<p style=”text-align: justify;”><strong>International Tiger Day 2024:</strong> विश्व बाघ दिवस पर छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ के लिए भी खुशखबरी है. प्रदेश के दो टाइगर रिजर्व एरिया में बाघों की संख्या बढ़ने का खुलासा हुआ है. लोरमी जिले के अचानकमार में एक बार फिर ब्लैक पैंथर (मेलनिस्टिक लैपर्ड) को देखा गया है. ट्रैप कैमरे में ब्लैक पैंथर की तस्वीर कैद हुई है. अब बाघों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. बीजापुर के इंद्रावती में भी बाघों की संख्या 3 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के मुताबिक, 10 में से 3 बाघ और 7 बाघिन हैं. एटीआर में टाइगर सेंसस 2022 में बाघों की संख्या केवल 5 थी. ग्रीष्मकालीन सर्वे के दौरान एटीआर में ब्लैक पैंथर होने की भी पुष्टि हुई. एटीआर प्रबंधन की कोशिशों से लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. टाइगर रिजर्व के प्रबंधक ने स्टाफ की सराहना की है. उन्होंने कहा कि स्टाफ के प्रयास से बाघ सुरक्षित हैं. इंद्रावती टाइगर रिजर्व में भी बाघों की संख्या 5 से बढ़कर 6 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छत्तीसगढ़ वन विभाग के लिए खुशखबरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रैप कैमरे में बाघों की तस्वीर कैद हुई है. इंद्रावती टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र बॉर्डर से लगा हुआ है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से इंद्रावती टाइगर रिजर्व की देखभाल के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है. टीम की निगरानी का नतीजा है कि पिछले कुछ सालों में बाघों की संख्या बढ़ी है. टाइगर रिजर्व पार्क के प्रबंधक का कहना है कि बाघों के संरक्षण और सवर्धन के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रैप कैमरे में ब्लैक पैंथर की तस्वीर कैद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी का नतीजा है कि बाघों की संख्या बढ़ रही है. टाइगर रिजर्व पार्क प्रबंधक का कहना है आने वाले समय में जंगल की उत्पादकता बढ़ने के साथ इको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. विदेशी से सैलानियों और वन्य जीव प्रेमियों की संख्या बढ़ेगी. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की सुविधा मुहैया होगी. छात्रों और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए बेहतर विकल्प छत्तीसगढ़ राज्य में भी उपलब्ध हो सकेगा. बाघों की संख्या बढ़ने पर वन मंत्री केदार कश्यप ने भी खुशी जाहिर की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पांच साल बाद भी बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं ट्रॉमा सेंटर, जवानों को भी होती है दिक्कत” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/bastar-lack-of-trauma-center-facility-refer-center-becomes-biggest-hospital-ann-2748091″ target=”_self”>पांच साल बाद भी बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं ट्रॉमा सेंटर, जवानों को भी होती है दिक्कत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>International Tiger Day 2024:</strong> विश्व बाघ दिवस पर छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ के लिए भी खुशखबरी है. प्रदेश के दो टाइगर रिजर्व एरिया में बाघों की संख्या बढ़ने का खुलासा हुआ है. लोरमी जिले के अचानकमार में एक बार फिर ब्लैक पैंथर (मेलनिस्टिक लैपर्ड) को देखा गया है. ट्रैप कैमरे में ब्लैक पैंथर की तस्वीर कैद हुई है. अब बाघों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. बीजापुर के इंद्रावती में भी बाघों की संख्या 3 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी के मुताबिक, 10 में से 3 बाघ और 7 बाघिन हैं. एटीआर में टाइगर सेंसस 2022 में बाघों की संख्या केवल 5 थी. ग्रीष्मकालीन सर्वे के दौरान एटीआर में ब्लैक पैंथर होने की भी पुष्टि हुई. एटीआर प्रबंधन की कोशिशों से लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. टाइगर रिजर्व के प्रबंधक ने स्टाफ की सराहना की है. उन्होंने कहा कि स्टाफ के प्रयास से बाघ सुरक्षित हैं. इंद्रावती टाइगर रिजर्व में भी बाघों की संख्या 5 से बढ़कर 6 हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छत्तीसगढ़ वन विभाग के लिए खुशखबरी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रैप कैमरे में बाघों की तस्वीर कैद हुई है. इंद्रावती टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र बॉर्डर से लगा हुआ है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से इंद्रावती टाइगर रिजर्व की देखभाल के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है. टीम की निगरानी का नतीजा है कि पिछले कुछ सालों में बाघों की संख्या बढ़ी है. टाइगर रिजर्व पार्क के प्रबंधक का कहना है कि बाघों के संरक्षण और सवर्धन के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रैप कैमरे में ब्लैक पैंथर की तस्वीर कैद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी का नतीजा है कि बाघों की संख्या बढ़ रही है. टाइगर रिजर्व पार्क प्रबंधक का कहना है आने वाले समय में जंगल की उत्पादकता बढ़ने के साथ इको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. विदेशी से सैलानियों और वन्य जीव प्रेमियों की संख्या बढ़ेगी. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की सुविधा मुहैया होगी. छात्रों और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए बेहतर विकल्प छत्तीसगढ़ राज्य में भी उपलब्ध हो सकेगा. बाघों की संख्या बढ़ने पर वन मंत्री केदार कश्यप ने भी खुशी जाहिर की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”पांच साल बाद भी बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं ट्रॉमा सेंटर, जवानों को भी होती है दिक्कत” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/bastar-lack-of-trauma-center-facility-refer-center-becomes-biggest-hospital-ann-2748091″ target=”_self”>पांच साल बाद भी बस्तर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में नहीं ट्रॉमा सेंटर, जवानों को भी होती है दिक्कत</a></strong></p> छत्तीसगढ़ दिल्ली की घटना के बाद इंदौर के कोचिंग संस्थानों पर उठे सवाल, प्रशासन ने उठाया ये कदम