<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा विधानसभा चुनाव के मैदान में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी उतर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी है. उन्होंने मधुसूदन मिस्त्री और अजय माकन समिति के सामने ये बात कही है. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के मुकाबले के तौर पर दीपेंद्र सिंह ने ये दावा ठोका है. इससे जाहिर होता है कि हरियाणा में कांग्रेस का पेंच किस कदर उलझ गया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा विधानसभा चुनाव के मैदान में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी उतर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी है. उन्होंने मधुसूदन मिस्त्री और अजय माकन समिति के सामने ये बात कही है. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के मुकाबले के तौर पर दीपेंद्र सिंह ने ये दावा ठोका है. इससे जाहिर होता है कि हरियाणा में कांग्रेस का पेंच किस कदर उलझ गया है.</p> हरियाणा Moradabad News: नाम बदलकर शादीशुदा युवती से की दोस्ती, दुष्कर्म कर धर्मांतरण का बनाया दबाव, FIR दर्ज
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ABP Live Exclusive: एमपी में पत्रकारों के एग्जिट पोल में BJP और कांग्रेस को कितनी सीटें, कहां-कहां टक्कर? <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Exit Poll 2024: </strong>देश में लोकसभा चुनाव के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है. इस बीच मध्य प्रदेश की 29 सीटों को लेकर एबीपी लाइव डिजिटल के लिए पत्रकारों ने एग्जिट पोल किया है. पत्रकारों के एग्जिट पोल के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. इसमें बीजेपी साल 2014 और 2019 के चुनावों के प्रदर्शन को दोहराती हुई नहीं दिख रही है, वहीं कांग्रेस के खाते में कुछ सीटें जा सकती हैं और कई सीटों पर कांटे की टक्कर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले मध्य प्रदेश में बीजेपी को हल्का झटका लगता सकता है. पत्रकारों के एग्जिट पोल में यहां की 29 में से 2 सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत मिल सकती है. वहीं 7 सीटों पर टक्कर मानी जा रही है. अगर एनडीए की बात करें तो आसानी से 20 सीटें जीत सकती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्रकारों के एग्जिट पोल में किसे कितनी सीटें?</strong></p>
<p><strong>एनडीए- 20</strong></p>
<p><strong>इंडिया- 2</strong></p>
<p><strong>करीबी लड़ाई- 7</strong></p>
<p>एबीपी लाइव डिजिटल के लिए किए गए पत्रकारों के एग्जिट पोल में मुरैना, ग्वालियर, दमोह, राजगढ़, मंदसौर, रतलाम और खरगोन सीट पर कांटे की टक्कर है.</p>
<p>बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश बीजेपी को 27 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थी. वहीं 2019 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में बीजेपी ने 28 और कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी.</p>
<p><strong>एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल में कौन आगे?</strong></p>
<p>इससे पहले एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल में भी मध्य प्रदेश में बीजेपी का दबदबा दिखाई दे रहा है. इसके मुताबिक राज्य और केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी को 26 से 28 सीटें और विपक्षी कांग्रेस को एक से तीन सीटें मिल रही हैं. वहीं वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 54, कांग्रेस को 38 और अन्य को 8 फीसदी मिलने का अनुमान है. </p>
<p><strong>डिस्क्लेमर:</strong> एबीपी लाइव डिजिटल के ये चुनावी आंकड़े राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों के विशेष पैनल के आकलन पर आधारित हैं. इस पैनल में तीन या पांच स्थानीय पत्रकार शामिल रहे. जीत और हार का फैसला पत्रकारों के बहुमत की राय के आधार पर तय किया गया. वहीं पैनल में किसी सीट पर राय पूरी तरह से बंटी हुई रही तो उसे कड़ी टक्कर की श्रेणी में रखा गया.</p>
Natwar Singh Death: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के निधन पर भरतपुर में शोक की लहर, क्या था उनका यहां से नाता?
Natwar Singh Death: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के निधन पर भरतपुर में शोक की लहर, क्या था उनका यहां से नाता? <p style=”text-align: justify;”><strong>Natwar Singh Passes Away:</strong> पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह ने शनिवार (10 अगस्त) देर रात अंतिम सांस ली. कुंवर नटवर सिंह के निधन की खबर मिलते ही पूरे भरतपुर में शोक की लहर दौड़ गई. कुंवर नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1929 को भरतपुर के जघीना गांव में हुआ था. उनका स्वर्गवास 10 अगस्त 2024 को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में हुआ है. दिल्ली में उनके शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. कुंवर नटवर सिंह 95 साल के थे और, कुछ समय पहले से बीमार चल रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कुंवर नटवर सिंह अपने पिता मेजर गोविन्द सिंह और मां प्रयाग कौर के चार बेटों में सबसे छोटे बेटे थे. उनकी पढ़ाई में काफी रूचि थी. उन्होंने सिंधिया स्कूल ग्वालियर, मेयो कॉलेज अजमेर, दिल्ली और केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, चीन में पेकिंग यूनिवर्सिटी में विजिटिंग स्कॉलर रहे. कुंवर नटवर सिंह 1953 में भारतीय विदेश सेवा में चुने गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कुंवर नटवर सिंह 31 साल तक विदेश सेवा में काम किया. वह पहली बार 1984 में भरतपुर से सांसद चुने गए थे . वर्ष 1985 में राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. वर्ष 1984 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. कुंवर नटवर सिंह ने लोकसभा का दूसरा चुनाव मथुरा से लड़ा था, जिसमे उन्हें हार का सामना पड़ा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वर्ष 1985 में बने थे केंद्र में राज्यमंत्री</strong><br />कुंवर नटवर सिंह का राजनीतिक करियर उतार चढ़ाव भरा रहा. कुंवर नटवर सिंह विदेश सेवा से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. 1984 में पहली बार भरतपुर से सांसद बने थे. कुंवर नटवर सिंह केंद्र में राजीव गांधी की सरकार में 1985 में इस्पात ,कोयला खान एवं कृषि राज्य मंत्री का भार सौंपा गया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्ष 1986 में विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था. 1987 में न्यूयॉर्क में निरस्त्रीकरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अध्यक्ष चुने गए. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 42 वें सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया. वर्ष 1989 के लोकसभा आम चुनाव में कुंवर नटवर सिंह उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे जहां उनको हार का सामना करना पड़ा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्ष 2002 में कुंवर नटवर सिंह राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए. कांग्रेस की मनमोहन सिंह की सरकार में वर्ष 2004 में कुंवर नटवर सिंह विदेश मंत्री बनाये गए. वर्ष 2005 में कुंवर नटवर सिंह का आयल फॉर फ़ूड घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें विदेश मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुंवर नटवर सिंह की शादी में इंदिरा गांधी की अहम भूमिका </strong><br />नटवर सिंह की शादी में इंदिरा गांधी की अहम भूमिका रही थी. कुंवर नटवर सिंह की शादी 1967 में पटियाला के अंतिम शासक महाराजा यादविंद्र सिंह की बड़ी बेटी हेमेंद्र कौर से हुई थी. हेमेंद्र कौर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बहन हैं. इस संबंध में इंदिरा गांधी ने अहम भूमिका निभाई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुंवर नटवर सिंह को था किताब पढ़ने का शौक </strong><br />कुंवर नटवर सिंह की अपनी लाइब्रेरी में लगभग 10 हजार से अधिक किताबें हैं. कुंवर नटवर सिंह को पढ़ाई का शौक था. बताया जाता है कि उनकी लाइब्रेरी में 10 हजार से भी ज्यादा किताबें हैं. कुंवर नटवर सिंह शाम को लाइब्रेरी में किताबें पढ़ते थे. कुंवर नटवर सिंह ने महाराजा सूरजमल हिज लाइफ एंड टाइम्स, वन लाइफ इस नॉट इनफ जैसी किताबें लिखी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्ष 2014 में कुंवर नटवर सिंह की वन लाइफ इज नॉट इनफ जारी हुई. इस किताब ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी थी. उनकी यह किताब इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के शासन के दौरान कई संवेदनशील घटनाक्रमों का खुलासा करती है. किताब में नटवर सिंह ने वोल्कर रिपोर्ट और उनके इस्तीफे से पहले की पृष्ठभूमि पर हुए विभिन्न राजनैतिक प्रस्तावों का विवरण लिखा गया था. इस किताब पर सोनिया गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. जिस पर अपनी आपत्ति जताई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जिला कांग्रेस कमेटी ने दी श्रद्धांजलि </strong><br />पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह के निधन पर जिला कांग्रेस कमेटी एवं शहर कमेटी के पदाधिकारियों ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए पार्टी की ओर से उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मौके पर ये लोग रहे मौजूद </strong><br />इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश सूपा ने कहा कि भरतपुर के जघीना गांव में जन्मे कुंवर नटवर सिंह के निधन से केवल भरतपुर के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए भारी छति हुई है. नटवर सिंह जी विदेश नीति एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ माने जाते थे. भरतपुर के विकास में भी नटवर सिंह का विशेष योगदान रहा है. श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से सांसद संजना जाटव, नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार, साहब सिंह एडवोकेट, चुन्नी कप्तान,सतीश सोगरवाल,शहर अध्यक्ष दयाचंद पचौरी, दीनदयाल जाटव,हरस्वरूप सरपंच, जगदीश बंजी,</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा योगेश सिंघल, श्रीचंद गॉड, ज्ञानेश शर्मा, मनोज शर्मा, रामेश्वर सैनी, श्रीभगवान कटारा, गंगाराम पाराशर, राजीव कुम्हेर, अशोक तांबी, पार्षद मुकेश पप्पू, राकेश पठानिया, रेनू गोरावर, चंद्रभान फौजदार, दीपेंद्र बुरावई, अजयपाल दारापुरिया, सौरभ सोलंकी, हरिमोहन शर्मा, प्रेम शर्मा, प्रेमसिंह प्रजापत, उपेंद्र चंदेला, दामोदर डागुर, बृजभूषण जाटव, श्याम सिंह गुर्जर, सुखदेव चौधरी, नदीम मालिक, शहीद खान, अवधेश शर्मा आदि शामिल थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”अवैध संबंध में रोड़ा बने पति को ठिकाने लगाने की पत्नी ने रची थी साजिश, ढाई महीने बाद हुआ पर्दाफाश” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/dausa-police-busted-blind-murder-case-where-woman-killed-husband-in-extra-marital-affair-case-ann-2758222″ target=”_self”>अवैध संबंध में रोड़ा बने पति को ठिकाने लगाने की पत्नी ने रची थी साजिश, ढाई महीने बाद हुआ पर्दाफाश</a></strong></p>
UP Politics: उपचुनाव के लिए BJP से कितनी सीटों की डिमांड रखेगी RLD? पार्टी ने खोले पत्ते
UP Politics: उपचुनाव के लिए BJP से कितनी सीटों की डिमांड रखेगी RLD? पार्टी ने खोले पत्ते <p style=”text-align: justify;”><strong>UP ByPolls 2024:</strong> उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों में राज्य की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के ऐलान की संभावना है. इस ऐलान से पहले एक बार फिर गठबंधन दलों के बीच सीटों के बंटवारे के लिए कयासों का दौर तेज हो गया है. कुछ मीडिया रिपोर्टस की मानें तो आरएलडी इस उपचुनाव में राज्य की दस सीटों में से तीन सीटों के लिए अपना दावा कर सकती है. इसपर आरएलडी नेताओं की प्रतिक्रिया भी आई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों की मानें तो पश्चिमी यूपी की मीरापुर विधानसभा सीट पर आरएलडी का दावा पुख्ता लगता है. मीरापुर से आरएलडी के एमएलए चंदन चौहान अब सांसद बन गए हैं बीते <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में उन्होंने जीत दर्ज की है. अब इस सीट पर उपचुनाव होना तय है ऐसे में आरएलडी का इस सीट पर मजबूत दावा है. आरएलडी को इस उपचुनाव में दस में से कितनी सीटें मिलेंगी, इसपर राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने जवाब दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-weather-update-weather-department-release-rain-alert-ann-2737771″>Uttarakhand News: उत्तराखंड में मौसम को लेकर अलर्ट जारी, इन जिलों बारिश का अनुमान</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले RLD नेता?</strong><br />त्रिलोक त्यागी ने अपने बयान में कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. अभी चुनाव आने दीजिए, हम बैठकर बात कर लेंगे. वहीं पूर्व एलएलए और पश्चिमी यूपी के चुनाव संजोयक वीरपाल राठी का कहना है कि कितनी सीटों पर लड़ेंगे और कहां लड़ेंगे, इसपर तस्वीर साफ होने में अभी वक्त लगेगा. कोई दावा नहीं ठोका जा रहा है. जयंत चौधरी आगे फैसला लेंगे और जहां लड़ना होगा वहां चुनाव लड़ेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी के कई विधायकों ने जीत दर्ज की और सांसद चुने गए. इसके बाद इन सभी विधायकों ने अपनी-अपनी विधायक की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद राज्य की दस सीटें खाली हुई है. इन दस सीटों पर अगले कुछ दिनों में उपचुनाव का ऐलान होने की संभावना है. ऐसे में अब उपचुनाव के पहले सीटों के बंटवारे को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है.</p>