<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच भारतीय सेना के शहीद और मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित नायक दिलावर खान के पिता करमदीन ने केंद्र सरकार से इमोशनल अपील की है. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के निवासी करमदीन ने केंद्र सरकार से कहा है कि ‘<a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a>’ को तब तक जारी रखा जाए, जब तक सभी आतंकवादी ठिकाने नष्ट नहीं हो जाते.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शहीद दिलावर खान के पिता करमदीन ने शनिवार (10 मई) को कहा, “वह भारतीय सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार से बहुत खुश हैं, जिन्होंने पहलगाम हमले के बाद आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पाकिस्तान के खिलाफ सेना की कार्रवाई से गुस्सा हुआ शांत’ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के घरवासड़ा गांव के निवासी करमदीन ने कहा, “22 अप्रैल के हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई से देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के परिजनों का गुस्सा शांत हुआ है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घायल होने पर भी आतंकवादी को किया था ढेर </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, दिलावर खान 23 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब घाटी में आतंकियों के खिलाफ जारी एक तलाशी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे. 28 साल के नायक दिलावर खान घायल होने के बावजूद एक आतंकवादी को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. इस मुठभेड़ में वह अपनी जान गंवाने से पहले अपने साथी जवानों की जान बचाने में कामयाब हुए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नायक दिलावर खान के इस योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च शांति कालीन वीरता पुरस्कारों में से एक कीर्ति चक्र से राष्ट्रपति <a title=”द्रौपदी मुर्मू” href=”https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu” data-type=”interlinkingkeywords”>द्रौपदी मुर्मू</a> ने सम्मानित किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 28 राष्ट्रीय राइफल्स/आर्टिलरी के जवान दिलावर खान 2024 में कुपवाड़ा मुठभेड़ (जम्मू और कश्मीर) में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था. इस वीरतापूर्ण कार्रवाई के दौरान नायक दिलवर खान गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बावजूद चोटों से परवाह किए बगैर उन्होंने आतंकवादी को जाने नहीं दिया. उन्होंने आतंकवादी को नजदीक से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. फिर अपने घावों के कारण दम तोड़ दिया. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच भारतीय सेना के शहीद और मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित नायक दिलावर खान के पिता करमदीन ने केंद्र सरकार से इमोशनल अपील की है. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के निवासी करमदीन ने केंद्र सरकार से कहा है कि ‘<a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a>’ को तब तक जारी रखा जाए, जब तक सभी आतंकवादी ठिकाने नष्ट नहीं हो जाते.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शहीद दिलावर खान के पिता करमदीन ने शनिवार (10 मई) को कहा, “वह भारतीय सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार से बहुत खुश हैं, जिन्होंने पहलगाम हमले के बाद आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पाकिस्तान के खिलाफ सेना की कार्रवाई से गुस्सा हुआ शांत’ </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के घरवासड़ा गांव के निवासी करमदीन ने कहा, “22 अप्रैल के हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई से देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के परिजनों का गुस्सा शांत हुआ है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घायल होने पर भी आतंकवादी को किया था ढेर </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, दिलावर खान 23 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब घाटी में आतंकियों के खिलाफ जारी एक तलाशी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे. 28 साल के नायक दिलावर खान घायल होने के बावजूद एक आतंकवादी को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. इस मुठभेड़ में वह अपनी जान गंवाने से पहले अपने साथी जवानों की जान बचाने में कामयाब हुए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नायक दिलावर खान के इस योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च शांति कालीन वीरता पुरस्कारों में से एक कीर्ति चक्र से राष्ट्रपति <a title=”द्रौपदी मुर्मू” href=”https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu” data-type=”interlinkingkeywords”>द्रौपदी मुर्मू</a> ने सम्मानित किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 28 राष्ट्रीय राइफल्स/आर्टिलरी के जवान दिलावर खान 2024 में कुपवाड़ा मुठभेड़ (जम्मू और कश्मीर) में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था. इस वीरतापूर्ण कार्रवाई के दौरान नायक दिलवर खान गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बावजूद चोटों से परवाह किए बगैर उन्होंने आतंकवादी को जाने नहीं दिया. उन्होंने आतंकवादी को नजदीक से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. फिर अपने घावों के कारण दम तोड़ दिया. </p> हिमाचल प्रदेश देश के लिए शहीद हो गए छपरा के रहने वाले BSF के जवान मोहम्मद इम्तियाज, घर पर मातम
Himachal: ‘आतंकवादी ठिकाने नष्ट होने तक चले ऑपरेशन सिंदूर’, शहीद दिलावर खान के पिता की केंद्र से बड़ी अपील
