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सिरसा में एक और युवक की नशे से मौत:कालांवाली में झाड़ियों में मिला शव; 15 दिनों में 4 युवाओं की जा चुकी जान
सिरसा में एक और युवक की नशे से मौत:कालांवाली में झाड़ियों में मिला शव; 15 दिनों में 4 युवाओं की जा चुकी जान हरियाणा के सिरसा में पुलिस जिला डबवाली में नशे के कारण होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रोजाना किसी न किसी युवक की नशे के कारण मौत सामने आ रही है। कई मामलों को परिवार के बीच ही दबा दिया जाता है। वहीं पुलिस अपनी कार्रवाई में इत्फ़ाकिया मौत दर्शा कर मामले से पल्ला झाड़ लेती है। लेकिन नशे से हो रही मौतों की हकीकत इससे कुछ अलग है। कालांवाली में शनिवार को एक युवक रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में मृत मिला। उसके पास ही एक इंजेक्शन भी पड़ा हुआ पुलिस को मिला है। इससे युवक की मौत का कारण नशे की ओवरडोज को माना जा रहा है। युवक कालांवाली के वार्ड नंबर 8 का रहने वाला था। लोगों का कहना है कि अक्सर यहां नशे की पूर्ति के लिए युवा आते हैं। दो-तीन बार पुलिस को भी इसके बारे में सूचना दी गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया था।तब पुलिस को देखकर नशेड़ी किस्म के युवक यहां से भाग खड़े हुए थे। लेकिन शनिवार को एक युवक नशे का शिकार हो गया और उसका शव झाड़ियों में मिला। बता दे कि इससे पहले डबवाली में रविवार को 23 जून को एक युवा पेंटर की नशे के कारण मौत हो गई थी जिसके पास भी इंजेक्शन पाया गया था। वही कुछ दिन पहले ही महाग्राम गंगा के 20 वर्षीय युवक की जब चिट्टे की तलब पूरी न हुई थी तो वह गोलियों का घोल बनाकर ही इंजेक्शन लगने लगा था और पिछले 4 साल से नशे की चपेट में था। जिसकी हालत गंभीर होने के कारण उसके परिजन 27 जून को डबवाली से सिरसा इलाज के लिए लेकर गए थे लेकिन उसने भी दम तोड़ दिया था। वही 15 जून को डबवाली के लोग में एक युवक की नशे के कारण मौत हो गई थी उसकी उम्र भी लगभग 21 साल थी लेकिन एक माह में ही नशे के चार मामले सामने आना नशे पर काबू न पाया जाना कहीं ना कहीं सरकार के ड्रग विभाग और प्रशासन की नाकामी साबित हो रही है।
सनातन धर्म का मजाक मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता:आनंद स्वरूप ने कहा- हर्षा गलत रास्ते पर जा रही थी, इसलिए मैंने रोका
सनातन धर्म का मजाक मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता:आनंद स्वरूप ने कहा- हर्षा गलत रास्ते पर जा रही थी, इसलिए मैंने रोका हर्षा जैसी कई लाख लड़कियां आई हुई हैं। अगर उसे मेरी बात का बुरा लगा तो लग जाए। हम बस उसे सही समझा रहे थे। यह बात स्वामी आनंद स्वरूप ने कही। दैनिक भास्कर को दिए गए इंटरव्यू में हर्षा ने कहा, “आनंद स्वरूप को पाप लगेगा।” इसका जवाब देते हुए उन्होंने अपना वीडियो जारी किया। चलिए जानते हैं आनंद स्वरूप ने क्या कहा… सबसे पहले हर्षा का बयान
हर्षा ने कहा- ‘मैं न कोई मॉडल हूं और न ही कोई संत…मैं सिर्फ एक एंकर और एक्ट्रेस थी। संतों ने महिला होने के बावजूद मेरा अपमान किया। आनंद स्वरूप को पाप लगेगा।’ यह कहकर हर्षा रिछारिया रो पड़ती हैं।
हर्षा ने कहा- अब मुझे डर लग रहा है। मेरे ऊपर लग रहे आरोपों से मैं त्रस्त हूं, परेशान हूं। अब मैं महाकुंभ मेला छोड़कर चली जाऊंगी। मैं पूरे महाकुंभ में रहने के लिए यहां आई थी। मैं सिर्फ महाराज जी की भक्त हूं। कैलाश आनंद के विचारों से प्रभावित होकर उनके साथ आई थी। मैं संत नहीं हूं। संत अपने आप में बहुत बड़ी पदवी होती है, इसका टैग मुझे नहीं दिया जाए। मैं कभी भी मॉडल नहीं रही हूं। इसलिए मैं यह टैग भी एक्सेप्ट नहीं कर सकती। मैं सिर्फ एक साधारण सी शिष्या हूं, जो अपने गुरुदेव के सानिध्य में महाकुंभ को जानने, महसूस करने और समझने के लिए तीर्थराज प्रयागराज में आई है। अब पढ़िए बाबा आनंद स्वरूप ने क्या कहा…
शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने कहा- महाकुंभ सनातन धर्मियों का सबसे बड़ा समागम है। यहां धर्म और आध्यात्म पर चर्चा होनी चाहिए। महिला मॉडल और बीफ खाने वाली विदेशी महिला लॉरेन पॉवेल का शुद्धिकरण कराए बिना उसे दीक्षा देना और सनातनी नाम दे देना सिर्फ मजाक और प्रचार है। महाकुंभ में इस तरह के काम सिर्फ मार्केटिंग इवेंट है और इससे ज्यादा कुछ नहीं। इसे लेकर धर्माचार्यों से चर्चा कर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा, क्योंकि यह सीधे तौर पर महापाप है। उन्होंने कहा- हर्षा जैसी कई लाख लड़कियां आई हुई हैं। मैने किसी को कुछ नहीं कहा। तुम आचार्य के रथ पर सवार होकर बाइट दे रही थी कि मैं दो साल इस जीवन में हूं। दो साल से साध्वी हूं। जब मैंने असलियत को जाना तो उनको रोकना मेरा कर्तव्य है। और तुमसे मेरा कोई मतभेद नहीं है। जैसा मेरा सभी बहनों से लगाव वैसे तुमसे हैं। तुमको मैने इसमें रास्ता दिखाया है। इसमें बुरा मानने वाला कुछ नहीं है। फिर भी तुमको बुरा लगा तो लगने दो। मैं अगर ऐसे काम कोई और करेगा, उसके साथ भी वहीं करुंगा। क्योंकि मेरा कर्तव्य ही है, मैंने इसलिए काली सेना बनाई है कि धर्म के खिलाफ चलने वाले लोगों को रोकना और टोकना। तुम गलत रास्ते पर जा रही थी। इसलिए मैंने तुमको रोका, तुम्हारी सारी असलियत बाहर आ गई। तुम्हारी मां कर रही है कि तुम्हारी अगले महीने शादी है। मेरा उसमें कुछ नहीं है। लेकिन इस बात अलग भगवा वस्त्र का, तिलक का, माला का, सनातन धर्म का मजाक बनाना क्या मैं बर्दाश्त कर सकता हूं। ये मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। एक सामान्य लड़की की तरह कुंभ में रहो मुझे कोई दिक्कत नहीं। ये सब करोगी तो मैं फिर से टोकुंगा, फिर रोकुंगा। इस तरीके बिना संन्यास ग्रहण किए, किसी की शिष्या बताना गलत है। हर्षा ने एक-एक कर हमारे सवालों के जवाब दिए, पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: आप मॉडल, संत या सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर…क्या हैं?
जवाब: मैं संत नहीं हूं। संत अपने आप में बहुत बड़ी पदवी होती है, इसका टैग मुझे नहीं दिया जाए। मैं कभी भी मॉडल नहीं रही हूं। इसलिए मैं यह टैग भी एक्सेप्ट नहीं कर सकती। मैं सिर्फ एक साधारण सी शिष्या हूं, जो अपने गुरुदेव के सानिध्य में महाकुंभ को जानने, महसूस करने और समझने के लिए तीर्थराज प्रयागराज में आई है। सवाल: आप महामंडलेश्वर के रथ में सवार हुईं, संतों ने इसका विरोध किया, क्या कहेंगी?
जवाब: मुझे जो पर्सनली फील होता है, वो यह है कि अगर कोई भी इंसान वेस्टर्न कल्चर को छोड़कर, सनातन धर्म की संस्कृति से जुड़ना चाहता है, समझना चाहता है, उसमें समाना चाहता है, उसमें रम जाना चाहता है। तो मुझे लगता है कि हिंदू होने के नाते, सनातनी होने के नाते हमें खुशी से उसे परिवार में, धर्म में शामिल करना चाहिए, न कि उसका विरोध करना चाहिए। उसे बच्चे की तरह ट्रीट करना चाहिए। उसका विरोध करना बहुत गलत बात है। सवाल : कैलाशानंद गिरी महाराज के संपर्क में कैसे आईं और कैसे धर्म अध्यात्म समझा?
जवाब : परम पूज्य गुरुदेव की बात है, तो मैंने उनसे कुछ समय पहले ही शिक्षा-दीक्षा ली। मंत्र दीक्षा ली है। उनके जो लाखों शिष्य हैं, बच्चे हैं। उन बच्चों में से मैं उनकी एक बेटी हूं, शिष्या हूं। मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे उनका सानिध्य मिला। वह सिद्ध पुरुष हैं। विश्व में उनकी ख्याति है। पूरी दुनिया के लोग उनसे जुड़ना चाहते हैं। सवाल: आपके संगम में शाही स्नान को लेकर विवाद हुआ, क्या कहेंगी?
जवाब : हर कोई संगम या अमृत स्नान के लिए तड़पता है। हर कोई चाहता है कि साधु-संतों के सानिध्य में, उनकी छत्र-छाया में हमको यह अमृत स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हो। रही बात मेरी शाही सवारी में बैठने की, जिसके लिए विवाद हो रहा है, तो बता दूं- वो विवाद का मुद्दा नहीं था। उसमें सिर्फ मैं नहीं बैठी थी। सिर्फ मैंने भगवा शॉल नहीं ओढ़ा था। सबसे बड़ी बात अगर हिंदू होने के नाते, सनातनी होने के नाते अगर मैंने भगवा शॉल ओढ़ा तो यह गर्व की बात होनी चाहिए थी। लोगों को गर्व होना चाहिए था कि आज युवा सनातन धर्म में रम रहा है। यह तो पूरे सनातन धर्म के लिए गर्व की बात है। मैं प्रयासरत हूं कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रेरित कर सकूं, लेकिन अगर मैं ही ऐसा नहीं कर पाऊंगी, तो दूसरों को क्या जागरूक कर पाऊंगी। मीडिया ने मुझे टारगेट किया
शाही सवारी में उस वक्त मेरे अलावा बहुत से गृहस्थ लोग भी बैठे हुए थे। जिनका अपना परिवार है, बच्चे हैं, मां-बाप हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मीडिया ने मुझे टारगेट किया हुआ था। सिर्फ हमारे निरंजनी अखाड़े में गृहस्थ लोग नहीं थे। अलग-अलग अखाड़ों की शाही सवारी में गृहस्थ लोग बैठे थे। ये कोई विवाद का मुद्दा नहीं था। अगर किसी बच्चे से गलती होती है, तो उसे समझाना चाहिए। लेकिन उसे विवादों में घेरना, नाम खराब करना गलत है। उसे पहले साध्वी का टाइटल देना, फिर मॉडल का टाइटल दे देना। यह बहुत गलत बात है। सवाल : अब कैसा फील कर रही हैं? क्या लग रहा है?
