KGMU में दंपती का एक साथ हुआ घुटना प्रत्यारोपण:ऑस्टियो आर्थराइटिस से घुटने हुए थे खराब, प्राइवेट हॉस्पिटल से 4 गुना कम आया खर्च

KGMU में दंपती का एक साथ हुआ घुटना प्रत्यारोपण:ऑस्टियो आर्थराइटिस से घुटने हुए थे खराब, प्राइवेट हॉस्पिटल से 4 गुना कम आया खर्च

KGMU के डॉक्टरों ने आस्टियो अर्थराइटिस से पीड़ित बुजुर्ग दंपती को बड़ी राहत दी है। दोनों के घुटने खराब हो गए थे, जिसकी वजह से दोनों का चलना दूभर हो गया था। आर्थो सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने जटिल सर्जरी कर दंपती को न सिर्फ दर्द से छुटकारा दिलाया, बल्कि प्रत्यारोपण पूरी तरह से सफल भी रहा। दोनों अब चलने भी लगे हैं। KGMU लिंब सेंटर के प्रोफेसर डॉ.नरेंद्र सिंह कुशवाहा नेबताया कि दंपती पिछले महीने आए थे। समस्या सुनने के बाद उन्हें प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। पत्नी चाहती थीं कि पहले पति का इलाज हो, ताकि वह देखभाल कर सकें। पति का मानना था कि पहले पत्नी को समस्या से छुटकारा मिले। इसे देखते हुए दोनों के घुटने के एक साथ प्रत्यारोपित करने का फैसला किया गया। सर्जरी के बाद जय करन व कृष्णा देवी नाम के ये दंपती अब आसानी से चल सकते हैं। पुरुष के दोनों और महिला का एक घुटना था खराब डा.नरेंद्र कुशवाहा कहते है कि गोरखपुर निवासी बुजुर्ग जयकरन के दोनों घुटने खराब हो गए थे और उन्हें भीषण दर्द था। उनकी पत्नी कृष्णा देवी का तो एक घुटना बिल्कुल काम नहीं कर रहा था, जबकि दूसरा 50 फीसद तक खराब हो गया था। दोनों को आस्टियो अर्थराइटिस की बीमारी थी। सफल रहा ट्रांसप्लांट डा.कुशवाहा के मुताबिक, बुजुर्ग दंपती के घुटनों की MRI कराई गई तो पता चला कि पति के दोनों और पत्नी का एक घुटना खराब हो गया था। ऐसे में दोनों लोगों को प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। परिवारीजन की सहमति के बाद पहले पति जयकरन के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण किया गया। इसके बाद पत्नी कृष्णा देवी के एक घुटने का प्रत्यारोपण किया गया। दोनों का ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा। इलाज में हुआ इतना खर्च डा.कुशवाहा ने बताया कि सर्जरी सफल होने के बाद बुजुर्ग दंपती जब अपने पैरों पर खड़े हुए और कुछ कदम चले तो उनकी आंखों में आंसू थे। मरीजों की उम्र अधिक होने के चलते आधुनिक उपकरण की मदद से प्रत्यारोपण किया गया है। बुजुर्ग दंपती के ट्रांसप्लांट पर कुल ढाई लाख रुपये का खर्च आया है। निजी अस्पताल में इसका खर्च लगभग 10 लाख रुपये आता। KGMU के डॉक्टरों ने आस्टियो अर्थराइटिस से पीड़ित बुजुर्ग दंपती को बड़ी राहत दी है। दोनों के घुटने खराब हो गए थे, जिसकी वजह से दोनों का चलना दूभर हो गया था। आर्थो सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने जटिल सर्जरी कर दंपती को न सिर्फ दर्द से छुटकारा दिलाया, बल्कि प्रत्यारोपण पूरी तरह से सफल भी रहा। दोनों अब चलने भी लगे हैं। KGMU लिंब सेंटर के प्रोफेसर डॉ.नरेंद्र सिंह कुशवाहा नेबताया कि दंपती पिछले महीने आए थे। समस्या सुनने के बाद उन्हें प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। पत्नी चाहती थीं कि पहले पति का इलाज हो, ताकि वह देखभाल कर सकें। पति का मानना था कि पहले पत्नी को समस्या से छुटकारा मिले। इसे देखते हुए दोनों के घुटने के एक साथ प्रत्यारोपित करने का फैसला किया गया। सर्जरी के बाद जय करन व कृष्णा देवी नाम के ये दंपती अब आसानी से चल सकते हैं। पुरुष के दोनों और महिला का एक घुटना था खराब डा.नरेंद्र कुशवाहा कहते है कि गोरखपुर निवासी बुजुर्ग जयकरन के दोनों घुटने खराब हो गए थे और उन्हें भीषण दर्द था। उनकी पत्नी कृष्णा देवी का तो एक घुटना बिल्कुल काम नहीं कर रहा था, जबकि दूसरा 50 फीसद तक खराब हो गया था। दोनों को आस्टियो अर्थराइटिस की बीमारी थी। सफल रहा ट्रांसप्लांट डा.कुशवाहा के मुताबिक, बुजुर्ग दंपती के घुटनों की MRI कराई गई तो पता चला कि पति के दोनों और पत्नी का एक घुटना खराब हो गया था। ऐसे में दोनों लोगों को प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। परिवारीजन की सहमति के बाद पहले पति जयकरन के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण किया गया। इसके बाद पत्नी कृष्णा देवी के एक घुटने का प्रत्यारोपण किया गया। दोनों का ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा। इलाज में हुआ इतना खर्च डा.कुशवाहा ने बताया कि सर्जरी सफल होने के बाद बुजुर्ग दंपती जब अपने पैरों पर खड़े हुए और कुछ कदम चले तो उनकी आंखों में आंसू थे। मरीजों की उम्र अधिक होने के चलते आधुनिक उपकरण की मदद से प्रत्यारोपण किया गया है। बुजुर्ग दंपती के ट्रांसप्लांट पर कुल ढाई लाख रुपये का खर्च आया है। निजी अस्पताल में इसका खर्च लगभग 10 लाख रुपये आता।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर