भास्कर न्यूज | पटियाला महाराजा भूपिंदर सिंह स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी(एमबीएस एस यू) पटियाला की ओर से जल्द ही नए अकेडेमिक सेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस की शुरुआत हो सकती है। इससे पहले यूनिवर्सिटी द्वारा शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को इस यूनिवर्सिटी में चल रहे कोर्सेस के बारे में बताने और जागरूक करने के लिए कहा है। इसके तहत गवर्नमेंट स्कूलों के उन स्टूडेंट्स को कोर्सेस के बारे में जानकारी हो सके जोकि फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में चल रहे कोर्सेस और उनके लिए योग्यता के बारे में जानकारी दी । इन कोर्सेस में अंडर ग्रेजुएट के तीन कोर्सेस और पोस्ट ग्रेजुएट के चार कोर्स चल रहे हैं। इनमें यूजी में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन व स्पोर्ट्स (बीपीईएस), बैचलर ऑफ स्पोर्ट्स साइंस (बीएसएस) के अलावा बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) में इंग्लिश, पंजाबी, फिजिकल एजुकेशन, साइकोलॉजी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, कंप्यूटर एप्लीकेशन, हिंदी इलेक्टिव के विषय पढ़ सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स में मास्टर्स ऑफ फिजिकल एजुकेशन व स्पोर्ट्स, मास्टर ऑफ साइंस (योगा), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन योगा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कोचिंग (बॉक्सिंग) का कोर्स किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी द्वारा स्टूडेंट्स को इन कोर्स के करने के बाद करियर के चुनाव और अवसरों के बारे में भी जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। इन कोर्सेस में सरकारी स्कूलों के लिए अंडरग्रेजुएट कोर्स जोकि बारहवीं के बाद किए जा सकते हैं इसके बारे में जागरूक किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के मेन कैंपस के अलावा कांस्टीटुएंट और मान्यता प्राप्त कॉलेजिस से भी स्पोर्ट्स या फिजिकल एजुकेशन का कोर्स किया जा सकता है। कांस्टीटुएंट कॉलेज में प्रो. गुरसेवक सिंह गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन पटियाला, गवर्नमेंट आर्ट्स और स्पोर्ट्स कॉलेज जालंधर, गवर्नमेंट कॉलेज काला अफगाना गुरदासपुर शामिल हैं। जबकि मान्यता प्राप्त कॉलेजिस में माता गुरदेव कौर मेमोरियल शाही स्पोर्ट्स कॉलेज समराला लुधियाना, शहीद कांशी राम कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन भागोमाजरा, खालसा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन अमृतसर, सेंट सोल्जर कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन जालंधर, द रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन मानसा शामिल हैं। बीपीईएस के लिए 60, बीएसएस 30 और बीए की 100 सीट्स उपलब्ध बीपीईएस, बीएसएस और बैचलर ऑफ आर्ट्स(बीए) के डिग्री प्रोग्राम के लिए बारहवीं पास उम्मीदवार(न्यूनतम 50 फीसदी अंक, एससी, एसटी, ओबीसी के लिए 45 फीसदी अंक) होना जरूरी है। वहीं, इंटरनेशनल, नेशनल, स्टेट व इंटरयूनिवर्सिटी लेवल में पोजीशन हासिल करने वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। साथ ही तीन साल का कोर्स पूरा करने के बाद जो उम्मीदवार 7.5 सीजीपीए हासिल करेंगे उन्हें चौथे साल की पढ़ाई जारी रखते हुए अॉनर्स व रिसर्च की डिग्री हासिल होगी। यूनिवर्सिटी में बीपीईएस के लिए 60, बीएसएस के लिए 30 और बीए के लिए 100 सीट्स उपलब्ध हैं। बीपीईएस में स्टूडेंट्स के चुनाव के दौरान उन्हें फिजिकल फिटनेस टेस्ट में भी पास करना जरूरी है। बीए के लिए पहल इंटरनेशनल, नेशनल, स्टेट व इंटर यूनिवर्सिटी लेवल में पोजीशन हासिल करने वाले उम्मीदवारों को दी जाएगी। इन कोर्सेस की फीस सालाना 17 हजार से 32 हजार है। भास्कर न्यूज | पटियाला महाराजा भूपिंदर सिंह