पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) के चेयरमैन के रूप में कार्यरत जतिंदर सिंह औलख 29 जनवरी 2024 से 3 जनवरी 2025 तक अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब लोक सेवा आयोग में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने यूपीएससी की तर्ज पर सी-सेट पेपर को पीपीएससी की परीक्षा में शामिल किया था। जतिंदर सिंह औलख 1990 में पंजाब पुलिस में डीएसपी के रूप में शामिल हुए और एडीजीपी के पद से राज्य के खुफिया प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए। अपने करियर के दौरान उन्होंने लुधियाना और अमृतसर और एसबीएस नगर, एसएएस नगर, रूपनगर और संगरूर जैसे जिलों में एसएसपी सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और पूरे पंजाब में कानून और व्यवस्था लागू करने में व्यापक अनुभव प्राप्त किया। अहम भूमिकाएं निभाई अपने पूरे करियर के दौरान जतिंदर सिंह औलख ने सरकार में अपने-अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब के सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी की सरकार में भूमिका निभाईं। सी-सेट पेपर को यूपीएससी की तर्ज पर किया पीपीएससी चेयरमैन के रूप में जतिंदर सिंह औलख ने महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया, जिसमें पंजाब सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा में सी-सेट पेपर को क्वालीफाइंग पेपर के रूप में लिया जाना और इसे यूपीएससी की तर्ज पर किया जाना शामिल है। ग्रामीण युवाओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान किए इसके साथ ही जनरल स्ट्डीज के पेपर-1 में पंजाब के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस बदलाव से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के युवा भी अब मुकाबले की पीसीएस की उच्च स्तरीय परीक्षा में बैठने वाले अन्य परीक्षार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के योग्य हो गए हैं। कार्यकाल के दौरान 547 व्यक्तियों की भर्ती की जतिंदर सिंह औलख ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन पीसीएस अधिसूचना जारी की, जिसमें 322 पद शामिल थे, जो समय पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके कार्यकाल के दौरान पंजाब के विभिन्न विभागों में 547 व्यक्तियों की सफलतापूर्वक भर्ती की गई है। पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) के चेयरमैन के रूप में कार्यरत जतिंदर सिंह औलख 29 जनवरी 2024 से 3 जनवरी 2025 तक अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब लोक सेवा आयोग में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने यूपीएससी की तर्ज पर सी-सेट पेपर को पीपीएससी की परीक्षा में शामिल किया था। जतिंदर सिंह औलख 1990 में पंजाब पुलिस में डीएसपी के रूप में शामिल हुए और एडीजीपी के पद से राज्य के खुफिया प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए। अपने करियर के दौरान उन्होंने लुधियाना और अमृतसर और एसबीएस नगर, एसएएस नगर, रूपनगर और संगरूर जैसे जिलों में एसएसपी सहित महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और पूरे पंजाब में कानून और व्यवस्था लागू करने में व्यापक अनुभव प्राप्त किया। अहम भूमिकाएं निभाई अपने पूरे करियर के दौरान जतिंदर सिंह औलख ने सरकार में अपने-अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब के सभी तीन प्रमुख राजनीतिक दलों – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी की सरकार में भूमिका निभाईं। सी-सेट पेपर को यूपीएससी की तर्ज पर किया पीपीएससी चेयरमैन के रूप में जतिंदर सिंह औलख ने महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया, जिसमें पंजाब सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा में सी-सेट पेपर को क्वालीफाइंग पेपर के रूप में लिया जाना और इसे यूपीएससी की तर्ज पर किया जाना शामिल है। ग्रामीण युवाओं के लिए बेहतर अवसर प्रदान किए इसके साथ ही जनरल स्ट्डीज के पेपर-1 में पंजाब के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस बदलाव से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के