Delhi: सफदरजंग अस्पताल में बच्चों के लिए नई डायलिसिस मशीनें, किडनी रोगों का इलाज अब और बेहतर

Delhi: सफदरजंग अस्पताल में बच्चों के लिए नई डायलिसिस मशीनें, किडनी रोगों का इलाज अब और बेहतर

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बच्चों के किडनी रोगों के इलाज में मजबूती मिली है और अब बच्चों को डायलिसिस करवाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल के बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी विभाग ने 16 मई 2025 को 2 अत्याधुनिक हेमोडायलिसिस मशीनों का उद्घाटन किया. ये मशीनें एक निजी संस्था के सीएसआर के जरिए, आधारशिला रीनल केयर प्रोजेक्ट के तहत लाई गई हैं, जो बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सफदरजंग अस्पताल, जो दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में से एक है, अब इन नई मशीनों के साथ किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को और बेहतर इलाज दे सकेगा. उद्घाटन समारोह में अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. (प्रो.) संदीप बंसल मुख्य अतिथि थे, जबकि प्रिंसिपल डॉ. (प्रो.) गीतिका खन्ना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं. बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. (प्रो.) प्रदीप देबाता की अगुवाई में हुए इस आयोजन में आधारशिला की ट्रस्टी नीना जॉली और जेके सीमेंट की सीएसआर प्रमुख शिल्पा भी शामिल हुईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बच्चों के लिए एडवांस डायलिसिस सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ये हेमोडायलिसिस मशीनें किडनी फेलियर और क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित बच्चों के लिए वरदान साबित होंगी. डॉ. प्रदीप देबाता ने बताया, “ये मशीनें न सिर्फ एक्यूट किडनी फेलियर के लिए डायलिसिस में मदद करेंगी, बल्कि क्रोनिक किडनी रोग वाले बच्चों को ट्रांसप्लांट तक बेहतर स्थिति में रखेंगी. इतना ही नहीं, ये मशीनें प्लाज्माफेरेसिस के लिए भी इस्तेमाल हो सकती हैं, जो हेमोलिटिक यूरीमिक सिंड्रोम, लिवर फेल्यर, विल्सन डिजीज, ऑटोइम्यून एन्सेफलाइटिस और कुछ जहर के मामलों में जीवन बचाने में कारगर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. (प्रो.) शोभा शर्मा ने कहा, “इन मशीनों से हम ज्यादा बच्चों को डायलिसिस की सुविधा दे पाएंगे. यह सफदरजंग अस्पताल के लिए गर्व की बात है कि हम बच्चों के लिए इतनी महत्वपूर्ण सुविधा बढ़ा पाए. ये उपकरण गंभीर हालत में पहुंचे बच्चों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाएंगे.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बच्चों के किडनी रोगों के इलाज में मजबूती मिली है और अब बच्चों को डायलिसिस करवाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अस्पताल के बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी विभाग ने 16 मई 2025 को 2 अत्याधुनिक हेमोडायलिसिस मशीनों का उद्घाटन किया. ये मशीनें एक निजी संस्था के सीएसआर के जरिए, आधारशिला रीनल केयर प्रोजेक्ट के तहत लाई गई हैं, जो बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सफदरजंग अस्पताल, जो दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में से एक है, अब इन नई मशीनों के साथ किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को और बेहतर इलाज दे सकेगा. उद्घाटन समारोह में अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. (प्रो.) संदीप बंसल मुख्य अतिथि थे, जबकि प्रिंसिपल डॉ. (प्रो.) गीतिका खन्ना विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं. बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. (प्रो.) प्रदीप देबाता की अगुवाई में हुए इस आयोजन में आधारशिला की ट्रस्टी नीना जॉली और जेके सीमेंट की सीएसआर प्रमुख शिल्पा भी शामिल हुईं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बच्चों के लिए एडवांस डायलिसिस सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ये हेमोडायलिसिस मशीनें किडनी फेलियर और क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित बच्चों के लिए वरदान साबित होंगी. डॉ. प्रदीप देबाता ने बताया, “ये मशीनें न सिर्फ एक्यूट किडनी फेलियर के लिए डायलिसिस में मदद करेंगी, बल्कि क्रोनिक किडनी रोग वाले बच्चों को ट्रांसप्लांट तक बेहतर स्थिति में रखेंगी. इतना ही नहीं, ये मशीनें प्लाज्माफेरेसिस के लिए भी इस्तेमाल हो सकती हैं, जो हेमोलिटिक यूरीमिक सिंड्रोम, लिवर फेल्यर, विल्सन डिजीज, ऑटोइम्यून एन्सेफलाइटिस और कुछ जहर के मामलों में जीवन बचाने में कारगर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डॉ. (प्रो.) शोभा शर्मा ने कहा, “इन मशीनों से हम ज्यादा बच्चों को डायलिसिस की सुविधा दे पाएंगे. यह सफदरजंग अस्पताल के लिए गर्व की बात है कि हम बच्चों के लिए इतनी महत्वपूर्ण सुविधा बढ़ा पाए. ये उपकरण गंभीर हालत में पहुंचे बच्चों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाएंगे.&nbsp;</p>  दिल्ली NCR Thane: रेप और ट्रैफिकिंग मामले में 3 आरोपी बरी, पीड़िता की गवाही ही बनी आधार, जानें कैसे