<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Latest News:</strong> महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव में दो जातीय समूहों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित टिप्पणी की गई है. इसको लेकर पैदा हुए तनाव के बाद अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोगों से शांति की अपील की है. मराठा और वंजारी समुदायों के सदस्यों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में यह वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शांति बनाए रखने और ऐसी टिप्पणी से बचने की अपील की. वीडियो में कुछ ग्रामीण कह रहे हैं कि मराठा समुदाय के किसी भी ‘महाराज’ (धार्मिक उपदेशक) को गांव में नहीं बुलाया जाना चाहिए. पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने कहा, ‘‘वीडियो वायरल होने के बाद मुंडेवाडी गांव में एक बैठक की. ग्रामीणों से बात करने के बाद पता चला कि उनके बीच कोई जाति आधारित विवाद नहीं था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को वायरल हुए वीडियो क्लिप में कुछ ग्रामीणों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मराठा से कोई ‘महाराज’ (धार्मिक उपदेशक) नहीं है. समुदाय को गांव में आमंत्रित किया जाना चाहिए. ग्रामीणों ने अन्य लोगों से भी दुकान से शराब का सेवन न करने के लिए कहा, जबकि एक व्यक्ति ने धमकी दी कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा. वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद मुंडेवाड़ी गांव में एक बैठक आयोजित की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस अधीक्षक ने और क्या बताया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ग्रामीणों से बात करने के बाद पता चला कि उनके बीच कोई जातिवाद नहीं है. जनसांख्यिकी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि गांव में एक विशेष समुदाय के सदस्यों का आबादी पर दबदबा है, जबकि अन्य जाति समूह के अन्य लोग अल्पसंख्यक हैं. उन्होंने कहा, इस गांव का सरपंच उस समुदाय से है जो अल्पसंख्यक है. वीडियो की सामग्री के बारे में पूछे जाने पर, एसपी ने कहा कि ग्रामीणों ने कुछ समस्याओं को देखते हुए (एक विशेष दुकान से शराब नहीं खरीदने का) निर्णय लिया है. नंदूर फाटा क्षेत्र. इस वीडियो में कोई जातिवाद नहीं है. एक व्यक्ति ने उत्तेजना में कुछ कहा लेकिन ग्रामीणों ने ऐसे रुख का समर्थन नहीं किया. ग्रामीण ऐसी किसी भी अपील का पालन नहीं कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नंद कुमार ठाकुर ने कहा, यह वीडियो 15-20 दिन पुराना है. विशेष रूप से, बीड में हाल के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a>ों के दौरान बीजेपी की वंजारी पंकजा मुंडे और मराठा राकांपा (सपा) के उम्मीदवार बजरंग सोनावणे के लिए प्रचार के दौरान जातिगत विवाद और गहरा हो गया. निर्वाचन क्षेत्र.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ऐसे वीडियो सामाजिक ताने-बाने को पहुंचा सकते हैं नुकसान'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसे वीडियो सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं. दोनों समुदाय (मराठा और वंजारी) लंबे समय से एक साथ रहते हैं. कुछ लोग उनके बीच संदेह पैदा करने का प्रयास करते हैं, लेकिन ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ”दोनों समुदायों के समझदार लोगों को लोगों को समाज को विभाजित करने की कोशिश करने से रोकना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजित पवार ने कहा कि उन्हें स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है, लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम ऐसे समाज में रहते हैं जो संविधान के ढांचे का पालन करता है. अगर उन्होंने कहा कि कोई इसकी अवहेलना करने की कोशिश करेगा तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Maharashtra Lok Sabha Elections: नतीजों से पहले ही क्या टेंशन में आया अजित पवार का खेमा? प्रफुल्ल पटेल के बयान से मिले ये बड़े संकेत” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/praful-patel-says-ncp-did-not-get-traditional-votes-in-lok-sabha-elections-2024-2700185″ target=”_self”>Maharashtra Lok Sabha Elections: नतीजों से पहले ही क्या टेंशन में आया अजित पवार का खेमा? प्रफुल्ल पटेल के बयान से मिले ये बड़े संकेत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Latest News:</strong> महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव में दो जातीय समूहों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित टिप्पणी की गई है. इसको लेकर पैदा हुए तनाव के बाद अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोगों से शांति की अपील की है. मराठा और वंजारी समुदायों के सदस्यों के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में यह वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने शांति बनाए रखने और ऐसी टिप्पणी से बचने की अपील की. वीडियो में कुछ ग्रामीण कह रहे हैं कि मराठा समुदाय के किसी भी ‘महाराज’ (धार्मिक उपदेशक) को गांव में नहीं बुलाया जाना चाहिए. पुलिस अधीक्षक नंद कुमार ठाकुर ने कहा, ‘‘वीडियो वायरल होने के बाद मुंडेवाडी गांव में एक बैठक की. ग्रामीणों से बात करने के बाद पता चला कि उनके बीच कोई जाति आधारित विवाद नहीं था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>रविवार को वायरल हुए वीडियो क्लिप में कुछ ग्रामीणों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मराठा से कोई ‘महाराज’ (धार्मिक उपदेशक) नहीं है. समुदाय को गांव में आमंत्रित किया जाना चाहिए. ग्रामीणों ने अन्य लोगों से भी दुकान से शराब का सेवन न करने के लिए कहा, जबकि एक व्यक्ति ने धमकी दी कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा. वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद मुंडेवाड़ी गांव में एक बैठक आयोजित की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस अधीक्षक ने और क्या बताया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ग्रामीणों से बात करने के बाद पता चला कि उनके बीच कोई जातिवाद नहीं है. जनसांख्यिकी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि गांव में एक विशेष समुदाय के सदस्यों का आबादी पर दबदबा है, जबकि अन्य जाति समूह के अन्य लोग अल्पसंख्यक हैं. उन्होंने कहा, इस गांव का सरपंच उस समुदाय से है जो अल्पसंख्यक है. वीडियो की सामग्री के बारे में पूछे जाने पर, एसपी ने कहा कि ग्रामीणों ने कुछ समस्याओं को देखते हुए (एक विशेष दुकान से शराब नहीं खरीदने का) निर्णय लिया है. नंदूर फाटा क्षेत्र. इस वीडियो में कोई जातिवाद नहीं है. एक व्यक्ति ने उत्तेजना में कुछ कहा लेकिन ग्रामीणों ने ऐसे रुख का समर्थन नहीं किया. ग्रामीण ऐसी किसी भी अपील का पालन नहीं कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नंद कुमार ठाकुर ने कहा, यह वीडियो 15-20 दिन पुराना है. विशेष रूप से, बीड में हाल के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a>ों के दौरान बीजेपी की वंजारी पंकजा मुंडे और मराठा राकांपा (सपा) के उम्मीदवार बजरंग सोनावणे के लिए प्रचार के दौरान जातिगत विवाद और गहरा हो गया. निर्वाचन क्षेत्र.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’ऐसे वीडियो सामाजिक ताने-बाने को पहुंचा सकते हैं नुकसान'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसे वीडियो सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं. दोनों समुदाय (मराठा और वंजारी) लंबे समय से एक साथ रहते हैं. कुछ लोग उनके बीच संदेह पैदा करने का प्रयास करते हैं, लेकिन ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ”दोनों समुदायों के समझदार लोगों को लोगों को समाज को विभाजित करने की कोशिश करने से रोकना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजित पवार ने कहा कि उन्हें स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है, लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम ऐसे समाज में रहते हैं जो संविधान के ढांचे का पालन करता है. अगर उन्होंने कहा कि कोई इसकी अवहेलना करने की कोशिश करेगा तो ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.</p>
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