युवा भी अब मुकाबले की पीसीएस की उच्च स्तरीय परीक्षा में बैठने वाले अन्य परीक्षार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के योग्य हो गए हैं। कार्यकाल के दौरान 547 व्यक्तियों की भर्ती की जतिंदर सिंह औलख ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन पीसीएस अधिसूचना जारी की, जिसमें 322 पद शामिल थे, जो समय पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके कार्यकाल के दौरान पंजाब के विभिन्न विभागों में 547 व्यक्तियों की सफलतापूर्वक भर्ती की गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल:जमीनी विवाद आया सामने; श्री अकाल तख्त व SGPC तक पहुंचा मामला
अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल:जमीनी विवाद आया सामने; श्री अकाल तख्त व SGPC तक पहुंचा मामला पंजाब के अमृतसर में निशान साहिब की बेअदबी का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें गांव गुरु की वडाली में एक खेत में लगे निशान साहिब को ट्रेक्टर की मदद से हटा दिया गया। हटाने के बाद इस पर विवाद शुरू हुआ। पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया। अब एक गुट ने आरोप लगाया है कि जमीन कब्जाने के मकसद से धर्म का सहारा लिया जा रहा है। गुरु की वडाली निवासी जसवंत सिंह ने बताया कि 1975 से लगातार वे इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इस जमीन को तत्कालीन सरपंच की तरफ से प्रयोग में लाने के लिए दी गई थी। पहले ये जमीन पंचायत के पास थी, लेकिन अब ये जमीन म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के पास है। लेकिन लगातार वही इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इसे लेकर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन व उनके बीच कोर्ट केस भी चल रहा है। लेकिन तकरीबन डेढ़ महीने पहले गांव के ही कुछ व्यक्तियों द्वारा इसे कब्जाने के मकसद से निशान साहिब लगा दिया। इसके बाद उनकी तरफ से SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब पर विनती की गई कि ये निशान साहिब साफ सुथरी जगह पर नहीं है। लोगों के ऐतराज के बाद इसे अरदास करवा मर्यादा के साथ वहां से हटा दिया गया। गुरुद्वारे के लिए दी गई थी जगह परमजीत सिंह ने बताया कि पंचायती जमीन का प्रयोग करने का सभी को हक है। लंबे समय से एक ही परिवार इसका प्रयोग करते आ रहे हैं। तत्कालीन सरपंच ने जमीन दी थी तो कहा था कि यहां गुरुद्वारा साहिब होना चाहिए। लेकिन दूसरे पक्ष ने उसे प्रयोग किया और वहां कोई धार्मिक स्थान नहीं बनाया। संगत के सहयोग से निशान साहिब की सेवा की गई। जिसे दूसरे पक्ष ने बेअदबी कर उतार दिया गया। बेअदबी के लिए इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब से भी इन पर कार्रवाई की मांग की गई है। उनके आदेश ही आखिरी आदेश होगा।
लुधियाना में व्यापारियों को अधिकारी कर रहे ब्लैकमेल:डुप्लीकेट मार्का लगाने फैक्ट्रियों पर रेड, एक्सपर्ट बोले-टीम पहले देखे सारे कागजात
लुधियाना में व्यापारियों को अधिकारी कर रहे ब्लैकमेल:डुप्लीकेट मार्का लगाने फैक्ट्रियों पर रेड, एक्सपर्ट बोले-टीम पहले देखे सारे कागजात लुधियाना में पिछले तीन दिनों से डूप्लीकेट मार्का लगाने वाली फैक्ट्रियों व दुकानों पर टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और छापेमारी के नाम पर फैक्ट्री मालिकों व दुकानदारों को डराया धमकाया जा रहा है, तो वहीं बदनामी का खौफ दिखा व्यापारियों को ब्लैकमेल भी किया जा रहा है। वहीं एक्सपर्ट टीम का कहना है कि कुछ टीमों में रेड मारने वाले अधिकारी जाली होते हैं, जोकि व्यापारियों को धमकाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं और कुछ व्यापारी ब्लैकमेल हो भी रहे हैं, हमें ऐसे अफसरों से बचने की जरूरत है। तीन दिन से रोजाना बंद दुकानों और फैक्ट्रियां लुधियाना जो कि होजरी का गढ माना जाता है और यहीं से ही कपड़े तैयार होकर देश के कोने-कोने में एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है। पिछले तीन दिनों से शहर के बहादरके रोड, शिमला पुरी, कुंदन पुरी, मन्ना सिंह नगर, गणेश नगर में कपड़ा बनाने वाली फैक्ट्रियों को रेड के नाम पर बंद किया जा रहा है। वहीं गांधी नगर व अकाल गढ मार्केट जोकि कपड़ों की होलसेल मार्केट हैं, यहां के दुकानदार भी रेड मारने वाली टीमों से परेशान होकर दुकानें बंद करने को विवश हैं। दुकानों में घुसकर कारोबारियों को कर रहे ब्लैकमेल कुछ कारोबारियों द्वारा गारमेंट्स पर डूप्लीकेट मार्का लगा माल तैयार किया जा रहा है और इसी चक्कर में शहर में विभिन्न मार्का की तरफ से गठित टीमें शहर के उन एरिया में रोजाना चक्कर लगा रही हैं, जहां फैक्ट्रियां लगी हैं। व्यापारी रेड की खबर सुनकर फैक्ट्रियों को बाहर से ताले लगा रहे हैं। ये अधिकारी सीधे बिना नोटिस व परमिशन के फैक्ट्रियों में घुस रहे हैं और रेड मारने के नाम पर व्यापारियों को परेशान व ब्लैकमेल कर रहे हैं। हरमिंदर सिंह का दावा, व्यापारी देखें सारे कागजात लुधियाना में टामी, सीके, जारा जैसे टाप बरांड के अधिकारी हरमिंदर सिंह का कहना है कि उनके पास कंपनियों की तरफ से लाइसेंस व पूरी अथॉरिटी है, लेकिन कुछ लोग नकली अधिकारी बनकर फैक्ट्रियों में छापेमारी कर कारोबारियों को डरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारी पहले रेड मारने वालों से सारे कागजात चेक करें, उनसे घबराने की जरूरत नही है। रेड मारने का क्या है नियम किसी भी दुकान या फैक्ट्री पर रेड करने के लिए पहले सर्च वारंट व कंपनी की तरफ से परमिशन लेना अनिवार्य है। फिर उस परमिशन को संबंधित रेड मालिक को दिखाना लाजिमी होगा। रेड से पहले पुलिस को सूचित करना होगा और उसी इलाके की ही पुलिस साथ होनी चाहिए। दूसरे इलाके की पुलिस साथ कंपनी अधिकारी हरमिंदर सिंह ने बताया कि कुछ अधिकारी नकली अफसर बनकर रेड मारते हैं और अपने साथ दूसरे इलाके की पुलिस को लाते हैं, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कारोबारियों को गलत तरीके से परेशान करने वाले लोगों पर पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की है। कारोबारियों से अपील, डूप्लीकेट मार्का ना लगाए हरमिंदर सिंह ने लुधियाना के समूह कारोबारियों से अपील की है कि वह अपना बरांड़ तैयार करें और अपनी अलग पहचान बनाएं। डूप्लीकेट मार्का लगा कानून को हाथ मे ना लें। कारोबारी डूप्लीकेट मार्का लगाने से बचे और दुकानदार भी ना बेचे।
पहले दिन प्रशासन ने हररायपुर गोशाला में भिजवाया 200 क्विंटल मक्की अचार
पहले दिन प्रशासन ने हररायपुर गोशाला में भिजवाया 200 क्विंटल मक्की अचार भास्कर न्यूज | बठिंडा बेजुबान की आवाज बनी समाजसेवी संस्थाओं का संघर्ष रंग लाया, जिला प्रशासन ने ख्यालीवाला स्थित सरकारी गोशाला हररायपुर कैटल पौंड में गोवंश के लिए खुराक भिजवाना शुरू कर दिया है। शनिवार को पहले दिन जिला प्रशासन की ओर से 37 क्विंटल के बाद 125 फिर 43 क्विंटल मक्की अचार हररायपुर कैटल पौंड में भिजवाया। जिला पशु भलाई सोसायटी के चेयरमैन डीसी जसप्रीत सिंह के निर्देशानुसार गोवंश के लिए खुराक लेकर गोनियाना के बीडीपीओ अमनदीप शर्मा पहुंचे। समाजसेवी संस्थाओं ने भी रोजमर्रा की 70 क्विंटल हरा चारा खिलाया। प्रशासन की इस पहल से गोवंश को अब भूखा नहीं रहना पड़ेगा। जिला पशु भलाई के मेंबर सचिव-कम-एडीसी डेवलपमेंट लवजीत कलसी की ओर से जारी हिदायतों के अनुसार पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर, डीडीपीओ प्रतिदिन हररायपुर कैटल पौंड का विजिट करेंगे, गोशाला के प्रबंध संबंधी रिपोर्ट डीसी को पेश करेंगे। नगर निगम का एक प्रतिनिधि और गोनियाना के बीडीपीओ बीमार पशुओं के उपचार का बंदोबस्त करेंगे। एडीसी दफ्तर का एक मुलाजिम वहां समस्याओं की रिपोर्ट तैयार करेगा। जिला प्रशासन की ओर से दिए सहयोग के लिए आभार जताते हुए सोनू माहेश्वरी ने बताया कि अब गोशाला में शाम के शेड्यूल में पशुओं को खिलाने के लिए पर्याप्त खुराक रहेगी, संस्था के 2-3 सदस्य शाम के समय भी गोवंश की सेवा करने जाते हैं। उन्होंने बताया कि गोशाला में एक सप्ताह तक अच्छी क्वालिटी के 15 कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए डीसी से बात करके एक विभागीय अफसर और दूसरा एनजीओ के मोबाइल में सीसीटीवी की रिकार्डिंग दिखेगी, जिससे वहां के हालात की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।