भारतीय सिनेमा का यूरोपियन सोसाइटी पर अभूतपूर्व प्रभाव रहा है। राजकपूर की फिल्मों के दीवानगी वहां के युवाओं के सिर चढ़ कर बोलती थी। आवारा फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। बाद की फिल्में भी वहां जबरदस्त कामयाब रही। ये कहना हैं कि फ्रांस की राजधानी पेरिस की स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज इन सोशल साइंस की प्रोफेसर अरुंधति वीरमानी का। वो मंगलवार को जय नारायण पीजी कॉलेज में फ्रॉम कॉलोनियल रूल टू ग्लोबल इमरजेंस – इंडियाज जर्नी थ्रू 19th और 20 th सेंचुरी विषय पर चल रहे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान बोल रही थीं। रॉयल मैरिज को लेकर ये थी मान्यता सेमिनार में की नोट स्पीकर प्रो.जॉन बाटियर ने कहा कि 17वीं और 18वीं सेंचुरी में यूरोप में शाही शादियों में महिला की स्थिति एक प्रोडक्ट या सब्जेक्ट के रूप में होती थी। यह शादियां कई बार शाही साम्राज्य के विस्तार में भी सहायक होती थी। उन्होंने बताया कि तत्समय जिन शाही परिवारों में राजा की असमय मृत्यु हो जाती थी केवल वहीं पर उनकी रानियां साम्राज्य को क्वीन के रूप में संभालती थी। समय बदलने के साथ कालांतर में महिलाओं की स्थिति एवं उनके प्रति इस दृष्टिकोण में सुधार होता चला गया तथा उनके बराबरी की बातें की जाने लगी। प्रोफेसर वाटियर के अनुसार, महिलाओं को समानता दिए बिना कोई समाज पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो सकता। भारतीय सिनेमा ग्लोबल सॉफ्ट पावर बनकर उभरा प्रो.अरुंधति विरमानी, फ्रेंच इतिहासकार, स्कूल आफ एडवांस्ड स्टडीज इन द सोशल साइंसेज, पेरिस, फ्रांस ने बताया कि भारतीय सिनेमा ने भारत की स्थिति को प्रभावशाली रूप से शेष विश्व में प्रक्षेपित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि सिनेमा के शुरुआत के साथ ही भारतीय सिनेमा ने विश्व में एक सॉफ्ट पावर के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि राज कपूर और देवानंद जैसे विख्यात और लोकप्रिय सिने कलाकारों ने समूचे विश्व में अपने फैंस बनाए। प्रो.अरुंधति ने कहा कि भारतीय सिनेमा जगत की विश्व में लोकप्रियता, संगीत, कथानक, परिवारिक कहानियों और लोगों के सरल तथा प्रभावशाली अभिनय के कारण फैलती चली गई। इसकी गूंज पूरे विश्व में पहुंची और इसी के साथ भारतीय सिनेमा देश से निकल कर वैश्विक पटल छाने चला गया। बड़े बदलाव का साक्षी बना है देश KKC के प्राचार्य प्रो.विनोद चंद्रा ने कहा कि 18वीं शताब्दी के ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से गुजरते हुए भारत एक सामाजिक बदलाव का साक्षी बना। साथ ही साथ अपनी स्थानीयता से आगे बढ़कर शिक्षा, संविधान, सामाजिक बदलाव, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रो पर सशक्त हस्ताक्षर करते हुए आज पूरे विश्व में अपनी मजबूत स्थिति के लिए जाना जाता है। यह बदलाव कहीं से भी सरल प्रतीत नहीं होता है किंतु यहां के देशवासियों की जिजीविषा और असीम प्रतिबद्धता ने भारत को वैश्विक पटल पर लाकर खड़ा किया। ये भी रहे मौजूद इस दौरान प्रो.केके शुक्ला, डॉ अंशुमाली शर्मा,प्रो.भारती पांडेय, प्रो राजेश तिवारी, प्रो एसपी शुक्ला, प्रो.एससी हजेला, प्रो.विजय राज भी मौजूद रहे। भारतीय सिनेमा का यूरोपियन सोसाइटी पर अभूतपूर्व प्रभाव रहा है। राजकपूर की फिल्मों के दीवानगी वहां के युवाओं के सिर चढ़ कर बोलती थी। आवारा फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। बाद की फिल्में भी वहां जबरदस्त कामयाब रही। ये कहना हैं कि फ्रांस की राजधानी पेरिस की स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज इन सोशल साइंस की प्रोफेसर अरुंधति वीरमानी का। वो मंगलवार को जय नारायण पीजी कॉलेज में फ्रॉम कॉलोनियल रूल टू ग्लोबल इमरजेंस – इंडियाज जर्नी थ्रू 19th और 20 th सेंचुरी विषय पर चल रहे इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान बोल रही थीं। रॉयल मैरिज को लेकर ये थी मान्यता सेमिनार में की नोट स्पीकर प्रो.जॉन बाटियर ने कहा कि 17वीं और 18वीं सेंचुरी में यूरोप में शाही शादियों में महिला की स्थिति एक प्रोडक्ट या सब्जेक्ट के रूप में होती थी। यह शादियां कई बार शाही साम्राज्य के विस्तार में भी सहायक होती थी। उन्होंने बताया कि तत्समय जिन शाही परिवारों में राजा की असमय मृत्यु हो जाती थी केवल वहीं पर उनकी रानियां साम्राज्य को क्वीन के रूप में संभालती थी। समय बदलने के साथ कालांतर में महिलाओं की स्थिति एवं उनके प्रति इस दृष्टिकोण में सुधार होता चला गया तथा उनके बराबरी की बातें की जाने लगी। प्रोफेसर वाटियर के अनुसार, महिलाओं को समानता दिए बिना कोई समाज पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो सकता। भारतीय सिनेमा ग्लोबल सॉफ्ट पावर बनकर उभरा प्रो.अरुंधति विरमानी, फ्रेंच इतिहासकार, स्कूल आफ एडवांस्ड स्टडीज इन द सोशल साइंसेज, पेरिस, फ्रांस ने बताया कि भारतीय सिनेमा ने भारत की स्थिति को प्रभावशाली रूप से शेष विश्व में प्रक्षेपित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि सिनेमा के शुरुआत के साथ ही भारतीय सिनेमा ने विश्व में एक सॉफ्ट पावर के रूप में काम करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि राज कपूर और देवानंद जैसे विख्यात और लोकप्रिय सिने कलाकारों ने समूचे विश्व में अपने फैंस बनाए। प्रो.अरुंधति ने कहा कि भारतीय सिनेमा जगत की विश्व में लोकप्रियता, संगीत, कथानक, परिवारिक कहानियों और लोगों के सरल तथा प्रभावशाली अभिनय के कारण फैलती चली गई। इसकी गूंज पूरे विश्व में पहुंची और इसी के साथ भारतीय सिनेमा देश से निकल कर वैश्विक पटल छाने चला गया। बड़े बदलाव का साक्षी बना है देश KKC के प्राचार्य प्रो.विनोद चंद्रा ने कहा कि 18वीं शताब्दी के ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से गुजरते हुए भारत एक सामाजिक बदलाव का साक्षी बना। साथ ही साथ अपनी स्थानीयता से आगे बढ़कर शिक्षा, संविधान, सामाजिक बदलाव, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रो पर सशक्त हस्ताक्षर करते हुए आज पूरे विश्व में अपनी मजबूत स्थिति के लिए जाना जाता है। यह बदलाव कहीं से भी सरल प्रतीत नहीं होता है किंतु यहां के देशवासियों की जिजीविषा और असीम प्रतिबद्धता ने भारत को वैश्विक पटल पर लाकर खड़ा किया। ये भी रहे मौजूद इस दौरान प्रो.केके शुक्ला, डॉ अंशुमाली शर्मा,प्रो.भारती पांडेय, प्रो राजेश तिवारी, प्रो एसपी शुक्ला, प्रो.एससी हजेला, प्रो.विजय राज भी मौजूद रहे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाराष्ट्र में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने किस पार्टी को दिया समर्थन, कहा- ‘बचे हुए काम…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> के ठीक पहले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा ऐलान किया है. उनका कहना है कि महाराष्ट्र ऐसा पहला राज्य है जिसने गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया है. वह इससे काफी प्रसन्न है, इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में वर्तमान शिंदे सरकार को जीत का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा गौ रक्षा के विषय पर उन्होंने अपनी बात को फिर से दोहराते हुए कहा कि- जिस भी दल द्वारा गौ रक्षा के विषय में अपना स्पष्ट मत रखा जाएगा उसे ही हमारा समर्थन होगा. ना हम कांग्रेस की बात करते हैं ना भारतीय जनता पार्टी की बात करते हैं. हमारा समर्थन उसे रहता है जिसका कर्म श्रेष्ठ रहता है और गौ माता के लिए समर्पित रहने वाला व्यक्तित्व व विचारधारा को ही हम स्वीकारेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि – बीते 78 वर्षों में जिस प्रदेश के पिछले मुख्यमंत्रियों ने जो कार्य नहीं किया, वह वर्तमान में महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने किया है. महाराष्ट्र पहला राज्य है जिसने गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया है. हम उन्हें जीत का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. हम चाहते हैं कि उनकी सरकार रिपीट हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वह जीतेंगे तो शेष बचे हुए कार्य पूरे होंगे- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि निश्चित ही अगर वह जीतेंगे तो शेष बचे हुए कार्य पूरे होंगे. हमें कश्मीर के मुसलमानों ने भी कहा कि गौ हत्या पर महाराज जी कड़ा कानून बनवाइएगा. राजनीतिक दल हमारी बात को भले न समझे लेकिन देश का मुसलमान और ईसाई वर्ग भी चाहता है कि गौ हत्या पर पाबंदी हो. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं कुम्भ आयोजन के दौरान गैर धर्म के लोगों के प्रवेश को लेकर शंकराचार्य ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मक्का शरीफ हैं,जहाँ 40 किलोमीटर पहले ही गैर मुसलमानों को रोक दिया जाता है. इसलिए कुम्भ में मुसलमानों का कोई कार्य नहीं है. वह हिन्दुओं की परम्परा से जुड़ा हुआ आयोजन हैं. वैसे भी मुसलमानो ने वहाँ जाने को लेकर कोई मांग भी नहीं की. राजनीतिक दलों द्वारा इस मामले पर माहौल बनाने का कार्य किया जा रहा हैं .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम सब कुछ कर देंगे- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शंकराचार्य ने यह भी कहा कि संविधान द्वारा धर्मनिरपेक्षता का शपथ लिया जाता है. लेकिन बाहर आकर कहा जाता है कि हम हिंदुओं की पार्टी हैं. किसी ने भी एफिडेविट पर नहीं कहा कि हम हिंदुओं की पार्टी हैं. यह पार्टी का दोहरा चरित्र होता है. वर्तमान समय में कोई भी पार्टी हिंदुओं की नहीं है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार पर भी बड़ा बयान देते हुए कहा कि – आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव तक अगर प्रदेश सरकार गौ माता को राज्य माता का दर्जा दे देती है, तो हम सब कुछ उनके नाम कर देंगे. मठ भी प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कर देंगे, उनके नौकर बन जाएंगे. हमें बहुत खुशी होगी और हम उनको दिल खोलकर आशीर्वाद देंगे.</p>
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दिल्ली के AAP विधायक को HC से बड़ी राहत:दो साल की सजा की हुई सस्पेंड, जमानत मिली, अगली सुनवाई 18 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से दिल्ली आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश यादव को बड़ी राहत मिली है। उच्च अदालत ने उन्हें मालेरकोटला अदालत द्वारा कुरान शरीफ बेअदबी मामले में सुनाई की सजा सस्पेंड कर दिया है। मालेरकोटला की अदालत ने शनिवार को उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। उनकी जमानत हो गई है। वहीं, उनकी मेन अपील की सुनवाई पर नोटिस हुआ है। जिसकी अगली सुनवाई 18 दिसंबर तय की गई है। 2016 में दर्ज हुआ था मामला करीब आठ साल पहले 25 जून 2016 को मालेरकोटला में कुरान शरीफ की बेअदबी की घटना हुई थी। पुलिस ने थाना सिटी-1 मालेरकोटला में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान विजय कुमार, नंद किशोर और गौरव कुमार को 27 जून 2016 को गिरफ्तार कर लिया गया था। इनसे पूछताछ के दौरान दिल्ली से ‘आप’ विधायक नरेश यादव को केस में नामजद करके 24 जुलाई 2016 को गिरफ्तार कर लिया गया था। ऐसे सुनाई गई थी सजा इस मामले में अदालत ने उन्हें 16 मार्च 2021 को बरी कर दिया था। लेकिन जैसे ही उन्हें बरी किया गया विरोधी पक्ष ने जिला कोर्ट में अपील दायर की। साढ़े तीन साल तक इस मामले की सुनवाई चली। इसके बाद गत अदालत ने इसके बाद शनिवार शाम नरेश कुमार आईपीसी की धारा 295ए के तहत दो साल की कैद व 5000 रुपए जुर्माना, 153 ए के तहत दो साल की कैद व 5000 जुर्माना व 120वीं के तहत छह माह की कैद व एक हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
हरियाणा में मेंबरशिप ड्राइव से टेंशन में BJP:50 लाख टारगेट, मेंबर 39 लाख ही बने; चुनाव में 55 लाख से ज्यादा वोट मिले थे
हरियाणा में मेंबरशिप ड्राइव से टेंशन में BJP:50 लाख टारगेट, मेंबर 39 लाख ही बने; चुनाव में 55 लाख से ज्यादा वोट मिले थे हरियाणा में 50 लाख मेंबर बनाने में BJP नेताओं के पसीने छूट रहे हैं। करीब पौने 2 महीने बीतने पर भी भाजपा 39 लाख मेंबर ही बना सकी है। यही हालत एक्टिव मेंबरों को लेकर भी है। भाजपा ने इसके लिए 50 हजार का टारगेट फिक्स किया था लेकिन अब तक सिर्फ 28 हजार ही बन पाए हैं। ऐसी सूरत में एक तरफ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली खुद जिलों में घूमने लगे हैं तो दूसरी तरफ सीनियर नेताओं को भी अब टारगेट देकर फील्ड में उतारने की प्लानिंग की जा रही है। हालत ये है कि पार्टी ने 8 नवंबर को मेंबरशिप ड्राइव शुरू की थी। इसकी लास्ट डेट 5 दिसंबर थी। जब टारगेट पूरा नहीं हुआ तो इसे बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया। अब भी टारगेट पूरा नहीं हो सका तो डेडलाइन बढ़ाने की सार्वजनिक घोषणा से तक भाजपा नेताओं ने किनारा कर लिया। चुनाव में 55 लाख से ज्यादा वोट मिले, इसलिए 50 लाख टारगेट रखा
प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 39.94% यानी कुल 55 लाख 48 हजार 800 वोट मिले थे। इसके मुकाबले कांग्रेस को 39.9% यानी कुल 54 लाख 30 हजार 602 वोट मिले थे। पार्टी को मिले 55 लाख से ज्यादा वोट देखकर ही केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के नेताओं को 50 लाख का टारगेट दिया था। पिछड़ने की बड़ी वजह, कार्यकर्ताओं को सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा की तरफ से टारगेट से पिछड़ने की बड़ी वजह ये मानी जा रही है कि मेंबरशिप ड्राइव का जिम्मा कार्यकर्ताओं को दे दिया गया। उन्हें टारगेट अचीव करने पर पद वगैरह का भी भरोसा दिया गया। हालांकि 22 विधानसभा सीटें ऐसी रहीं, जहां 50% भी टारगेट पूरा नहीं हो सका। इसके बाद सीनियर नेताओं के कान खड़े हुए हैं। अब क्या रणनीति अपनाई जा रही
BJP सूत्रों के मुताबिक अब कार्यकर्ताओं की जगह सत्ता का सुख भोग रहे सीनियर नेता फील्ड में भेजे जाएंगे। इनमें प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली के अलावा संगठन के प्रभारी, महामंत्री और दूसरे सीनियर नेता शामिल होंगे। इनके जिम्मे मेंबरशिप ड्राइव में पिछड़ने की वजह जानने से लेकर प्लानिंग की चूक तक पता करने का काम रहेगा। कमेटियां भी बनाएगी पार्टी
प्रदेश में सरकार की हैट्रिक के बावजूद मेंबरशिप ड्राइव में पिछड़ने से केंद्रीय नेतृत्व के आगे किरकिरी न हो, इसके लिए कमेटियां बनाई जा रही हैं। यह कमेटियां चुनाव प्रबंधन से लेकर अपील सुनने तक का काम करेंगी। यह कमेटियां संगठन के चुनावों को लेकर आने वाली शिकायतों को भी सुनेंगी। बूथ से लेकर जिला स्तर तक की शिकायत अपील कमेटी के पास जाएगी।