<p style=”text-align: justify;”><strong> Maha Kumbh Snan:</strong> प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ स्नान के अवसर पर बक्सर जिले के कुछ युवकों के जरिए की गई नाव से यात्रा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. यह यात्रा उनकी आस्था, साहस, और जुनून का प्रतीक बन गई है. बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के इन युवकों ने ट्रेन और सड़क पर जाम देखा तो महाकुंभ स्नान के लिए नाव से यात्रा करने का निर्णय ले लिया. अब लोग उनकी साहसिक यात्रा को सराह रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसे की यवकों ने पूरी यात्रा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह कहानी बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के कुछ साहसी युवकों की है. जब इन युवकों ने ट्रेन में भीड़ और हाइवे पर लंबी ट्रैफिक जाम के बारे में सुना, तो उन्होंने फैसला किया कि वे महाकुंभ स्नान के लिए नाव से यात्रा करेंगे. बक्सर से प्रयागराज की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है और ये सभी युवक खुद की नाव में सारा सामान लेकर निकल पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब इन युवकों ने कम्हरिया गांव के गंगा घाट से अपनी यात्रा शुरू की, तो गांव के लोगों ने उन्हें पागल करार दे दिया. उन्होंने कहा, “ये लोग आधे रास्ते पर ही लौट आएंगे”, लेकिन इन युवकों ने सभी की बातों को नजरअंदाज करते हुए अपना सफर जारी रखा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रास्ते में गंगा नदी की धारा में अचानक बदलाव आया और इन युवकों को जमानिया तक गंगा नदी की दो धारा का सामना करना पड़ा. कभी-कभी नाव गलत धारा में चली जाती थी, जिससे उन्हें वापस लौटकर सही रास्ता पकड़ना पड़ता था. इन सबके बावजूद, इन युवकों ने अपनी यात्रा जारी रखी और 13 फरवरी की रात एक बजे प्रयागराज पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>15 फरवरी को वापस बक्सर लौट आए</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>संगम से पांच किलोमीटर पहले अपनी नाव को लाकर इन युवकों ने संगम में स्नान किया और फिर 15 फरवरी को वापस बक्सर लौट आए. इस यात्रा में उन्होंने दिन-रात लगातार गंगा नदी में नाव से यात्रा की और यात्रा के दौरान एक भी स्थान पर ज्यादा समय नहीं रुके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि इन युवकों के लिए यह यात्रा कोई साधारण यात्रा नहीं थी. ये सभी युवक मछली मारने का काम करते हैं और गंगा नदी में नाव चलाने में माहिर हैं, इसलिए उन्हें नदी के पानी में डूबने का कोई डर नहीं था. इस तरह से इन युवकों ने अपनी साहसिक यात्रा पूरी की और <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में स्नान किया, जिससे उनकी यात्रा आज लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong> Maha Kumbh Snan:</strong> प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ स्नान के अवसर पर बक्सर जिले के कुछ युवकों के जरिए की गई नाव से यात्रा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. यह यात्रा उनकी आस्था, साहस, और जुनून का प्रतीक बन गई है. बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के इन युवकों ने ट्रेन और सड़क पर जाम देखा तो महाकुंभ स्नान के लिए नाव से यात्रा करने का निर्णय ले लिया. अब लोग उनकी साहसिक यात्रा को सराह रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसे की यवकों ने पूरी यात्रा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह कहानी बक्सर जिले के कम्हरिया गांव के कुछ साहसी युवकों की है. जब इन युवकों ने ट्रेन में भीड़ और हाइवे पर लंबी ट्रैफिक जाम के बारे में सुना, तो उन्होंने फैसला किया कि वे महाकुंभ स्नान के लिए नाव से यात्रा करेंगे. बक्सर से प्रयागराज की दूरी लगभग 600 किलोमीटर है और ये सभी युवक खुद की नाव में सारा सामान लेकर निकल पड़े.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जब इन युवकों ने कम्हरिया गांव के गंगा घाट से अपनी यात्रा शुरू की, तो गांव के लोगों ने उन्हें पागल करार दे दिया. उन्होंने कहा, “ये लोग आधे रास्ते पर ही लौट आएंगे”, लेकिन इन युवकों ने सभी की बातों को नजरअंदाज करते हुए अपना सफर जारी रखा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रास्ते में गंगा नदी की धारा में अचानक बदलाव आया और इन युवकों को जमानिया तक गंगा नदी की दो धारा का सामना करना पड़ा. कभी-कभी नाव गलत धारा में चली जाती थी, जिससे उन्हें वापस लौटकर सही रास्ता पकड़ना पड़ता था. इन सबके बावजूद, इन युवकों ने अपनी यात्रा जारी रखी और 13 फरवरी की रात एक बजे प्रयागराज पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>15 फरवरी को वापस बक्सर लौट आए</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>संगम से पांच किलोमीटर पहले अपनी नाव को लाकर इन युवकों ने संगम में स्नान किया और फिर 15 फरवरी को वापस बक्सर लौट आए. इस यात्रा में उन्होंने दिन-रात लगातार गंगा नदी में नाव से यात्रा की और यात्रा के दौरान एक भी स्थान पर ज्यादा समय नहीं रुके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि इन युवकों के लिए यह यात्रा कोई साधारण यात्रा नहीं थी. ये सभी युवक मछली मारने का काम करते हैं और गंगा नदी में नाव चलाने में माहिर हैं, इसलिए उन्हें नदी के पानी में डूबने का कोई डर नहीं था. इस तरह से इन युवकों ने अपनी साहसिक यात्रा पूरी की और <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में स्नान किया, जिससे उनकी यात्रा आज लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.</p> बिहार महाकुंभ का विरोध करने वालों से बेहतर है हमारी इकोनॉमिक्स, दिख रही ताकत- सीएम योगी
Maha Kumbh 2025: ना ट्रेन की भीड़ मिली, ना धक्के खाए, महाकुंभ स्नान के लिए नाव से ही निकल गए बक्सर के 7 युवक
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