<p><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू कश्मीर में नार्को टेररिज्म के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश में नार्को टेररिज्म का जाल फैलाने के लिए आतंकियों की मदद करने के आरोप में छ सरकारी कर्मचारी बर्खास्त किए गए हैं. बर्खास्त कर्मचारियों में चार पुलिसकर्मी और एक टीचर शामिल है. बता दें कि बीते कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में तेजी आई है. </p> <p><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू कश्मीर में नार्को टेररिज्म के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश में नार्को टेररिज्म का जाल फैलाने के लिए आतंकियों की मदद करने के आरोप में छ सरकारी कर्मचारी बर्खास्त किए गए हैं. बर्खास्त कर्मचारियों में चार पुलिसकर्मी और एक टीचर शामिल है. बता दें कि बीते कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में तेजी आई है. </p> जम्मू और कश्मीर एमपी के इन जिलों में बारिश का अलर्ट, प्रदेश में कई नदियां उफान पर, सीएम की बाढ़ पर नजर
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हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हरियाणा की पानीपत शहरी विधानसभा का इतिहास भी पुरुष प्रधान सीटों जैसा ही रहा है। यहां से 18 विधायक चुने गए हैं। इनमें से सिर्फ एक बार ही शहरवासियों ने महिला को विधायक बनने का मौका दिया है। इस सीट के बनने के बाद से भाजपा को यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। 2014 में मोदी लहर में हुए पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा 32 साल बाद इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। उस समय यहां से पहली महिला रोहिता रेवड़ी विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद 2019 में उनका टिकट काटकर प्रमोद विज को टिकट दिया गया। प्रमोद विज ने यहां से भाजपा को दूसरी बार जीत दिलाई थी। इस बार चुनाव की खास बात यह है कि शहर सीट से एकमात्र विधायक रोहिता रेवड़ी अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए हैं। जिसके बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। अब यहां मुकाबला भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय के बीच है। पानीपत शहर विधानसभा का इतिहास
पानीपत शहर विधानसभा के चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे। तब यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने जनसंघ के कुंदन लाल को हराया था। लगातार दो चुनावों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन 10 साल बाद जनसंघ ने वापसी की
कांग्रेस का रहा वर्चस्व
जनसंघ के फतेहचंद 1967 और 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में पानीपत सिटी सीट जीते थे। यह सीट लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में रही लेकिन कांग्रेस के हुकूमत रे शाह ने 1972 के चुनाव में फतेहचंद को हराकर सीट जीत ली थी। 1977 के चुनाव में फतेह सिंह फिर से चुनाव जीत गए थे। देवीलाल के दौर में भी पानीपत से नहीं डगमगाई कांग्रेस
बलबीर पाल शाह ने 1987 में चुनाव जीता था। इस साल उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया था, क्योंकि वह चौधरी देवीलाल का दौर था। चौधरी देवीलाल की आंधी में भी बलबीर ने अपनी सीट बचाई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। निर्दलीय से हारी थी कांग्रेस
1996 में बलबीर पाल शाह निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश जैन से चुनाव हार गए थे। बलबीर पाल 2000, 2005 और 2009 में पानीपत सिटी से विधायक रहे। 2014 में कांग्रेस ने उनके छोटे भाई वीरेंद्र बुल्ले शाह को टिकट दिया और वह रोहिता रेवड़ी से चुनाव हार गए। इस बार चार महिलाएं मैदान में
इस बार चार महिलाएं चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। जिसमें से तीन महिलाएं अलग-अलग पार्टियों से जुड़ी हैं। जबकि एक महिला ही निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इस बार सरोज बाला गुर बहुजन समाज पार्टी से, रितु अरोड़ा आम आदमी पार्टी से, भतेरी राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि निर्दलीय रोहिता रेवड़ी हैं। रोहिता ने 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
मानसा में युवक का हत्यारोपी गिरफ्तार:गोली मारकर उतारा था मौत के घाट, चाचा की टांग तोड़ने की रंजिश, पिस्टल और बाइक बरामद
मानसा में युवक का हत्यारोपी गिरफ्तार:गोली मारकर उतारा था मौत के घाट, चाचा की टांग तोड़ने की रंजिश, पिस्टल और बाइक बरामद पंजाब में मानसा जिले के गांव कोटली कलां में रविवार की सुबह हुए एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस मामले में छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। सोमवार को मानसा के एसपी भगीरथ सिंह मीना ने जानकारी देते हुए बताया कि, गांव कोटली कलां में रंजिश के चलते कुलविंदर सिंह उर्फ किदा की रविवार की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी गुरप्रीत सिंह को आज गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसके कब्जे से 45 बोर का पिस्टल भी बरामद कर लिया है। चाचा की टांग तोड़ने की रंजिश एसपी ने बताया की वजह रंजिश यह रही कि कुलविंदर सिंह उर्फ किदा द्वारा पहले गुरप्रीत सिंह के चाचा करनैल सिंह की 2022 टांगे तोड़ दी गई थी। गुरप्रीत सिंह को डर था कि मृतक उन्हें भी ना मार दे इसलिए उसने कुलविंदर सिंह को गोलियां मार कर मौत के घाट उतार दिया। एसएसपी ने बताया कि पुलिस द्वारा विभिन्न टीमें बनाकर गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और वारदात में इस्तेमाल किया गया 45 बोर पिस्टल और मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस द्वारा मृतक कुलविंदर सिंह के पिता करमजीत सिंह के बयानों पर 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आरोपी गुरप्रीत सिंह के खिलाफ भी बठिंडा के मोड में 307 के तहत मामले दर्ज है। इस मामले में आरोपी जमानत पर बाहर आया था।
गोल्डन टेंपल पहुंची फिल्म बीबी रजनी की स्टारकास्ट:गुरु घर में माथा टेका, सरबत की भलाई के लिए की अरदास, बांटे पौधे
गोल्डन टेंपल पहुंची फिल्म बीबी रजनी की स्टारकास्ट:गुरु घर में माथा टेका, सरबत की भलाई के लिए की अरदास, बांटे पौधे आज सिख इतिहास सचखंड से जुड़ी बीबी रजनी फिल्म की स्टार कास्ट जस बाजवा एवं रुपी गिल गोल्डन टेंपल माथा टेकने पहुंची। इस मौके पर फिल्म की टीम ने गुरु घर में माथा टेक कर सरबत के भले की अरदास की और श्रद्धालुओं को पौधे भी बांटे। स्टार कास्ट ने कहा कि हमारे सिख इतिहास से जुड़ी बीबी रजनी की फिल्म रिलीज होने वाली है, जिसकी सफलता के लिए वो प्रार्थना करने आए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि 30 अगस्त को बीबी रजनी की फिल्म सिनेमा घरों में रिलीज होने वाली है। इतिहास से जुड़ी है फिल्म फिल्म की स्टार कास्ट ने बताया कि हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने सिख इतिहास से जोड़ें, ताकि वे इतिहास के बारे में जान सकें। वहीं, जस बाजवा एवं रुपी गिल ने कहा कि हमने अपना कर्तव्य निभाया है, इस फिल्म को पूरी टीम ने बड़े प्यार और सम्मान के साथ तैयार किया है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में रहने वाले लोगों से अपील करते हैं कि अपनी आने वाली पीढ़ी को यह फिल्म जरूर दिखाएं ताकि उन्हें अपने इतिहास के बारे में पता चल सके।इस मौके पर फिल्म की स्टारकास्ट ने गुरु घर में पौधे भी बांटे। उन्होंने कहा कि हमें अपने पर्यावरण को स्वस्थ रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने की जरूरत है सिख इतिहास से जुड़ी है फिल्म की कहानी स्टारकास्ट जस बाजवा और रूपी गिल ने कहा कि यह फिल्म सिख इतिहास से जुड़ी है और बीबी रजनी का इतिहास हर सिख को पता है फिल्म की सफलता के लिए प्रार्थना करने आज गुरु महाराज के घर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी गुरु महाराज के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने आते रहे हैं, लेकिन इस बार अपनी फिल्म बीबी रजनी रिलीज करने से पहले आए हैं। इस फिल्म की कहानी, जिसे पहले शिरोमणि कमेटी और अन्य धार्मिक संगठनों के माध्यम से अध्ययन किया, फिर इस फिल्म पर काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि आने वाली नई पीढ़ी सिख इतिहास से जुड़ी रहे और उन्हें अपने इतिहास के बारे में पता चले। उन्होंने कहा कि यह सभी का कर्तव्य है कि अपनी आने वाली नई पीढ़ी को सिख इतिहास से जोड़ें ताकि वे इतिहास के बारे में जान सकें। सीनियर एक्टर जरनैल सिंह ने कहा कि उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया है और यह फिल्म पूरी टीम के साथ बहुत प्यार और सम्मान से तैयार की है। इस फिल्म को पीढ़ी को जरूर दिखाएं ताकि वे अपने इतिहास के बारे में जान सकें।