MBA स्टूडेंट के हत्यारे कॉन्स्टेबल की कार CCTV में दिखी:प्रियांशु के पीछे कार लेकर जाता दिखा कॉन्स्टेबल; तेज रफ्तार ड्राइव पर टोकने पर मार डाला

MBA स्टूडेंट के हत्यारे कॉन्स्टेबल की कार CCTV में दिखी:प्रियांशु के पीछे कार लेकर जाता दिखा कॉन्स्टेबल; तेज रफ्तार ड्राइव पर टोकने पर मार डाला

मेरठ के MBA स्टूडेंट प्रियांशु की हत्या से पहले का एक सीसीटीवी सामने आया है। वीडियो में प्रियांशु दुकान से मिठाई लेकर अपने दोस्त के साथ बुलट से कमरे की ओर निकलता दिखा। इसी बीच आगे मोड़ पर हत्यारोपी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार आता हुआ नजर आता है। कुछ ही देर बाद वह कार यू टर्न करके प्रियांशु की ओर बढ़ता है। आशंका जताई जा रही इसी मोड़ पर प्रियांशु ने हत्यारोपी से गाड़ी को तेज रफ्तार चलाने पर टोका होगा। इसके बाद आरोपी कार को वापस मोड़कर प्रियांशु के पास जाता है और छात्र की चाकू से गोदकर हत्या कर देता है। पंजाब से पकड़ा गया छात्र का कॉन्स्टेबल
फिलहाल अहमदाबाद पुलिस ने कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार को बुधवार को पंजाब से कॉन्स्टेबल को अरेस्ट कर लिया। वीरेंद्र सिंह अहमदाबाद की सरखेज पुलिस स्टेशन की इन्वेस्टिगेशन टीम में तैनात है। वीरेंद्र को पता था कि इस हत्या के बाद उसकी लोकेशन ट्रेस हो सकती है। इसलिए वह पंजाब भाग गया था। वहां एक होटल में रूम लेकर रहने लगा। इस दौरान मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया था। लेकिन, टोल के CCTV और लोकेशन का पीछा करती हुई क्राइम ब्रांच पंजाब पहुंची और वहां से वीरेंद्र को पकड़ लिया। 10 नवंबर को बॉडी मिलने के बाद अहमदाबाद पुलिस कातिल को ढूंढ रही थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इसी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार ने स्टूडेंट को मार डाला था। कॉन्स्टेबल उस दिन छुट्‌टी पर था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि गाड़ी तेज चलाने पर स्टूडेंट ने मुझे टोका था। मना करने पर भिड़ा, यही मुझे पसंद नहीं आया। इसलिए मार डाला। हर दिल में गम दे गया प्रियांशु
मेरठ के तिरुपति गार्डन में रहने वाला प्रियांशु माइका से लेकर मेरठ में अपने दोस्तों के बीच सभी का प्यारा था। वो कालोनी में बच्चों, बड़ों सबका फेवरेट था। कालोनी के सिक्योरिटी गार्ड से लेकर यहां आने वाली हाउस हेल्पर्स उसे याद करके रो रही हैं। शहर से बाहर बनी तिरुपति गार्डन कालोनी में 50 घर हैं। लेकिन प्रियांशु की चर्चा हर घर में अक्सर ही होती। क्योंकि प्रियांशु ने अपने मीठे बिहेवियर और मासूमियत से हर किसी का दिल जीता हुआ था। शुरू से स्कूल में टॉपर रहा। सेंट मेरीज में टॉप किया। फुटबॉल में टीम कैप्टन रहा। कालोनी में हर किसी से बात करता। कॉलोनी का हर इंसान प्रियांशु के जाने से दुखी है, हर व्यक्ति बस यही कह रहा है कि अभी दिवाली पर प्रियांशु हमसे मिला था कहता था इस बार जॉब लग जाएगी तब आऊंगा..