यूपी उपचुनाव में हिमाचल की लेडी IPS इल्मा अफरोज नया मुद्दा बन गई हैं। हिमाचल सरकार ने इल्मा को कांग्रेस विधायक से विवाद के बाद लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। इल्मा मुरादाबाद के कुंदरकी की रहने वाली हैं। इस वक्त वह अपने पैतृक आवास पर आई हैं। कुंदरकी में उपचुनाव है। 5 दिन बाद वोटिंग है। राजनीतिक पार्टियों के लोग उसने मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी बीच भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने इल्मा का खुला समर्थन किया है। वह इल्मा को चुनावी मुद्दा बनाने में लग गए हैं। कहा- हिमाचल सरकार ने लेडी अफसर का अपमान किया। सपा-कांग्रेस मुस्लिमों की भावनाओं से खेल रही है। दरअसल, मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर जीत के लिए रामवीर पूरी तरह से मुस्लिम वोटर्स पर निर्भर हैं। ऐसे में उन्होंने इल्मा का समर्थन करके मुस्लिम कार्ड चला है। इससे पहले, मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए रामवीर जालीदार टोपी और अरबी रुमाल भी पहन चुके हैं। रामवीर के बाद मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन भी इल्मा का समर्थन किया है। यही नहीं, सोशल मीडिया पर भी 2017 बैच की IPS इल्मा के समर्थन में कैंपेन चल रहा है। भाजपा प्रत्याशी ने लेडी IPS को लेकर क्या कहा-
रामवीर ने सोशल मीडिया पर लिखा- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने इल्मा अफरोज को कांग्रेस विधायक की पत्नी के वाहनों का चालान काटने पर लंबी छुट्टी पर भेजना चिंताजनक है। यह घटना दिखाती है कि सपा और कांग्रेस अपने स्वार्थ के लिए मुस्लिम समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। कुंदरकी के लोग देख रहे हैं कि कांग्रेस और सपा गठबंधन सिर्फ दिखावे के लिए मुस्लिम समाज का समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन वास्तव में एक मुस्लिम अधिकारी की जायज कार्रवाई तक को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या वे सच में मुस्लिम समाज के हितैषी हैं या सिर्फ वोट बैंक के लिए राजनीति कर रहे हैं? भाजपा का समर्थन करने वाले लोग जानते हैं कि भाजपा ऐसी पार्टी है जो सभी समुदायों का सम्मान करती है और कानून के प्रति निष्पक्षता बनाए रखती है। इल्मा की छुट्टी शर्म की बात, राहुल गांधी दखल दें
मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा- इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेजना कांग्रेस सरकार के लिए शर्म की बात है। एक महिला अधिकारी जो अपनी ड्यूटी को सही ढंग से निभा रही थी। उसके खिलाफ कार्रवाई करके कांग्रेस सरकार ने गलत नजीर पेश की है। इस मामले में राहुल गांधी काे दखल देना चाहिए। ऐसे विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कौन हैं इल्मा अफरोज
इल्मा अफरोज मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे की रहने वाली हैं। वह एक साधारण किसान परिवार से आती हैं। बचपन में ही उनके पिता की मौत हो गई थी। इल्मा को मां ने पढ़ाया। इल्मा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएट और लंदन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 2017 में उनका चयन IPS के लिए हुआ। ट्रेनिंग के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर मिला। हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP रहते हुए सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक की पत्नी के वाहनों के चालान काटने और डंपर सील करने की वजह से उनका कांग्रेस विधायक से टकराव हुआ। इसके बाद हिमाचल सरकार ने इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। इल्मा की विधायक से टकराव की वजह… विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को हिमाचल के बद्दी जिले में SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी और हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसलिए उनको लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया। मुस्लिम समुदाय को गन लाइसेंस देने के आरोप, RTI में गलत पाए गए
सियासी टकराव के बाद बद्दी SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप लगाए गए। हालांकि, यह निराधार पाए गए। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देना का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे। हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज
इन आरोप पर SP इल्मा अफरोज ने कहा था- पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधिकारी कार्यालय को भेजे देते हैं। गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती। CM के साथ मीटिंग करने पहुंची थीं शिमला
