हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) के चुनाव अगले साल 2024 की शुरुआत जनवरी में होने की उम्मीद है। चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए सिख समुदाय के नेताओं ने चुनावों की तैयारी शुरू कर दी हैं। उन्होंने अपने-अपने समूहों के लिए उम्मीदवारों को खड़े करने की तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में सिख समुदाय के नेताओं ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा गुरुद्वारा चुनाव आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएस भल्ला (रिटायर) के साथ बैठक की और जल्द चुनाव कराने की मांग की थी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को बताया गया है, चुनाव जनवरी में हो सकते हैं। पिछले एचएसजीएमसी (तदर्थ) का कार्यकाल मई में पूरा हो गया था और समुदाय के नेता चुनाव की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने 14 अगस्त को हरियाणा में गुरुद्वारों की सभी संपत्तियों का प्रबंधन, पर्यवेक्षण और नियंत्रण करने के लिए तदर्थ एचएसजीएमसी के 41 सदस्यीय नए सदन को नामित किया। 40 वार्डों में होने हैं चुनाव एचएसजीएमसी (एडहॉक) के पूर्व प्रमुख जगदीश सिंह झींडा का कहना है, “हमने पंथिक दल झींडा ग्रुप के बैनर तले राज्य के सभी 40 वार्डों में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जिसके लिए हमने जिताऊ उम्मीदवारों के नाम जुटाना शुरू कर दिया है। चुनावों में ग्रुप की स्थिति मजबूत करने के लिए हमने जिलेवार बैठकें और वार्ड प्रभारियों और पदाधिकारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। हमने न्यायमूर्ति एचएस भल्ला (सेवानिवृत्त) से मुलाकात की और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और केवल चुनाव की तारीख की घोषणा की जानी है। दिसंबर में चुनावों की घोषणा संभव झींडा का कहना है, वोट तैयार करने में विसंगतियों को भी उजागर किया है और मांग की है कि केवल योग्य सिख व्यक्तियों को ही वोट बनवाने की अनुमति दी जानी चाहिए। बड़ी संख्या में सिखों ने अभी तक अपने वोट नहीं बनवाए हैं, हम उनसे जल्द से जल्द वोट बनवाने की अपील करते हैं। राज्य सरकार को दिसंबर तक चुनावों की घोषणा करनी चाहिए और जनवरी में उन्हें आयोजित करना चाहिए ताकि निर्वाचित सदस्यों को समिति के मामलों का प्रबंधन करने का अवसर मिल सके तैयारियों में जुटे सिख नेता सिख समाज संस्था के अध्यक्ष दीदार सिंह नलवी ने कहा, हमने चुनाव लड़ने के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक हमने 28 उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है और शेष 12 उम्मीदवारों का चयन जल्द ही किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि सरकार पारदर्शी तरीके से चुनाव कराएगी। “उन्होंने कहा, “वर्ष 2014 से समिति का संचालन सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जा रहा है और कामकाज संतोषजनक नहीं रहा है, जिसके कारण लोगों में वोट बनवाने में उत्साह की कमी है। हम सभी योग्य सिख समुदाय के सदस्यों से अपील करते हैं कि वे अपने वोट बनवाएं और चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। जल्द चुनाव कराना चाहते हैं सिख नेता हरियाणा सिख एकता दल के सदस्य अमरजीत सिंह मोहरी, जिन्होंने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की, ने कहा, “हरियाणा सिख एकता दल का मुख्य उद्देश्य हरियाणा समिति के चुनाव जल्द से जल्द करवाना है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जनवरी में चुनाव करवाए जाएंगे, हालांकि अभी तक कोई अंतिम तिथि घोषित नहीं की गई है। हम इस संबंध में एक बैठक आयोजित करने की योजना बना रहे हैं ताकि भविष्य की कार्रवाई तय की जा सके। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) के चुनाव अगले साल 2024 की शुरुआत जनवरी में होने की उम्मीद है। चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए सिख समुदाय के नेताओं ने चुनावों की तैयारी शुरू कर दी हैं। उन्होंने अपने-अपने समूहों के लिए उम्मीदवारों को खड़े करने की तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में सिख समुदाय के नेताओं ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा गुरुद्वारा चुनाव आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएस भल्ला (रिटायर) के साथ बैठक की और जल्द चुनाव कराने की मांग की थी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को बताया गया है, चुनाव जनवरी में हो सकते हैं। पिछले एचएसजीएमसी (तदर्थ) का कार्यकाल मई में पूरा हो गया था और समुदाय के नेता चुनाव की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने 14 अगस्त को हरियाणा में गुरुद्वारों की सभी संपत्तियों का प्रबंधन, पर्यवेक्षण और नियंत्रण करने के लिए तदर्थ एचएसजीएमसी के 41 सदस्यीय नए सदन को नामित किया। 40 वार्डों में होने हैं चुनाव एचएसजीएमसी (एडहॉक) के पूर्व प्रमुख जगदीश सिंह झींडा का कहना है, “हमने पंथिक दल झींडा ग्रुप के बैनर तले राज्य के सभी 40 वार्डों में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जिसके लिए हमने जिताऊ उम्मीदवारों के नाम जुटाना शुरू कर दिया है। चुनावों में ग्रुप की स्थिति मजबूत करने के लिए हमने जिलेवार बैठकें और वार्ड प्रभारियों और पदाधिकारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। हमने न्यायमूर्ति एचएस भल्ला (सेवानिवृत्त) से मुलाकात की और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और केवल चुनाव की तारीख की घोषणा की जानी है। दिसंबर में चुनावों की घोषणा संभव झींडा का कहना है, वोट तैयार करने में विसंगतियों को भी उजागर किया है और मांग की है कि केवल योग्य सिख व्यक्तियों को ही वोट बनवाने की अनुमति दी जानी चाहिए। बड़ी संख्या में सिखों ने अभी तक अपने वोट नहीं बनवाए हैं, हम उनसे जल्द से जल्द वोट बनवाने की अपील करते हैं। राज्य सरकार को दिसंबर तक चुनावों की घोषणा करनी चाहिए और जनवरी में उन्हें आयोजित करना चाहिए ताकि निर्वाचित सदस्यों को समिति के मामलों का प्रबंधन करने का अवसर मिल सके तैयारियों में जुटे सिख नेता सिख समाज संस्था के अध्यक्ष दीदार सिंह नलवी ने कहा, हमने चुनाव लड़ने के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक हमने 28 उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है और शेष 12 उम्मीदवारों का चयन जल्द ही किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि सरकार पारदर्शी तरीके से चुनाव कराएगी। “उन्होंने कहा, “वर्ष 2014 से समिति का संचालन सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों द्वारा किया जा रहा है और कामकाज संतोषजनक नहीं रहा है, जिसके कारण लोगों में वोट बनवाने में उत्साह की कमी है। हम सभी योग्य सिख समुदाय के सदस्यों से अपील करते हैं कि वे अपने वोट बनवाएं और चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। जल्द चुनाव कराना चाहते हैं सिख नेता हरियाणा सिख एकता दल के सदस्य अमरजीत सिंह मोहरी, जिन्होंने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की, ने कहा, “हरियाणा सिख एकता दल का मुख्य उद्देश्य हरियाणा समिति के चुनाव जल्द से जल्द करवाना है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जनवरी में चुनाव करवाए जाएंगे, हालांकि अभी तक कोई अंतिम तिथि घोषित नहीं की गई है। हम इस संबंध में एक बैठक आयोजित करने की योजना बना रहे हैं ताकि भविष्य की कार्रवाई तय की जा सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में बोले CM- पहलवानों के सहारे चुनाव में कांग्रेस:विनेश फोगाट को राज्यसभा भेजने के बयान पर पलटवार, कहा- ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए रविवार देर रात करनाल के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस पहुंचे सीएम नायब सैनी ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कुछ दिन पहले पहलवान विनेश फोगाट को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये लोग झूठ का सहारा इसलिए ले रहे हैं, क्योंकि इनकी राजनीतिक दुकान बंद हो गई है। अब ये संविधान खत्म होने जैसी अफवाह फैला रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। इनके पास अब जनता का समर्थन नहीं बचा है। इसलिए ये अब पहलवानों का सहारा ले रहे हैं। चंडीगढ़ जाते समय कार्यकर्ताओं से की मुलाकात आपको बता दें कि रविवार देर रात 9:30 बजे सीएम नायब सैनी पानीपत से चंडीगढ़ जाते समय करनाल के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने करीब 1 घंटे तक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की। टिकट वितरण पर दिया ये जवाब टिकट वितरण पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बार निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं की राय ली जाती है। उनकी राय से सही फीडबैक मिलता है और फिर सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं। जिसका नाम कार्यकर्ता सुझाते हैं, उसे टिकट देकर मैदान में उतारा जाता है। करनाल विधानसभा से किसकी राय आई है, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। कार्यकर्ताओं की राय का पालन किया जाएगा। विपक्ष द्वारा घोषणाई मुख्यमंत्री के कहने पर किया पलटवार मुख्यमंत्री को विपक्ष द्वारा घोषणाई मुख्यमंत्री कहे जाने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष ने कभी इस तरह के काम नहीं किए, इसलिए उन्हें हमारी घोषणाएं अजीब लगती हैं। हम अपनी घोषणाओं को एक्ट बनाकर कैबिनेट से पास कर रहे हैं, ताकि वे कानूनी चुनौती से बच सकें।हमने 1.20 लाख युवाओं को सुरक्षित रोजगार देने का काम किया है, जबकि कांग्रेस के समय में भर्तियां पर्ची पर होती थीं और बाद में कोर्ट में चैलेंज हो जाती थी। सरकार से बढ़ी लोगों की अपेक्षाएं हरियाणा में कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि बीजेपी में काम हो रहे हैं। फिरौती मांगने वाले गैंगों पर सख्त रुख अपनाते हुए सीएम ने कहा कि सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और प्रदेश का माहौल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
रेसलर साक्षी मलिक बोलीं- ट्यूशन टीचर ने छेड़छाड़ की:विनेश-बजरंग के ट्रायल छूट लेने से आंदोलन कमजोर हुआ, करीबियों ने लालच भरा
रेसलर साक्षी मलिक बोलीं- ट्यूशन टीचर ने छेड़छाड़ की:विनेश-बजरंग के ट्रायल छूट लेने से आंदोलन कमजोर हुआ, करीबियों ने लालच भरा हरियाणा की रेसलर साक्षी मलिक की आत्मकथा ‘विटनेस’ लॉन्च हो गई है। इसमें साक्षी मलिक ने अपने बचपन, रेसलिंग में जाने और पहलवानों के सेक्शुअल हैरेसमेंट को लेकर बात की है। साक्षी ने कहा कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने से उनके आंदोलन की छवि प्रभावित हुई। उनके फैसले से इंसाफ की लड़ाई स्वार्थ की दिखने लगी। साक्षी ने यह भी दावा किया कि बजरंग और विनेश के करीबियों ने उनके दिमाग में लालच भरा। जिससे उनके प्रदर्शन में भी दरार आने लगी। 2023 के इन एशियाई खेलों में विनेश चोटिल होने की वजह से हिस्सा नहीं ले सकी। साक्षी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था जबकि बजरंग पूनिया मुकाबला हार गए थे। साक्षी ने यह भी दावा किया कि बचपन में टीचर ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी लेकिन वह किसी को बता नहीं पाई। साक्षी ने विनेश के पेरिस ओलिंपिक से बाहर होने पर कहा कि 100 ग्राम तो क्या 10 ग्राम ज्यादा होने पर भी युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) का नियम परमिशन नहीं देता। मैं उस वक्त वहां नहीं थी लेकिन 100 ग्राम वजन घटाना बहुत मुश्किल होता है। बता दें कि विनेश और बजरंग सितंबर महीने के शुरू में हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। विनेश जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन गईं हैं। वहीं बजरंग पूनिया को कांग्रेस ने ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वाइस चेयरमैन बनाया है। साक्षी मलिक ने किताब में किए खुलासे 1. बचपन में ट्यूशन टीचर ने छेड़छाड़ की, मैं डरी रहती थी
साक्षी ने कहा- बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक ने मुझसे छेड़छाड़ की। मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी। मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला टीचर मुझे प्रताड़ित करता। वह मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता। मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने के लिए डरी रहती लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी।” 2.रेसलिंग के आगे कुछ नहीं दिखता था
साक्षी ने कहा शुरुआत में धीरे-धीरे जब अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेलने शुरू किए तो मेरी रुचि बढ़नी आरंभ हुई। मेरा रेसलिंग के प्रति बहुत ज्यादा प्यार बढ़ गया था। रेसलिंग के अलावा कुछ नहीं दिखता था। उस समय लक्ष्य निर्धारित किया था कि मुझे भी ओलिंपिक में जाना है और देश के लिए मेडल जीतना है। जब हमारे देश का राष्ट्रीय गान दूसरे देश में बजता है तो उसकी फीलिंग ही बहुत अलग होती है, उसके आगे सब बेकार लगता है। 3. विनेश-बजरंग की तरह मैंने ट्रायल छूट का फैसला नहीं लिया
साक्षी ने कहा- विनेश-बजरंग के साथ भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ आंदोलन किया। यह मामला अब कोर्ट में चल रहा है। WFI के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया। जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी, लेकिन मैंने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया। 4. विनेश-बजरंग ट्रायल छूट की बात करने लगे
साक्षी ने उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया, जिन्होंने बजरंग और विनेश को प्रभावित किया। साक्षी ने लिखा “पहले की तरह स्वार्थी सोच फिर से हावी होने लगी। बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू कर दिया। वे खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट लेने की बात करने लगे।” 5. बजरंग-विनेश के फैसले से लोगों ने सोचा, स्वार्थ के लिए विरोध किया
साक्षी ने कहा कि बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने का अच्छा असर नहीं पड़ा। इससे हमारे विरोध प्रदर्शन की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए, जिसमें कई समर्थकों ने यह सोचना शुरू कर दिया कि हम अपने स्वार्थ के लिए यह विरोध कर रहे हैं।’ 6.अब सेक्शुअल हैरेसमेंट करने वाला 100 बार सोचेगा
साक्षी मलिक ने कहा कि इतना हमने जरूर कर दिया कि अगर कोई सेक्शुअल हैरेसमेंट करेगा तो 100 बार सोचेगा कि कहीं ये भी जाकर आंदोलन ना कर दे। हमारी लड़ाई बहन बेटियों के लिए थी। इस चीज को खत्म करने के लिए थी जो स्पोर्ट्स में सेक्शुअल हैरेसमेंट होता है। 7. मुझे वहां जाकर पता लगा, प्रोटेस्ट करने वाले हैं
पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर साक्षी मलिक ने कहा कि प्रोटेस्ट से 3-4 दिन पहले हमारी एक जगह मीटिंग हुई थी। तब मुझे बबीता फोगाट का फोन आया था कि क्या मैं आ रही हूं। मैंने बजरंग को फोन किया तो बजरंग ने कहा कि मैं भी जा रहा हूं, तू भी आ जा। तब हमें पता चला कि हम ऐसे प्रोटेस्ट करने वाले हैं और इसकी परमिशन बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने दिलाई थी। वह चाहते थे कि बृजभूषण हटे और हम में से कोई वहां बैठ जाए। हम लड़कियों को इंसाफ मिलने की बात से खुश थे। आंदोलन का दोनों ने मिलकर लिया था फैसला
साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि साक्षी का व्यवहार सहज है। आंदोलन के लिए डिसाइड करते समय यह मन में जरूर था कि हम बहुत बड़ी लड़ाई में कूद रहे हैं। साक्षी का स्वभाव नर्म है और भावुक भी जल्दी हो जाती है। सच्चाई को अधिक तवज्जो देती हैं। दोनों के यही विचार थे कि जो हमने झेला है, वह आने वाली पीढ़ी और आने वाली बच्चियां उस स्टेज से न गुजरें। साक्षी ने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट शेयर कर कहा कि इतने मान-सम्मान और देश के लिए इतना किया, उसका फायदा क्या, जब कोई हमारी बात ही नहीं सुन रहा है। साक्षी ने पहलवान आंदोलन पर कहा कि मैंने तय किया है कि चाहे इसके लिए उनका करियर खत्म हो या फिर जॉब छूट जाए। चाहे कुछ भी हो जाए, हम अपनी बहन-बेटियों की लड़ाई जरूर लड़ेंगे। साक्षी मलिक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें हरियाणा की साक्षी मलिक टाइम टॉप 100 लिस्ट में:जहाज में बैठने के लिए रेसलर बनीं; BJP सांसद के खिलाफ आंदोलन किया, कुश्ती छोड़ी अमेरिका की टाइम मैगजीन ने हरियाणा की ओलिंपियन पहलवान साक्षी मलिक को आइकॉन की लिस्ट में प्रभावशाली हस्ती माना है। मैगजीन ने टॉप 100 हस्तियों के नामों की घोषणा की है। मैगजीन में नाम पाने वाली हरियाणा की इकलौती पहलवान साक्षी मलिक है (पूरी खबर पढ़ें)
झज्जर में हादसे में होटल मैनेजर की मौत:बाइक के सामने पशु आने से गिरा; परिवार में इकलौता कमाने वाला था
झज्जर में हादसे में होटल मैनेजर की मौत:बाइक के सामने पशु आने से गिरा; परिवार में इकलौता कमाने वाला था हरियाणा के झज्जर में कोसली रोड पर मोटरसाइकिल के सामने आवारा पशु आने से हुए सड़क हादसे में एक युवक की मौत हुई है l सड़क हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भिजवाया गया। जानकारी अनुसार मृतक की पहचान परविंदर पुत्र जलबीर निवासी गांव सुरेहती जिला झज्जर के रूप में की गई है l वह शादीशुदा था। उसका एक 2 साल का बेटा है। वह परिवार में इकलौता कमाने वाला था। फिलहाल झज्जर शहर के महाराजा होटल में मैनेजर का काम करता था। बताया गया है कि रविवार शाम को ड्यूटी खत्म करके परविंदर अपनी बाइक पर गांव सुरेहती जा रहा था। झज्जर कोसली रोड पर स्थित एचपी गैस गोदाम के पास पहुंचा तो अचानक मोटरसाइकिल के सामने एक पशु आ गया। वह बाइक समेत रोड पर गिर गया। उसे हादसे में गंभीर चोटें लगी ओर उसकी मौत हो गई। झज्जर सिटी थाने से के एएसआई राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि झज्जर कोसली रोड पर हादसा हुआ है। इसमें मोटरसाइकिल सवार की मौत हुई है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और छानबीन की। उसके ताऊ के बयान पर कार्रवाई करते हुए मृतक का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद शव परिजनों के हवाले किया गया है l