कारण अपनी दलीलें पूरी नहीं कर सका, इसलिए कोर्ट ने मामले को शेष दलीलों के लिए 4 फरवरी तक स्थगित कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट पहले ही राज्य सरकार व केंद्र को नोटिस भेजकर जवाब तलब कर चुका है। याचिका में आरोप लगाया गया कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 प्रतिशत हो सकते हैं, मगर हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो कि संविधान संशोधन का उल्लंघन है। संविधान संशोधन के उल्लंघन का आरोप इस मामले को लेकर एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर कर बताया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो कि संविधान के संशोधन का उल्लंघन है। याचिका में सीएम सहित सभी प्रतिवादी याचिका में याचिकाकर्ता ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया गया कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की गाढ़ी कमाई से किया जाता है। मंत्रियों को हटाने की याचिका में मांग याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए। इसके साथ ही याचिका लंबित रहते मंत्रियों को मिलने वाले लाभ पर रोक पर रोक लगाए जाने की भी हाईकोर्ट से मांग की गई हैं। जब मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और उसके बाद नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था और सैनी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था उसको लेकर भी भट्टी ने याचिका दायर की थी जो अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

पानीपत टेक्सटाइल प्रदर्शनी में पहुंचे उद्योग मंत्री:राव नरबीर सिंह बोले- बैन होने के बाद भी बिक रही पॉलीथिन, यह प्रशासन की विफलता

पानीपत टेक्सटाइल प्रदर्शनी में पहुंचे उद्योग मंत्री:राव नरबीर सिंह बोले- बैन होने के बाद भी बिक रही पॉलीथिन, यह प्रशासन की विफलता हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह मंगलवार को पानीपत पहुंचे। यहां वे नई अनाज मंडी में आयोजित तीन दिवसीय कपड़ा प्रदर्शनी में पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही व्यापारियों को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कृषि के साथ-साथ उद्योग भी विकसित होंगे तो देश तरक्की कर सकेगा। हरियाणा जो कि एक छोटा सा राज्य है, उद्योगों के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहा है। अब उद्योगों के मामले में देश में प्रथम स्थान पर आने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। प्रतिबंधित होने के बाद भी बिक रही है पॉलीथिन, प्रशासन रोकने में असफल मंत्री ने कहा कि प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए व्यापार और उद्योग में तमाम तरह के सकारात्मक बदलाव किए जा रहे हैं। प्रदेश में पॉलीथिन प्रतिबंधित है, लेकिन फिर भी इसकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। लोग इसका भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। यह प्रशासन की विफलता है, जो इसे रोक नहीं पा रहा है। साथ ही उन्होंने व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने दो बच्चों की शादी कर दी है। लेकिन मैंने कार्ड नहीं छपवाए और न ही बांटे। इससे भी प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। आधुनिकता के इस दौर में सभी को फोन करके आमंत्रित किया जाता था। प्रदेश का होता है विकास राव नरबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार का मुख्य लक्ष्य हरियाणा को उद्योगों के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। उन्होंने उद्योगपतियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को इन समस्याओं के समाधान के लिए दिशा-निर्देश भी दिए। मंत्री ने यह भी कहा कि उद्योगों के विकास से न केवल प्रदेश बल्कि देश का भी समग्र विकास होता है।