पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) की चेयरपर्सन पूर्व IAS अधिकारी सतबीर बेदी ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से पता चला है कि राज्य सरकार की तरफ से उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। साथ ही उनकी जगह पर शिक्षा विभाग के सचिव को चेयरमैन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। हालांकि इस्तीफा देने की वजह साफ नहीं हो पाई है। नियुक्ति के साथ ही शुरू हो गया था विवाद पंजाब सरकार की तरफ से गत साल सतबीर बेदी को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। हालांकि उनकी नियुक्ति के बाद ही विवाद शुरू हो गए थे। आरोप था कि वह पंजाबी लिखना नहीं जानती है, जिसको बड़ा मुद्दा उठाया गया। हालांकि उनके कार्यकाल में बोर्ड ने कई बड़े कदम उठाए हैं। जिनके बाद में खूब सहारा गया था। सूत्रों के मुताबिक पंजाब सरकार अब ऐसे व्यक्ति को इस पद की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है। जिसे की शिक्षा के क्षेत्र का लंबा अनुभव हो। साथ ही वह बोर्ड को बढ़िया तरीके से आगे ले जा सकें। निजी कारणों के चलते दिया इस्तीफा सतबीर बेदी ने इस्तीफे को निजी कारण बताया है। हालांकि सूत्रों स पता चला है कि कुछ समय बोर्ड से दूरी बना ली थी। उनकी तबीयत भी ठीक नहीं थी। वह दिल्ली चली गई थी। हालांकि उनकी नियुक्ति समय विपक्ष ने सरकार को घेरा था। सरकार पर आरोप था कि दिल्ली के लोगों को पंजाब की कमान दी जा रही है। इससे पहले पंजाब रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) का चेयरमैन सत्य गोपाल ने भी इस्तीफा दिया था। वह भी दिल्ली के पूर्व आईएएस अधिकारी थे। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) की चेयरपर्सन पूर्व IAS अधिकारी सतबीर बेदी ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से पता चला है कि राज्य सरकार की तरफ से उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। साथ ही उनकी जगह पर शिक्षा विभाग के सचिव को चेयरमैन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। हालांकि इस्तीफा देने की वजह साफ नहीं हो पाई है। नियुक्ति के साथ ही शुरू हो गया था विवाद पंजाब सरकार की तरफ से गत साल सतबीर बेदी को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। हालांकि उनकी नियुक्ति के बाद ही विवाद शुरू हो गए थे। आरोप था कि वह पंजाबी लिखना नहीं जानती है, जिसको बड़ा मुद्दा उठाया गया। हालांकि उनके कार्यकाल में बोर्ड ने कई बड़े कदम उठाए हैं। जिनके बाद में खूब सहारा गया था। सूत्रों के मुताबिक पंजाब सरकार अब ऐसे व्यक्ति को इस पद की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है। जिसे की शिक्षा के क्षेत्र का लंबा अनुभव हो। साथ ही वह बोर्ड को बढ़िया तरीके से आगे ले जा सकें। निजी कारणों के चलते दिया इस्तीफा सतबीर बेदी ने इस्तीफे को निजी कारण बताया है। हालांकि सूत्रों स पता चला है कि कुछ समय बोर्ड से दूरी बना ली थी। उनकी तबीयत भी ठीक नहीं थी। वह दिल्ली चली गई थी। हालांकि उनकी नियुक्ति समय विपक्ष ने सरकार को घेरा था। सरकार पर आरोप था कि दिल्ली के लोगों को पंजाब की कमान दी जा रही है। इससे पहले पंजाब रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) का चेयरमैन सत्य गोपाल ने भी इस्तीफा दिया था। वह भी दिल्ली के पूर्व आईएएस अधिकारी थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में नहीं की रिपोर्ट पेश:अफसरों-नेताओं पर हुए खर्च का मांगा ब्यौरा; चंडीगढ़ और हरियाणा सरकार को भी आदेश
