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पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले-देवीलाल परिवार के पल्ले कुछ नहीं:कहा- दुष्यंत चौटाला रिजेक्ट हो चुका, लोकसभा में मां को 5 हजार वोट दिला पाया
पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले-देवीलाल परिवार के पल्ले कुछ नहीं:कहा- दुष्यंत चौटाला रिजेक्ट हो चुका, लोकसभा में मां को 5 हजार वोट दिला पाया हरियाणा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि देवीलाल परिवार के पल्ले राजनीति में अब कुछ भी नहीं रहा हैं। लोकसभा चुनाव में जजपा नेता पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हिसार से लड़ीं अपनी मां नैना चौटाला को 5 हजार वोट भी नहीं दिला पाया। जनता ने दुष्यंत चौटाला को रिजेक्ट कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनेलो, जेजेपी के नेता उचाना हलके में हमारी ताकत को कमजोर करने आ रहे हैं। आज दुष्यंत चौटाला को उचाना में लोग नहीं मिल रहे हैं। वह दादरी, बाढड़ा, भिवानी, सिरसा से लोगों को लेकर उचाना आ रहे हैं। चौधरी बीरेंद्र सिंह ने ये बातें जींद के उचाना में एक कार्यक्रम में कहीं। 90 टिकटों के लिए 2550 आवेदन आए
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस की 90 टिकटों के लिए 2550 आवेदन आए हैं। इन सब की बात सुनी जाएगी। अब तक पार्टी के महामंत्री 1500 टिकटार्थियों से बात भी कर चुके हैं। 26 अगस्त से स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुरू हो जाएगी। उससे पहले हरियाणा की जो चुनाव कमेटी है। वह सभी टिकटों के नाम की स्क्रीनिंग करके पैनल बनाकर भेजेगी। उन्होंने बताया कि 30 अगस्त तक स्क्रीनिंग कमेटी अपनी सिफारिश केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेज देगी, उसके बाद टिकट घोषणा की जाएगी। जब कांग्रेस की टिकट घोषित हो जाएगी, तब युवा, महिला, किसान, मजदूर, व्यापारी सब कांग्रेस के साथ नजर आएंगे। प्रचंड बहुमत से कांग्रेस सत्ता में आएगी। बीरेंद्र सिंह कह चुके- बेटा लड़ेगा चुनाव
बीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि- ”हमारा परिवार चुनाव लड़ेगा। बेटे ने उचाना विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में आवेदन किया है। यहां से मैं 5 बार विधायक रहा। एक बार मेरी पत्नी प्रेमलता विधायक रहीं। मैं समझता हूं कि उससे उपयुक्त कैंडिडेट नहीं है। मैंने भी ये समझा कि राजनीति के इस युग में युवाओं को और पार्टिसिपेट करने का मौका मिलना चाहिए।” अब जानिए क्या है उचाना सीट का विवाद
2019 के विधानसभा चुनावों से पहले दुष्यंत चौटाला ने INLD से अलग होकर अपनी JJP पार्टी बनाई थी। जींद की उचाना विधानसभा सीट से दुष्यंत चौटाला ने चुनाव लड़ था। यहां भाजपा की प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को उन्होंने करीब 47 हजार वोटों से मात दी थी। 2019 में भाजपा को 40 सीट मिली थी। उन्होंने 10 सीट वाली जजपा के साथ गठबंधन कर हरियाणा में सरकार बना ली थी। बीरेंद्र सिंह ने कहा था- गठबंधन रहा तो पार्टी छोड़ दूंगा
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीरेंद्र सिंह ने जींद में ‘मेरी आवाज सुनो’ कार्यक्रम किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि यदि पार्टी ने जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन किया तो वह BJP को छोड़ देंगे। BJP को ये गलतफहमी है कि JJP उन्हें वोट दिलाएगी, जबकि सच्चाई ये है कि JJP काे तो खुद ही वोट नहीं मिलने वाले। वह BJP को क्या दिलवाएगी। इसके बाद बीरेंद्र सिंह ने बीजेपी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि उसके बाद भाजपा और जजपा का भी गठबंधन टूट गया। देवीलाल कुनबे के अधिकतर सदस्य राजनीति में सक्रिय ताऊ देवीलाल के 4 बेटे हैं। इसमें ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला है। चारों की ही राजनीतिक राहें अलग-अलग हैं। ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं जबकि रणजीत चौटाला विधायक रह चुके हैं। इसी तरह, ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला विधायक हैं। ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला और बेटे दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। देवीलाल के भतीजे डॉ. केवी सिंह के बेटे अमित सिहाग भी विधायक हैं।
Haryana Election 2024: ‘कांग्रेस की सत्ता में वापसी…’, हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का विधानसभा चुनाव पर बड़ा दावा
Haryana Election 2024: ‘कांग्रेस की सत्ता में वापसी…’, हरियाणा के मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का विधानसभा चुनाव पर बड़ा दावा <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024:</strong> हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने मंगलवार को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रणजीत सिंह चौटाला ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि हरियाणा में कांग्रेस का सत्ता में वापसी करना मुश्किल है. सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से हरियाणा में कांग्रेस की यात्रा निकाले जाने को लेकर रणजीत सिंह चौटाला ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ा तो दीपेंद्र हुड्डा की यात्रा से क्या फर्क पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रणजीत सिंह चौटाला ने आगे कहा कि हरियाणा में कांग्रेस अपना वजूद खत्म कर चुकी है. जिस भी प्रदेश में कांग्रेस 10 साल लगातार सत्ता से बाहर रही है, उस प्रदेश में कांग्रेस वापस नहीं लौट पाई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रणजीत सिंह चौटाला ने जताई ये इच्छा</strong><br />रणजीत सिंह चौटाला ने रनिया विधानसभा में चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी टिकट देती है तो मैं रनिया से चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा. चौटाला ने सैनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछले साढ़े 9 साल में बीजेपी ने प्रदेश और देश में बेहतरीन काम किया. विधानसभा चुनाव में मैनेजमेंट और कैंडिडेट का अहम रोल होता है. वहीं बीजेपी के पास मजबूत संगठन है लेकिन कांग्रेस अभी तक पिछले 10 सालों में अपना संगठन ही नहीं बना पाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘गुटबाजी की वजह से खत्म हुई कांग्रेस’</strong><br />हरियाणा के मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी सार्वजनिक होने के चलते कांग्रेस खत्म हो चुकी है. ऐसे सभी बड़े नेता अब कांग्रेस को छोड़कर जा रहे हैं. कांग्रेस अब एक ऐसी पार्टी है, जिसमें केवल चापलूस करने वाले लोग बचे हैं. कांग्रेस पार्टी का प्रदेश में जनाधार नहीं बचा है. आगामी विधानसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी बहुमत से सरकार बनाएगी. हरियाणा सरकार ने आम जन के हित में कार्य किए हैं. ऐसे में बीजेपी का तीसरी बार सत्ता में आना तय है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”गुरुग्राम के नामी निजी अस्पताल में विदेशी महिला से रेप, पुलिस ने आरोपी अटेंडेंट को किया गिरफ्तार” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/gurugram-private-hospital-rape-case-with-foreign-woman-police-arrested-accused-attendant-ann-2738974″ target=”_blank” rel=”noopener”>गुरुग्राम के नामी निजी अस्पताल में विदेशी महिला से रेप, पुलिस ने आरोपी अटेंडेंट को किया गिरफ्तार</a></strong></p>
अमृतसर में प्रीगैबलिन दवा की खुली बिक्री पर रोक:प्रशासन का दावा-लोगों को लग रही इसकी लत; विक्रेताओं को रिकॉर्ड रखने के निर्देश
अमृतसर में प्रीगैबलिन दवा की खुली बिक्री पर रोक:प्रशासन का दावा-लोगों को लग रही इसकी लत; विक्रेताओं को रिकॉर्ड रखने के निर्देश पंजाब के अमृतसर में जिला प्रशासन ने पेन किलर के तौर पर प्रयोग होने वाली दवा प्रीगैबलिन की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन का दावा है कि इस दवा का लोग दुरुपयोग कर रहे हैं और इसके आदी भी हो रही हैं। जिसके चलते इस दवा की खुली बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं इस दवा के 75 मि.ग्रा. से अधिक का भंडार भी ना करने के निर्देश जारी हुए हैं। डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रीगैबलिन के फार्मूले के तहत तैयार की गई एक दवा, जिसे मादक या मनो-सक्रिय पदार्थ के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को देखते हुए खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे बेचने के लिए डॉक्टर की सिफारिश के साथ सभी रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं। 75 मिग्रा से अधिक प्रयोग कर रहे लोग जारी आदेश में उन्होंने कहा कि कैप्सूल/टैबलेट के रूप में 150 मिलीग्राम और 300 मिलीग्राम युक्त प्रीगैबलिन के फॉर्मूलेशन का जनता द्वारा व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जा रहा है। बहुत से लोग इस फॉर्मूलेशन के आदी हो रहे हैं। देखने में आया है कि प्रीगैबलिन 150mg/300mg दवा अक्सर डॉक्टरों द्वारा प्रेस्क्राइब नहीं की जाती है। यहां तक कि न्यूरोलॉजिस्ट/ऑर्थोपेडिक्स भी प्रीगैबलिन दवा की केवल 75 मिलीग्राम ही लिख रहे हैं। नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत आदेश जारी डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत आदेश दिया है कि 75 मिलीग्राम से अधिक इस फॉर्मूलेशन के कैप्सूल/टैबलेट के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर के मालिक, अस्पतालों में फार्मेसी या कोई अन्य व्यक्ति बिना असल प्रेस्क्रीप्शन के प्रीगैबलिन 75 मिलीग्राम नहीं बेचेंगे। इसके अलावा वे 75 मिलीग्राम तक की खरीद-बिक्री का सटीक रिकॉर्ड रखेंगे। सभी विक्रेता पर्ची का उचित अध्ययन करके यह सुनिश्चित करेंगे कि बेची जा रही गोलियों/कैप्सूलों की संख्या डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता से अधिक न हों।