वाराणसी के चर्चित IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के दो आरोपियों को हाईकोर्ट ने राहत दे दी। कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को हाईकोर्ट के सशर्त जमानत दी है। वहीं सक्षम पटेल की जमानत अस्वीकार कर दी। उसकी जमानत याचिका पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों को जिला जेल से रिहाई मिल गई। परिजन दोनों को लेकर घर पहुंचे तो गली में ही फूल माला से स्वागत किया। गैंग रेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे और सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। इस हाई प्रोफाइल केस में वाराणसी पुलिस ने 17 जनवरी को गैंगरेप की चार्जशीट दाखिल की थी। लंका पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर कायम कर दिया था। गैंगस्टर केस दर्ज होने के बाद लगातार उनकी जमानत याचिका खारिज हो रही थी। तीनों आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल को घटना के 60 दिन बाद लंका क्षेत्र से 30 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। जज ने 31 दिसंबर 2023 से तीनों आरोपी न्यायिक रिमांड पर जिला जेल में बंद थे। उन्हें जघन्य वारदातों में शामिल आरोपियों की बैरक में रखा गया था। पुलिस चार्जशीट में तीनों आरोपियों के रूट चार्ट, CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया गया था। इसके साथ ही पीड़ित छात्रा, उसके दोस्त और एक गार्ड के बयान को भी आरोपियों के खिलाफ आधार बनाया है। वॉट्सऐप चैट को भी कोर्ट में पेश कर, जब्त बुलेट का भी जिक्र किया गया। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि तीनों पेशेवर अपराधी हैं, जनता के बीच तीनों को जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। अभियोजन की लचर पैरवी पर मिली दोनों को जमानत, 29 अगस्त को रिहाई
IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के आनंद उर्फ अभिषेक चौहान ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई लेकिन तारीख बढ़ गई। पारिवारीजनों की बीमारी समेत कई कारण बताने पर कोर्ट ने 2 जुलाई को जमानत याचिका का संज्ञान लिया। अभियोजन की लचर पैरवी के बीच कोर्ट ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली लेकिन जमानत में कई शर्ते लगा दी। इन शर्तों को एक-एक लाख के दो जमानतदारों का वैरिफिकेशन में कई दिन का समय लग गया। इसके चलते आनंद की रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। उधर, आनंद को जमानत मिलने के बाद दूसरे आरोपी कुणाल पांडे ने 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली लेकिन जमानत की शर्तों के बीच उसकी रिहाई 29 को हो सकी। वाराणसी कोर्ट ने खारिज कर दी थी तीनों की याचिका
ADGC मनोज गुप्ता ने बताया कि IIT-BHU गैंगरेप के तीनों आरोपियों की सुनवाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट (पाक्सो) में चल रही है। जुलाई में तीनों आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। अभियोजन के विरोध पर तीनों आरोपियों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह पहली बार नहीं था बल्कि इससे पहले दो बार कोर्ट उनकी याचिका खारिज कर चुका था। आरोपियों के खिलाफ केस और पुलिस की चार्जशीट ही मजबूत थी। याचिका खारिज होने के बाद सभी ने हाईकोर्ट की शरण ली, जहां से दो को जमानत मिल गई। 22 अगस्त को रेप पीड़िता ने कोर्ट में दर्ज कराया बयान
अभियोजन के अधिवक्ता ने बताया कि एफटीसी कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई को तेज कर दिया है। केस में सबसे पहले दुष्कर्म पीड़िता को कोर्ट ने 22 अगस्त को तलब किया था, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में पीड़ित को FTC कोर्ट में पेश किया गया था। बीएचयू की वारदात को पीड़िता ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद से कई तरह से दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। आरोपियों के खिलाफ अब तक दो चार्जशीट दाखिलद्य
IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक दो चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पहली चार्जशीट 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गई। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर कायम किया, जिसमें भी अगले सप्ताह ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। लंका थाने में दर्ज किए गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया है। वहीं, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल उसके गिरोह के सदस्य बताए गए हैं।इसमें पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक और उसके परिजनों के खिलाफ 29 जून 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। पकड़ने में लगा दिए 60 दिन, मप्र में शरण पाए थे आरोपी गैंगरेप के आरोपियों की BJP सरकार के लगभग सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों के साथ बड़े संबधों ने तीनों का संरक्षण किया। वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए चल गए थे और लगभग 55 दिन वहीं शरण पाए रहे। पुलिस जांच पड़ताल में लगी थी। तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और 60 दिन बाद पकड़ सकी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों के सत्तादल में पदाधिकारी होना भी गिरफ्तारी में लेटलतीफी का कारण था, शासन से क्लियरेंस मिलने के बाद तीनों की गिरफ्तारी की बात सामने आई। गिरफ्तारी के 10 दिन पहले ही इस मामले की जांच कर रहे ACP भेलूपुर प्रवीण सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया गया था। वाराणसी पुलिस ने कैंपस और कैंपस के बाहर कुल 225 CCTV फुटेज की जांच की थी। स्पेशल टास्क फोर्स (STF), क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सहित कुल 6 टीमों को आरोपियों की तलाश में लगाया गया था। वारदात वाली रात क्या हुआ था? छात्रा की FIR से जानिए… पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। वाराणसी के चर्चित IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के दो आरोपियों को हाईकोर्ट ने राहत दे