MVA और NDA के लिए क्यों जरूरी है महाराष्ट्र चुनाव? जानिए गठबंधन का सियासी गणित

MVA और NDA के लिए क्यों जरूरी है महाराष्ट्र चुनाव? जानिए गठबंधन का सियासी गणित

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024:</strong> महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान मंगलवार (15 अक्तूबर) को इलेक्शन कमीशन ने कर दिया है. अब ऐसे में प्रदेश के दोनों राजनीतिक गठबंधन महाविकास अघाड़ी और महायुति ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. महाराष्ट्र में बीजेपी जहां शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर सत्ता में वापसी करना चाहती है. वहीं कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) मिलकर एनडीए को सत्ता से बेदखल करना चाहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 145 विधानसभा सीटों का है. फुल स्ट्रेंथ विधानसभा में जिस दल या गठबंधन के पास 145 या इससे अधिक स्ट्रेंथ होगी, सूबे में उसकी ही सरकार बनेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>MVA और NDA के लिए क्यों जरूरी है ये चुनाव?</strong><br />दरअसल, महाराष्ट्र का ये चुनाव महायुति से लेकर एमवीए तक दोनों ही गठबंधनों के साथ ही नेताओं और पार्टियों के लिए भी इज्जत का सवाल बन गया है. बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन 2019 के चुनाव के बाद टूट गया. साथ राज्य की दो बड़ी पार्टियां एनसीपी और शिवसेना दो गुटों में बंट गईं. ऐसे में एनसीपी और शिवसेना में विभाजन के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसमें यह पता चलेगा कि जनता किस गुट के साथ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जहां शिवसेना (यूबीटी) एकनाथ शिंदे को गद्दार बता रही है तो वहीं शिंदे की पार्टी खुद को असली शिवसेना बता रही है. दोनों दलों के लिए ये चुनाव असली शिवसेना किसकी? एक तरह से जनता की अदालत में इसे लेकर फैसले की तरह होगा. असली-नकली पार्टी की ऐसी ही लड़ाई अजित पवार और शरद पवार की पार्टियों के बीच भी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बीजेपी के सामने यह साबित करने की चुनौती होगी कि लोकसभा चुनाव के नतीजे विपक्ष के दुष्प्रचार की देन थे, एक तुक्का थे, जैसा पार्टी के नेता आम चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से ही कहते भी आए हैं. वहीं कांग्रेस के सामने आम चुनाव में मिले जीत के मोमेंटम को बरकरार रखने का चैलेंज होगा. साथ ही यह चुनाव इंडिया (एमवीए) गठबंधन का भविष्य तय करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोकसभा चुनाव के नतीजे</strong><br /><a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> में एनडीए (महायुति) में बीजेपी के अलावा एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है. तीनों ही दलों ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि, उस चुनाव में जैसी उम्मीद थी वैसी सफलता एनडीए को नहीं मिली थी. जबकि अजित पवार की पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बात अगर महाविकास अगाड़ी की करें तो कांग्रेस के अलावा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की एनसीपी शामिल है. महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के तौर पर एक जुट रही और लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में एमवीए गठबंधन को कुल 30 सीटें मिली थी, जिसमें कांग्रेस को 13, शिवसेना (यूबीटी) को 9 और एनसीपी (एसपी) को 8 सीटें मिली थीं. जबकि एनडीए गठबंधन को कुल 17 सीटें मिली थी, जिसमें बीजेपी को 9, शिवसेना को 7 और एनसीपी को एक सीट मिली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2019 चुनाव के आकंड़े</strong><br />महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति को 161 सीटों पर जीत मिली थी. तब बीजेपी 105 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. 56 सीटें जीतकर शिवसेना दूसरे नंबर पर रही थी. तब बीजेपी और शिवसेना (संयुक्त) गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश मिला था. हालांकि, दोनों दलों के बीच अनबन के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी. 2019 के चुनाव में एनसीपी 54 सीटों के साथ तीसरी और कांग्रेस 44 सीटों के साथ चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्य चुनावी मुद्दे क्या?</strong><br />वहीं महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा इस चुनाव में गर्मा सकता है. जबिक पार्टियों में तोड़ फोड़ के आरोप भी लग रहे हैं. इसके साथ ही जनता के लिए लोक लुभावन योजनाएं जैसे लड़की बहिन योजना भी मेन मुद्दा बना हुआ है. महाराष्ट्र के उद्योग-धंधो को गुजरात ले जाने का आरोप और लापरवाह प्रशासनिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल है.</p>
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<p><strong>यह भी पढ़ें:&nbsp;<a title=”&lsquo;उद्धव ठाकरे की नजर नेता विपक्ष के पद पर&rsquo;, चुनाव से पहले CM एकनाथ शिंदे का बड़ा दावा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/cm-eknath-shinde-targets-shiv-sena-ubt-uddhav-thackeray-claims-leader-of-opposition-position-2803695″ target=”_blank” rel=”noopener”>&lsquo;उद्धव ठाकरे की नजर नेता विपक्ष के पद पर&rsquo;, चुनाव से पहले CM एकनाथ शिंदे का बड़ा दावा</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 145 विधानसभा सीटों का है. फुल स्ट्रेंथ विधानसभा में जिस दल या गठबंधन के पास 145 या इससे अधिक स्ट्रेंथ होगी, सूबे में उसकी ही सरकार बनेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>MVA और NDA के लिए क्यों जरूरी है ये चुनाव?</strong><br />दरअसल, महाराष्ट्र का ये चुनाव महायुति से लेकर एमवीए तक दोनों ही गठबंधनों के साथ ही नेताओं और पार्टियों के लिए भी इज्जत का सवाल बन गया है. बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन 2019 के चुनाव के बाद टूट गया. साथ राज्य की दो बड़ी पार्टियां एनसीपी और शिवसेना दो गुटों में बंट गईं. ऐसे में एनसीपी और शिवसेना में विभाजन के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसमें यह पता चलेगा कि जनता किस गुट के साथ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जहां शिवसेना (यूबीटी) एकनाथ शिंदे को गद्दार बता रही है तो वहीं शिंदे की पार्टी खुद को असली शिवसेना बता रही है. दोनों दलों के लिए ये चुनाव असली शिवसेना किसकी? एक तरह से जनता की अदालत में इसे लेकर फैसले की तरह होगा. असली-नकली पार्टी की ऐसी ही लड़ाई अजित पवार और शरद पवार की पार्टियों के बीच भी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बीजेपी के सामने यह साबित करने की चुनौती होगी कि लोकसभा चुनाव के नतीजे विपक्ष के दुष्प्रचार की देन थे, एक तुक्का थे, जैसा पार्टी के नेता आम चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से ही कहते भी आए हैं. वहीं कांग्रेस के सामने आम चुनाव में मिले जीत के मोमेंटम को बरकरार रखने का चैलेंज होगा. साथ ही यह चुनाव इंडिया (एमवीए) गठबंधन का भविष्य तय करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोकसभा चुनाव के नतीजे</strong><br /><a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> में एनडीए (महायुति) में बीजेपी के अलावा एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है. तीनों ही दलों ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि, उस चुनाव में जैसी उम्मीद थी वैसी सफलता एनडीए को नहीं मिली थी. जबकि अजित पवार की पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं बात अगर महाविकास अगाड़ी की करें तो कांग्रेस के अलावा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की एनसीपी शामिल है. महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के तौर पर एक जुट रही और लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था. &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में एमवीए गठबंधन को कुल 30 सीटें मिली थी, जिसमें कांग्रेस को 13, शिवसेना (यूबीटी) को 9 और एनसीपी (एसपी) को 8 सीटें मिली थीं. जबकि एनडीए गठबंधन को कुल 17 सीटें मिली थी, जिसमें बीजेपी को 9, शिवसेना को 7 और एनसीपी को एक सीट मिली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2019 चुनाव के आकंड़े</strong><br />महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति को 161 सीटों पर जीत मिली थी. तब बीजेपी 105 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. 56 सीटें जीतकर शिवसेना दूसरे नंबर पर रही थी. तब बीजेपी और शिवसेना (संयुक्त) गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरे थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का जनादेश मिला था. हालांकि, दोनों दलों के बीच अनबन के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी. 2019 के चुनाव में एनसीपी 54 सीटों के साथ तीसरी और कांग्रेस 44 सीटों के साथ चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्य चुनावी मुद्दे क्या?</strong><br />वहीं महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा इस चुनाव में गर्मा सकता है. जबिक पार्टियों में तोड़ फोड़ के आरोप भी लग रहे हैं. इसके साथ ही जनता के लिए लोक लुभावन योजनाएं जैसे लड़की बहिन योजना भी मेन मुद्दा बना हुआ है. महाराष्ट्र के उद्योग-धंधो को गुजरात ले जाने का आरोप और लापरवाह प्रशासनिक व्यवस्था और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल है.</p>
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