<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल यूनिवर्सिटी में दिव्यांग छात्रा के साथ नाइंसाफी का एक मामला सामने आया है. जहां हिमाचल प्रदेश एक तरफ दिव्यांगों छात्र और छात्राओं को पीएचडी तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करवाकर देशभर के लिए उदाहरण स्थापित कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो इन दिव्यांग छात्र और छात्राओं को मानसिक आघात पहुंचाने में लगे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग में पीएचडी की स्कॉलर मीनू चंदेल ने परीक्षा में नियमों के मुताबिक एक घंटे का अतिरिक्त वक्त मांगा, लेकिन उन्हें यह वक्त नहीं दिया गया. मीनू चंदेल दिव्यांग हैं और यूनिवर्सिटी में स्कॉलर के तौर पर पढ़ाई कर रही हैं. इसकी शिकायत उन्होंने अब हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल से की है. शिकायत में मीनू चंदेल ने कहा है कि इसकी वजह से उनकी परीक्षा पर असर हुआ है और उन्हें मानसिक आघात भी पहुंचा है. उन्होंने संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग की मीनू चंदेल ने कुलपति को भेजी शिकायत में कहा है कि परीक्षा केंद्र अधीक्षक का कहना था कि जिन विद्यार्थियों को राइटर इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाती है, उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता. डिसेबल्ड स्टूडेंट एंड यूथ एसोसिएशन (DSYA) के संयोजक मुकेश कुमार के अनुसार यह यूजीसी, हिमाचल प्रदेश सरकार और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले का खुला उल्लंघन है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नियमों के मुताबिक, दृष्टिबाधित और किसी दिव्यांगता की वजह से लिखने में असमर्थ विद्यार्थियों को परीक्षा में लिखने के लिए राइटर की सुविधा दी जाती है. इसके अलावा उन्हें हर एक घंटे की परीक्षा पर 20 मिनट का अतिरिक्त समय मिलना चाहिए. परीक्षा में यह अतिरिक्त समय उन्हें दिया जाता है, जो राइटर की सुविधा नहीं लेते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>VC को शिकायत के बाद कार्रवाई का इंतजार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डिसेबल्ड स्टूडेंट एंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक और यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग में पीएचडी स्कॉलर मुकेश कुमार ने एबीपी न्यूज को बताया कि मीनू चंदेल की कोर्स वर्क की परीक्षा 24 दिसंबर और 26 दिसंबर को यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल में शाम दो बजे से शाम बजे तक थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने मीनू के विनम्र आग्रह के बावजूद यूजीसी और यूनिवर्सिटी के नियमों के तहत तीन घंटे की परीक्षा पर एक घंटे का अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया. अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया बने हिमाचल हाईकोर्ट के CJ, राजभवन में राज्यपाल ने दिलवाई शपथ” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/justice-gurmeet-singh-sandhawalia-becomes-himachal-high-court-chief-justice-takes-oath-at-raj-bhavan-ann-2852158″ target=”_self”>न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया बने हिमाचल हाईकोर्ट के CJ, राजभवन में राज्यपाल ने दिलवाई शपथ</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल यूनिवर्सिटी में दिव्यांग छात्रा के साथ नाइंसाफी का एक मामला सामने आया है. जहां हिमाचल प्रदेश एक तरफ दिव्यांगों छात्र और छात्राओं को पीएचडी तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करवाकर देशभर के लिए उदाहरण स्थापित कर रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो इन दिव्यांग छात्र और छात्राओं को मानसिक आघात पहुंचाने में लगे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग में पीएचडी की स्कॉलर मीनू चंदेल ने परीक्षा में नियमों के मुताबिक एक घंटे का अतिरिक्त वक्त मांगा, लेकिन उन्हें यह वक्त नहीं दिया गया. मीनू चंदेल दिव्यांग हैं और यूनिवर्सिटी में स्कॉलर के तौर पर पढ़ाई कर रही हैं. इसकी शिकायत उन्होंने अब हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल से की है. शिकायत में मीनू चंदेल ने कहा है कि इसकी वजह से उनकी परीक्षा पर असर हुआ है और उन्हें मानसिक आघात भी पहुंचा है. उन्होंने संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग की मीनू चंदेल ने कुलपति को भेजी शिकायत में कहा है कि परीक्षा केंद्र अधीक्षक का कहना था कि जिन विद्यार्थियों को राइटर इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाती है, उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता. डिसेबल्ड स्टूडेंट एंड यूथ एसोसिएशन (DSYA) के संयोजक मुकेश कुमार के अनुसार यह यूजीसी, हिमाचल प्रदेश सरकार और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले का खुला उल्लंघन है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नियमों के मुताबिक, दृष्टिबाधित और किसी दिव्यांगता की वजह से लिखने में असमर्थ विद्यार्थियों को परीक्षा में लिखने के लिए राइटर की सुविधा दी जाती है. इसके अलावा उन्हें हर एक घंटे की परीक्षा पर 20 मिनट का अतिरिक्त समय मिलना चाहिए. परीक्षा में यह अतिरिक्त समय उन्हें दिया जाता है, जो राइटर की सुविधा नहीं लेते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>VC को शिकायत के बाद कार्रवाई का इंतजार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>डिसेबल्ड स्टूडेंट एंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक और यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग में पीएचडी स्कॉलर मुकेश कुमार ने एबीपी न्यूज को बताया कि मीनू चंदेल की कोर्स वर्क की परीक्षा 24 दिसंबर और 26 दिसंबर को यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल में शाम दो बजे से शाम बजे तक थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने मीनू के विनम्र आग्रह के बावजूद यूजीसी और यूनिवर्सिटी के नियमों के तहत तीन घंटे की परीक्षा पर एक घंटे का अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया. अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया बने हिमाचल हाईकोर्ट के CJ, राजभवन में राज्यपाल ने दिलवाई शपथ” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/justice-gurmeet-singh-sandhawalia-becomes-himachal-high-court-chief-justice-takes-oath-at-raj-bhavan-ann-2852158″ target=”_self”>न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया बने हिमाचल हाईकोर्ट के CJ, राजभवन में राज्यपाल ने दिलवाई शपथ</a></strong></p> हिमाचल प्रदेश अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए मनीष सिसोदिया ने जारी किया शिक्षा का घोषणापत्र, बच्चों से किया यह वादा