अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए वीरवार को हिमाचल सरकार ने शिमला में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह आयोजित किया। शिमला में खेल विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान खेल मंत्री यादवेन्द्र गोमा और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहे। सीएम सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले 21 खिलाड़ियों को 14 करोड़ 77 लाख की राशि देकर सम्मानित किया। खिलाड़ियों की सम्मान राशि व्यवस्था परिवर्तन का सबूत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का जो नारा दिया था, उसका सबूत ओलिंपिक और पैरालिंपिक में पदक विजेताओं को सम्मान राशि 8 गुना बढ़ाई गई है। आज राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को करोड़ों की सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया है। भाजपा केवल समोसे और टॉयलेट की बात कर सकती है। कांग्रेस जो कहती है, वह करके दिखाती है। सरकार आने वाले समय में स्कूल और कॉलेजों के राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित करेगी। इन खिलाड़ियों को किया सम्मानित एथलेटिक्स में ऊना के निषाद कुमार को 7 करोड़ 80 लाख, मंडी के अजय कुमार को 2 करोड़ 50 लाख, कबड्डी में सिरमौर की रीतू नेगी, पुष्पा राणा, सुषमा, सोलन की कुमारी ज्योति, बिलासपुर की कुमारी निधि सहित पुरुष कबड्डी टीम के सदस्य रहे ऊना के विशाल भारद्वाज को 33 लाख 32 हजार 800 रुपए की बराबर सम्मान राशि दी गई। इसके अलावा फेंसिंग खिलाड़ी कुमारी ज्योति दत्ता को 3 लाख, हैंडबॉल टीम की सदस्य रही बिलासपुर की दीक्षा, शालिनी, प्रियंका ठाकुर, सोलन की निधि, मिताली, भावना, मेनका को 3-3 लाख सम्मान राशि दी गई है। वहीं बोसिया में मंडी की अंजली को 3 लाख, क्रिकेट में रेणुका सिंह 13 लाख 32 हजार, भारोत्तोलन में विकास ठाकुर को 2 करोड़, बॉक्सिंग में मंडी के आशीष कुमार को 5 लाख सहित शूटिंग में हमीरपुर के विजय कुमार को 2 लाख रुपए सम्मान राशि के रूप में आवंटित किए गए है। खेल मंत्री बोले- पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में की वृद्धि युवा एवं खेल सेवा मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने खेल मंत्रालय में पिछले बजट में अभूतपूर्व बदलाव किया। मुख्यमंत्री ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। वर्तमान सरकार अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। ओलिंपिक और पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक के लिए पहले जहां 3 करोड़ रुपए था। इस सरकार ने 5 करोड़ रुपए किया है। वहीं रजत पदक के लिए 2 करोड़ थे, अब 3 करोड रुपए दिए जा रहे हैं। कांस्य पदक में एक करोड़ की जगह 2 करोड़ की राशि की गई। एशियाई खेलों में पदक विजेता की बढ़ी सम्मान राशि उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक विजाताओं के लिए पहले 50 लाख था, अब 4 करोड़ रुपए दिया जा रहा है, रजत पद के लिए 30 लाख था, अब ढाई करोड़ में दिया जा रहा है। कांस्य पदक 20 लाख था और अब डेढ़ करोड रुपए दिया जा रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों में पहले स्वर्ण पदक के लिए 50 लख रुपए था, अब 3 करोड़ रुपए किया गया है। रजत पद के लिए 30 लाख रुपए से दो करोड़ किया गया है। वहीं कांस्य पदक विजेता को 20 लाख दिए जाते थे, उन्हें अब एक करोड़ दिए जा रहे है। यादवेंद्र गोमा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश से बाहर आयोजित होने वाली सभी खेल परीक्षा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 200 किलोमीटर यात्रा के लिए एसी-3 रेल किराया और 200 किलोमीटर से अधिक यात्रा पर इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया देने का प्रावधान किया है। सम्मान राशि बढ़ाकर युवा खिलाड़ियों को मिलेगी प्रेरणा पैरालिंपिक पदक विजेता निषाद कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद इस तरह का कार्यक्रम पहली बार हो रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों एक साथ प्रदेश सरकार सम्मानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खिलाड़ियों की राशि बड़ा कर उदाहरण पेश किया है। निषाद ने कहा पहले अन्य राज्यों के उदाहरण दिए जाते थे कि वहां खिलाड़ियों को इनाम के बड़ी राशि दी जाती है। परंतु अब हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों को खेलों के प्रेरणा मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए वीरवार को हिमाचल सरकार ने शिमला