JIO फाइबर मैनेजर अभिनव भारद्वाज को अगवा करने की किडनैपर्स ने न तो प्लानिंग की थी और न ही रेकी। वो अभिनव के बारे में जानते भी नहीं थे। आरोपी हाथरस में दोस्त की पार्टी मनाने आए थे। यहीं पर होटल में अभिनव से उनका झगड़ा हो गया। अभिनव ने बदमाशों से कहा- तुम मुझे नहीं जानते हो। मैं इस एरिया का JIO फाइबर कंपनी का मैनेजर हूं। जितनी तुम पी रहे हो, इतनी मैं पैमाने में छोड़ देता हूं। ये सुनने के बाद किडनैपर्स ने अपहरण की साजिश रची। अभिनव के साले ने बदमाशों को पुलिस की चोरी से फिरौती दी, पैसे लेने के बाद भी जब मैनेजर को आरोपियों ने नहीं छोड़ा तब परिजनों ने STF को सूचना दी। यह कहना है मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद अभिनव भारद्वाज को छुड़ाने वाली STF टीम का। पुलिस ने एनकाउंटर में घायल गोलू ठाकुर को मुरादाबाद जेल भेज दिया है।
जबकि विशाल को मुरादाबाद से मेरठ फिर यहां से दिल्ली रेफर कर दिया गया। विशाल की गर्दन में अभी भी गोली फंसी हुई है।अभिनव के किडनैप की प्लानिंग कब बनी, किडनैपर्स उत्तराखंड से मुरादाबाद क्यों आए? पढ़िए अभिनव के किडनैप होने से लेकर बचने तक का सिलसिलेवार घटनाक्रम… पहले जानिए पूरा मामला
हाथरस के नवल नगर कॉलोनी निवासी अभिनव भारद्वाज जियो फाइबर में मैनेजर हैं। वह मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। 2 साल से अधिवक्ता राधामाधव शर्मा के मकान में रह रहे हैं। एक जनवरी को सिकंद्राराऊ में अपने सहकर्मियों के साथ होटल में पार्टी करने गए थे। रात तक घर नहीं लौटे। रात में अभिनव की पत्नी स्वीटी भारद्वाज के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा-टिल्लू ताजपुरिया गैंग दिल्ली से बोल रहा हूं। मेरा नाम मोंटी दौसा है। तुम्हारे पति को किडनैप कर लिया गया है। 20 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। फिरौती के लिए दिया 2 दिन का समय
फोन करने वाले ने कहा- 2 दिन का टाइम दे रहा हूं। इससे पत्नी घबरा गई। वीडियो कॉल पर आरोपियों ने परिजनों से तीन बार बात कराई।परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। शुक्रवार को परिजन किडनैपर्स को फिरौती की रकम देने के लिए मुरादाबाद पहुंचे। फिरौती लेकर बदमाशा भागने लगे तो STF ने एनकाउंटर के बाद मैनेजर को छुड़ा लिया। पढ़िए किडनैपिंग की योजना कब और क्यों बनी
STF टीम का कहना है कि हाथरस के JIO फाइबर मैनेजर अभिनव भारद्वाज को अगवा करने की किडनैपर्स ने कोई प्लानिंग नहीं की थी। वो अभिनव को जानते भी नहीं थे। किडनैपर्स एक जनवरी को हाथरस में हतीशा निवासी अपने दोस्त अंशुल पुत्र नेम सिंह का बर्थडे मनाने गए थे। ये बर्थडे पार्टी सिकंद्राराऊ के उसी मिश्री होटल में चल रही थी, जिसमें JIO फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज अपने दोस्तों के साथ नए साल की पार्टी करने पहुंचे थे। अंशुल उर्फ गोलू की बर्थडे पार्टी में गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता निवासी छितारी बुलंदशहर, गौरव और प्रशान्त शामिल हुए थे। पार्टी कर रहे जिओ फाइबर मैनेजर का किसी बात को लेकर उसके दोस्तों से झगड़ा हो गया। जिओ फाइबर मैनेजर अभिनव के बगल की टेबल पर किडनैपर्स शराब पी रहे थे। नशे की हालत में किडनैपर्स अंशुल, गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता गौरव और प्रशान्त ने कमेंट्स किए। इस पर अभिनव ने उन्हें धमकाया। अभिनव ने कहा- तुम मुझे और मेरी हैसियत को जानते नहीं हो। मैं इस एरिया का JIO फाइबर कंपनी का मैनेजर हूं। जितनी तुम पी रहे हो, इतनी मैं पैमाने में छोड़ देता हूं। ये सुनते ही किडनैपर्स ने आपस में डिस्कस कर अभिनव के किडनैपिंग की साजिश रची। उन्हें लगा था कि अभिनव बड़ा आदमी है, किडनैपिंग के बदले में बड़ी रकम मिलेगी। इसके बाद किडनैपर्स ने अभिनव भारद्वाज को सॉरी बोला। अपने साथ टेबल बैठा लिया। जिद करके 2-3 पैग शराब पिलाई। अभिनव जब नशे में हो गए तो बाहर लाकर अपनी कार में बैठा लिया और अपने साथ ले गए। कार में भी किडनैपर्स ने अभिनव के साथ शराब पी। अभिनव के बेहोश होने के बाद उसका फोन ले लिया। दो घंटे बाद अभिनव को एहसास हुआ कि उसका अपहरण कर लिया गया है। किडनैपर्स ने अभिनव से उनकी पत्नी का नंबर मांगा। इसके बाद वॉट्सऐप कॉल और वीडियो कॉल करके 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। सुरक्षित ठिकाने की तलाश में अल्मोड़ा पहुंचे किडनैपर्स STF को पूछताछ में किडनैपर्स ने बताया है कि अंशुल उर्फ गोलू, प्रशांत, गौरव, गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता और वीरेन्द्र आपस में दोस्त हैं। नैनीताल में घूमने के दौरान इन चारों की मुलाकात एक होटल में अल्मोड़ा के रहने वाले करन विष्ट से हुई थी। इसके बाद इनके बीच दोस्ती हो गई। बाद में करन ने इन सभी को अपने दोस्तों सुजल, विशाल कुमार और विक्की से मिलवाया। ये सभी भी अल्मोड़ा के ही रहने वाले हैं। एक जनवरी को जब अंशुल उर्फ गोलू ने अपने साथियों के संग मिलकर जिओ फाइबर मैनेजर अभिनव भारद्वाज को हाथरस से अगवा किया तो उन्हें उसे रखने के लिए एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश थी। आरोपी किडनैप किए गए मैनेजर को लेकर स्विफ्ट कार से सीधा अल्मोड़ा पहुंचे। करन विष्ट और सुजल के जरिए एक होटल में कमरा लेकर अभिनव को रखा गया। वहीं पर इनके साथी विशाल, विक्की और वीरेन्द्र भी आ गए थे। फिरौती की रकम सभी में बराबर -बराबर बंटनी थी। परिजन बोले-सबूत दो हमारा आदमी जिंदा है फिरौती की रकम के लिए किडनैपर्स लगातार परिवार पर दबाव बना रहे थे। इस बीच हाथरस में मैनेजर की फैमिली इस घटना के बारे में पुलिस को बता चुकी थी। फिरौती के लिए किडनैपर्स की कॉल भी आ रही थी। यूपी STF भी इस ऑपरेशन में शामिल थी। एसटीएफ के कहे अनुसार ही परिवार किडनैपर्स को यह कहकर बातों में उलझाए रहा कि अभी एकदम इतनी रकम कहां से लाएं। इंतजाम कर रहे हैं। रकम ज्यादा है, इसे कम करो। किडनैपर्स से कहा था कि, हमें पहले इस बात का सबूत दो कि हमारा आदमी जिंदा है। इस पर किडनैपर्स ने वीडियो कॉल पर अभिनव की घर वालों से बात भी कराई थी। दरअसल STF चाहती थी कि किडनैपर्स की कॉल ज्यादा से ज्यादा बार आए ताकि उनकी लोकेशन को ट्रेस करने में मदद मिल सके। STF से छुपाकर दी फिरौती की रकम
