<p style=”text-align: justify;”><strong>Happy Independence Day 2024:</strong> आजादी से पहले भारत की ऐतिहासिक भूमि कई महत्वपूर्ण घटनाओं की गवाह रही है. हमारे पुरखों के लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया. तब से लेकर अब तक हर साल 15 अगस्त के मौके पर बेहद हर्ष और उल्लास के साथ आजादी का पर्व मनाया जाता है. किसी हैरानी से कम नहीं कि राजधानी शिमला से करीब 40 किलोमीटर दूर एक ऐसी जगह है, जहां 15 की जगह 16 अगस्त को आजादी का जश्न मनाने की परंपरा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि आजादी के परवाने रहे सूरत राम प्रकाश देश की पहली जनतांत्रिक सरकार के प्रधानमंत्री बने थे. ठियोग के पोटैटो ग्राउंड में 16 अगस्त को सूरतराम प्रकाश के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही बुद्धिराम वर्मा, नंदराम बाबू, दिलाराम बाबू, सीताराम कंवर और मास्टर सीताराम आदि ने शपथ ली. शिमला के नजदीक ठियोग रियासत का शासन करने से इनकार करने वाले स्वतंत्र चेतना के मालिक सूरत प्रकाश ने पांच हजार से ज्यादा लोगों के अभिवादन के साथ आलू मैदान में देश की पहली जनतांत्रिक सरकार बनाई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/16/8e55b409f919d9cbaef78547b581483d1723807577596211_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रियासत के शासन को मानने से किया था इनकार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यही नहीं, उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में आठ लोगों को भी शामिल किया था. यह उस वक्त की बात है, जब देश की रियासतों का भारत संघ में विलय नहीं हुआ था. ठियोग रियासत भी उनमें से ही एक थी. सूरत प्रकाश और अन्य लोगों ने रियासत का शासन मानने से इनकार कर दिया था. यहां आज भी हर साल 15 अगस्त और 16 अगस्त को मेले का आयोजन होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरदार पटेल के साथ बातचीत के बाद हुआ विलय</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि आजादी से पहले भारत छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा था. हिमाचल प्रदेश में भी कई रियासतें थी. उनमें में से एक ठियोग रियासत थी. ठियोग रियासत के शासक राणा कहलाते थे. राणा जनता से बेगार करवाते और खूब शारीरिक यातनाएं देते. ठियोग के शासक राणा कर्मचंद ठाकुर ने अपनी राजधानी सैंज को बनाया था. साल 1942 में पूरे हिमाचल प्रदेश में रियासती राजाओं के खिलाफ प्रजामंडल आंदोलन हुआ. यह आंदोलन अंग्रेजों के पिट्ठू रियासती राजाओं के खिलाफ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1947 में 15 अगस्त के दिन जब देश आजाद हुआ, तो अगले ही दिन 16 अगस्त को ठियोग में अलग सरकार का गठन किया गया था. सूरत राम प्रकाश ने करीब आठ महीने तक अपनी सरकार चलाई और तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल से मुलाकात के बाद ठियोग का भारत में विलय हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हिमाचल में 20 अगस्त तक खराब रहेगा मौसम, राज्य में अब भी बंद हैं 116 सड़कें, जानें वेदर अपडेट” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-bad-weather-continue-in-till-august-20-116-roads-still-closed-ann-2762508″ target=”_self”>हिमाचल में 20 अगस्त तक खराब रहेगा मौसम, राज्य में अब भी बंद हैं 116 सड़कें, जानें वेदर अपडेट</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि आजादी के परवाने रहे सूरत राम प्रकाश देश की पहली जनतांत्रिक सरकार के प्रधानमंत्री बने थे. ठियोग के पोटैटो ग्राउंड में 16 अगस्त को सूरतराम प्रकाश के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही बुद्धिराम वर्मा, नंदराम बाबू, दिलाराम बाबू, सीताराम कंवर और मास्टर सीताराम आदि ने शपथ ली. शिमला के नजदीक ठियोग रियासत का शासन करने से इनकार करने वाले स्वतंत्र चेतना के मालिक सूरत प्रकाश ने पांच हजार से ज्यादा लोगों के अभिवादन के साथ आलू मैदान में देश की पहली जनतांत्रिक सरकार बनाई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/16/8e55b409f919d9cbaef78547b581483d1723807577596211_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रियासत के शासन को मानने से किया था इनकार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यही नहीं, उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में आठ लोगों को भी शामिल किया था. यह उस वक्त की बात है, जब देश की रियासतों का भारत संघ में विलय नहीं हुआ था. ठियोग रियासत भी उनमें से ही एक थी. सूरत प्रकाश और अन्य लोगों ने रियासत का शासन मानने से इनकार कर दिया था. यहां आज भी हर साल 15 अगस्त और 16 अगस्त को मेले का आयोजन होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरदार पटेल के साथ बातचीत के बाद हुआ विलय</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि आजादी से पहले भारत छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा था. हिमाचल प्रदेश में भी कई रियासतें थी. उनमें में से एक ठियोग रियासत थी. ठियोग रियासत के शासक राणा कहलाते थे. राणा जनता से बेगार करवाते और खूब शारीरिक यातनाएं देते. ठियोग के शासक राणा कर्मचंद ठाकुर ने अपनी राजधानी सैंज को बनाया था. साल 1942 में पूरे हिमाचल प्रदेश में रियासती राजाओं के खिलाफ प्रजामंडल आंदोलन हुआ. यह आंदोलन अंग्रेजों के पिट्ठू रियासती राजाओं के खिलाफ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1947 में 15 अगस्त के दिन जब देश आजाद हुआ, तो अगले ही दिन 16 अगस्त को ठियोग में अलग सरकार का गठन किया गया था. सूरत राम प्रकाश ने करीब आठ महीने तक अपनी सरकार चलाई और तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल से मुलाकात के बाद ठियोग का भारत में विलय हुआ.</p>
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