यूपी के पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों का एनकाउंटर:पंजाब में थाने पर हमला किया था, 2 AK-47 और कारतूस बरामद; 2 सिपाही जख्मी UP के पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया। पीलीभीत पुलिस और पंजाब पुलिस ने सोमवार तड़के यह ऑपरेशन किया। सभी आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ( KZF) के सदस्य थे। इन्होंने 19 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया था। आतंकियों के पास से 2 एके-47 राइफल, 2 ग्लॉक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए। मारे गए आतंकियों में गुरदासपुर निवासी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह हैं। पीलीभीत के पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र में एनकाउंटर हुआ। गोली लगने के बाद तीनों घायलों को पूरनपुर CHC लाया गया। वहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। आतंकियों को घेरा तो पुलिस पर ताबड़तोड़ फायर किए: SP
पीलीभीत SP अविनाश पांडेय ने बताया- सोमवार सुबह पंजाब की गुरदासपुर पुलिस की टीम थाना पूरनपुर पहुंची। सूचना दी कि उनके यहां कुछ दिन पहले गुरदासपुर में बख्शीवाल पुलिस चौकी पर खालिस्तानी आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला किया था। उनके पूरनपुर क्षेत्र में छिपे होने की सूचना मिली थी। तुरंत पूरे जिले की नाकाबंदी कर चेकिंग शुरू की गई। इस दौरान खमरिया पॉइंट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने सूचना दी कि एक बाइक पर तीन संदिग्ध नजर आए हैं। उनके पास कुछ संदिग्ध वस्तुएं हैं। ये बाइक से पीलीभीत की तरफ गए हैं। पंजाब पुलिस और पूरनपुर पुलिस ने उनका पीछा किया। आगे के थानों को अलर्ट किया गया। SP अविनाश पांडेय ने बताया- पूरनपुर और पीलीभीत के बीच निर्माणाधीन पुल पर इन लोगों को पुलिस ने घेरा तो यह लोग एक पटरी की तरफ मुड़ गए। इसके बाद उन्हें रुकने के लिए कहा गया तो इन्होंने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकियों को गोली लगी। हॉस्पिटल में उनकी मौत हो गई। पंजाब पुलिस ने बताया कि इन आतंकियों का विदेशी कनेक्शन है। आरोपियों के पास से एक चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई है। यह पूरनपुर थाना क्षेत्र से चोरी की गई थी। आतंकियों की फायरिंग में दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी घायल हुए हैं। आतंकियों ने 30 मिनट में 100 से ज्यादा राउंड फायरिंग की
एनकाउंटर करने वाली टीम के एक अफसर ने बताया- आतंकियों के पास AK 47 थीं। पंजाब पुलिस को पहले से अनुमान था कि आतंकियों के पास बड़े हथियार हैं। इसलिए पीलीभीत पुलिस के SP अविनाश पांडे ने लॉन्ग रेंज वेपंस के साथ जवानों को साथ लिया। पुलिस और आतंकियों के बीच करीब आधे घंटे में 100 से ज्यादा राउंड फायर फायरिंग हुई। ज्यादातर फायरिंग आतंकियों ने की। खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल में राय दीजिए… पंजाब डीजीपी बोले- पाकिस्तान के इशारे पर काम करते थे पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने बताया- मारे गए तीनों आतंकी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के मेंबर थे। इसका सरगना रणजीत सिंह नीटा पाकिस्तान में है। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करता है। ISI के इशारों पर पंजाब में माहौल बिगाड़ने की फिराक में था। तीनों आतंकियों के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। इनका मुखिया वरिंदर सिंह उर्फ रवि था। रवि आगे अपने सरगना के साथ टच में था। इस मॉड्यूल को KZF के प्रमुख रणजीत सिंह नीटा और ग्रीस में रहने वाले जसविंदर सिंह मन्नू ऑपरेट करता था। ये दोनों आतंकी ब्रिटेन में बैठे जगजीत सिंह उर्फ फतेह सिंह बागी को ऑर्डर देते थे। फतेह सिंह बागी रवि के साथ बातचीत करता था। जगजीत सिंह के ही इशारों पर थाने पर हमला किया गया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि रवि ग्रीस में बैठे आतंकी जसविंदर सिंह मन्नू का करीबी है क्योंकि दोनों एक गांव के रहने वाले हैं। इसी वजह से रवि को थाने में हुए ग्रेनेड अटैक मॉड्यूल का हेड बनाया गया था। वहीं, जगजीत सिंह यूके आर्मी में भी काम कर चुका है, मगर अब आतंकी मॉड्यूल चला रहा है। अब पढ़िए तीनों आतंकियों की कहानी… रवि मास्टरमाइंड, UK में बैठे आतंकी के टच में था
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, मारे गए आतंकियों में गुरदासपुर के गांव अगवान का रहने वाला रवि मास्टरमाइंड था। रवि के दोनों साथी उसी के इशारों पर काम कर रहे थे। रवि आगे सरगना के साथ संपर्क करता था। इसके बाद उन्हें पैसे सहित अन्य चीजें मिलती थीं। रवि UK आर्मी में काम करने वाले खालिस्तानी आतंकी जगजीत सिंह उर्फ फतेह सिंह बागी के पैतृक गांव के रहने वाला था। इसके जरिए ही वह खालिस्तानी ग्रुप के लिए काम करने लगा था। रवि की 5 बहने हैं और 2 भाई हैं। रवि ही ट्रक ड्राइवरी कर परिवार को पाल रहा था। उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। दैनिक भास्कर की टीम जब उसके घर पहुंची तो वहां ताला लगा मिला। परिवार कहां है, किसी को कुछ पता नहीं है। पड़ोसियों ने बताया कि रवि की मां बीमार रहती है। पूरा परिवार मजदूरी करता था। तीन पहले हुई थी जसनप्रीत की शादी, घर से दिहाड़ी के लिए निकला था
जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह का परिवार सरहदी गांव कलानौर में रहता है। परिवार काफी गरीब है। परिजन मजदूरी कर गुजारा कर रहे हैं। जसनप्रीत की मां परमजीत कौर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि रवि ड्राइवरी की दिहाड़ी का कहकर अपने साथ ले गया था। इसके बाद से वह घर नहीं लौटा। उन्होंने कहा कि 8 दिनों से जसनप्रीत का कोई अता पता नहीं था। उसका फोन भी बंद आ रहा था। परिवार काफी चिंतित था। सोमवार सुबह पता चला कि जसनप्रीत का एनकाउंटर कर दिया गया है। मां ने कहा कि लोग जो मर्जी कहते रहें, मगर मेरा बेटा ऐसा नहीं है। परमजीत कौर ने कहा कि जसनप्रीत के 2 और भाई हैं। वह मजदूरी कर गुजारा कर रहे हैं। तीनों बेटे अनपढ़ हैं। परिवार गरीबी से जूझ रहा है। हमले के लायक जसनप्रीत कैसे हो सकता है? जसनप्रीत की पत्नी गुरप्रीत कौर ने बताया कि 3 माह पहले उसकी शादी हुई थी। बीते मंगलवार (17 दिसंबर) जसनप्रीत घर से गया था। यह पहली बार था कि वह गांव से बाहर दिहाड़ी के लिए गया था। इसके बाद से उसका कोई अता पता नहीं था। गुरविंदर को गोद लिया था, गुरदासपुर में की थी हत्या
तीसरा आतंकी गुरविंदर सिंह भी गुरदासपुर के कलानौर एरिया के गांव रहीमाबाद का रहने वाला था। गुरविंदर के पिता गुरदेव सिंह ने उसे अपनी मौसी से गोद लिया था, क्योंकि उनकी कोई अपनी औलाद नहीं थी। मां सरबजीत ने बताया कि गुरविंदर अकेला बेटा था। खाना खाने के बाद वह घर से निकला था। 3-4 दिन से वह घर नहीं आया। एक दिन उसे फोन किया तो उसने बताया था कि वह यहां है। जानकारी के मुताबिक, कुछ साल पहले उसने किला लाल सिंह गांव में एक युवक को नहर में डुबोकर मार डाला था। इसके बाद हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह जमानत पर चल रहा था। हत्या के बाद वह माता-पिता को छोड़कर कलानौर में अकेले रहने लगा था। 12वीं तक पढ़ाई की। एनकाउंटर से जुड़ी तस्वीरें देखिए… ——————————————————————- गुरदासपुर में चौकी पर हमले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. पंजाब के गुरदासपुर में चौकी और थाने पर हुआ था हमला: खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली थी जिम्मेदार पंजाब के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गुरदासपुर जिले की पुलिस चौकी पर 19 दिसंबर को आतंकी हमला हुआ। जिस बख्शीवाल चौकी में धमाका हुआ, वह कलानौर कस्बे में है और तकरीबन एक महीने पहले ही उसे बंद कर दिया गया था। खालिस्तानी आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। पूरी खबर पढ़िए