किडनैपर्स के मोबाइल नंबर मिलने के बाद STF उनकी खोज में लग गई। STF की टीम अल्मोड़ा भी पहुंच गई थी, लेकिन उसके कुछ ही देर पहले किडनैपर्स मैनेजर को लेकर वहां से मुरादाबाद के लिए चल दिए। दरअसल 3 दिन गुजरने के बाद भी अभिनव की रिकवरी नहीं हुई तो परिजनों ने पैसे देकर रिहाई कराने के विकल्प पर अपना मन बना लिया। परिवार ने किडनैपर्स से कहा कि वो रकम देने को तैयार हैं, जगह बताएं। फैमिली ने बाद में किडनैपर्स की कुछ वॉट्सऐप कॉल्स STF से साझा नहीं की।
मैनेजर का साला शुक्रवार की रात को कुछ अन्य लोगों के साथ फिरौती की रकम लेकर मुरादाबाद पहुंचा। यहां रोडवेज के पास उसने किडनैपर्स को 4.5 लाख रुपए दिए। फिरौती की रकम लेने के बाद भी किडनैपर्स ने मैनेजर को लेकर कार दौड़ा दी। यूपी STF को तब तक इस बात की भनक नहीं थी कि परिवार ने किडनैपर्स को फिरौती की रकम डिलीवर कर दी है। किडनैपर्स के भागने पर STF को दी सूचना
मुरादाबाद में फिरौती की रकम लेने के बाद किडनैपर्स के भागने पर अभिनव के साले ने STF को कॉल की। एसटीएफ टीम तब तक किडनैपर्स का पीछा करते हुए मुरादाबाद पहुंच चुकी थी। बदमाशों से कुछ ही फासले पर थी। सूचना मिलते ही STF ने किडनैपर्स को घेर लिया। किडनैपर्स दो गाड़ियों में थे। एसटीएफ से बचने के लिए स्विफ्ट कार में सवार किडनैपर्स ने गोली चला दी। इसके बाद जब STF ने फायरिंग की। एक गोली बदमाशों की स्विफ्ट के पिछले शीशे को छलनी करते हएु हेड विशाल की गर्दन में जाकर लगी। अगवा किए गए अभिनव इस कार में नहीं थे। गोली लगने के बाद कार छोड़कर पैदल भागा
STF सोर्स ने बताया कि मुरादाबाद में ये एनकाउंटर शनिवार को तड़के करीब 5 बजे DM और SSP के बंगले के बीच में हुआ था। गोली लगने के बाद विशाल कार से उतरकर आवास विकास कालोनी में पैदल ही भागा था। उसने कोशिश की थी कि किसी घर में छुपकर वो एसटीएफ से अपनी जान बचा लेगा। लेकिन सुबह के 5 बज चुके थे। कुछ लोग मॉर्निंग वॉक पर भी निकले थे। उन्होंने विशाल की घरों की दीवार फांदते देखा तो चोर-चोर करके शोर मचा दिया। तभी STF ने विशाल और उसके 2 साथियों करन विष्ट और सुजल को धर दबोचा था। किडनैपर्स का चौथा साथी गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता शनिवार को ही शाम करीब 5 बजे मुरादाबाद में ही मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी हुआ था। ——————- ये खबर भी पढ़िए- किडनैपर की गर्दन में गोली मारकर Jio मैनेजर को छुड़ाया: हाथरस से किया था किडनैप; पत्नी को धमकाया- 20 लाख नहीं दिए तो लाश भेज दूंगा हाथरस से किडनैप हुए जियो फाइबर के मैनेजर को STF ने मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद छुड़ा लिया। शनिवार तड़के 5 बजे DM आवास के पास STF ने कार सवार बदमाशों को घेरा। बदमाश पुलिस पर फायरिंग करने लगे। मुठभेड़ में एक बदमाश के गले में गोली लग गई। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 2 बदमाश भाग गए। पुलिस ने थोड़ी देर बाद दूसरे एनकाउंटर में अन्य 2 बदमाशों को भी पैर में गोली मारकर पकड़ा। पूरी खबर पढ़ें JIO फाइबर मैनेजर अभिनव भारद्वाज को अगवा करने की किडनैपर्स ने न तो प्लानिंग की थी और न ही रेकी। वो अभिनव के बारे में जानते भी नहीं थे। आरोपी हाथरस में दोस्त की पार्टी मनाने आए थे। यहीं पर होटल में अभिनव से उनका झगड़ा हो गया। अभिनव ने बदमाशों से कहा- तुम मुझे नहीं जानते हो। मैं इस एरिया का JIO फाइबर कंपनी का मैनेजर हूं। जितनी तुम पी रहे हो, इतनी मैं पैमाने में छोड़ देता हूं। ये सुनने के बाद किडनैपर्स ने अपहरण की साजिश रची। अभिनव के साले ने बदमाशों को पुलिस की चोरी से फिरौती दी, पैसे लेने के बाद भी जब मैनेजर को आरोपियों ने नहीं छोड़ा तब परिजनों ने STF को सूचना दी। यह कहना है मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद अभिनव भारद्वाज को छुड़ाने वाली STF टीम का। पुलिस ने एनकाउंटर में घायल गोलू ठाकुर को मुरादाबाद जेल भेज दिया है।
जबकि विशाल को मुरादाबाद से मेरठ फिर यहां से दिल्ली रेफर कर दिया गया। विशाल की गर्दन में अभी भी गोली फंसी हुई है।अभिनव के किडनैप की प्लानिंग कब बनी, किडनैपर्स उत्तराखंड से मुरादाबाद क्यों आए? पढ़िए अभिनव के किडनैप होने से लेकर बचने तक का सिलसिलेवार घटनाक्रम… पहले जानिए पूरा मामला
हाथरस के नवल नगर कॉलोनी निवासी अभिनव भारद्वाज जियो फाइबर में मैनेजर हैं। वह मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। 2 साल से अधिवक्ता राधामाधव शर्मा के मकान में रह रहे हैं। एक जनवरी को सिकंद्राराऊ में अपने सहकर्मियों के साथ होटल में पार्टी करने गए थे। रात तक घर नहीं लौटे। रात में अभिनव की पत्नी स्वीटी भारद्वाज के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा-टिल्लू ताजपुरिया गैंग दिल्ली से बोल रहा हूं। मेरा नाम मोंटी दौसा है। तुम्हारे पति को किडनैप कर लिया गया है। 20 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। फिरौती के लिए दिया 2 दिन का समय
फोन करने वाले ने कहा- 2 दिन का टाइम दे रहा हूं। इससे पत्नी घबरा गई। वीडियो कॉल पर आरोपियों ने परिजनों से तीन बार बात कराई।परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। शुक्रवार को परिजन किडनैपर्स को फिरौती की रकम देने के लिए मुरादाबाद पहुंचे। फिरौती लेकर बदमाशा भागने लगे तो STF ने एनकाउंटर के बाद मैनेजर को छुड़ा लिया। पढ़िए किडनैपिंग की योजना कब और क्यों बनी
STF टीम का कहना है कि हाथरस के JIO फाइबर मैनेजर अभिनव भारद्वाज को अगवा करने की किडनैपर्स ने कोई प्लानिंग नहीं की थी। वो अभिनव को जानते भी नहीं थे। किडनैपर्स एक जनवरी को हाथरस में हतीशा निवासी अपने दोस्त अंशुल पुत्र नेम सिंह का बर्थडे मनाने गए थे। ये बर्थडे पार्टी सिकंद्राराऊ के उसी मिश्री होटल में चल रही थी, जिसमें JIO फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज अपने दोस्तों के साथ नए साल की पार्टी करने पहुंचे थे। अंशुल उर्फ गोलू की बर्थडे पार्टी में गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता निवासी छितारी बुलंदशहर, गौरव और प्रशान्त शामिल हुए थे। पार्टी कर रहे जिओ फाइबर मैनेजर का किसी बात को लेकर उसके दोस्तों से झगड़ा हो गया। जिओ फाइबर मैनेजर अभिनव के बगल की टेबल पर किडनैपर्स शराब पी रहे थे। नशे की हालत में किडनैपर्स अंशुल, गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता गौरव और प्रशान्त ने कमेंट्स किए। इस पर अभिनव ने उन्हें धमकाया। अभिनव ने कहा- तुम मुझे और मेरी हैसियत को जानते नहीं हो। मैं इस एरिया का JIO फाइबर कंपनी का मैनेजर हूं। जितनी तुम पी रहे हो, इतनी मैं पैमाने में छोड़ देता हूं। ये सुनते ही किडनैपर्स ने आपस में डिस्कस कर अभिनव के किडनैपिंग की साजिश रची। उन्हें लगा था कि अभिनव बड़ा आदमी है, किडनैपिंग के बदले में बड़ी रकम मिलेगी। इसके बाद किडनैपर्स ने अभिनव भारद्वाज को सॉरी बोला। अपने साथ टेबल बैठा लिया। जिद करके 2-3 पैग शराब पिलाई। अभिनव जब नशे में हो गए तो बाहर लाकर अपनी कार में बैठा लिया और अपने साथ ले गए। कार में भी किडनैपर्स ने अभिनव के साथ शराब पी। अभिनव के बेहोश होने के बाद उसका फोन ले लिया। दो घंटे बाद अभिनव को एहसास हुआ कि उसका अपहरण कर लिया गया है। किडनैपर्स ने अभिनव से उनकी पत्नी का नंबर मांगा। इसके बाद वॉट्सऐप कॉल और वीडियो कॉल करके 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। सुरक्षित ठिकाने की तलाश में अल्मोड़ा पहुंचे किडनैपर्स STF को पूछताछ में किडनैपर्स ने बताया है कि अंशुल उर्फ गोलू, प्रशांत, गौरव, गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता और वीरेन्द्र आपस में दोस्त हैं। नैनीताल में घूमने के दौरान इन चारों की मुलाकात एक होटल में अल्मोड़ा के रहने वाले करन विष्ट से हुई थी। इसके बाद इनके बीच दोस्ती हो गई। बाद में करन ने इन सभी को अपने दोस्तों सुजल, विशाल कुमार और विक्की से मिलवाया। ये सभी भी अल्मोड़ा के ही रहने वाले हैं। एक जनवरी को जब अंशुल उर्फ गोलू ने अपने साथियों के संग मिलकर जिओ फाइबर मैनेजर अभिनव भारद्वाज को हाथरस से अगवा किया तो उन्हें उसे रखने के लिए एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश थी। आरोपी किडनैप किए गए मैनेजर को लेकर स्विफ्ट कार से सीधा अल्मोड़ा पहुंचे। करन विष्ट और सुजल के जरिए एक होटल में कमरा लेकर अभिनव को रखा गया। वहीं पर इनके साथी विशाल, विक्की और वीरेन्द्र भी आ गए थे। फिरौती की रकम सभी में बराबर -बराबर बंटनी थी। परिजन बोले-सबूत दो हमारा आदमी जिंदा है फिरौती की रकम के लिए किडनैपर्स लगातार परिवार पर दबाव बना रहे थे। इस बीच हाथरस में मैनेजर की फैमिली इस घटना के बारे में पुलिस को बता चुकी थी। फिरौती के लिए किडनैपर्स की कॉल भी आ रही थी। यूपी STF भी इस ऑपरेशन में शामिल थी। एसटीएफ के कहे अनुसार ही परिवार किडनैपर्स को यह कहकर बातों में उलझाए रहा कि अभी एकदम इतनी रकम कहां से लाएं। इंतजाम कर रहे हैं। रकम ज्यादा है, इसे कम करो। किडनैपर्स से कहा था कि, हमें पहले इस बात का सबूत दो कि हमारा आदमी जिंदा है। इस पर किडनैपर्स ने वीडियो कॉल पर अभिनव की घर वालों से बात भी कराई थी। दरअसल STF चाहती थी कि किडनैपर्स की कॉल ज्यादा से ज्यादा बार आए ताकि उनकी लोकेशन को ट्रेस करने में मदद मिल सके। STF से छुपाकर दी फिरौती की रकम