इल्मा अफरोज बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं। इल्मा अफरोज हिमाचल में अपने सरकारी आवास को खाली करके मां के साथ अपने पैतृक गांव कुंदरकी आ गई हैं। —————- इससे जुड़ी एक खबर और पढ़िए- हिमाचल में MLA से टकराई लेडी SP पर झूठ फैलाया: थोक में मुस्लिमों को गन लाइसेंस देने के आरोप लगे हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार पाए गए हैं। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी उपचुनाव में हिमाचल की लेडी IPS इल्मा अफरोज नया मुद्दा बन गई हैं। हिमाचल सरकार ने इल्मा को कांग्रेस विधायक से विवाद के बाद लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। इल्मा मुरादाबाद के कुंदरकी की रहने वाली हैं। इस वक्त वह अपने पैतृक आवास पर आई हैं। कुंदरकी में उपचुनाव है। 5 दिन बाद वोटिंग है। राजनीतिक पार्टियों के लोग उसने मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी बीच भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने इल्मा का खुला समर्थन किया है। वह इल्मा को चुनावी मुद्दा बनाने में लग गए हैं। कहा- हिमाचल सरकार ने लेडी अफसर का अपमान किया। सपा-कांग्रेस मुस्लिमों की भावनाओं से खेल रही है। दरअसल, मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर जीत के लिए रामवीर पूरी तरह से मुस्लिम वोटर्स पर निर्भर हैं। ऐसे में उन्होंने इल्मा का समर्थन करके मुस्लिम कार्ड चला है। इससे पहले, मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए रामवीर जालीदार टोपी और अरबी रुमाल भी पहन चुके हैं। रामवीर के बाद मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन भी इल्मा का समर्थन किया है। यही नहीं, सोशल मीडिया पर भी 2017 बैच की IPS इल्मा के समर्थन में कैंपेन चल रहा है। भाजपा प्रत्याशी ने लेडी IPS को लेकर क्या कहा-
रामवीर ने सोशल मीडिया पर लिखा- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने इल्मा अफरोज को कांग्रेस विधायक की पत्नी के वाहनों का चालान काटने पर लंबी छुट्टी पर भेजना चिंताजनक है। यह घटना दिखाती है कि सपा और कांग्रेस अपने स्वार्थ के लिए मुस्लिम समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। कुंदरकी के लोग देख रहे हैं कि कांग्रेस और सपा गठबंधन सिर्फ दिखावे के लिए मुस्लिम समाज का समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन वास्तव में एक मुस्लिम अधिकारी की जायज कार्रवाई तक को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इससे यह सवाल उठता है कि क्या वे सच में मुस्लिम समाज के हितैषी हैं या सिर्फ वोट बैंक के लिए राजनीति कर रहे हैं? भाजपा का समर्थन करने वाले लोग जानते हैं कि भाजपा ऐसी पार्टी है जो सभी समुदायों का सम्मान करती है और कानून के प्रति निष्पक्षता बनाए रखती है। इल्मा की छुट्टी शर्म की बात, राहुल गांधी दखल दें
मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा- इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेजना कांग्रेस सरकार के लिए शर्म की बात है। एक महिला अधिकारी जो अपनी ड्यूटी को सही ढंग से निभा रही थी। उसके खिलाफ कार्रवाई करके कांग्रेस सरकार ने गलत नजीर पेश की है। इस मामले में राहुल गांधी काे दखल देना चाहिए। ऐसे विधायक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कौन हैं इल्मा अफरोज
इल्मा अफरोज मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे की रहने वाली हैं। वह एक साधारण किसान परिवार से आती हैं। बचपन में ही उनके पिता की मौत हो गई थी। इल्मा को मां ने पढ़ाया। इल्मा दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएट और लंदन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 2017 में उनका चयन IPS के लिए हुआ। ट्रेनिंग के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर मिला। हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP रहते हुए सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक की पत्नी के वाहनों के चालान काटने और डंपर सील करने की वजह से उनका कांग्रेस विधायक से टकराव हुआ। इसके बाद हिमाचल सरकार ने इल्मा अफरोज को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है। इल्मा की विधायक से टकराव की वजह… विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को हिमाचल के बद्दी जिले में SP का कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए। इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था। 15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी और हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसलिए उनको लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया। मुस्लिम समुदाय को गन लाइसेंस देने के आरोप, RTI में गलत पाए गए
सियासी टकराव के बाद बद्दी SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप लगाए गए। हालांकि, यह निराधार पाए गए। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है। यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देना का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे। हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज
इन आरोप पर SP इल्मा अफरोज ने कहा था- पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधिकारी कार्यालय को भेजे देते हैं। गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती। CM के साथ मीटिंग करने पहुंची थीं शिमला
इल्मा अफरोज बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं। इल्मा अफरोज हिमाचल में अपने सरकारी आवास को खाली करके मां के साथ अपने पैतृक गांव कुंदरकी आ गई हैं। —————- इससे जुड़ी एक खबर और पढ़िए- हिमाचल में MLA से टकराई लेडी SP पर झूठ फैलाया: थोक में मुस्लिमों को गन लाइसेंस देने के आरोप लगे हिमाचल प्रदेश में बद्दी की SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप निराधार पाए गए हैं। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर