<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu-Kashmir Kathua Encounter:</strong> जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए बलविंदर सिंह चिब ने अपनी जान गंवा दी और साहस की उस विरासत को आगे बढ़ाया जो तीन पीढ़ियों से चली आ रही है. इस मुठभेड़ में बलविंदर समेत तीन बहादुर पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी. चिब की मौत के साथ ही उनके परिवार ने कर्तव्य की राह पर चलते हुए तीन पीढ़ियों के चार सदस्यों को खो दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चिब के पैतृक गांव कन्ना चक के स्थानीय निवासियों के अनुसार, परिवार को बलिदान और देशभक्ति के इतिहास के लिए सम्मानित किया जाता है. कठुआ जिले में जारी मुठभेड़ में चिब समेत चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. चक हरिया गांव के पूर्व सरपंच दीवान सिंह ने कहा, “चिब परिवार अपने बलिदान और देशभक्ति के लिए जाना जाता है. चक हरिया गांव को अपने बेटों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार के तीन लोगों ने पहले दी है शहादत</strong><br />चिब परिवार के बलिदान के लंबे इतिहास को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बलविंदर के परदादा प्रकाश सिंह चिब को शहादत से पहले उनकी बहादुरी के लिए विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था. प्रकाश सिंह चिब के भाई शंकर सिंह चिब ने भी अपने प्राणों की आहुति देकर सम्मान अर्जित किया. बलविंदर के चाचा प्रीतम सिंह चिब कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गए. वह सीमा सुरक्षा बल में सेवारत थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अब बलविंदर की जान चली गई है और वह परिवार से चौथे शहीद बन गए हैं. यह साहस और बलिदान की अद्वितीय विरासत है. गुरुवार को दिन भर चली मुठभेड़ में प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन के तीन संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए और इतनी ही संख्या में पुलिसकर्मियों को जान गंवानी पड़ी. शुक्रवार को एक और पुलिसकर्मी की मौत गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बलविंदर के परिवार में कौन-कौन?</strong><br />दीवान सिंह ने कहा कि बलविंदर ने अंतिम बलिदान देने से पहले आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी. गांव वाले बलविंदर को एक दयालु, अनुशासित और निस्वार्थ व्यक्ति के रूप में याद करते हैं. उनके पड़ोसी सुमित ने कहा कि वह बहुत अच्छे इंसान थे और हमेशा दूसरों की मदद करते थे. उनका कभी किसी से झगड़ा या विवाद नहीं हुआ. बलविंदर के परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu-Kashmir Kathua Encounter:</strong> जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए बलविंदर सिंह चिब ने अपनी जान गंवा दी और साहस की उस विरासत को आगे बढ़ाया जो तीन पीढ़ियों से चली आ रही है. इस मुठभेड़ में बलविंदर समेत तीन बहादुर पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी. चिब की मौत के साथ ही उनके परिवार ने कर्तव्य की राह पर चलते हुए तीन पीढ़ियों के चार सदस्यों को खो दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>चिब के पैतृक गांव कन्ना चक के स्थानीय निवासियों के अनुसार, परिवार को बलिदान और देशभक्ति के इतिहास के लिए सम्मानित किया जाता है. कठुआ जिले में जारी मुठभेड़ में चिब समेत चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. चक हरिया गांव के पूर्व सरपंच दीवान सिंह ने कहा, “चिब परिवार अपने बलिदान और देशभक्ति के लिए जाना जाता है. चक हरिया गांव को अपने बेटों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवार के तीन लोगों ने पहले दी है शहादत</strong><br />चिब परिवार के बलिदान के लंबे इतिहास को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बलविंदर के परदादा प्रकाश सिंह चिब को शहादत से पहले उनकी बहादुरी के लिए विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था. प्रकाश सिंह चिब के भाई शंकर सिंह चिब ने भी अपने प्राणों की आहुति देकर सम्मान अर्जित किया. बलविंदर के चाचा प्रीतम सिंह चिब कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गए. वह सीमा सुरक्षा बल में सेवारत थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अब बलविंदर की जान चली गई है और वह परिवार से चौथे शहीद बन गए हैं. यह साहस और बलिदान की अद्वितीय विरासत है. गुरुवार को दिन भर चली मुठभेड़ में प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन के तीन संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए और इतनी ही संख्या में पुलिसकर्मियों को जान गंवानी पड़ी. शुक्रवार को एक और पुलिसकर्मी की मौत गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बलविंदर के परिवार में कौन-कौन?</strong><br />दीवान सिंह ने कहा कि बलविंदर ने अंतिम बलिदान देने से पहले आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी. गांव वाले बलविंदर को एक दयालु, अनुशासित और निस्वार्थ व्यक्ति के रूप में याद करते हैं. उनके पड़ोसी सुमित ने कहा कि वह बहुत अच्छे इंसान थे और हमेशा दूसरों की मदद करते थे. उनका कभी किसी से झगड़ा या विवाद नहीं हुआ. बलविंदर के परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा हैं.</p> जम्मू और कश्मीर राजस्थान के डिप्टी सीएम को मिली धमकी पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान, ‘सरकार को इस…’
Kathua Encounter: कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए बलविंदर सिंह चिब, परिवार के 3 तीन लोग पहले दे चुके हैं शहादत