जवाब : मुझे अब बहुत कष्ट हो रहा है। मैंने सोचा था कि 144 साल बाद ये पूर्ण महाकुंभ आया है। मैं बहुत-सी उम्मीदें लेकर आई थी। शायद यह जिंदगी का पहला और आखिरी पूर्ण महाकुंभ है। मैंने सोचा था कि पूज्य गुरुदेव के सानिध्य में धर्म-संस्कृति और कुंभ के बारे में जानूंगी। युवा होने के नाते मैंने सोचा था कि ऐसे संतों से मिलूंगी, जो आम लाइफ से बहुत दूर रहते हैं। हमारे यहां विदेशी आ रहे हैं, हम वाहवाही कर रहे हैं। लेकिन, भारतीय बेटी के लिए तरह-तरह की बातें हो रही हैं। विवादों में घेरा जा रहा है। ऐसे में कष्ट तो होगा ही। सवाल: आपकी पुरानी तस्वीरों को वायरल किया जा रहा है, आप ट्रोल हो रहीं हैं, क्या कहना चाहेंगी?
जवाब : मेरी पुरानी तस्वीरों में कुछ भी गलत नहीं है। मैंने कुछ भी नहीं छिपाया। मैंने सभी को खुलकर बताया कि मैं एक्टर थी, एंकर थी। अब उससे बाहर निकलकर धर्म से जुड़ गई हूं। मैंने खुद ही सबको बताया। मेरा खुद का कंटेंट वायरल करना, गलत बात है। जिस प्रोफेशन में थी, वहां छोटे कपड़े पहनना, जींस-टॉप पहनना चलता है। भारत में बड़े-बड़े शहरों में लड़कियां हर तरह के कपड़े पहन रही हैं। लेकिन मुझे मेरी मर्यादा का हमेशा ध्यान रहा है। मैंने कभी नॉनवेज खाते हुए फोटो-वीडियो सामने नहीं आई। सिर्फ कपड़ों को लेकर मेरा चरित्र जस्टिफाई किया जा रहा है। ऐसे में यह गलत बात है, समस्त नारी जाति का अपमान किया जा रहा है। अगर कपड़ों की बात कर रहे हैं, तो महाकुंभ में नागा साधु भी हैं। फिर आप नारी को ही क्यों ट्रोल कर रहे हैं। एक बेटी को बचाना चाहिए। लेकिन लोग मुझे ट्रोल कर रहे हैं। गलत कमेंट कर रहे हैं। सवाल : आनंद स्वरूप महाराज ने आपको लेकर कमेंट किया है, क्या कहना चाहेंगी?
जवाब : मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है। आनंद स्वरूप के स्टेटमेंट पर हंसी भी आ रही है। क्योंकि हम तब किसी पर उंगली उठाने लायक होते हैं, जब हम खुद में ठीक होते हैं। मैंने उनके बारे में पता किया। मुझे पता चला कि वो खुद को संत और तपस्वी बताते हैं, लेकिन उनकी खुद की फैमिली है। बीवी और बच्चे हैं। लेकिन, वो अपने परिवार के बारे में किसी को नहीं बताते। आनंद स्वरूप का एक काम है, वो खाली बैठे हैं। उनका काम है कि आगे बढ़ रहे लोगों को पीछे करें। उन्होंने जब देखा कि मेरे परम पूज्य गुरुदेव का नाम हो रहा है, लोग मांस-मदिरा को छोड़कर गुरुदेव के सानिध्य में बैठे हैं। तभी जलन की भावना में उन्होंने ऐसा किया। किन्नर अखाड़े और जूना अखाड़े को लेकर बहुत कुछ बोला था, लेकिन वहां उनकी दाल नहीं गली। अब वो मेरे कंधों पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। सवाल : अब कुंभ में रहेंगी या नहीं?
