<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi MCD:</strong> गुरुवार को एमसीडी सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही लेकिन इस हमने के बीच एक हमप्रस्ताव भी बहुमत के साथ पास हुआ. यह प्रस्ताव था दक्षिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार को उनके मूल विभाग में भेजने का, जिसे सत्ता पक्ष की तरफ़ से सदन में रखा गया जिसे ध्वनि मत से पास करा लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मूल रूप से भारतीय सांख्यिकी सेवा से जुड़े बादल कुमार एक साल से एमसीडी में डेपुटेशन पर थे, उनकी डेपुटेशन अवधि जुलाई 2024 में समाप्त हो गई थी. भर्ती नियमों के अनुसार, 12 डिप्टी कमिश्नरों (डीसी) में से केवल छह को किसी भी समय डेपुटेशन पर सर्विस देने की अनुमति है, लेकिन वर्तमान में, एमसीडी के सभी 12 डीसी डेपुटेशन पर हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार प्रभार से मुक्त करने का फैसला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले बादल कुमार को एमसीडी के अन्य क्षेत्रों में अपनी परफार्मेंस के कारण बार-बार ट्रांसफर का सामना करना पड़ा था. अब एमसीडी हाउस ने स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, उन्हें उनके प्रभार से मुक्त करने का फैसला लिया है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन ने दक्षिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार को वापस उनके मूल विभाग में भेजने का प्रस्ताव पारित किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले बादल कुमार को एमसीडी के अन्य क्षेत्रों में अपनी परफार्मेंस के कारण बार-बार ट्रांसफर का सामना करना पड़ा था, अब सदन ने उन्हें चार्ज से मुक्त कर दिया है .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कार्यशैली को लेकर पहले भी चर्चा में रहे डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें, दिल्ली नगर निगम दक्षिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार अपनी कार्यशैली को लेकर पहले भी चर्चा में रहे है. और शायद यही वजह है कि पार्षद से लेकर कर्मचारी तक उनसे परेशान थे. बताया जाता है की डीसी बादल कुमार ने जिस काम की ठान ली फिर उसे करके ही मानते थे और शायद उनका यही जुनून कई पार्षदों के लिए परेशानी का कारण बन गया था, लेकिन जिस तरह से उनको वापस भेजे जाने का प्रस्ताव एमसीडी के सदन के पटल पर रखा गया उसको लेकर सत्ता पक्ष के पार्षद ही नहीं बल्कि विपक्ष के भी कुछ पार्षद खुश नजर आए</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Rajveer Sisodia: मशहूर यू-ट्यूबर राजवीर सिसोदिया को नोएडा पुलिस ने किया गिरफ्तार, क्या है आरोप?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/youtuber-rajveer-sisodia-arrested-by-noida-police-in-road-rage-case-viral-video-of-beaten-to-man-2845952″ target=”_self”>Rajveer Sisodia: मशहूर यू-ट्यूबर राजवीर सिसोदिया को नोएडा पुलिस ने किया गिरफ्तार, क्या है आरोप?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi MCD:</strong> गुरुवार को एमसीडी सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही लेकिन इस हमने के बीच एक हमप्रस्ताव भी बहुमत के साथ पास हुआ. यह प्रस्ताव था दक्षिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार को उनके मूल विभाग में भेजने का, जिसे सत्ता पक्ष की तरफ़ से सदन में रखा गया जिसे ध्वनि मत से पास करा लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मूल रूप से भारतीय सांख्यिकी सेवा से जुड़े बादल कुमार एक साल से एमसीडी में डेपुटेशन पर थे, उनकी डेपुटेशन अवधि जुलाई 2024 में समाप्त हो गई थी. भर्ती नियमों के अनुसार, 12 डिप्टी कमिश्नरों (डीसी) में से केवल छह को किसी भी समय डेपुटेशन पर सर्विस देने की अनुमति है, लेकिन वर्तमान में, एमसीडी के सभी 12 डीसी डेपुटेशन पर हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार प्रभार से मुक्त करने का फैसला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले बादल कुमार को एमसीडी के अन्य क्षेत्रों में अपनी परफार्मेंस के कारण बार-बार ट्रांसफर का सामना करना पड़ा था. अब एमसीडी हाउस ने स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार, उन्हें उनके प्रभार से मुक्त करने का फैसला लिया है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन ने दक्षिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार को वापस उनके मूल विभाग में भेजने का प्रस्ताव पारित किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले बादल कुमार को एमसीडी के अन्य क्षेत्रों में अपनी परफार्मेंस के कारण बार-बार ट्रांसफर का सामना करना पड़ा था, अब सदन ने उन्हें चार्ज से मुक्त कर दिया है .</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कार्यशैली को लेकर पहले भी चर्चा में रहे डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें, दिल्ली नगर निगम दक्षिणी जोन के डिप्टी कमिश्नर बादल कुमार अपनी कार्यशैली को लेकर पहले भी चर्चा में रहे है. और शायद यही वजह है कि पार्षद से लेकर कर्मचारी तक उनसे परेशान थे. बताया जाता है की डीसी बादल कुमार ने जिस काम की ठान ली फिर उसे करके ही मानते थे और शायद उनका यही जुनून कई पार्षदों के लिए परेशानी का कारण बन गया था, लेकिन जिस तरह से उनको वापस भेजे जाने का प्रस्ताव एमसीडी के सदन के पटल पर रखा गया उसको लेकर सत्ता पक्ष के पार्षद ही नहीं बल्कि विपक्ष के भी कुछ पार्षद खुश नजर आए</p>
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