भास्कर न्यूज | अमृतसर क्रिसमस के उपलक्ष्य में पंकज रंधावा मिनिस्ट्री की तरफ से शोभायात्रा निकाली गई। झब्बाल रोड के गांव इब्बन स्थित चर्च से निकली शोभायात्रा में प्रभु यीशु मसीह का गुणगान किया गया। बाद दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक निकाली शोभायात्रा में मसीह भाईचारे के कई लोग पहुंचे। इस मौके पर भाजपा नेता पप्पू महाजन, जतिंदर गौरव, पास्टर बनी, लुक्स मसीह मुख्य रूप से शामिल हुए। शोभायात्रा से पहले पास्टर पूनम रंधावा और पास्टर पंकज रंधावा ने सभी को क्रिसमस की बधाई दी। शोभायात्रा में शामिल मसीह भाईचारे के लोगों द्वारा प्रभु यीशु मसीह का गुणगान किया। उन्होंने हाथों में प्रभु यीशु मसीह के सलीब पकड़े हुए थे। वहीं शोभा यात्रा में प्रभु यीशु मसीह की सुंदर झांकियां सजाई गई। यात्रा में लोग ट्रैक्टर ट्राली, कार और दोपहिया वाहनों में सवार होकर पहुंचे। चर्च से शुरू होकर शोभा यात्रा फताहपुर, खजाना गेट, लाहौरी गेट, लोहगढ़ गेट, हाथी गेट से होते हुए पिंक प्लाजा में आकर समाप्त हुई। शोभायात्रा जिन रास्तों से गुजरी वहां मसीह भाइचारे के लोगों ने फूलों की वर्षा करके स्वागत किया। इस मौके पर पास्टर रंधावा ने कहा कि हमें प्रभु यीशु मसीह के बताएं मार्ग पर चलते हुए किसी की निंदा और चुगली नहीं करनी चाहिए। इसी दौरान उन्होंने विश्व, देश और राज्य की सुख शांति के लिए प्रभु के आगे प्रार्थना की। सभी ने मिलकर प्रभु यीशु मसीह के सुंदर गीत गाए। इस मौके पर संजय, जिम्मी, प्रदीप, दर्शन भट्टी, अशोक, बंटी समेत मसीह भाई जाने के कई लोग मौजूद थे। भास्कर न्यूज | अमृतसर क्रिसमस के उपलक्ष्य में पंकज रंधावा मिनिस्ट्री की तरफ से शोभायात्रा निकाली गई। झब्बाल रोड के गांव इब्बन स्थित चर्च से निकली शोभायात्रा में प्रभु यीशु मसीह का गुणगान किया गया। बाद दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक निकाली शोभायात्रा में मसीह भाईचारे के कई लोग पहुंचे। इस मौके पर भाजपा नेता पप्पू महाजन, जतिंदर गौरव, पास्टर बनी, लुक्स मसीह मुख्य रूप से शामिल हुए। शोभायात्रा से पहले पास्टर पूनम रंधावा और पास्टर पंकज रंधावा ने सभी को क्रिसमस की बधाई दी। शोभायात्रा में शामिल मसीह भाईचारे के लोगों द्वारा प्रभु यीशु मसीह का गुणगान किया। उन्होंने हाथों में प्रभु यीशु मसीह के सलीब पकड़े हुए थे। वहीं शोभा यात्रा में प्रभु यीशु मसीह की सुंदर झांकियां सजाई गई। यात्रा में लोग ट्रैक्टर ट्राली, कार और दोपहिया वाहनों में सवार होकर पहुंचे। चर्च से शुरू होकर शोभा यात्रा फताहपुर, खजाना गेट, लाहौरी गेट, लोहगढ़ गेट, हाथी गेट से होते हुए पिंक प्लाजा में आकर समाप्त हुई। शोभायात्रा जिन रास्तों से गुजरी वहां मसीह भाइचारे के लोगों ने फूलों की वर्षा करके स्वागत किया। इस मौके पर पास्टर रंधावा ने कहा कि हमें प्रभु यीशु मसीह के बताएं मार्ग पर चलते हुए किसी की निंदा और चुगली नहीं करनी चाहिए। इसी दौरान उन्होंने विश्व, देश और राज्य की सुख शांति के लिए प्रभु के आगे प्रार्थना की। सभी ने मिलकर प्रभु यीशु मसीह के सुंदर गीत गाए। इस मौके पर संजय, जिम्मी, प्रदीप, दर्शन भट्टी, अशोक, बंटी समेत मसीह भाई जाने के कई लोग मौजूद थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी:अनशन कर रहे डल्लेवाल पर कहा- वे जननेता, उनका स्वस्थ रहना जरूरी; तुरंत इलाज कराएं
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट बोला-सीधे हमारे पास आएं प्रदर्शनकारी:अनशन कर रहे डल्लेवाल पर कहा- वे जननेता, उनका स्वस्थ रहना जरूरी; तुरंत इलाज कराएं किसान आंदोलन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। वे सीधे अपने सुझाव या मांगें लेकर हमारे पास आ सकते हैं या अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत पर भी पंजाब सरकार से जवाब मांगा। पंजाब के अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा, “डल्लेवाल के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने अपने मेडिकल टेस्ट करवाने से इनकार कर दिया है। उनके सभी जरूरी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर में कहा, “राज्य सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा अगर डल्लेवाल को कुछ होता है और आरोप लगते हैं। उन्हें सभी मेडिकल सुविधाएं मिलती रहें, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे।” डल्लेवाल और किसानों पर सुप्रीम कोर्ट के 4 निर्देश
1. डल्लेवाल पर राज्य सरकार ढिलाई ना बरते
जब पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को भर्ती करना ज्यादा उचित रहेगा। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे।” 2. डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। वो कहते हैं कि 700 किसानों की जिंदगी उनके जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए वो मेडिकल सहायता के लिए मना कर रहे हैं। सरकार के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के लिए डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है।” 3. हम कमेटी का गठन कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम एक कमेटी का गठन कर रहे हैं, यह प्रक्रिया है। आप किसानों को भरोसा दे सकते हैं। उनकी जो भी उचित मांगें हैं, उन्हें लेकर हम संबंधित पक्षों से बातचीत करेंगे।” 4. सीधे हमारे पास आएं किसान
जब पंजाब सरकार ने कहा कि हमने बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन किसानों ने बातचीत से मना कर दिया। इस पर अदालत ने कहा, “सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।” शंभू बॉर्डर खोलने के तुरंत आदेश से सुप्रीम कोर्ट इनकार कर चुका
13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं। डल्लेवाल से अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती न की जाए। शंभू बॉर्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 6 पॉइंट में जानिए… सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले डल्लेवाल ने कहीं थी 3 अहम बातें… 1. आपने केंद्र से बातचीत कराने का प्रयास नहीं किया
मेरी भूख हड़ताल को 22 दिन हो चुके है। शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करते किसानों पर पुलिस ने अत्याचार किए। 40 किसान घायल हुए। किसानों और सरकारों के बीच विश्वास बहाली के लिए कमेटी ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए। केंद्र से बातचीत कराने का भी गंभीर प्रयास नहीं किया। 2. कमेटी इतनी देर बाद सक्रिय हुई
हमें संदेह था कि कमेटियां सिर्फ फॉर्मेलिटी के लिए बनाई जाती हैं। इसके बावजूद 4 नवंबर को आपसे मिले। मगर, कमेटी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर नहीं आई। कमेटी इतनी देर बाद सक्रिय हुई। 3. आपसे बैठक करने में असमर्थ, केंद्र से बात करेंगे
हमें कमेटी से ऐसी असंवेदनशीलता की उम्मीद नहीं थी। मेरी मेडिकल स्थिति और शंभू बॉर्डर पर घायल किसानों की स्थिति को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैसला किया है कि हम आपसे बैठक करने में असमर्थ हैं। अब हमारी मांगों पर जो भी बातचीत होगी, वह केंद्र सरकार से ही होगी। शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले किसान की मौत
वहीं शंभू बॉर्डर पर 14 दिसंबर को सल्फास निगलने वाले किसान की मौत हो गई है। किसान रणजोध सिंह (57) लुधियाना जिले में खन्ना के गांव रतनहेड़ी का रहने वाला था। वह पिछले शुक्रवार को दिल्ली कूच वाले जत्थे में शामिल था। जब हरियाणा पुलिस ने जत्थे को आगे बढ़ने से रोक दिया तो रणजोध ने सल्फास निगल ली। जिसके बाद उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह 3 बजे उसकी अस्पताल में मौत हो गई। 2 बच्चों के पिता, बेटी की शादी कर चुके थे
खुदकुशी करने वाले किसान रणजोध सिंह के परिवार में उनकी मां तेज कौर, बेटा सुखदीप सिंह, पत्नी कुलदीप कौर और पिता मेवा सिंह हैं। रणजोध के एक बेटी भी है, जिसकी वे शादी कर चुके हैं। उनके पिता प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं। उनके साथ रणजोध सिंह भी कभी-कभी लोगों की जमीनों के सौदे करवा देते थे। उनके ताऊ के लड़के कमलदीप सिंह ने बताया कि पहले भी कई बार रणजोध किसान मोर्चे पर गए थे। पिछले करीब 6 दिन से वह मोर्चा के लंगर घर में सेवा कर रहे थे। वहीं से एक सेवादार ने फोन कर उनके सल्फास निगलने की सूचना दी। बहन की शादी, घर बनाने के लिए जमीन बेचनी पड़ी
चचेरे भाई कमलदीप ने बताया कि रणजोध के पास करीब साढ़े 6 किले जमीन थी। जिसे बहन की शादी और घर बनाने के लिए उन्हें बेचना पड़ा। इसके बाद उनका भाई गंभीर बीमारी की चपेट में आ गया, जिसके इलाज पर भी काफी पैसे खर्च हो गए। मकान बनवाने के लिए भी कर्ज लिया था। इस समय रणजोध के ऊपर रिश्तेदारों और दोस्तों से लिया करीब 5 से 7 लाख का कर्ज है। कमलदीप का कहना है कि रणजोध ने अब तक लिया कर्जा नहीं लौटाया है। उनके घर का गुजर बसर भी कर्ज के सहारे ही चल रहा है। बेटा बोला- पिछले किसान आंदोलन में भी गए थे
रणजोध सिंह के बेटे सुखदीप सिंह ने बताया है कि पिछले किसान आंदोलन में भी रणजोध एक साल तक एक्टिव थे। इस बार के आंदोलन में भी वह 2 बार जा चुके थे। करीब 6 दिन पहले ही वह तीसरी बार शंभू बॉर्डर पर गए थे। शंभू बॉर्डर पर जाने से पहले रणजोध ने बताया था कि उन्होंने किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के पास पहले जत्थे में जाने के लिए अपना नाम लिखवा दिया है। इसके बाद वह जत्थे में शामिल हो गए। रणजोध की मां तेज कौर ने बताया कि 8 दिसंबर को रणजोध शंभू बॉर्डर पर गया। उस वक्त वह सबसे मिलता हुआ गया। उसके पास कोई जमीन नहीं बची थी। फिर भी वह कहता जा रहा था कि उसने दिल्ली कूच करने वाले जत्थे में अपना नाम लिखवा दिया है। वह इस बार दिल्ली जाकर ही मानेगा। शुक्रवार को दिल्ली कूच करने वाले जत्थे का हिस्सा थे रणजोध सिंह
रणजोध सिंह शुक्रवार 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करने वाले 101 किसानों के जत्थे में शामिल थे। उनका जत्था जब आगे बढ़ा तो हरियाणा पुलिस ने घग्गर नदी पर बने पुल पर रोक लिया। 40 मिनट तक पुलिस से बहस के बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसमें 10 किसान घायल हुए। इसके बाद कूच टाल दिया गया। जब किसान आगे नहीं जा पाए तो इसी दौरान जत्थे में शामिल रणजोध सिंह ने सल्फास निगल लिया। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ आंदोलन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… किसान नेता डल्लेवाल को मल्टी ऑर्गन फेलियर का खतरा:मेडिकल एक्सपर्ट्स बोले- कैंसर मरीज भूखे नहीं रह सकते; सेल्फ डिस्ट्रक्शन की स्टेज में पहुंच चुके हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है, जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
अमृतसर बनेगा IT हब:सांसद गुरजीत के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- जल्द शुरू होगा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क
अमृतसर बनेगा IT हब:सांसद गुरजीत के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- जल्द शुरू होगा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क अमृतसर में 2022 में बनकर तैयार हुआ सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क जल्द ही फंक्शनल हो जाएगा। अमृतसर से सांसद गुरजीत औजला ने IT पार्क को लेकर आज गुरुवार मानसून सत्र के दौरान सवाल उठाया। जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री ने इस पर भारत सरकार की प्लानिंग के बारे में जानकारी सांझा की है। सांसद गुरजीत औजला ने कहा कि अमृतसर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क 2022 में बनकर तैयार हो गया है। अमृतसर की भौगोलिक स्थिति देखें तो ये सेंट्रल एशिया के काफी करीब है। अमृतसर से सेंट्रल एशिया तक 2-3 घंटे की फ्लाइट है। उन्हें भी सॉफ्टवेयर की जरूरत है। आज के समय में सभी बड़े शहर व्यस्त हो चुके हैं। ऐसे में अमृतसर को तवज्जो दें तो इससे फायदा होगा। अगर अमृतसर के IT पार्क को फंग्शनल कर दिया जाए तो अमृतसर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट के लिए अच्छा हब बन सकता है। 65 में से 57 हो चुके हैं फंग्शनल इस पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के राज्य मंत्री जतिन प्रसाद ने कहा कि अमृतसर सरकार की खास प्राथमिकताओं पर है। IT का जहां तक सवाल है, भारत सरकार की जो योजना है। उस अनुसार राज्य सरकार को 2 एकड़ जमीन देनी होती है। अभी तक 65 IT पार्क खोले जा चुके हैं, जिनमें से 57 टीयर-टू व टीयर-3 सिटी में हैं। इसके साथ ही मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अमृतसर का पार्क बनकर तैयार है और जल्द ही उसे शुरू भी कर दिया जाएगा।
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