दी। कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को हाईकोर्ट के सशर्त जमानत दी है। वहीं सक्षम पटेल की जमानत अस्वीकार कर दी। उसकी जमानत याचिका पर 16 सितंबर को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों को जिला जेल से रिहाई मिल गई। परिजन दोनों को लेकर घर पहुंचे तो गली में ही फूल माला से स्वागत किया। गैंग रेप के तीनों आरोपी भाजपा IT सेल से जुड़े थे और सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। इस हाई प्रोफाइल केस में वाराणसी पुलिस ने 17 जनवरी को गैंगरेप की चार्जशीट दाखिल की थी। लंका पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर कायम कर दिया था। गैंगस्टर केस दर्ज होने के बाद लगातार उनकी जमानत याचिका खारिज हो रही थी। तीनों आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल को घटना के 60 दिन बाद लंका क्षेत्र से 30 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। जज ने 31 दिसंबर 2023 से तीनों आरोपी न्यायिक रिमांड पर जिला जेल में बंद थे। उन्हें जघन्य वारदातों में शामिल आरोपियों की बैरक में रखा गया था। पुलिस चार्जशीट में तीनों आरोपियों के रूट चार्ट, CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया गया था। इसके साथ ही पीड़ित छात्रा, उसके दोस्त और एक गार्ड के बयान को भी आरोपियों के खिलाफ आधार बनाया है। वॉट्सऐप चैट को भी कोर्ट में पेश कर, जब्त बुलेट का भी जिक्र किया गया। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि तीनों पेशेवर अपराधी हैं, जनता के बीच तीनों को जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। अभियोजन की लचर पैरवी पर मिली दोनों को जमानत, 29 अगस्त को रिहाई
IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के आनंद उर्फ अभिषेक चौहान ने 11 नवंबर 2023 को जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई लेकिन तारीख बढ़ गई। पारिवारीजनों की बीमारी समेत कई कारण बताने पर कोर्ट ने 2 जुलाई को जमानत याचिका का संज्ञान लिया। अभियोजन की लचर पैरवी के बीच कोर्ट ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली लेकिन जमानत में कई शर्ते लगा दी। इन शर्तों को एक-एक लाख के दो जमानतदारों का वैरिफिकेशन में कई दिन का समय लग गया। इसके चलते आनंद की रिहाई 24 अगस्त को हो सकी। उधर, आनंद को जमानत मिलने के बाद दूसरे आरोपी कुणाल पांडे ने 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी जमानत स्वीकार कर ली लेकिन जमानत की शर्तों के बीच उसकी रिहाई 29 को हो सकी। वाराणसी कोर्ट ने खारिज कर दी थी तीनों की याचिका
ADGC मनोज गुप्ता ने बताया कि IIT-BHU गैंगरेप के तीनों आरोपियों की सुनवाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट (पाक्सो) में चल रही है। जुलाई में तीनों आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। अभियोजन के विरोध पर तीनों आरोपियों कुणाल पांडेय, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह पहली बार नहीं था बल्कि इससे पहले दो बार कोर्ट उनकी याचिका खारिज कर चुका था। आरोपियों के खिलाफ केस और पुलिस की चार्जशीट ही मजबूत थी। याचिका खारिज होने के बाद सभी ने हाईकोर्ट की शरण ली, जहां से दो को जमानत मिल गई। 22 अगस्त को रेप पीड़िता ने कोर्ट में दर्ज कराया बयान
अभियोजन के अधिवक्ता ने बताया कि एफटीसी कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई को तेज कर दिया है। केस में सबसे पहले दुष्कर्म पीड़िता को कोर्ट ने 22 अगस्त को तलब किया था, जिसके बाद पुलिस सुरक्षा में पीड़ित को FTC कोर्ट में पेश किया गया था। बीएचयू की वारदात को पीड़िता ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद से कई तरह से दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। आरोपियों के खिलाफ अब तक दो चार्जशीट दाखिलद्य
IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अब तक दो चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पहली चार्जशीट 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गई। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर कायम किया, जिसमें भी अगले सप्ताह ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। लंका थाने में दर्ज किए गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया है। वहीं, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल उसके गिरोह के सदस्य बताए गए हैं।इसमें पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक और उसके परिजनों के खिलाफ 29 जून 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था। पकड़ने में लगा दिए 60 दिन, मप्र में शरण पाए थे आरोपी गैंगरेप के आरोपियों की BJP सरकार के लगभग सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों के साथ बड़े संबधों ने तीनों का संरक्षण किया। वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए चल गए थे और लगभग 55 दिन वहीं शरण पाए रहे। पुलिस जांच पड़ताल में लगी थी। तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और 60 दिन बाद पकड़ सकी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों के सत्तादल में पदाधिकारी होना भी गिरफ्तारी में लेटलतीफी का कारण था, शासन से क्लियरेंस मिलने के बाद तीनों की गिरफ्तारी की बात सामने आई। गिरफ्तारी के 10 दिन पहले ही इस मामले की जांच कर रहे ACP भेलूपुर प्रवीण सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया गया था। वाराणसी पुलिस ने कैंपस और कैंपस के बाहर कुल 225 CCTV फुटेज की जांच की थी। स्पेशल टास्क फोर्स (STF), क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सहित कुल 6 टीमों को आरोपियों की तलाश में लगाया गया था। वारदात वाली रात क्या हुआ था? छात्रा की FIR से जानिए… पीड़ित ने 2 नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, ‘मैं 1 नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई। उस पर 3 लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया। इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची। मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर