<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सियासी सरगर्मी चरम पर है. सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. नामांकन पत्र भी भरे जा चुके हैं. चुनाव आयोग के अनुसार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 719 उम्मीदवार अब सियासी जंग में डटे हुए हैं. विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 981 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी 2025 है. सभी सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. चुनाव आयोग द्वारा आठ फरवरी को मतगणना कराने के बाद चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. जबकि बीजेपी ने 70 में से 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. दिल्ली बीजेपी ने दो सीटें एनडीए गठबंधन में शामिल जेडीयू और आरएलजेपी के लिए छोड़ी है. बीएसपी ने इस बार 70 में से 69 सीटों पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है. फिलहाल, दिल्ली में विधानसभा के तहत हर सीट पर सियासी दलों के प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में आम आदमी पार्टी साल 2015 से सत्ता में है. इससे पहले 1998 से 2013 तक लगातार कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में बनी रही. उससे भी पहले यानी 1993 से 1998 तक दिल्ली की सत्ता पर बीजेपी के हाथों में थी. बीजेपी 1998 के बाद दिल्ली में हर स्तर पर प्रयास के बावजूद अपनी सरकार नहीं बना पाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस लिहाज से देखें तो इस बार का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. ऐसा इसलिए कि आम आदमी पार्टी को चौथी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है. उसे इस बार कुछ हद तक एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है. इस सियासी संकेत को बीजेपी अपने लिए बेहतर विकल्प मानकर हर हाल में चुनावी जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है. वहीं, कांग्रेस साल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद इस बार विधानसभा में कमबैक करने के लिए पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सियासी सरगर्मी चरम पर है. सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. नामांकन पत्र भी भरे जा चुके हैं. चुनाव आयोग के अनुसार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 719 उम्मीदवार अब सियासी जंग में डटे हुए हैं. विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 981 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रत्याशियों द्वारा नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 20 जनवरी 2025 है. सभी सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. चुनाव आयोग द्वारा आठ फरवरी को मतगणना कराने के बाद चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. जबकि बीजेपी ने 70 में से 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. दिल्ली बीजेपी ने दो सीटें एनडीए गठबंधन में शामिल जेडीयू और आरएलजेपी के लिए छोड़ी है. बीएसपी ने इस बार 70 में से 69 सीटों पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है. फिलहाल, दिल्ली में विधानसभा के तहत हर सीट पर सियासी दलों के प्रत्याशी चुनाव प्रचार कर रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में आम आदमी पार्टी साल 2015 से सत्ता में है. इससे पहले 1998 से 2013 तक लगातार कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में बनी रही. उससे भी पहले यानी 1993 से 1998 तक दिल्ली की सत्ता पर बीजेपी के हाथों में थी. बीजेपी 1998 के बाद दिल्ली में हर स्तर पर प्रयास के बावजूद अपनी सरकार नहीं बना पाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस लिहाज से देखें तो इस बार का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. ऐसा इसलिए कि आम आदमी पार्टी को चौथी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है. उसे इस बार कुछ हद तक एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है. इस सियासी संकेत को बीजेपी अपने लिए बेहतर विकल्प मानकर हर हाल में चुनावी जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है. वहीं, कांग्रेस साल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद इस बार विधानसभा में कमबैक करने के लिए पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है.</p> दिल्ली NCR Budget 2025: BHU के छात्रों ने बजट पेश होने के ठीक पहले वित्त मंत्री से लगाई ये गुहार, रख दी ये बड़ी मांग