किडनैपर्स के मोबाइल नंबर मिलने के बाद STF उनकी खोज में लग गई। STF की टीम अल्मोड़ा भी पहुंच गई थी, लेकिन उसके कुछ ही देर पहले किडनैपर्स मैनेजर को लेकर वहां से मुरादाबाद के लिए चल दिए। दरअसल 3 दिन गुजरने के बाद भी अभिनव की रिकवरी नहीं हुई तो परिजनों ने पैसे देकर रिहाई कराने के विकल्प पर अपना मन बना लिया। परिवार ने किडनैपर्स से कहा कि वो रकम देने को तैयार हैं, जगह बताएं। फैमिली ने बाद में किडनैपर्स की कुछ वॉट्सऐप कॉल्स STF से साझा नहीं की।
मैनेजर का साला शुक्रवार की रात को कुछ अन्य लोगों के साथ फिरौती की रकम लेकर मुरादाबाद पहुंचा। यहां रोडवेज के पास उसने किडनैपर्स को 4.5 लाख रुपए दिए। फिरौती की रकम लेने के बाद भी किडनैपर्स ने मैनेजर को लेकर कार दौड़ा दी। यूपी STF को तब तक इस बात की भनक नहीं थी कि परिवार ने किडनैपर्स को फिरौती की रकम डिलीवर कर दी है। किडनैपर्स के भागने पर STF को दी सूचना
मुरादाबाद में फिरौती की रकम लेने के बाद किडनैपर्स के भागने पर अभिनव के साले ने STF को कॉल की। एसटीएफ टीम तब तक किडनैपर्स का पीछा करते हुए मुरादाबाद पहुंच चुकी थी। बदमाशों से कुछ ही फासले पर थी। सूचना मिलते ही STF ने किडनैपर्स को घेर लिया। किडनैपर्स दो गाड़ियों में थे। एसटीएफ से बचने के लिए स्विफ्ट कार में सवार किडनैपर्स ने गोली चला दी। इसके बाद जब STF ने फायरिंग की। एक गोली बदमाशों की स्विफ्ट के पिछले शीशे को छलनी करते हएु हेड विशाल की गर्दन में जाकर लगी। अगवा किए गए अभिनव इस कार में नहीं थे। गोली लगने के बाद कार छोड़कर पैदल भागा
STF सोर्स ने बताया कि मुरादाबाद में ये एनकाउंटर शनिवार को तड़के करीब 5 बजे DM और SSP के बंगले के बीच में हुआ था। गोली लगने के बाद विशाल कार से उतरकर आवास विकास कालोनी में पैदल ही भागा था। उसने कोशिश की थी कि किसी घर में छुपकर वो एसटीएफ से अपनी जान बचा लेगा। लेकिन सुबह के 5 बज चुके थे। कुछ लोग मॉर्निंग वॉक पर भी निकले थे। उन्होंने विशाल की घरों की दीवार फांदते देखा तो चोर-चोर करके शोर मचा दिया। तभी STF ने विशाल और उसके 2 साथियों करन विष्ट और सुजल को धर दबोचा था। किडनैपर्स का चौथा साथी गोलू ठाकुर उर्फ यश गुप्ता शनिवार को ही शाम करीब 5 बजे मुरादाबाद में ही मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी हुआ था। ——————- ये खबर भी पढ़िए- किडनैपर की गर्दन में गोली मारकर Jio मैनेजर को छुड़ाया: हाथरस से किया था किडनैप; पत्नी को धमकाया- 20 लाख नहीं दिए तो लाश भेज दूंगा हाथरस से किडनैप हुए जियो फाइबर के मैनेजर को STF ने मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद छुड़ा लिया। शनिवार तड़के 5 बजे DM आवास के पास STF ने कार सवार बदमाशों को घेरा। बदमाश पुलिस पर फायरिंग करने लगे। मुठभेड़ में एक बदमाश के गले में गोली लग गई। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 2 बदमाश भाग गए। पुलिस ने थोड़ी देर बाद दूसरे एनकाउंटर में अन्य 2 बदमाशों को भी पैर में गोली मारकर पकड़ा। पूरी खबर पढ़ें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर