करनाल में त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस को बताया कमजोर:कांग्रेस के चार बड़े नेताओं पर साधा निशाना, कहा बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा

करनाल में त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस को बताया कमजोर:कांग्रेस के चार बड़े नेताओं पर साधा निशाना, कहा बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा हरियाणा के करनाल में मेयर चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं थी, जिसे उन्होंने बीजेपी में 15 दिन में सीख लिया। उन्होंने खुलासा किया कि जब उनकी बेटी पीजीआई में भर्ती थी, तब कांग्रेस नेताओं ने मदद नहीं की, लेकिन बीजेपी की सिफारिश से इलाज संभव हुआ। उन्होंने कांग्रेस के चार नेताओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि जल्द ही प्रेस वार्ता कर बड़े खुलासे करेंगे। उन्होंने दिव्यांशु बुद्धिराजा को शादियों में पैसे लूटने वालों जैसा बताया। त्रिलोचन ने कहा कि कांग्रेस में लकड़ी की तलवार से लड़ रहा था, अब बीजेपी में आकर मजबूत हथियार मिल गया है। 2014 या 2019 में कर लेनी चाहिए थी बीजेपी ज्वाइन कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए त्रिलोचन सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस में 40 साल तक पूरी वफादारी के साथ काम किया, लेकिन उन्हें बदले में सिर्फ निराशा ही मिली। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस से बेवफाई की है, तो उसकी वजह खुद कांग्रेस के ही लोग हैं।’ उन्होंने यह भी माना कि अगर 2014 या 2019 में ही बीजेपी ज्वाइन कर ली होती, तो वे आज काफी कुछ सीख चुके होते। असली ताकत दीपक बावरिया के हाथ में चली गई ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी केवल सत्ता हासिल करने या पद के लिए नहीं, बल्कि सीखने के लिए भी बेहतर पार्टी है। कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं थी, लेकिन बीजेपी में आने के बाद मात्र 15 दिनों में ही उन्होंने अनुशासन का महत्व समझ लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें कांग्रेस छोड़ने का कोई पछतावा नहीं है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के साथ ज्यादा समय न बिता पाने का जरूर अफसोस है। उनका कहना था कि कांग्रेस में असली ताकत नेताओं के हाथ में नहीं रही, बल्कि दीपक बावरिया के हाथों में चली गई थी। बीजेपी से मिली मदद, पीजीआई में सिफारिश से हुआ बेटी का इलाज ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जब उनकी बेटी पीजीआई में भर्ती थी, तब उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि पीजीआई में इलाज के लिए बड़े स्तर पर सिफारिश की जरूरत होती है। तब उन्होंने जगमोहन आनंद से संपर्क किया, जिन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से पीजीआई में बात की और उनकी बेटी को भर्ती कराया गया। कांग्रेस में हम लकड़ी की तलवार से लड़ रहे थे ​​​​​​​उन्होंने यह भी बताया कि पीजीआई के बाहर इलाज कराने पर प्रतिदिन 24 हजार रुपये खर्च हो रहे थे। उनकी बेटी दो महीने तक भर्ती रही, अगर यह इलाज किसी निजी अस्पताल में कराया जाता, तो लाखों रुपये खर्च हो जाते। लेकिन सिफारिश के कारण वह सभी सुविधाएं पीजीआई में ही मिल गईं और उनके लाखों रुपये बच गए। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि कांग्रेस में हम लकड़ी की तलवार से लड़ाई लड़ रहे थे, अब बीजेपी में आकर मजबूत हथियार मिल गया है। ‘प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेताओं के खुलेंगे राज ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने कांग्रेस के चार बड़े नेताओं को घेरते हुए कहा कि वह जल्द ही प्रेस वार्ता करेंगे, जिसमें इन सभी नेताओं की असलियत सामने रखी जाएगी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर को कमजोर नेता करार दिया और कहा कि वे पहले उन्हें सुलझा हुआ नेता मानते थे, लेकिन बाद में हकीकत कुछ और निकली। उन्होंने करनाल से लोकसभा प्रत्याशी रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा, पूर्व विधायक सुमिता सिंह और मेयर का चुनाव लड़ने वाले मनोज वधवा पर भी सवाल खड़े किए। त्रिलोचन सिंह ने कहा कि इन सभी पर वे प्रेस कांफ्रेंस में बड़े खुलासे करेंगे। ‘बुद्धिराजा शादी-ब्याह में पैसे लूटने वालों जैसा ​​​​​​​त्रिलोचन सिंह ने दिव्यांशु बुद्धिराजा को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘वे उन बच्चों की तरह हैं, जो शादी-ब्याह में पैसे लूटने का काम करते हैं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि वीरेंद्र राठौर, सुमिता सिंह और मनोज वधवा भी तैयार रहें, क्योंकि उनके सवालों के जवाब मजबूती से दिए जाएंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं को अब बीपी की गोली लेकर बैठना होगा, क्योंकि जल्द ही उनके कई राज खुलने वाले हैं।

हरियाणा के राज्यगीत पर लॉन्चिंग से पहले विवाद:हरियाणवी लेखिका-अभिनेत्री ने दावा ठोका, बोलीं- मेरा गीत कॉपी किया, मुझे क्रेडिट मिले

हरियाणा के राज्यगीत पर लॉन्चिंग से पहले विवाद:हरियाणवी लेखिका-अभिनेत्री ने दावा ठोका, बोलीं- मेरा गीत कॉपी किया, मुझे क्रेडिट मिले हरियाणा के राज्यगीत को लेकर लॉन्चिंग से पहले ही विवाद हो गया है। राज्यगीत फाइनल होते ही इसकी जानकारी बाहर आई तो सोनीपत की लेखक-अभिनेत्री गीतू परी ने इसके लिरिक्स पर अपना दावा ठोका है। परी ने कहा कि राज्य गीत में लिखे लिरिक्स उनके गीत से मिलते-जुलते हैं। हरियाणा के लिए गर्व की बात है कि प्रदेश का अपना राज्य गीत लॉन्च हो रहा है, लेकिन गीत में लिरिक्स उनके हैं तो उन्हें भी क्रेडिट दिया जाना चाहिए। बता दें कि राज्यगीत को सरकार की कमेटी फाइनल कर चुकी है। अब इसे विधानसभा के 7 मार्च से शुरू हुए बजट सेशन में ही पास किया जाना है। सबसे पहले कमेटी का फाइनल राज्यगीत पढ़िए लेखिका-अभिनेत्री के गीतू परी का गीत गीतू परी के गीत कॉपी करने काे लेकर 3 दावे 1.जय-जय हरियाणा टाइटल कॉपी किया
गीतू परी ने कहा- मैंने यह गीत 29 जनवरी 2024 को लिखा था। राज्यगीत का टाइटल मेरे लिखे गीत जैसा है। मैंने उसमें 2 बार जय-जय लिखा था लेकिन राज्यगीत में इसे 3 बार कर दिया गया। हालांकि यह लाइन काफी मिलती-जुलती है। मेरा हरियाणा में जय को तीन बार लिखा हुआ है। जिसमें काफी लाइन मिलती-जुलती है। 2. राज्यगीत के लिरिक्स मेरे गीत जैसे
मैंने बालकिशन शर्मा द्वारा लिखा हुआ राज्य गीत मीडिया में पढ़ा। तब मैंने देखा कि उसके लिरिक्स मेरे गीत से काफी मिलते-जुलते हैं। राज्य गीत के लिए मेरे गाने से बहुत सारे लिरिक्स से उठाए गए हैं। 3. अंतरे उठाए, कई ज्यों के त्यों ही
मेरे गीत के बहुत सारे अंतरे उठाए गए हैं। दीपावली, मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारा शब्द भी उनके लिरिक्स से उठाए गए हैं। मैंने अपने गीत में हरियाणवी सयानी नार बारे में भी लिखा हुआ है और उसके लिरिक्स ज्यों के त्यों उठाए गए हैं। गीतू परी ने कहा- गीत लिखने में मेहनत लगती है
गीतू परी ने कहा कि इस गाने को लिखने में मेरी मेहनत लगी है। ऐसे में मुझे भी उसमें क्रेडिट दिया जाना चाहिए। कहीं न कहीं यह राज्यगीत मेरे गीत की कॉपी है। मेरे साथ न्याय होना चाहिए। विधानसभा की कमेटी ने फाइनल किया राज्यगीत
हरियाणा विधानसभा ने राज्य गीत फाइनल करने के लिए कमेटी बनाई थी। जिसमें रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को अध्यक्ष बनाया गया। इनके अलावा, झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, हांसी से भाजपा विधायक विनोद भयाना, फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और रानियां से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। कमेटी के पास 204 गीत पहुंचे थे। इनमें से कमेटी ने 3 गीत सिलेक्ट किए। आखिरी मंथन के बाद ‘जय जय जय हरियाणा’ गीत को फाइनल किया गया। पानीपत के डॉ. शर्मा ने लिखा, रोहतक की मालविका ने डायरेक्ट किया
कमेटी के मुताबिक राज्यगीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। 3 मिनट के इस गीत में 21 लाइनें हैं। जिनमें 21 लाइनों में कुरुक्षेत्र की धरती, किसानों, खिलाड़ियों, सैनिकों और दूध दही के खाने का जिक्र किया गया है। इस गीत के सिंगर डॉ. श्याम शर्मा और कंपोजर पारस चोपड़ा हैं। वहीं रोहतक की मालविका पंडित ने इसे डायरेक्ट किया है। पहले इसे बॉलीवुड सिंगर कैलाश खैर ने गाना था लेकिन उनकी आवाज में हरियाणवी टच न होने पर डॉ. श्याम शर्मा ने आवाज दी है।

हरियाणा में 1 साल चलता रहा फर्जी सरकारी महकमा:भिवानी हेडक्वार्टर, हिसार में एग्जाम, चंडीगढ़ में इंटरव्यू, 50 युवाओं से 2 करोड़ ठग लिए

