<p>भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर INDIA अलायंस की बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि INDIA अलायंस सरकार बनने जा रही है.</p>
<p>समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “4 जून को मंगलवार है और मंगल होने जा रहा है…सबसे ज्यादा सीटें(उत्तर प्रदेश में) समाजवादी पार्टी और INDIA गठबंधन की होंगी…” क्योटो में चुनाव फंसा हुआ है.</p>
<p>बिना पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का नाम लिए अखिलेश ने कहा कि वह जनता की ओर पीठ कर के बैठे हैं.</p>
<p><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-lok-sabha-election-exit-poll-2024-live-updates-80-constituency-exit-poll-results-bjp-nda-india-alliance-seat-sapa-vs-bjp-vs-bsp-2703884″><strong>UP Exit Poll 2024 Live: यूपी में किसे मिलेगी बढ़त! कौन है पीछे? कुछ देर में जारी होगा एबीपी सी वोटर का सटीक एग्जिट पोल</strong></a></p> <p>भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर INDIA अलायंस की बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि INDIA अलायंस सरकार बनने जा रही है.</p>
<p>समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “4 जून को मंगलवार है और मंगल होने जा रहा है…सबसे ज्यादा सीटें(उत्तर प्रदेश में) समाजवादी पार्टी और INDIA गठबंधन की होंगी…” क्योटो में चुनाव फंसा हुआ है.</p>
<p>बिना पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का नाम लिए अखिलेश ने कहा कि वह जनता की ओर पीठ कर के बैठे हैं.</p>
<p><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-lok-sabha-election-exit-poll-2024-live-updates-80-constituency-exit-poll-results-bjp-nda-india-alliance-seat-sapa-vs-bjp-vs-bsp-2703884″><strong>UP Exit Poll 2024 Live: यूपी में किसे मिलेगी बढ़त! कौन है पीछे? कुछ देर में जारी होगा एबीपी सी वोटर का सटीक एग्जिट पोल</strong></a></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Rajasthan Exit Poll 2024 Live: राजस्थान में बीजेपी की होगी हैट्रिक या कांग्रेस करेगी ‘खेला’, थोड़ी देर में एबीपी सी वोटर एग्जिट पोल
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यूपी में कैसी थी आजादी की पहली सुबह?:जालौन गुलाम ही रहा, गोरखपुर में जहां चौकी फूंकी, वहीं फहराया तिरंगा; मजाज लखनवी ने पढ़ा-राजसिंघासन डांवाडोल 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ। इस आजाद भारत में उत्तर प्रदेश का नाम यूनाइटेड प्रोविंस यानी संयुक्त प्रांत था। जैसे ही देश ने आजादी की पहली सुबह देखी, संयुक्त प्रांत इस आजाद हवा में खुशियां मनाने के लिए निकल पड़ा। संयुक्त प्रांत के प्रशासनिक केंद्र रहे तब के इलाहाबाद और आज का प्रयागराज में सबसे ज्यादा हलचल थी। इधर, लखनऊ भी प्रशासनिक केंद्र होने के नाते तरह-तरह के कार्यक्रमों में डूब गया। जानिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आजादी का जश्न कैसे मनाया गया था… सबसे पहले बात प्रदेश की राजधानी लखनऊ की लखनऊ: निकलीं आजादी की प्रभात फेरियां, हजरतगंज में शायरों ने पढ़ा शेर
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर राय बताते हैं- तब संयुक्त प्रांत में प्रांतीय सरकार थी। यहां की सभी सरकारी इमारतों पर हर तरफ से जुलूस निकलकर पहुंच रहे थे। गली-गली में टोलियां निकल रही थीं। इस दिन सबसे खास जगह बने थे वो प्रतीक स्थल, जो किसी ना किसी रूप में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े थे। जैसे यहां लखनऊ के चिनहट में महात्मा गांधी ने एक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया था। 15 अगस्त को जब आजादी की पहली सुबह हुई, तो यहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इसी तरह चारबाग स्टेशन के पास बने स्थलों पर भी लोगों की भारी भीड़ जुट गई थी। प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर राय आगे कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि यह भीड़ एकाएक सुबह निकली हो। एक दिन पहले से रात से लोग इन जगहों पर जमा होना शुरू हो गए थे। 1947 में लखनऊ में आजादी के जश्न को लेकर किस्सागो हिमांशु वाजपेई कहते हैं- उस दिन शहर के मशहूर शायर निकलकर हजरतगंज चौराहे पर आ गए थे। इसमें मजाज लखनवी और अली सरदार जाफरी जैसे शायर शामिल थे। चौराहे पर खड़े होकर मजाज लखनवी झूमझूमकर पढ़ने लगे- बोल! अरी ओ धरती बोल! राज सिंघासन डांवाडोल। इसी तरह अमीनाबाद में लोग इकट्ठा हो गए। यहां तब कांग्रेस का दफ्तर भी हुआ करता था। वहीं, झंडे वाले पार्क में लोग आ गए। इसके अलावा पूरे शहर में लोग निकल पर आजादी का जश्न मना रहे थे। इलाहाबाद: सरकारी भवनों पर भारत का झंडा और जश्न
प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर राय बताते हैं- इलाहाबाद तब अंग्रेजों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह थी। एक समय ऐसा भी था, जब अंग्रेजों ने इसे संयुक्त प्रांत राजधानी भी बनाया था। ऐसे में, सरकारी कामकाज से जुड़ी कई महत्वपूर्ण इमारतें इलाहाबाद में थीं। इसमें एडिशनल जनरल का ऑफिस, हाईकोर्ट जैसी इमारतें शामिल थीं। इसलिए यहां पर ज्यादा उत्सव मनाया गया। जिला मुख्यालय पर जितनी सरकारी इमारतें थीं, वहां हजारों की संख्या में लोग जुट गए थे। इन इमारतों पर भारत का तिरंगा झंडा फहराया गया। बनारस: हजारों लोग आजादी की सुबह शिव के जलाभिषेक के लिए निकल पड़े
डॉमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिन्स अपनी किताब फ्रीडम ऐट मिडनाइट में 15 अगस्त 1947 को बनारस की सुबह का सुंदर विवरण देते हैं। किताब में लिखते हैं- पंडित भवानी शंकर ऐसे इंसान थे, जो इस शहर में सबसे पहले उठा करते थे। वो भोर में उठ जाते और एक हाथ में कलश लेते, जिसमें गंगाजल भरा होता और दूसरे हाथ में घिसा हुआ चंदन। हर रोज की सुबह उस दिन पंडित भवानी शंकर ब्रह्म मुहूर्त में उठे और हर रोज की तरह घाट पर शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए चल पड़े। लेखक आगे बताते हैं- बनारस में 15 अगस्त 1947 को जैसे ही सूरज की पहली किरण निकली, हर घर से हजारों लोग एक साथ भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए निकल पड़े। बनारस की हर गली, हर मंदिर, हर घाट और हर घर में शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरे का चढ़ावे का ढेर लगने लगा था। यह सब ऐसा था मानो लोग शिवलिंग पर चंदन लगाकर और जलाभिषेक कर अपने आराध्य के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे थे। जैसे उनके इस प्रिय प्राचीन देश का पुनर्जन्म हुआ हो। गोरखपुर: जिस जगह किसानों को गोली मारी, वहां झंडा फहराया
गोरखपुर वही जगह है, जहां 1922 में चौरी-चौरा जगह पर ऐसी घटना घटी, जिसने अहसयोग आंदोलन की दिशा ही बदल दी थी। लेखक और इतिहासकार सुभाष चंद्र कुशवाहा 15 अगस्त 1947 को आजादी के जश्न को लेकर कहते हैं- जिस थाने को प्रदर्शनकारियों ने जलाया था, उसी पर 15 अगस्त की सुबह झंडा फहराया गया। इसके लिए आसपास के करीब 40 गांवों के किसान इकट्ठा हुए। और वहां आजादी का जश्न मनाया। पहले कुशीनगर और देवरिया एक ही जिला हुआ करता था। ऐसे में, बड़ी संख्या में किसानों का हुजूम जमा था। इसके अलावा 4 फरवरी 1922 को जहां-जहां क्रांतिकारियों ने झंडा फहराया था, वहां-वहां आजादी की सुबह झंडा फहराया गया और देशभक्ति गीत गाए गए। नारे लगे। इसमें पोस्ट ऑफिस और रेलवे स्टेशन भी शामिल था। सुभाष चंद्र कुशवाहा कहते हैं- चौरी-चौरा में आजादी का जश्न बहुत बड़े पैमाने पर मनाया गया। यहां का आजादी की सुबह का जश्न पूरे पूर्वांचल में खास था। गोरखपुर से लेकर चौरी-चौरा तक जश्न और मेले का माहौल था। हुजूम का एक हिस्सा चौरी-चौरा की तरफ जा रहा था, तो दूसरा हिस्सा गोरखपुर के परेड ग्राउंड में आजादी के जश्न में शामिल होने जा रहा था। बलिया: दोबारा आजादी के जश्न और जुलूसों में डूबा
सुभाष चंद्र कुशवाहा बलिया में 15 अगस्त 1947 को बलिया में जश्न को लेकर कहते हैं- यहां 1942 में हुए विद्रोह में कई क्रांतिकारी मारे गए थे। जब बलिया ने दो हफ्तों के लिए खुद को आजाद घोषित कर दिया और उसके बाद अंग्रेजों ने दमन चक्र चलाया, उसमें मरने वालों की संख्या सैकड़ों में थी। ऐसे में, जब देश आजाद हुआ तो इन शहीद क्रांतिकारियों के परिवार और तब बलिया सहित आज के गाजीपुर के गांवों के लोग जगह-जगह भारी संख्या में इकट्ठा हुए। जुलूस निकाला गया। लोगों को इस बात का एहसास था कि जिस बात के लिए हमारे अपनों ने खुद को कुर्बान कर दिया, वो मकसद आखिरकार पूरा हो गया है। इस खुशी के साथ शहर से लेकर गांव-गांव में हर दिशा से जुलूस निकाले गए। जालौन: पूरा देश आजाद हुआ, लेकिन जालौन नहीं
15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजाद हो गया, लेकिन यूपी में एक ऐसी जगह थी, जिसे ये आजादी तब नसीब नहीं हुई। वो जगह थी जालौन। दरअसल, जालौन में हैदराबाद के निजाम की हुकूमत थी। उनके ही नियम-कानून यहां लागू होते थे। ऐसे में, 15 अगस्त 1947 को जो आजादी भारत को मिली, उसे हैदराबाद के निजाम ने ठुकरा दिया था। उन्होंने भारत से अलग देश बनाने का फैसला किया था। 15 अगस्त 1947 को जब पूरे देश सहित संयुक्त प्रांत यानी आज का उत्तर प्रदेश आजादी के जश्न में डूबा था, तब जालौन में कुछ क्रांतिकारियों के झंडा फहराने पर गोली चला दी गई थी। दरअसल, क्रांतिकारियों ने निजाम के आदेश का उल्लंघन करते हुए 15 अगस्त की सुबह एक तिरंगा यात्रा निकाली। इस पर निजाम ने उन पर गोलियां चलाने का आदेश दे दिया। इसमें 11 क्रांतिकारी शहीद हो गए और 26 घायल हुए। इस घटना की सूचना तेजी से पूरे देश में फैल गई। तब लोगों ने इसे दूसरा जलियांवाला बाग हत्याकांड बता दिया। आगरा: खूशी से झूमते हजारों लोग रामलीला मैदान में जुट गए
आजादी की शाम देखने वालों में जीवित कुछ लोगों में एक शशि शिरोमणि अब 89 साल के हैं। वो बताते हैं- शहर के रामलीला मैदान में रात से ही लोग जमा होना शुरू हो गए थे। सुबह के सिर्फ 7 बजे थे और वहां पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी। तब आगरा के बड़े नेता श्रीकृष्ण दत्त पालीवाल ने सभा को संबोधित किया था। लोग नाच-गा रहे थे। इंतजार कर रहे थे कि कब आगरा के किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। जैसे ही किले पर से अंग्रेजों का झंडा यूनियन जैक उतारकर तिरंगा फहराया गया, लोग झूम उठे। भारत माता की जय और वंदे मातरम के उद्घोष से मैदान गूंज उठा। जो रुके वो सब इस आजादी के जश्न शामिल हुए
प्रोफेसर सिद्धार्थ शंकर राय कहते हैं- विभाजन का दर्द उत्तर प्रदेश पर कुछ ज्यादा ही बीता। इसकी वजह थी, यहां की जनसंख्या। यहां के रहवासियों में मुस्लिमों की आबादी बड़ी थी। विभाजन के बाद इस आबादी का एक बड़ा हिस्सा बाहर गया। इनमें भी उनकी संख्या ज्यादा थी, जो मुस्लिम धर्म के उच्च वर्ग से थे। उनके पास जाने के लिए अपना साधन था। पैसा था। ऐसे लोग पलायन कर चले गए, लेकिन जो आमजन थे, वो इस विभाजन के पक्ष में नहीं थे। इनमें से ज्यादातर लोग अपने मूल स्थान पर ही रहे और सभी ने इस आजादी का शानदार तरीके से जश्न मनाया। यह भी पढ़ें:- मंगल पांडे की फांसी से भड़की स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी:अंग्रेजों की छावनी में अकेले कर दिया विद्रोह; VIDEO में देखिए पूरी कहानी… 1857 में यह बात तेजी से फैली कि अंग्रेज जो नया कारतूस बना रहे हैं, उसमें गाय और सुअर की चर्बी मिली है। कारतूस को मुंह से खींचकर बंदूक में लगाना पड़ता था। भारतीय सैनिकों ने इसे अपने धर्म का अपमान माना। सैनिक मंगल पांडे ने विद्रोह कर दिया। मंगल पांडे के विद्रोह और उससे शुरू हुए भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम की पूरी कहानी यहां क्लिक करके देखिए…
भारत-पाक सीमा पर स्वतंत्रता दिवस को लेकर BSF का अलर्ट, आईजी गर्ग बोले- ‘पड़ोसी देशों में…’
भारत-पाक सीमा पर स्वतंत्रता दिवस को लेकर BSF का अलर्ट, आईजी गर्ग बोले- ‘पड़ोसी देशों में…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Independence Day 2024 :</strong> <a title=”स्वतंत्रता दिवस” href=”https://www.abplive.com/topic/independence-day-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>स्वतंत्रता दिवस</a> को लेकर देश की सीमा पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. राजस्थान फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के आईजी एम.एल. गर्ग ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि राजस्थान में ड्रोन के जरिए पड़ोसी देश से मादक पदार्थों की तस्करी के मामले बढ़े हैं इसको लेकर बीएसएफ हर मोर्चे पर तैयार खड़ा है. बीएसएफ द्वारा ड्रोन पर कार्रवाई की जा रही है. तस्करों को पकड़ा जा रहा है इस साल में अब 38 कार्रवाई की गई है. बांग्लादेश के हालात बहुत खराब है. लेकिन बॉर्डर पर अलर्ट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आईजी एम.एल. गर्ग ने कहा सीमा सुरक्षा बल पाकिस्तान व बांग्लादेश से लगती देश की संवेदनशील एवं अति महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की हिफाजत 1965 से लगातार कर रहा है. सीमा सुरक्षा बल 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहता है आंधी, तूफान, बारिश, सर्दी, गर्मी, बर्फीले पहाड़, रेगिस्तान, नदियां, जंगल व समुद्र की कठिन परिस्थितियों में देश की रक्षा करना जवानों के जीवन का हिस्सा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘भारत के पड़ोसी देशों में स्टेबिलिटी नहीं’</strong><br />राजस्थान फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल के आईजीएमएल गर्ग ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया कि भारत के पड़ोसी देशों में स्टेबिलिटी नहीं है. स्टेबल पड़ोसी होना भी जरूरी है. स्टेबल नहीं होने के चलते हमारे लिए भी काफी बड़ी चुनौती है. लेकिन भारत बहुत बड़ा देश है. सीमा सुरक्षा बल लगातार सरहदों की सुरक्षा में तैनात है. वही सीमा सुरक्षा बल हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहा है. उन्होंने कहा राजस्थान से जुड़े भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर लगातार पाकिस्तानी तस्करों द्वारा ड्रोन से मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है. तस्करी में काम में लिए गए सभी ड्रोन चीनी हैं. पाकिस्तान व चीन के रिश्ते बहुत मजबूत है. इसलिए पाकिस्तान के पास जितनी भी टेक्नोलॉजी है वह सब चीनी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रहे हैं’ </strong><br />आईजी एम.एल. गर्ग ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के द्वारा महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. राजस्थान फ्रंटियर में वर्तमान में लगभग 700 महिला प्रहरी कार्यरत है. साथ ही राजस्थान फ्रंटियर द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए 04 सीमा चौकियों पर महिला प्रहरियों द्वारा सीमा चौकी के एरिया में सभी ड्यूटियो का निर्वहन किया जा रहा है तथा पोस्ट की कमांडर भी महिला अधिकारी को ही नियुक्त किया गया है. सभी महिला प्रहरी पूरी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी को निभा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘मोबाइल टॉवर भी लगाए जा रहे हैं’</strong><br />सीमावर्ती क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं या कम होने के कारण वहां के लोगों को होने वाली समस्याओं को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल के द्वारा भारत सरकार से हाल ही में बीएसएनएल के 109 मोबाइल टॉवरों का निर्माण करवाना स्वीकृत कराया है. ये सभी मोबाइल टॉवर सीमा चौकियों तथा सीमावर्ती गांव में बनाए जाएंगे. जिसमें से अभी तक 8 मोबाइल टॉवरों के बनने का कार्य पूरा हो चुका है, तथा 03 मोबाइल टॉवरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा 98 मोबाइल टॉवरों का कार्य जल्द ही शुरू होगा. इन मोबाइल टॉवरों के बनने से सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्किंग तथा मोबाइल सेवाओं का लाभ प्रहरियों के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी मिलेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘हम पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी सजग हैं’</strong><br />हमारी सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ हम पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी सजग है. हमने सीमा क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पौधारोपण अभियान चलाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने का प्रयास किया है. महानिदेशक सी. सुबल के मार्गदर्शन में राजस्थान फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल द्वारा सीमा की सुरक्षा करने और आंतरिक सुरक्षा का दायित्व निभाने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए लगभग 4 लाख पौधे लगाए जा रहे है. जिससे राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके हरे-भरे होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Rajasthan Bypolls 2024: राजस्थान की 6 सीटों पर उपचुनाव में कौन मजबूत? BJP के लिए यहां चुनौती पेश करेगी कांग्रेस!” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-by-election-2024-bjp-congress-made-plan-to-won-six-seats-bypoll-election-ann-2759085″ target=”_blank” rel=”noopener”>Rajasthan Bypolls 2024: राजस्थान की 6 सीटों पर उपचुनाव में कौन मजबूत? BJP के लिए यहां चुनौती पेश करेगी कांग्रेस!</a><br /></strong></p>
करनाल में कार ने बाइक को मारी टक्कर:हादसे में युवक की मौत, दूसरा गंभीर, बर्थडे पार्टी में जा रहे थे दोनों
करनाल में कार ने बाइक को मारी टक्कर:हादसे में युवक की मौत, दूसरा गंभीर, बर्थडे पार्टी में जा रहे थे दोनों करनाल जिले के काछवा गांव के एक 19 वर्षीय युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। कार ने बाइक को टक्कर मारी थी। जिसमें एक की मौत हो गई, जबकि बाइक पर बैठा दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक अपने दोस्त के साथ बर्थडे पार्टी में गया था। घटना की सूचना के बाद बुटाना थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घायल युवक को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भेज दिया है, जहां पर उसका इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। युवक अपने दोस्तों के साथ बर्थडे पार्टी मनाने के लिए गया था। नीलोखेड़ी के बुटाना थाना पुलिस शव कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में छोड़कर गई है। परिवार को भी पता नहीं है कि मौत कैसे हुई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। सेलर में करता था काम मृतक की पहचान काछवा निवासी 19 वर्षीय विशाल के रूप में हुई है। विशाल तरावडी के पास एक सेलर में काम करता था। शुक्रवार की रात को वह अपने दोस्त अनुराग के साथ बाइक पर सवार होकर किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी में गया था। इसी दौरान बराना के नजदीक कार ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से दोनों सड़क पर जा गिरे। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर अवस्था में दोनों को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया, डॉक्टरों ने विशाल को मृत घोषित कर दिया। जबकि अनुराग का इलाज चल रहा है, लेकिन उसकी हालत भी गंभीर है। परिजनों को सुबह पता लगा परिजनों को भी सुबह ही पता चला कि कोई एक्सीडेंट में विशाल की मौत हुई है। जिसके बाद वे अस्पताल पहुंचे। विशाल तरावड़ी में काम करता था और रात को घर से कहकर निकला था कि वह बर्थडे पार्टी में जा रहा है। लेकिन सुबह उसकी मौत की सूचना मिली। परिजनों ने बताया कि विशाल परिवार में बड़ा बेटा था और अविवाहित था। विशाल से छोटा एक भाई और है। एक्सीडेंट में गई जान बुटाना थाना के जांच अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि बराना के पास एक हादसा हुआ है। जिसमें विशाल की मौत हुई है और अनुराग घायल हुआ है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की जांच जारी है।