में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह आयोजित किया। शिमला में खेल विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान खेल मंत्री यादवेन्द्र गोमा और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहे। सीएम सुक्खू ने अंतरराष्ट्रीय स्तर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले 21 खिलाड़ियों को 14 करोड़ 77 लाख की राशि देकर सम्मानित किया। खिलाड़ियों की सम्मान राशि व्यवस्था परिवर्तन का सबूत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का जो नारा दिया था, उसका सबूत ओलिंपिक और पैरालिंपिक में पदक विजेताओं को सम्मान राशि 8 गुना बढ़ाई गई है। आज राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को करोड़ों की सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया है। भाजपा केवल समोसे और टॉयलेट की बात कर सकती है। कांग्रेस जो कहती है, वह करके दिखाती है। सरकार आने वाले समय में स्कूल और कॉलेजों के राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित करेगी। इन खिलाड़ियों को किया सम्मानित एथलेटिक्स में ऊना के निषाद कुमार को 7 करोड़ 80 लाख, मंडी के अजय कुमार को 2 करोड़ 50 लाख, कबड्डी में सिरमौर की रीतू नेगी, पुष्पा राणा, सुषमा, सोलन की कुमारी ज्योति, बिलासपुर की कुमारी निधि सहित पुरुष कबड्डी टीम के सदस्य रहे ऊना के विशाल भारद्वाज को 33 लाख 32 हजार 800 रुपए की बराबर सम्मान राशि दी गई। इसके अलावा फेंसिंग खिलाड़ी कुमारी ज्योति दत्ता को 3 लाख, हैंडबॉल टीम की सदस्य रही बिलासपुर की दीक्षा, शालिनी, प्रियंका ठाकुर, सोलन की निधि, मिताली, भावना, मेनका को 3-3 लाख सम्मान राशि दी गई है। वहीं बोसिया में मंडी की अंजली को 3 लाख, क्रिकेट में रेणुका सिंह 13 लाख 32 हजार, भारोत्तोलन में विकास ठाकुर को 2 करोड़, बॉक्सिंग में मंडी के आशीष कुमार को 5 लाख सहित शूटिंग में हमीरपुर के विजय कुमार को 2 लाख रुपए सम्मान राशि के रूप में आवंटित किए गए है। खेल मंत्री बोले- पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में की वृद्धि युवा एवं खेल सेवा मंत्री यादवेंद्र गोमा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने खेल मंत्रालय में पिछले बजट में अभूतपूर्व बदलाव किया। मुख्यमंत्री ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। वर्तमान सरकार अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में पदक विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। ओलिंपिक और पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक के लिए पहले जहां 3 करोड़ रुपए था। इस सरकार ने 5 करोड़ रुपए किया है। वहीं रजत पदक के लिए 2 करोड़ थे, अब 3 करोड रुपए दिए जा रहे हैं। कांस्य पदक में एक करोड़ की जगह 2 करोड़ की राशि की गई। एशियाई खेलों में पदक विजेता की बढ़ी सम्मान राशि उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक विजाताओं के लिए पहले 50 लाख था, अब 4 करोड़ रुपए दिया जा रहा है, रजत पद के लिए 30 लाख था, अब ढाई करोड़ में दिया जा रहा है। कांस्य पदक 20 लाख था और अब डेढ़ करोड रुपए दिया जा रहा है। राष्ट्रमंडल खेलों में पहले स्वर्ण पदक के लिए 50 लख रुपए था, अब 3 करोड़ रुपए किया गया है। रजत पद के लिए 30 लाख रुपए से दो करोड़ किया गया है। वहीं कांस्य पदक विजेता को 20 लाख दिए जाते थे, उन्हें अब एक करोड़ दिए जा रहे है। यादवेंद्र गोमा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश से बाहर आयोजित होने वाली सभी खेल परीक्षा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 200 किलोमीटर यात्रा के लिए एसी-3 रेल किराया और 200 किलोमीटर से अधिक यात्रा पर इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया देने का प्रावधान किया है। सम्मान राशि बढ़ाकर युवा खिलाड़ियों को मिलेगी प्रेरणा पैरालिंपिक पदक विजेता निषाद कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में शायद इस तरह का कार्यक्रम पहली बार हो रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों एक साथ प्रदेश सरकार सम्मानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार खिलाड़ियों की राशि बड़ा कर उदाहरण पेश किया है। निषाद ने कहा पहले अन्य राज्यों के उदाहरण दिए जाते थे कि वहां खिलाड़ियों को इनाम के बड़ी राशि दी जाती है। परंतु अब हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों को खेलों के प्रेरणा मिलेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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