Lucknow JPNIC पर सियासी संग्राम, सड़क पर उतरे सपाई, मुस्तैद दिखी पुलिस और RAF, सामने आईं ये तस्वीरें Lucknow JPNIC पर सियासी संग्राम, सड़क पर उतरे सपाई, मुस्तैद दिखी पुलिस और RAF, सामने आईं ये तस्वीरें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भूपेंद्र सिंह हुड्डा से कांग्रेस आलाकमान नाराज? ‘अंधेरे में रखा’, हरियाणा को लेकर हुई बैठक नहीं बुलाए गए
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Bihar News: क्या बलात्कारियों को तीन महीने के अंदर फांसी दी जा सकती है? पप्पू यादव का केंद्र से बड़ा सवाल
Bihar News: क्या बलात्कारियों को तीन महीने के अंदर फांसी दी जा सकती है? पप्पू यादव का केंद्र से बड़ा सवाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Pappu Yadav News:</strong> बिहार के सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सराकर से बड़ा सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि क्या बलात्कारियों को तीन महीने के अंदर फांसी देने का कोई कानून है. पप्पू यादव ने कहा, “हम केंद्र सरकार और राज्य सरकार से पूछेंगे कि क्या बलात्कारियों को तीन महीने के अंदर फांसी देने का कोई कानून है. क्या बलात्कारियों को तीन महीने के अंदर फांसी दी जा सकती है? क्या इसके बाद गरीब दलितों की बेटियों और किसी भी जाति की बेटियों के साथ बलात्कार नहीं होगा.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Bihar: MP Pappu Yadav says, “We will ask the central government and the state government whether there is any law to hang rapists within 3 months. Can rapists be hanged within 3 months? Will the daughters of poor Dalits and daughters of any caste not be raped after this…” <a href=”https://t.co/ZyoEyaJVmw”>pic.twitter.com/ZyoEyaJVmw</a></p>
— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1825163614073823658?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 18, 2024</a></blockquote>
<p>
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</p>
IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान:डॉक्टर ने कोर्ट में दिया बयान; आरोपियों की पहचान करने दोस्त नहीं पहुंचा
IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान:डॉक्टर ने कोर्ट में दिया बयान; आरोपियों की पहचान करने दोस्त नहीं पहुंचा IIT-BHU गैंगरेप मामले में डॉक्टर अनामिका शुक्रवार दोपहर कोर्ट में पेश हुईं। जज के सामने उन्होंने दो पेज के बयान दर्ज कराए। उनके बयान में कई अहम बातें सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि युवती के प्राइवेट पार्ट में इंटरनल चोट के निशान नहीं मिले। बाहर कुछ स्क्रेचेज मिले हैं। कोई शुक्राणु भी नहीं मिला। हां, रेप संबंधित हिंसा से इनकार नहीं कर सकते। कोर्ट ने 15 जनवरी को डॉक्टर को बयान देने के लिए तलब किया था। साथ ही रेप पीड़िता के दोस्त को भी आरोपियों को पहचाने के लिए बुलाया था। लेकिन, दोस्त आज भी आरोपियों की पहचान करने नहीं पहुंचा। पीड़िता ने बताया था- उसके साथ जबरदस्ती की गई। कपड़े जबरन फाड़ दिए गए। इसी के आधार में डॉक्टर ने पूरा परीक्षण किया और मेडिकल रिपोर्ट बनाई थी। अब पढ़िए डॉक्टर का हूबहू बयान… डॉक्टर ने कहा- मैंने युवती का परीक्षण करने के बाद 5 नवंबर, 2023 को सप्लीमेंटरी मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें प्राइवेट पार्ट में आंतरिक चोट के निशान नहीं मिले। हां बाहरी निशान पाए गए हैं। प्राइवेट पार्ट में शुक्राणु भी नहीं मिले हैं। हालांकि, सेक्स से संबंधित हिंसा से इनकार नहीं किया जा सकता। यानी रेप अटेंप्ट से इनकार नहीं किया जा सकता। पीड़िता मेरे पास जब जांच के लिए आई, तो वह पूरी तरह होश में थी। 22 अगस्त को छात्रा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराए थे
अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया- कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त, 2024 को बुलाया था। तब पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। अपने साथ हुई वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह के दबाव महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। 8 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब
जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल शुरू हुआ था। इस सुनवाई के दौरान छात्रा ने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया। इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक छात्रा को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं 4 बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। कभी आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, इन सब के बीच अब तक उसके बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी है। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई
वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। आनंद ने घर वालों की बीमारी समेत कई कारण बताए थे। इस पर कोर्ट ने 2 जुलाई, 2024 को जमानत दे दी। आनंद को जमानत मिलते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसे भी जमानत मिल गई। 4 जुलाई को ही तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। कमजोर रिपोर्ट और अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को बाद में जमानत मिली। ———————– यह खबर भी पढ़िए… बरेली में पाकिस्तानी महिला बन गई सरकारी टीचर, 9 साल तक नौकरी की, फर्जी निवास प्रमाण-पत्र बनवाया; ऐसे ही मां भी पकड़ी गई थी बरेली में पाकिस्तानी महिला 9 साल तक सरकारी टीचर की नौकरी करती रही। उसने फर्जी निवास प्रमाण-पत्र बनवाया। प्राइमरी स्कूल में सहायक टीचर की नौकरी हासिल कर ली। जांच के बाद टीचर को बर्खास्त कर दिया गया। पढ़िए पूरी खबर
डिब्बा बंद दूध से नवजात की आंत हो रही खराब:KGMU का मिल्क बैंक बच्चों के लिए बना वरदान, अर्ली मदर कर रहीं अपना दूध डोनेट
डिब्बा बंद दूध से नवजात की आंत हो रही खराब:KGMU का मिल्क बैंक बच्चों के लिए बना वरदान, अर्ली मदर कर रहीं अपना दूध डोनेट यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में हर साल 10 हजार से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है। 5 मार्च 2019 को यहां के बाल विभाग में धात्री अमृत कलश मिल्क बैंक की स्थापना हुई। गर्भवती महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग के लिए जागरूक करने के अलावा हर नवजात को उसकी मां का दूध मिले, यही इसका पहला लक्ष्य है। बच्चे के जन्म के बाद एक घंटे के भीतर ही उसे मां के दूध पिलाना जरूरी होता है। इससे नवजात बच्चे की जान गंवाने की संभावना 22% तक कम हो जाती है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 23वें ऐपिसोड में KGMU के पीडियाट्रिक विभाग की प्रमुख और मिल्क बैंक की नोडल अफसर डॉ. माला कुमार से खास बातचीत… डॉ. माला कुमार ने बताया कि अच्छी बात ये है कि हम इस काम में बहुत हद तक कामयाब हो रहे हैं। अब अगला लक्ष्य NHM के तहत प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में लैक्टेशन यूनिट को स्थापित कर, KGMU के मिल्क बैंक से लिंक करना है। इससे सभी जन्म लेने वाले बच्चों तक यदि मां का दूध मिल जाएगा, तो प्रदेश में नवजात बच्चों की मृत्यु दर में बहुत हद तक सुधार हो जाएगा। डिब्बा बंद दूध कर रहा आंत में इन्फेक्शन डॉ. माला कुमार कहती है कि शोध में ये परिणाम मिले हैं कि डिब्बे के दूध से 1500 ग्राम से कम वजन के प्री-मेच्योर नवजात की आंत में परेशानी हो सकती है। जिस कारण कई बच्चों को सीरियस कॉम्प्लिकेशन आ रहे हैं। अब इससे बचने का तरीका हर बच्चे को उसकी मां का दूध मुहैया कराना है। पर जिन बच्चों को उनकी मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हें मिल्क बैंक से निशुल्क दूध मिल रहा है। माइनस 20℃ में डीप फ्रीजर में किया जाता है स्टोर डॉ. माला कुमार कहती है कि जन्म देने वाली कुछ माताओं में बच्चे की भूख की क्षमता से ज्यादा दूध बनता है। ऐसी मां से मिल्क बैंक के काउंसलर बात करके उन्हें दूध डोनेट करने के लिए प्रेरित करते हैं। अच्छी बात ये है कि हर महीने 50 लीटर तक दूध मिल्क बैंक में आता है। जिन बच्चे को अपनी मां का दूध नहीं मिल पाता उन्हें ही ये दूध पिलाया जाता है। डोनेट किए गए इस दूध को माइनस 20℃ के डीप फ्रीजर में स्टोर किया जाता है।