लेकिन अब वो कभी नहीं आएगा हमें भरोसा नहीं हो रहा। ट्यूशन टीचर बोली वो मेरा सबसे ब्राइट स्टूडेंट था इसी कालोनी में प्रियांशु की टीचर शिखा अरोड़ा भी रहती हैं। शिखा अरोड़ा ने बताया कि प्रियांशु को मैंने 7वीं क्लास में ट्यूशन पढ़ाया। वो बहुत ही ब्राइट और प्रॉमिसिंग स्टूडेंट था। बहुत ही जॉली नेचर का था। जो उसके साथ हुआ बहुत दुखद हुआ। कभी उसने पढ़ाई में परेशान नहीं किया। लड़ाई वाला उसका नेचर कभी नहीं रहा। हर बच्चे की तरह उसके भी बड़े बड़े सपने थे वो भी अपने पैरेंट्स के लिए बहुत कुछ करना चाहता था। वो सेंट मेरीज स्कूल से पढ़ा वहां एक्समा में भी मेंबर था। जब उसके दोस्तों को इस बात का पता चला तो उसके सारे दोस्त घर पहुंचे। सारे बच्चे बहुत रो रहे थे। अहमदाबाद में दो साल रहने के बाद भी प्रियांशु का अपने सारे दोस्तों से कनेक्शन था। सारे दोस्त उससे मिलते थे। हमारी पूरी कालोनी शोक में हैं
तिरुपति गार्डन कालोनी में रहने वाले अशोक कपूर कहते हैं कि दिवाली पर मेरी प्रियांशु से लास्ट मुलाकात हुई है। हम चाहते हैं गुजरात सरकार जल्द से जल्द आरोपी को पकड़े और उसके माता, पिता को न्याय मिले। पूरी कालोनी शोक में है, कॉलेज के छात्रों और प्रबंधन ने पूरा सहयोग दिया है। इतनी मेट्रोपोलिटिन सिटी में ऐसी घटना होना बहुत दुर्भाग्य की बात है। प्रियांशु बहुत मासूम बच्चा था हमारे साथ बहुत बोलता था।
​​​​​​ कहा था अंकल इस बार जॉब की मिठाई खिलाऊंगा
तिरुपति गार्डन कालोनी के बाहर किराना स्टोर संचालक देवेंद्र सिंह कहते हैं प्रियांशु बचपन से मेरी शॉप पर सामान लेने आता था। दिवाली पर आया तो कहकर गया था कि अंकल अब मेरी जॉब शुरू होने वाली है मेरा एमबीए कंप्लीट होने वाला है तो अगली बार अपनी जॉब लेकर आऊंगा। भइया मुझे बड़ा सा गिफ्ट देकर गए
कॉलोनी का सिक्योरिटी गार्ड रोशनलाल ने कहा कि जब मुझे पता चला कि प्रियांशु भैया नहीं रहे तो भरोसा नहीं रहा। दिवाली पर ही वो मुझे एक बड़ा सा गिफ्ट देकर गए थे। वो हर बार घर आते मुझे कुछ न कुछ जरूर देते थे। कॉलोनी के गार्ड से लेकर पड़ोसी तक जिसने भी ये सुना वो दुखी है। हम बस इंसाफ चाहते हैं प्रियांशु के मौसाजी राजीव गोयल मेरठ के थापर नगर में ही रहते हैं। राजीव गोयल ने बताया कि हमारा परिवार बस इंसाफ चाहता है। जिस दरिंदे ने इतने प्यारे बच्चे को मार डाला, उसे भी मौत की सजा मिली। प्रियांशु इतना होनहार और प्यारा बच्चा था उसे इतनी बेरहमी से मार दिया गया। ​​​​​​​प्रियांशु अपने दोस्त के साथ टेलर के पास अपने सूट का नाम देने गया था। उसके कॉलेज में कैंपस सिलेक्शन शुरू होने वाले हैं तो उसे फॉर्मल कपड़ों की जरूरत थी अपने लिए उन्हीं कपड़ों का नाप देने गया था। वहां हत्यारोपी ने चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। कहा कि हमें बस इंसाफ चाहिए। हम