‘बेसमेंट में लाइब्रेरी या पढ़ाने वाले किसी भी कोचिंग तुरंत सील करें’, दिल्ली LG के सख्त आदेश <p style=”text-align: justify;”><strong>Old Rajendra Nagar Accident:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार (31 जुलाई) को शहर में कोचिंग सेंटरों के लिए विनियमन दिशानिर्देश तैयार करने और छात्रों के सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया. मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में छात्रों के पांच से छह प्रतिनिधि शामिल होंगे, संबंधित विभाग के अधिकारियों और कोचिंग संस्थानों ने राज निवास के अधिकारियों को सूचित किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली उपराज्यपाल का आदेश ने आदेश दिया है कि बेसमेंट में लाइब्रेरी या पढ़ाने वाले किसी भी कोचिंग संस्थान को तुरंत सील कर दिया जाए साथ ही उपराज्यपाल के अनुरोध पर, कोचिंग संस्थानों की एसोसिएशन ने तीनों मृतक छात्रों के परिवार को उचित मुआवजा देने पर सहमति जताई.उपराज्यपाल ने पुलिस कमिशनर को इन क्षेत्रों में वसूले जा रहे अत्यधिक किराये और टैक्स चोरी के लिए अनिवार्य नकद लेन-देन पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोचिंग संचालकों के साथ उपराज्यपाल ने की बैठक</strong><br /><a title=”UPSC” href=”https://www.abplive.com/topic/upsc” data-type=”interlinkingkeywords”>UPSC</a> छात्रों, कोचिंग संचालकों, DDA और तमाम संबंधित एजेंसियों से बातचीत और कोचिंग संस्थानों को नियमित किए जाने के संबंध में उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा बयान जारी किया गया. 29 जुलाई और 30 जुलाई को अभ्यर्थियों और कोचिंग संचालकों के साथ उपराज्यपाल ने बैठक की.इलाके में करीब 90 फीसदी लाइब्रेरी अवैध रूप से बेसमेंट में चलाई जा रही थीं. MCD इंजीनियरों और GNCTD के गृह विभाग के तहत दिल्ली अग्निशमन सेवा के अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली बस्तियों में तब्दील हो गए हैं कोचिंग संस्थान</strong><br />प्रथम दृष्टया, यह नियमों का उल्लंघन पाया गया और अधिकारियों, बिल्डरों, मकान मालिकों और इलाके के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच सांठगांठ की ओर इशारा करता है. उपराज्यपाल ने पाया कि दिल्ली के विभिन्न इलाके जैसे ओल्ड राजिंदर नगर, मुखर्जी नगर, बेर सराय, कालू सराय आदि में चल रहे कोचिंग संस्थान अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली बस्तियों में तब्दील हो गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोचिंग हब बनाने की है आवश्यकता </strong><br />उपराज्यपाल ने कहा कि एक कोचिंग हब बनाने की आवश्यकता है, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के सभी कोचिंग संस्थानों को योजनाबद्ध और समयबद्ध तरीके से स्थानांतरित किया जा सके. इससे न केवल जरूरी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित होगा, बल्कि छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए एक अच्छा माहौल भी मिलेगा, साथ ही उन्हें किफायती और अच्छी तरह से निर्मित आवासीय सुविधाएं भी मिलेंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2024 में ही कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों द्वारा अपनाए जाने के लिए पहले ही एक मॉडल व दिशा-निर्देश/नीति तैयार कर ली है. हालांकि, दिल्ली में इसे नहीं अपनाया गया है. एक सुझाव दिया गया कि सरकार द्वारा वैकल्पिक क्षेत्र प्रदान करना जाए, जहां बड़े और छोटे सभी कोचिंग संस्थानों को शिक्षा केंद्र के रूप में शिफ़्ट किया जा सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”>DDA के VC ने प्रस्ताव दिया कि DDA द्वारा नरेला और रोहिणी आदि इलाके में पर एक कोचिंग हब स्थापित किया जा सकता है, जिसमें एक ही स्थान पर आवास और शिक्षण सुविधा होगी. अधिकांश संस्थानों ने इस तरह के हब की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की और वहां जाने की इच्छा व्यक्त की है.उपराज्यपाल ने पाया कि दिल्ली के विभिन्न इलाके जैसे ओल्ड राजिंदर नगर, मुखर्जी नगर, बेर सराय, कालू सराय आदि में चल रहे कोचिंग संस्थान अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली बस्तियों में तब्दील हो गए हैं.</p>
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