हरियाणा में 1 साल चलता रहा फर्जी सरकारी महकमा:भिवानी हेडक्वार्टर, हिसार में एग्जाम, चंडीगढ़ में इंटरव्यू, 50 युवाओं से 2 करोड़ ठग लिए हरियाणा में एक साल तक फर्जी सरकारी महकमा चलता रहा। जिसने न केवल ठीक सरकारी तरीके से ही फर्जी भर्तियां की बल्कि उनसे फील्ड में काम तक कराया। इसका हेडक्वार्टर भिवानी बनाया गया। जींद और यमुनानगर में भी ऑफिस खोले। भर्ती एग्जाम हिसार में लिए। इसके बाद चंडीगढ़ में इंटरव्यू और ट्रेनिंग कराई। इसके बाद कर्मचारियों को फील्ड में सरकारी योजनाओं के बहाने वसूली के लिए भेज दिया। करीब 2 करोड़ रुपए भी इकट्‌ठा कर लिए। पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब फर्जी कर्मचारी का असली कर्मचारी से सामना हो गया। जिसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचा और फर्जी महकमे की पूरी पोल खोल दी। भिवानी पुलिस ने इस मामले में इनके 3 डायरेक्टर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सिलसिलेवार ढंग से जानिए फर्जी सरकारी महकमे की कहानी… 1. लोन लेने के लिए कंपनी खोली, लोन नहीं मिला
भिवानी पुलिस ने बताया कि भिवानी के बलजीत ने पहले प्राइवेट नौकरी की। फिर कोचिंग देने लगा। मगर, उसमें पैसे अच्छे नहीं मिल रहे थे। इसके बाद उसने शगुन हेल्थ डॉट कॉम के नाम से एक कंपनी खोली। उसकी मंशा थी कि कंपनी के नाम पर लोन ले लेगा। कंपनी खोलने के बाद उसने काफी कोशिश की लेकिन कहीं से भी लोन नहीं मिला। 2. दोस्त ने बताया फर्जी भर्तियों का रास्ता
बलजीत लोन न मिलने से परेशान था। लोन के चक्कर में उसकी मुलाकात गुलशन से हुई। गुलशन ने उसे बताया कि उसका एक दोस्त है, जो फर्जी भर्तियां कर ठगी करता है। बलजीत को आइडिया अच्छा लगा। उसने भी ठगी का प्लान तैयार कर लिया। उसने अपनी कंपनी में गुलशन और भिवानी के ही गांव बड़ेसरा की रितू को डायरेक्टर बना लिया। 2024 के मध्य में उन्होंने ठगी का पूरा प्लान तैयार कर लिया। 3. फर्जी सरकारी भर्ती के फॉर्म निकाले
इसके बाद बलजीत और गुलशन ने मिलकर नवंबर 2024 में फर्जी भर्तियों के फॉर्म निकाल दिए। जिसमें बताया कि यह सरकारी भर्ती है। उनकी कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम करती है। उन्होंने कंपनी के लिए एरिया इंस्पेक्टर, मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) और ड्राइवर की भर्तियां निकालीं। जिसमें काम के तौर पर बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री शगुन स्कीम, कन्या विवाह योजना, लड़की सम्मान योजना और प्रधानमंत्री शादी शगुन योजना का प्रचार करना है। 4. 960 युवाओं ने फार्म भरे, हिसार में 500 ने एग्जाम दिया
सरकारी नौकरी देख उनकी वेबसाइट पर 960 युवाओं ने फार्म भर दिए। कुछ फॉर्म कंपनी के रखे दलालों के जरिए भी भराए गए। वेबसाइट से ही उनके एडमिट कार्ड डाउनलोड कराए गए। इसके बाद हिसार के एक प्राइवेट कॉलेज में भर्ती एग्जाम लिया गया। जिसमें 500 युवा शामिल हुए। एग्जाम देने से पहले और बाद में कंपनी के दलालों ने युवाओं से संपर्क किया। जिसके बाद करीब 50 युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम 2 से 4 लाख रुपए वसूले गए। 5. जिन्होंने रुपए दिए, उन्हें पास किया, चंडीगढ़ में इंटरव्यू कराए
जिन युवाओं ने नौकरी के लिए दलालों को रुपए दिए थे, कंपनी ने रिजल्ट घोषित करते वक्त सिर्फ उन्हें ही पास किया। बाकी सभी युवाओं को फेल कर दिया। इसके बाद चंडीगढ़ में इनका इंटरव्यू लिया। फिर उन्हें वहां ट्रेनिंग भी दी। फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर आई कार्ड भी दिए। इसके बाद उन्हें फील्ड में काम करने के लिए भेज दिया गया। 6. योजनाओं के लाभ के बहाने वसूली शुरू कराई, रसीद काटकर देते थे
फर्जी तौर पर भर्ती सरकारी कर्मचारियों को फिर फील्ड में भेज दिया गया। उन्हें काम सौंपा गया कि सरकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताना है। लोगों को उसका लाभ दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन के बदले डेढ़ से 2 हजार रुपए वसूलते थे। उसकी लोगों को रसीद भी काटकर देते थे। इन कर्मचारियों को वह 10 से 15 हजार सैलरी देते थे। उसका PF भी काटते थे और पे स्लिप भी देते थे। आखिर ये फर्जी विभाग पकड़ा कैसे गया, 3 पॉइंट्स में जानिए 1. असली कर्मचारी ने नकली को बताया, कंपनी फर्जी है
जिन 25 सरकारी कर्मचारियों को इन्होंने भर्ती किया था, उनमें भिवानी के गांव जाटू लोहारी का नीरज भी था। नीरज जब फील्ड में कलेक्शन कर रहा था तो उसे असली सरकारी कर्मचारी मिल गया। उसने जब पूछताछ की तो नीरज ने काम के तरीके के बारे में बताया। तब कर्मचारी ने उसे कहा कि ये कंपनी फर्जी है क्योंकि इन योजनाओं के लिए न तो ऐसा कोई विभाग है और न ही किसी को जिम्मेदारी दी गई है। योजना के लिए आवेदन करने का भी यह तरीका नहीं है। 2. कंपनी वाले गोलमोल जवाब देने लगे
नीरज को जब ये सब कहा गया तो उसने तुरंत कंपनी में फोन किया। उसने बताया कि इस कंपनी को फर्जी बताया जा रहा है। उसने भी योजनाओं को लेकर अपने स्तर पर की जांच के आधार पर सवाल पूछने शुरू कर दिए। यह सुनकर कंपनी के अधिकारी समझ गए कि उनकी पोल खुल रही है। इसलिए उन्होंने नीरज को गोलमोल जवाब देने शुरू कर दिए। 3. शक हुआ तो पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचा
तब नीरज को भी कंपनी को लेकर शक होने लगा। उससे 7 लाख रुपए लेकर यह नौकरी दी गई थी। वह भिवानी पुलिस के पास पहुंचा और पूरे मामले की शिकायत कर दी। पुलिस ने जांच की तो उसमें कंपनी के फर्जी होने की पुष्टि हो गई। इस मामले में पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
भिवानी की साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास बताते हैं कि नीरज की शिकायत पर हमने जांच शुरू की। इसमें पता चला कि नीरज की कंपनी शगुन हेल्थ डॉट कॉम चंडीगढ़ में चल रही शगुन ग्रामीण हेल्थ एंड फैमिली काउंसिल चंडीगढ़ के साथ जुड़ी है। यह खुद को सरकारी ऑर्गेनाइजेशन बताते हैं। दलालों के जरिए ठगी करते हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फर्म के डायरेक्टर बलजीत, रितू, हिसार के सरसाना के रहने वाले संजय, चंडीगढ़ के गुलशन और जींद के बलकार को गिरफ्तार कर लिया। अभी तक इन लोगों के 50 युवाओं को नौकरी का झांसा देकर करीब डेढ़ से 2 करोड़ ठगी का पता चला है। उनसे 1.57 लाख कैश बरामद हुए। बैंक अकाउंट में जमा 1.21 लाख फ्रीज करा दिए गए। इसके अलावा 2 चांदी के सिक्के, 2 अंगूठियां, 13 मोबाइल, 11 पासबुक, 43 रजिस्टर और 8 पेमेंट स्लिप भी बरामद हुई हैं।

हरियाणा से पकड़े आतंकी के घर मिले हथियारों के मॉडल:AK-47 का डिजाइन भी बनाया था; रामनवमी पर राम मंदिर पर ग्रेनेड अटैक करना था

हरियाणा से पकड़े आतंकी के घर मिले हथियारों के मॉडल:AK-47 का डिजाइन भी बनाया था; रामनवमी पर राम मंदिर पर ग्रेनेड अटैक करना था राम मंदिर पर हमले की साजिश में शामिल फरीदाबाद से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान के घर से पुलिस को हथियारों के मॉडल मिले हैं। ये मॉडल उसने लकड़ी से बनाए थे। इसके अलावा चार्ट पर उसने AK-47 का डिजाइन भी बनाया था। ऐसे में पुलिस को शक है कि वह घर पर ही देसी हथियार बनाने की प्रैक्टिस कर रहा था। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) से जुड़े आतंकी ने पुलिस को यह भी बताया कि फरीदाबाद में दिल्ली के साथी ने हैंड ग्रेनेड पहुंचाया। इसके बाद उसे ये हैंड ग्रेनेड आगे तीसरे साथी को देना था। इसके बाद रामनवमी के दिन अयोध्या स्थित राम मंदिर पर हमले की प्लानिंग की थी। वह झारखंड के आतंकी अबू सूफियान के टच में था। हालांकि, वह खुद हमला करने वाला था या कोई और भी उसके साथ है, इसे लेकर फरीदाबाद की स्पेशल टास्क फोर्स उससे पूछताछ कर रही है। बता दें कि गुजरात ATS और IB के इनपुट के बाद अब्दुल रहमान को 2 मार्च को फरीदाबाद के पाली इलाके से गिरफ्तार किया गया था। 3 मार्च को कोर्ट में पेश कर उसका 10 दिन का रिमांड लिया गया। इसके बाद पलवल STF ऑफिस में उससे पूछताछ की जा रही है। आतंकी अब्दुल रहमान की जांच की 4 अहम बातें… 1. महाकुंभ में धमाके का भी टास्क मिला था
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आतंकी अब्दुल रहमान को पहले महाकुंभ में धमाके का टास्क मिला था। इसके लिए भी उसे फरीदाबाद आकर हैंड ग्रेनेड ले जाने को कहा गया था। हालांकि तभी आतंकी का पिता बीमार हो गया। जिस वजह से उसने आने से इनकार कर दिया। इसके बाद यह प्लान फेल हो गया। जिसके बाद राम मंदिर पर हमले की साजिश को सिरे चढ़ाने की तैयारी शुरू की गई। 2. अबू सूफियान से वॉट्सऐप कॉल पर बात करता था
अब्दुल रहमान ने फरीदाबाद STF को बताया कि वह झारखंड में चतरा के रहने वाले कुख्यात आतंकी अबू सूफियान के सीधे संपर्क में था। दोनों वॉट्सऐप कॉल पर बात करते रहते थे। उसके निर्देश पर ही आरोपी निजामुद्दीन से बस में बैठकर बड़खल चौक आया और वहां से पाली गांव तक पहुंच गया। अबू सूफियान के बारे में कहा जा रहा है कि उसने पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर ISI से ट्रेनिंग भी ले रखी है। वह देश के विभिन्न हिस्सों में अपने स्लीपर माड्यूल की मदद से गरीब युवाओं का माइंड वाश करके उन्हें आतंकी के रूप में तैयार करता है। 3. हैंड ग्रेनेड ड्रोन के जरिए आने का शक
STF को शक है कि आतंकी अब्दुल से जो 2 हैंड ग्रेनेड मिले हैं, वह सीमा पार यानी पाकिस्तान से आए हैं। जिन्हें ड्रोन के जरिए भारत में पहुंचाया गया। ऐसे में शक जताया जा रहा है कि पंजाब या राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन से यह हैंड ग्रेनेड आए। जिन्हें फरीदाबाद लाकर अब्दुल तक पहुंचाया गया। 4. 7 महीने पहले मरकज में दिल्ली आया था, फरीदाबाद ऑटो से पहुंचा
आतंकी अब्दुल के गांव मजनई पूर्व प्रधान पति पवन कुमार यादव ने बताया कि अब्दुल रहमान करीब 7 महीने पहले पहली बार निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने दिल्ली आया था। इसके बाद वह अपने गांव मजनई वापस लौट आया। इसके बाद वह दोबारा से 1 मार्च को दिल्ली के लिए निकल गया। जांच से जुड़ी STF टीम के सूत्रों के मुताबिक अब्दुल रहमान 1 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर आया था। इसके बाद वह बस पकड़कर बड़खल पहुंचा। बड़खल से उसने ऑटो लिया और पाली इलाके में पहुंच गया। जांच एजेंसी अब अब्दुल को छोड़ने वाले ऑटो चालक की तलाश कर रही है। इसके साथ ही शहर के बस स्टैंड और पाली इलाके में लगे CCTV कैमरों की रिकार्डिंग की जांच कर रही है। 5. अब्दुल के 2 मोबाइल में भड़काऊ वीडियो मिले
पुलिस को जांच में अब्दुल रहमान से 2 मोबाइल मिले हैं। जिनके अंदर भड़काऊ और धार्मिक स्थलों के रेकी के वीडियो भी मिले। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह भी शक है कि अब्दुल सोशल मीडिया पर खुद भी भड़काऊ वीडियो डालता था। इन्हीं वीडियो के जरिए वह अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट (AQIS) के अबू सूफियान के टच में आया। जिसके बाद वह आतंकी नेटवर्क से जुड़ गया। आतंकी का दावा- मेरे दिल में छेद
पुलिस पूछताछ में आतंकी अब्दुल ने दावा किया कि 2012 में उसे पता चला कि उसके दिल में छेद है। तब गांव के लोगों ने चंदा इकट्‌ठा कर परिवार को दिया। जिसके बाद गुजरात के सूरत में उसका इलाज कराया गया था। उसने यह भी कहा कि 10वीं के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। वह मनीराम यादव इंटर कॉलेज में पढ़ रहा था। उसके पास फीस भरने के पैसे नहीं थे। वह पढ़ाई में भी बहुत कमजोर था।

स्कूल बस का बच्ची को कुचलते हुए VIDEO:सोनीपत में स्कूल जा रहे भाई के पीछे घर से आई थी; आगे-पीछे के टायर रौंदते हुए निकले

स्कूल बस का बच्ची को कुचलते हुए VIDEO:सोनीपत में स्कूल जा रहे भाई के पीछे घर से आई थी; आगे-पीछे के टायर रौंदते हुए निकले हरियाणा के सोनीपत में सवा 2 साल की मासूम बच्ची को स्कूल बस ने कुचल दिया। इस दुर्घटना में बच्ची की मौत हो गई। बच्ची स्कूल जा रहे अपने भाई के पीछे दौड़कर बस तक पहुंच गई थी। यह घटना पास लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई। परिजनों ने ड्राइवर पर आरोप लगाया कि उसकी लापरवाही ने मासूम की जान ले ली। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया है और जांच में जुट गई है। ड्राइवर ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन लोगों ने पकड़कर उसे पुलिस को सौंप दिया। दुर्घटना के समय के PHOTOS… दादी के पीछे-पीछे चली गई थी बच्ची
सोनीपत में गन्नौर के गांव बड़ी के रहने वाले दीपक कुमार ने बताया है कि उनकी 2 बेटियां थीं। बड़ी बेटी प्रांजल थी, जो सवा 2 साल की थी। वहीं, दूसरी बच्ची अभी 3 महीने की है। शुक्रवार को प्रांजल की दादी अपने पोते विहान को स्कूल बस में बैठाने गली से बाहर सड़क पर गई थी। विहान अपोलो इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है। जब विहान को लेकर दादी निकलीं तो प्रांजल भी खेलती हुई दादी के पीछे-पीछे बाहर आ गई। दादी ने थोड़ी देर सड़क पर खड़े होकर स्कूल बस का इंतजार किया। तब तक प्रांजल रोड के दूसरी ओर ही खड़ी रही। दोनों पहिए बच्ची के ऊपर से निकल गए
दीपक ने बताया कि जब स्कूल बस आ गई और विहान को दादी ने बस में चढ़ा दिया तो प्रांजल भी रोड की दूसरी तरफ से बस की ओर चल दी। वह बस के आगे से गुजर रही थी। इसी दौरान विहान को बैठाकर बस चल दी और ड्राइवर ने बस के आगे आ चुकी प्रांजल को देखा ही नहीं। इससे बस की टक्कर प्रांजल को लगी और बस के दोनों पहिए उसके ऊपर से निकल गए। एक्सीडेंट होते ही मौके पर लोग जमा हो गए। उन्होंने घायल प्रांजल को उठाया और सोनीपत के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बस चालक पर केस दर्ज, गिरफ्तार किया
बड़ी थाना प्रभारी युद्धवीर सिंह ने बताया है कि मृतक बच्ची के पिता प्रदीप की शिकायत पर बस ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। बस के ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। प्रांजल माता-पिता की पहली संतान थी
मासूम की मौत से परिवार में मातम छा गया। प्रांजल अपने माता-पिता की पहली संतान थी और पूरे परिवार की लाडली थी। उसके अचानक चले जाने से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के श्मशानघाट में जब उसका अंतिम संस्कार किया गया, तो हर आंख नम थी।

अंबाला में रेलवे ट्रैक पर मिला महिला का शव:मृतका की नहीं हुई पहचान, डाउन लाइन पर पड़ा था

अंबाला में रेलवे ट्रैक पर मिला महिला का शव:मृतका की नहीं हुई पहचान, डाउन लाइन पर पड़ा था हरियाणा के अंबाला जिले के बराड़ा इलाके में रेलवे लाइन पर एक महिला का शव बरामद हुआ है। रेलवे लाइन पर शव देख आसपास के इलाके के लोगों ने रेलवे पुलिस को मामले की सूचना दी। सूचना पर जीआरपी की टीम पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के लिए भेज दिया है। मृतक महिला की शिनाख्त अभी नहीं हुई है। जीआरपी के एएसआई अजय कुमार के अनुसार बराड़ा और केसरी स्टेशन के बीच डाउन लाइन पर महिला के शव के पड़े होने की सूचना मिली थी। जिस पर टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया है। वहीं, महिला के शव को पंचनामे के लिए मॉर्च्युरी भेज दिया है। महिला की उम्र तकरीबन 50 से 55 वर्ष की है। अभी शव की शिनाख्त नहीं हुई है। मृतका की नहीं हुई पहचान जीआरपी के एएसआई अजय कुमार ने बताया कि शव के पास से कोई भी पत्र या अन्य सामान नहीं मिला है। जिससे उसकी पहचान हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है। जीआरपी की सबसे पहली प्राथमिकता शव की शिनाख्त कराना है। वहीं, पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत की सही वजह का पता चल सकेगा। आसपास के इलाके में मचा हल्ला शव के पड़े होने से आसपास के इलाके के गांवों में हल्ला मच गया। लोगों की भीड़ बढ़ने से पहले जीआरपी ने शव को कब्जे में ले लिया। इसके बाद लोगों की भीड़ रेलवे लाइन के सहारे लग गई थी। वहीं, जीआरपी की पूछताछ में किसी ने भी महिला को आसपास में नहीं देखा और न ही किसी को ये पता कि महिला यहां कैसे आई।

करनाल के जंगल में मिला अज्ञात का शव:गर्दन पर फंदे के निशान, चेहरा पड़ा काला, पेड़ की टहनी पर मिली शर्ट

करनाल के जंगल में मिला अज्ञात का शव:गर्दन पर फंदे के निशान, चेहरा पड़ा काला, पेड़ की टहनी पर मिली शर्ट करनाल जिले के घरौंडा में गांव पनौड़ी के स्टेडियम के पास जंगलों में एक प्रवासी का शव संदिग्ध हालातों में मिला है। मृतक का चेहरा बिल्कुल काला पड़ चुका है और शव दो से तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। पेड़ की टहनी पर एक शर्ट भी लटकी मिली है। शव की गर्दन पर हैंगिंग जैसा निशान भी मिला है। मौके पर पहुंची पुलिस प्राथमिक तौर पर सुसाइड मान रही है, फिलहाल मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने ली तलाशी वहीं घटना की सूचना के बाद एफएसएल टीम मौके पर बुलाई गई। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने मृतक के कपड़ों की भी तलाशी ली, लेकिन कोई ऐसा डॉक्यूमेंट नहीं मिला, जिससे मृतक की पहचान हो सके। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर 72 घंटे के लिए करनाल के शवगृह में रखवा दिया है। शिनाख्त नहीं होने पर पोस्टमॉर्टम के बाद शव का दाह संस्कार करवा दिया जाएगा। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। किसान अपनी पत्नी के साथ आया था खेत जानकारी के अनुसार गांव पनौड़ी के एक ग्रामीण बलजीत ने स्टेडियम के पास ठेके पर खेत लिए हुए है। शुक्रवार की शाम को वह अपनी पत्नी के साथ खेत में गया था। जब वे दोनों अपनी बाइक पर वापिस लौट रहे थे, तो उसकी पत्नी की नजर पेड़ के नीचे पेड़ एक व्यक्ति पर पड़ी। उसने अपने पति को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने बाइक को रोका और पेड़ के पास गए। वहां पर एक व्यक्ति पड़ा हुआ था, जिसमें कोई भी हलचल नहीं थी। उसने तुरंत गांव के सरपंच प्रतिनिधि राजबीर को मामले की जानकारी दी। सरपंच प्रतिनिधि ने डायल-112 काे कॉल किया। ईआरवी-415 मौके पर पहुंची। ईआरवी इंचार्ज बलराज गोस्वामी ने घरौंडा थाना को सूचित किया। जिसके बाद थाना प्रभारी दीपक कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया। हैंगिंग का लग रहा मामला पुलिस की माने तो मृतक की बॉडी दो या तीन दिन पुरानी है। पेड़ के नीचे लेटी हुई हालत में बॉडी पड़ी हुई थी। जिसका चेहरा काला हो चुका था। मृतक ने सफेद रंग की टी शर्ट और हरे रंग का लोअर पहना हुआ है। पेड़ की पतली सी टहनी पर एक शर्ट भी मिली है। थाना प्रभारी दीपक कुमार का कहना है कि हो सकता है कि मृतक ने सुसाइड किया हो, लेकिन मौत के असली कारण तो पोस्टमॉर्टम के बाद ही सामने आएंगे। मृतक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। शव को शवगृह करनाल में रखवा दिया है। 72 घंटे में शिनाख्त नहीं हो पाती है, तो मृतक का दाह संस्कार करवा दिया जाएगा।

नूंह में पकड़े 5 फर्जी स्टूडेंट्स:रेगुलर स्टूडेंट्स की जगह दे रहे थे बोर्ड के पेपर, 4 दिन पहले पकड़े गए थे 34 परीक्षार्थी

नूंह में पकड़े 5 फर्जी स्टूडेंट्स:रेगुलर स्टूडेंट्स की जगह दे रहे थे बोर्ड के पेपर, 4 दिन पहले पकड़े गए थे 34 परीक्षार्थी हरियाणा के नूंह में नकल रहित परीक्षा कराने के लिए जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन ने खूब सख्ती की हुई है। बावजूद इसके वास्तविक छात्रों के स्थान पर फर्जी स्टूडेंट्स द्वारा परीक्षा देने के मामले कम नहीं हो रहे है। पुलिस ने जिले के दो स्कूलों से 5 फर्जी छात्रों को पकड़ा है, जिनमें एक लड़की भी शामिल है। सदर थाना पुलिस ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिंदी के पेपर में पकड़े गए छात्र
जानकारी के मुताबिक, गांव सौंख के राजकीय मिडिल स्कूल में शुक्रवार को 10वीं कक्षा का हिंदी का पेपर चल रहा था। इसी दौरान सेंटर सुपरिटेंडेंट ने शक के आधार पर एक विद्यार्थी से पूछताछ की तो उसके फर्जी परीक्षार्थी होने का शक यकीन में बदल गया। इसके बाद पूरे सेंटर की जांच की जांच की गई तो एक छात्रा समेत चार फर्जी परीक्षार्थी सामने आए। उन्होंने तुरंत पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची नूंह सदर पुलिस स्टेशन की टीम ने चारों फर्जी परीक्षार्थियों को हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही हाजी बख्शी मेमोरियल पब्लिक स्कूल सतपुतियाका से भी एक फर्जी छात्र को पकड़ा गया है। पुलिस ने किया केस दर्ज
थाना सदर प्रभारी इंदर जीत ने बताया कि 5 फर्जी स्टूडेंट को पकड़ा गया है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही जांच की जा रही है कि ये किन वास्तविक विद्यार्थियों के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पकड़े गए सभी रेगुलर स्टूडेंट हैं। गौरतलब है कि गत तीन मार्च को भी नूंह में स्थित माउंट अरावली स्कूल से 34 फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार किए गए थे। उसके बाद 5 और असल छात्रों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उस समय पकड़े गए सभी परीक्षार्थी ओपन स्कूल के स्टूडेंट के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। लेकिन शुक्रवार को पकड़े गए सभी फर्जी परीक्षार्थी रेगुलर स्टूडेंट के स्थान पर परीक्षा केंद्रों में पहुंचे थे। माउंट अरावली पब्लिक स्कूल पर गंभीर आरोप
बता दे कि नूंह के जिस स्कूल से सबसे ज्यादा फर्जी छात्र पकड़े गए है उस स्कूल पर गंभीर आरोप लग रहे है। माउंट अरावली पब्लिक स्कूल पर आरोप है कि उन्होंने एक छात्र से 20 हजार रुपए की मांग करते हुए अच्छे नंबर दिलाने की बात कही थी। जब पैसे नहीं दिए तो स्कूल संचालक छात्र को पुलिस के हवाले कर दिया है। फिलहाल छात्र के परिजनों ने इसकी शिकायत नूंह पुलिस अधीक्षक को देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

सोनीपत में एचटी लाइन की चपेट में आया किशोर:शरीर में आग लगने से मौत, पैर हुआ अलग, छत पर पैसे उठाने गया था

सोनीपत में एचटी लाइन की चपेट में आया किशोर:शरीर में आग लगने से मौत, पैर हुआ अलग, छत पर पैसे उठाने गया था हरियाणा के सोनीपत जिले के मुरथल शादी की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई। जब बारात में फेंके गए रुपए इक्ट्ठा कर रहे 14 वर्षीय किशोर की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। हादसा गांव ताजपुर स्थित एक फार्म हाउस में हुआ। मृतक किशोर की पहचान गांव ताजपुर के रहने वाले हिमांशु के रूप में हुई है। हिमांशु छत पर चढ़कर रुपए इक्ट्ठा कर रहा था। इसी दौरान वह छत के पास से गुजर रही बिजली की हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गया। करंट का झटका इतना तेज था कि उसके शरीर में आग लग गई और उसका एक पैर जलकर अलग हो गया। करंट के झटके से वह दूर जा गिरा और मौके पर ही दम तोड़ दिया। रुपए उठाने छत पर गया था हिमांशु (14) 8वीं कक्षा का छात्र था। गुरुवार रात गांव के एक फार्म हाउस में शादी समारोह था, जहां बारात नाचते-गाते पहुंची। बारातियों ने खुशी में हवा में रुपए उछालने शुरू कर दिए। हिमांशु भी अन्य बच्चों के साथ फेंके गए रुपए इक्ट्ठा कर रहा था। इस दौरान कुछ रुपए फार्म हाउस की छत पर गिर गए। रुपए उठाने के लिए हिमांशु छत पर चढ़ गया, लेकिन छत के पास से गुजर रही हाई वोल्टेज बिजली लाइन को नहीं देख पाया। जैसे ही उसका हाथ लाइन के संपर्क में आया, तेज झटके के साथ उसे करंट लग गया। करंट लगते ही झुलसा, पैर कटकर अलग हुआ प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करंट लगने के बाद हिमांशु का शरीर जलने लगा। करंट इतना तेज था कि उसका एक पैर जलकर अलग हो गया और वह छत से नीचे गिर गया। बारात में खुशी का माहौल अचानक चीख-पुकार में बदल गया। सूचना मिलते ही मुरथल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल जब हिमांशु का शव घर पहुंचा तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार के लोग सदमे में हैं कि शादी में गए उनके बेटे की इस तरह दर्दनाक मौत हो जाएगी। गांव में भी इस घटना से शोक का माहौल है। पुलिस कर रही जांच, फार्म हाउस मालिक से होगी पूछताछ मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि,हमें सूचना मिली थी कि गांव ताजपुर स्थित फार्म हाउस में शादी समारोह के दौरान करंट लगने से एक किशोर की मौत हो गई। बारात में खुशी में फेंके गए रुपए उठाने के दौरान यह हादसा हुआ। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या फार्म हाउस की छत के पास बिजली की लाइन खतरनाक रूप से गुजर रही थी। अगर फार्म हाउस मालिक की लापरवाही सामने आई, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।

कुरुक्षेत्र में नहर से मिली युवक की बॉडी:सिम से पहचान, मोबाइल में डालते ही भाभी की कॉल आई, सुबह से था लापता

कुरुक्षेत्र में नहर से मिली युवक की बॉडी:सिम से पहचान, मोबाइल में डालते ही भाभी की कॉल आई, सुबह से था लापता कुरुक्षेत्र में ज्योतिसर हेड के पास नरवाना ब्रांच नहर से 30 साल के युवक का शव बरामद हुआ। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर उसकी पहचान कराई। युवक से मिले मोबाइल की सिम से उसकी पहचान हो गई। पुलिस ने पहचान के बाद उसके परिजनों को सूचित कर दिया। भाभी की कॉल आई
गोताखोर प्रगट सिंह के मुताबिक, नहर से बरामद युवक के पास से मोबाइल बरामद हुआ। उसके मोबाइल से सिम निकालकर अपने फोन में डाली तो उसी समय पर कॉल आ गई। यह कॉल उसकी भाभी की थी, जिससे उसकी पहचान सोनू उर्फ रोहित निवासी रतनगढ़ के रूप में हुई। मौके पर पहुंचे ज्योतिसर चौकी इंचार्ज संदीप कुमार ने सोनू के परिजनों को सूचित कर दिया है। शव करीब 4 घंटे पुराना लग रहा है। पोस्टमार्टम कल होगा
चौकी इंचार्ज संदीप कुमार ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए LNJP अस्पताल में भेज दिया है। कल शनिवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। प्राथमिक जांच से मामला सुसाइड का लग रहा है। हालांकि परिजनों के बयान से सुसाइड करने के कारण साफ होंगे। परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।