स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी(एमबीएस एस यू) पटियाला की ओर से जल्द ही नए अकेडेमिक सेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस की शुरुआत हो सकती है। इससे पहले यूनिवर्सिटी द्वारा शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को इस यूनिवर्सिटी में चल रहे कोर्सेस के बारे में बताने और जागरूक करने के लिए कहा है। इसके तहत गवर्नमेंट स्कूलों के उन स्टूडेंट्स को कोर्सेस के बारे में जानकारी हो सके जोकि फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में चल रहे कोर्सेस और उनके लिए योग्यता के बारे में जानकारी दी । इन कोर्सेस में अंडर ग्रेजुएट के तीन कोर्सेस और पोस्ट ग्रेजुएट के चार कोर्स चल रहे हैं। इनमें यूजी में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन व स्पोर्ट्स (बीपीईएस), बैचलर ऑफ स्पोर्ट्स साइंस (बीएसएस) के अलावा बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) में इंग्लिश, पंजाबी, फिजिकल एजुकेशन, साइकोलॉजी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, कंप्यूटर एप्लीकेशन, हिंदी इलेक्टिव के विषय पढ़ सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स में मास्टर्स ऑफ फिजिकल एजुकेशन व स्पोर्ट्स, मास्टर ऑफ साइंस (योगा), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन योगा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कोचिंग (बॉक्सिंग) का कोर्स किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी द्वारा स्टूडेंट्स को इन कोर्स के करने के बाद करियर के चुनाव और अवसरों के बारे में भी जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। इन कोर्सेस में सरकारी स्कूलों के लिए अंडरग्रेजुएट कोर्स जोकि बारहवीं के बाद किए जा सकते हैं इसके बारे में जागरूक किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के मेन कैंपस के अलावा कांस्टीटुएंट और मान्यता प्राप्त कॉलेजिस से भी स्पोर्ट्स या फिजिकल एजुकेशन का कोर्स किया जा सकता है। कांस्टीटुएंट कॉलेज में प्रो. गुरसेवक सिंह गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन पटियाला, गवर्नमेंट आर्ट्स और स्पोर्ट्स कॉलेज जालंधर, गवर्नमेंट कॉलेज काला अफगाना गुरदासपुर शामिल हैं। जबकि मान्यता प्राप्त कॉलेजिस में माता गुरदेव कौर मेमोरियल शाही स्पोर्ट्स कॉलेज समराला लुधियाना, शहीद कांशी राम कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन भागोमाजरा, खालसा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन अमृतसर, सेंट सोल्जर कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन जालंधर, द रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन मानसा शामिल हैं। बीपीईएस के लिए 60, बीएसएस 30 और बीए की 100 सीट्स उपलब्ध बीपीईएस, बीएसएस और बैचलर ऑफ आर्ट्स(बीए) के डिग्री प्रोग्राम के लिए बारहवीं पास उम्मीदवार(न्यूनतम 50 फीसदी अंक, एससी, एसटी, ओबीसी के लिए 45 फीसदी अंक) होना जरूरी है। वहीं, इंटरनेशनल, नेशनल, स्टेट व इंटरयूनिवर्सिटी लेवल में पोजीशन हासिल करने वाले उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। साथ ही तीन साल का कोर्स पूरा करने के बाद जो उम्मीदवार 7.5 सीजीपीए हासिल करेंगे उन्हें चौथे साल की पढ़ाई जारी रखते हुए अॉनर्स व रिसर्च की डिग्री हासिल होगी। यूनिवर्सिटी में बीपीईएस के लिए 60, बीएसएस के लिए 30 और बीए के लिए 100 सीट्स उपलब्ध हैं। बीपीईएस में स्टूडेंट्स के चुनाव के दौरान उन्हें फिजिकल फिटनेस टेस्ट में भी पास करना जरूरी है। बीए के लिए पहल इंटरनेशनल, नेशनल, स्टेट व इंटर यूनिवर्सिटी लेवल में पोजीशन हासिल करने वाले उम्मीदवारों को दी जाएगी। इन कोर्सेस की फीस सालाना 17 हजार से 32 हजार है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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किसान आंदोलन पर कंगना के बयान का विरोध:पंधेर बोले- बयान जारी करने की जगह कार्रवाई करे; खुद माफी मांगने को कहे भाजपा सांसद व बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट के किसान आंदोलन को दिए विवादित बयान पर पंजाब में विवाद थम नहीं रहा है। हालांकि भाजपा मीडिया सेल ने खुद बयान जारी कर कंगना रनोट के बयान से पल्ला झाड़ा है। लेकिन पंजाब के किसान इस पर भी मानने को तैयार नहीं हैं। शंभू बॉर्डर पर डटे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सरवन सिंह पंधेर ने कंगना रनोट को खुद माफी मांगने के लिए कहा है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है- मैं शंभू बॉर्डर से बोल रहा हूं। भाजपा पार्टी ने नेशनल लेवल पर कंगना रनोट के बयान पर किनारा कर लिया है। लेकिन, कंगना रनोट भाजपा की एमपी है, उस पर अनुशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए। अगर भाजपा ये मानती है कि ये बयान उचित नहीं है, गलत दिया गया बयान है। तो उन्हें कंगना रनोट पर अनुशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हें बोलना चाहिए कि कंगना रनोट इस बयान पर खुद माफी मांगे और कंगना रनोट को खुद माफी मांगनी चाहिए। एसकेएम कर चुकी प्रदर्शन का ऐलान राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन उगराहां पहले ही कंगना के बयान का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना है कि अपनी सांसद के किसान विरोधी बयान के लिए प्रधानमंत्री को माफी मांगनी होगी। कंगना रनोट भी जब तक माफी नहीं मांगती, देश भर में उनका विरोध किया जाएगा। वहीं, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कंगना रनोट की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी भी कर चुके विरोध कांग्रेस सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी कंगना के इस बयान का विरोध कर चुके हैं। उनका कहना था कि भाजपा सरकार का पूरा मंत्र किसानों को बदनाम करने में जुटा है। किसानों को रेपिस्ट और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना शर्मानाक है। ये स्वीकार्य नहीं है। भाजपा सरकार किसानों से किए वादे पूरे करने में नाकाम रही है। किसान आंदोलन में रेप व हत्याएं हुई एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनोट ने कहा है कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कंगना की फिल्म इमरजेंसी भी विवादों में कंगना के बयान से पहले उनकी फिल्म इमरजेंसी भी विवादों में चल रही है। इसके लिए कंगना का पंजाब व अन्य राज्यों में पहले से ही विरोध चल रहा है। कंगना की ये फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी। पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की। इसके अलावा श्री अकाल तख्त साहिब और एसजीपीसी ने भी इस फिल्म का विरोध किया। आरोप है कि कंगना की इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है। कंगना को सिर कलम करने की धमकी ईसाई से सिख बने विक्की थॉमस की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें फिल्म इमरजेंसी के लिए कंगना को धमकी दी गई है। वायरल वीडियो में विक्की थॉमस धमकाते हुए कह रहा है- ”इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी दिखाया गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। जिसकी फिल्म कर रही है, उसकी क्या सेवा होगी। सतवंत सिंह और बेअंत सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने वाले) कौन थे, वे रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना। ये मैं दिल से बोल रहा हूं, क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है, वे उंगली ही झटका (काट) देते हैं हम। वो संत (जरनैल सिंह भिंडरांवाला) के लिए हम अपना सिर कटवा भी देंगे। अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं।”
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