जवाब : मैंने सोचा था कि पूरे कुंभ मेले में रहूंगी। इसी मंशा से यहां आई थी। अब मुझे कैद होकर रहना पड़ रहा है। जिस उद्देश्य के साथ आई थी, वो पूरा नहीं हो पा रहा। लोगों से और उनके सवालों से बचना पड़ रहा है। मुझे अब फील हो रहा है कि मैंने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया। मुझे टारगेट किया जा रहा है। अब मैं यहां नहीं रह पाऊंगी, क्योंकि खुलकर सांस नहीं ले पा रही। इससे अच्छा है कि मैं यहां से चली जाऊं। मैं कुंभ छोड़कर जाने का प्लान कर चुकी हूं। खुद को बड़ा साधु-संत बताने वाले अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं। जो उनकी बेटी समान है, उस पर कमेंट करने वालों को शर्म आनी चाहिए। आपने ऐसा कमेंट किया कि एक बेटी महाकुंभ छोड़ने को मजबूर हो रही है। वो महाकुंभ, जो लाइफ में एक बार आएगा। इस आनंद स्वरूप को पुण्य नहीं, पाप जरूर लगेगा। इतना मैं बोलकर जा रही हूं। पूरे युवाओं से धर्म को जानने का मौका छीना गया
हर्षा ने कहा- मैं यहां युवाओं को प्रेरित करने आई थी। धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए आई थी, लेकिन यहां कुछ लोगों ने मुझसे ही यह मौका छीन लिया। इन्होंने मुझसे नहीं, पूरे युवाओं से यह मौका छीना है। इनका मानना है कि जो वेस्टर्न कल्चर में था, तो उसे कोई हक नहीं कि वह अपने धर्म और संस्कृति को जाने। भगवान भी यह अधिकार नहीं छीन सकते
हर्षा ने रोते हुए कहा- भगवान ने भी हमसे कभी पूजा करने का हक नहीं छीना। भगवान के पास भी यह अधिकार नहीं कि वह हमसे धर्म और संस्कृति को जानने का हक छीन लें। लेकिन इन लोगों ने मुझे मॉडल और नाचने-गाने वाला करार दिया। मैं अपनी मर्यादा में थी। मैंने महाकुंभ में आकर क्या अभद्र और क्या गलत कर दिया? इन लोगों ने मुझे परेशान कर दिया, त्रस्त कर दिया है। —————————- यह खबरें भी पढ़ें… महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा ने संन्यास नहीं लिया, पिता का दावा, बोले- बेटी ने सिर्फ गुरु दीक्षा ली, जल्द शादी करेंगे प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के रथ पर बैठने के बाद चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया ने संन्यास नहीं लिया है। ऐसा दावा उनके माता-पिता ने किया। पिता दिनेश रिछारिया ने कहा- बेटी पर साध्वी का टैग गलत लगाया गया। उसने सिर्फ दीक्षा ली है। संन्यास नहीं लिया है, जल्द ही उसकी शादी करेंगे। पढ़ें पूरी खबर… महाकुंभ में मॉडल को रथ पर बैठाने पर भड़के संत: कहा- धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक, परिणाम भुगतने होंगे प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- यह उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पढ़ें पूरी खबर…
उद्धव ठाकरे के बैग की जांच होने पर भड़के अशोक गहलोत, ‘एक पार्टी को…’
उद्धव ठाकरे के बैग की जांच होने पर भड़के अशोक गहलोत, ‘एक पार्टी को…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> महाराष्ट्र चुनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामान को चेक करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्षी नेता इस मामले को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. इस बीच राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी उद्धव ठाकरे के सामान की चेकिंग को गलत बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक गहलोत ने कहा,”एक पार्टी के नेता को टारगेट करना गलत है. जांच सभी की होनी चाहिए.” अशोक गहलोत के मुताबिक निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को महायुति के नेता सीएम <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a>, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के सामान की जांच करनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये देश को कहां ले जाना चाहते हैं- गहलोत</strong><br />इसके अलावा कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने बीजेपी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे’ नारे पर कहा, “दुर्भाग्य से देश में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां इस तरह के नारे लगाए जा रहे हैं और वह भी चुने हुए लोगों द्वारा. आप देश को कहां ले जाना चाहते हैं? आज विविधता में एकता है, हम एकजुट हैं, लेकिन वे हमें विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उद्धव ठाकरे का सामान किया गया चेक</strong><br />बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यवतमाल के वनी एयरपोर्ट पर अधिकारियों द्वारा अपना सामान चेक किए जाने पर ऐतराज जताया था. उन्होंने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सार्वजनिक मंच पर रोष जाहिर किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान, उद्धव ठाकरे ने कहा, “मेरे बैग की जांच की जा रही है. यकीन मानिए, मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मेरा सीधा-सा सवाल है कि क्या कभी इस तरह प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और केंद्रीय गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> के बैग की जांच की गई है.”</p>