लोग बेहद असमंजस में हैं ऐसा स्थान अहमदाबाद जैसी जगह पर अचानक ये दिल दहलाने वाला हादसा है। दोनों मां, बाप बेसुध हैं अभी हम कुछ भी कह नहीं सकते। मेरठ के MBA स्टूडेंट प्रियांशु की हत्या से पहले का एक सीसीटीवी सामने आया है। वीडियो में प्रियांशु दुकान से मिठाई लेकर अपने दोस्त के साथ बुलट से कमरे की ओर निकलता दिखा। इसी बीच आगे मोड़ पर हत्यारोपी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार आता हुआ नजर आता है। कुछ ही देर बाद वह कार यू टर्न करके प्रियांशु की ओर बढ़ता है। आशंका जताई जा रही इसी मोड़ पर प्रियांशु ने हत्यारोपी से गाड़ी को तेज रफ्तार चलाने पर टोका होगा। इसके बाद आरोपी कार को वापस मोड़कर प्रियांशु के पास जाता है और छात्र की चाकू से गोदकर हत्या कर देता है। पंजाब से पकड़ा गया छात्र का कॉन्स्टेबल
फिलहाल अहमदाबाद पुलिस ने कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार को बुधवार को पंजाब से कॉन्स्टेबल को अरेस्ट कर लिया। वीरेंद्र सिंह अहमदाबाद की सरखेज पुलिस स्टेशन की इन्वेस्टिगेशन टीम में तैनात है। वीरेंद्र को पता था कि इस हत्या के बाद उसकी लोकेशन ट्रेस हो सकती है। इसलिए वह पंजाब भाग गया था। वहां एक होटल में रूम लेकर रहने लगा। इस दौरान मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया था। लेकिन, टोल के CCTV और लोकेशन का पीछा करती हुई क्राइम ब्रांच पंजाब पहुंची और वहां से वीरेंद्र को पकड़ लिया। 10 नवंबर को बॉडी मिलने के बाद अहमदाबाद पुलिस कातिल को ढूंढ रही थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इसी कॉन्स्टेबल वीरेंद्र सिंह पढियार ने स्टूडेंट को मार डाला था। कॉन्स्टेबल उस दिन छुट्‌टी पर था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि गाड़ी तेज चलाने पर स्टूडेंट ने मुझे टोका था। मना करने पर भिड़ा, यही मुझे पसंद नहीं आया। इसलिए मार डाला। हर दिल में गम दे गया प्रियांशु
मेरठ के तिरुपति गार्डन में रहने वाला प्रियांशु माइका से लेकर मेरठ में अपने दोस्तों के बीच सभी का प्यारा था। वो कालोनी में बच्चों, बड़ों सबका फेवरेट था। कालोनी के सिक्योरिटी गार्ड से लेकर यहां आने वाली हाउस हेल्पर्स उसे याद करके रो रही हैं। शहर से बाहर बनी तिरुपति गार्डन कालोनी में 50 घर हैं। लेकिन प्रियांशु की चर्चा हर घर में अक्सर ही होती। क्योंकि प्रियांशु ने अपने मीठे बिहेवियर और मासूमियत से हर किसी का दिल जीता हुआ था। शुरू से स्कूल में टॉपर रहा। सेंट मेरीज में टॉप किया। फुटबॉल में टीम कैप्टन रहा। कालोनी में हर किसी से बात करता। कॉलोनी का हर इंसान प्रियांशु के जाने से दुखी है, हर व्यक्ति बस यही कह रहा है कि अभी दिवाली पर प्रियांशु हमसे मिला था कहता था इस बार जॉब लग जाएगी तब आऊंगा..लेकिन अब वो कभी नहीं आएगा हमें भरोसा नहीं हो रहा। ट्यूशन टीचर बोली वो मेरा सबसे ब्राइट स्टूडेंट था इसी कालोनी में प्रियांशु की टीचर शिखा अरोड़ा भी रहती हैं। शिखा अरोड़ा ने बताया कि प्रियांशु को मैंने 7वीं क्लास में ट्यूशन पढ़ाया। वो बहुत ही ब्राइट और प्रॉमिसिंग स्टूडेंट था। बहुत ही जॉली नेचर का था। जो उसके साथ हुआ बहुत दुखद हुआ। कभी उसने पढ़ाई में परेशान नहीं किया। लड़ाई वाला उसका नेचर कभी नहीं रहा। हर बच्चे की तरह उसके भी बड़े बड़े सपने थे वो भी अपने पैरेंट्स के लिए बहुत कुछ करना चाहता था। वो सेंट मेरीज स्कूल से पढ़ा वहां एक्समा में भी मेंबर था। जब उसके दोस्तों को इस बात का पता चला तो उसके सारे दोस्त घर पहुंचे। सारे बच्चे बहुत रो रहे थे। अहमदाबाद में दो साल रहने के बाद भी प्रियांशु का अपने सारे दोस्तों से कनेक्शन था। सारे दोस्त उससे मिलते थे। हमारी पूरी कालोनी शोक में हैं
तिरुपति गार्डन कालोनी में रहने वाले अशोक कपूर कहते हैं कि दिवाली पर मेरी प्रियांशु से लास्ट मुलाकात हुई है। हम चाहते हैं गुजरात सरकार जल्द से जल्द आरोपी को पकड़े और उसके माता, पिता को न्याय मिले। पूरी कालोनी शोक में है, कॉलेज के छात्रों और प्रबंधन ने पूरा सहयोग दिया है। इतनी मेट्रोपोलिटिन सिटी में ऐसी घटना होना बहुत दुर्भाग्य की बात है। प्रियांशु बहुत मासूम बच्चा था हमारे साथ बहुत बोलता था।
​​​​​​ कहा था अंकल इस बार जॉब की मिठाई खिलाऊंगा
तिरुपति गार्डन कालोनी के बाहर किराना स्टोर संचालक देवेंद्र सिंह कहते हैं प्रियांशु बचपन से मेरी शॉप पर सामान लेने आता था। दिवाली पर आया तो कहकर गया था कि अंकल अब मेरी जॉब शुरू होने वाली है मेरा एमबीए कंप्लीट होने वाला है तो अगली बार अपनी जॉब लेकर आऊंगा। भइया मुझे बड़ा सा गिफ्ट देकर गए
कॉलोनी का सिक्योरिटी गार्ड रोशनलाल ने कहा कि जब मुझे पता चला कि प्रियांशु भैया नहीं रहे तो भरोसा नहीं रहा। दिवाली पर ही वो मुझे एक बड़ा सा गिफ्ट देकर गए थे। वो हर बार घर आते मुझे कुछ न कुछ जरूर देते थे। कॉलोनी के गार्ड से लेकर पड़ोसी तक जिसने भी ये सुना वो दुखी है। हम बस इंसाफ चाहते हैं प्रियांशु के मौसाजी राजीव गोयल मेरठ के थापर नगर में ही रहते हैं। राजीव गोयल ने बताया कि हमारा परिवार बस इंसाफ चाहता है। जिस दरिंदे ने इतने प्यारे बच्चे को मार डाला, उसे भी मौत की सजा मिली। प्रियांशु इतना होनहार और प्यारा बच्चा था उसे इतनी बेरहमी से मार दिया गया। ​​​​​​​प्रियांशु अपने दोस्त के साथ टेलर के पास अपने सूट का नाम देने गया था। उसके कॉलेज में कैंपस सिलेक्शन शुरू होने वाले हैं तो उसे फॉर्मल कपड़ों की जरूरत थी अपने लिए उन्हीं कपड़ों का नाप देने गया था। वहां हत्यारोपी ने चाकू से वार कर उसकी हत्या कर दी। कहा कि हमें बस इंसाफ चाहिए। हम लोग बेहद असमंजस में हैं ऐसा स्थान अहमदाबाद जैसी जगह पर अचानक ये दिल दहलाने वाला हादसा है। दोनों मां, बाप बेसुध हैं अभी हम कुछ भी कह नहीं सकते।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर