<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi EV Policy 2.0:</strong> देश की राजधानी हर साल दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर होती है. इसे खत्म करने के लिए दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने नए कदम उठाएं हैं. दिल्ली सरकार ने राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी 2.0 की समीक्षा की है. 10 मार्च को हुए इस समीक्षा में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस नई नीति का लक्ष्य 2027 तक दिल्ली में 95 प्रतिशत नए वाहनों का इलेक्ट्रिक रजिस्ट्रेशन करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार का फोकस राजधानी को ‘ग्रीन ट्रांसपोर्ट हब’ बनाने पर है. इसके तहत सीएनजी (CNG) ऑटो-रिक्शा, टैक्सियों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा. सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह इलेक्ट्रिक बनाने के लिए ई-बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में प्रदूषण होगा कम</strong><br />डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा, “दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 से सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाएगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी.” सरकार निजी और वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन योजना लाने की तैयारी कर रही है. पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ई-एलसीवी और ई-ट्रक खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी. इसके अलावा स्क्रैपिंग और रेट्रोफिटिंग प्रोत्साहन भी दिया जाएगा, जिससे पेट्रोल-डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन होंगे अनिवार्य</strong><br />ईवी वाहनों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सरकार चार्जिंग स्टेशन बनाने पर जोर दे रही है. इसके तहत सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जाएंगे, नए भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य किए जाएंगे, रिंग रोड और बाहरी रिंग रोड पर फास्ट चार्जिंग कॉरिडोर बनाए जाएंगे और निजी और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को सब्सिडी दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ईवी नीति के लिए ‘ग्रीन फंड’ बनेगा</strong><br />नई नीति को सफल बनाने के लिए सरकार स्टेट ईवी फंड बनाएगी, जिसे ग्रीन लेवी, प्रदूषण सेस और एग्रीगेटर लाइसेंस शुल्क से फंडिंग मिलेगी. इसके अलावा ईवी से जुड़ी नौकरियों और स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाएगा. दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (DSEU) के सहयोग से ईवी मैकेनिक और ड्राइवरों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति क्यों जरूरी?</strong><br />दिल्ली लंबे समय से वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. सरकार ने 2020 में पहली ईवी पॉलिसी लागू की थी, जिसके तहत अब तक हजारों इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है. शहर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ा है. ईवी पॉलिसी 2.0 इस बदलाव को और तेज करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार एक समर्पित ‘दिल्ली क्लीन मोबिलिटी सेंटर’ (DCMC) भी बनाएगी, जो इस नीति के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा और दिल्ली के परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड में बदलने का काम करेगा. सरकार को उम्मीद है कि इस नीति से दिल्ली में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर निर्भरता कम होगी, प्रदूषण घटेगा और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाया जा सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/YofGmvIlljs?si=4EsaXx1QCh-ghnA9″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें -</strong> <a title=”Delhi Traffic Challan: पश्चिमी दिल्ली में दो महीनों में 52 हजार से ज्यादा चालान, किस नियम का सबसे ज्यादा उल्लंघन?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/west-delhi-traffic-challan-news-more-than-52-thousand-challans-in-two-months-which-rule-violated-most-ann-2901435″ target=”_self”>Delhi Traffic Challan: पश्चिमी दिल्ली में दो महीनों में 52 हजार से ज्यादा चालान, किस नियम का सबसे ज्यादा उल्लंघन?</a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi EV Policy 2.0:</strong> देश की राजधानी हर साल दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर होती है. इसे खत्म करने के लिए दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने नए कदम उठाएं हैं. दिल्ली सरकार ने राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी 2.0 की समीक्षा की है. 10 मार्च को हुए इस समीक्षा में परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस नई नीति का लक्ष्य 2027 तक दिल्ली में 95 प्रतिशत नए वाहनों का इलेक्ट्रिक रजिस्ट्रेशन करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार का फोकस राजधानी को ‘ग्रीन ट्रांसपोर्ट हब’ बनाने पर है. इसके तहत सीएनजी (CNG) ऑटो-रिक्शा, टैक्सियों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCV) को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा. सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह इलेक्ट्रिक बनाने के लिए ई-बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में प्रदूषण होगा कम</strong><br />डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा, “दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 से सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाएगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी.” सरकार निजी और वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन योजना लाने की तैयारी कर रही है. पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ई-एलसीवी और ई-ट्रक खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी. इसके अलावा स्क्रैपिंग और रेट्रोफिटिंग प्रोत्साहन भी दिया जाएगा, जिससे पेट्रोल-डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन होंगे अनिवार्य</strong><br />ईवी वाहनों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए सरकार चार्जिंग स्टेशन बनाने पर जोर दे रही है. इसके तहत सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जाएंगे, नए भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन अनिवार्य किए जाएंगे, रिंग रोड और बाहरी रिंग रोड पर फास्ट चार्जिंग कॉरिडोर बनाए जाएंगे और निजी और सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को सब्सिडी दी जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ईवी नीति के लिए ‘ग्रीन फंड’ बनेगा</strong><br />नई नीति को सफल बनाने के लिए सरकार स्टेट ईवी फंड बनाएगी, जिसे ग्रीन लेवी, प्रदूषण सेस और एग्रीगेटर लाइसेंस शुल्क से फंडिंग मिलेगी. इसके अलावा ईवी से जुड़ी नौकरियों और स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाएगा. दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (DSEU) के सहयोग से ईवी मैकेनिक और ड्राइवरों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति क्यों जरूरी?</strong><br />दिल्ली लंबे समय से वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. सरकार ने 2020 में पहली ईवी पॉलिसी लागू की थी, जिसके तहत अब तक हजारों इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ है. शहर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ा है. ईवी पॉलिसी 2.0 इस बदलाव को और तेज करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली सरकार एक समर्पित ‘दिल्ली क्लीन मोबिलिटी सेंटर’ (DCMC) भी बनाएगी, जो इस नीति के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा और दिल्ली के परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड में बदलने का काम करेगा. सरकार को उम्मीद है कि इस नीति से दिल्ली में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर निर्भरता कम होगी, प्रदूषण घटेगा और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाया जा सकेगा.</p>
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