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में नहीं की रिपोर्ट पेश:अफसरों-नेताओं पर हुए खर्च का मांगा ब्यौरा; चंडीगढ़ और हरियाणा सरकार को भी आदेश पंजाब में कितने लोगों को कितनी सुरक्षा और उस पर कितना खर्च आया इसे लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए 27 मई का समय दिया था। लेकिन पंजाब सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। जिसके बाद 24 घंटे का समय देते हुए हाईकोर्ट ने आज जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। अब इस मामले में देखना ये है कि पंजाब सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जाता है या फिर पंजाब सरकार रिपोर्ट सबमिट करने के लिए और समय मांगती है। 16 में को दिए थे हाईकोर्ट ने आदेश हाईकोर्ट ने 16 मई को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब व हरियाणा सरकार के साथ साथ चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिए थे कि 27 मई को अगली सुनवाई तक कोर्ट को विस्तारपूर्वक यह बताया जाए कि कितने व्यक्तियों को पुलिस सुरक्षा दी गई है। कितने जवान सुरक्षा में तैनात हैं और सुरक्षा लेने वाला व्यक्ति किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है। किस धार्मिक या सामजिक संस्था से जुड़ा है। कितने सेलिब्रेटी हैं और कितने ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें जान-माल के खतरे को देखते हुए सुरक्षा दी गई। तीनों को विस्तार पूर्वक रिपोर्ट देनी होगी जिसका जिम्मा पुलिस प्रमुखों का होगा। कोर्ट ने कहा कि यह भी बताया जाए कि सुरक्षा में कितने पुलिस वाले और किस रैंक के कर्मी तैनात हैं और सरकारों व प्रशासन पर इसकी एवज में राजस्व का कितना बोझ पड़ा हुआ है। समाज में प्रतिष्ठा बनाने के लिए लोग लेते हैं सुरक्षा जस्टिस मनुजा ने कहा कि पुलिस सुरक्षा लेना, समाज में प्रतिष्ठा बन गई है और शान समझी जाती है जिसका खर्च सरकार वहन कर रही है जो कि असंवैधानिक है। कोर्ट ने सुरक्षा लेने वाले से सुरक्षा का खर्च वसूलने की बात कहते हुए सरकारों व यू.टी. प्रशासन को यह भी बताने को कहा था कि कितने ऐसे लोग हैं जिन्हें धमकी के कारण या बड़े आपराधिक मामलों में गवाह होने के कारण सुरक्षा दी गई है। उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने को भी कहा गया था। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि अभी कितने वी.आई.पी. और वी.वी.आई.पी. या सेलिब्रेटी सुरक्षा का खर्च दे रहे हैं और कितना राजस्व सरकार को मिल रहा है। और समय मिलना अब मुश्किल पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि चुनावी माहौल चल रहा है, राज्य में वी.वी.आई.पी. मूवमैंट है, मंगलवार को प्रधानमंत्री का दौरा है इसलिए डी.जी.पी. को राज्य में रहना अनिवार्य है। अधिवक्ता ने कोर्ट से सुरक्षा खर्च का ब्यौरा एकत्रित करने और खर्च वसूलने की ड्राफ्ट पॉलिसी बनाने को समय की मांग की। जिस पर कोर्ट ने समय देने से इंकार करते हुए अधिवक्ता को सरकार से बात कर 5 बजे से पहले यह बताने को कहा कि क्या मंगलवार तक विस्तृत ड्राफ्ट रिपोर्ट कोर्ट में पेश हो सकती है या नहीं। अधिवक्ता ने कुछ देर बाद कोर्ट में हामी भरी कि मंगलवार को पंजाब सरकार की ओर से ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई मंगलवार 2 बजे तक स्थगित कर दी। चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार को भी इस सम्बन्ध में पक्ष रखने के आदेश दिए गए हैं।
जालंधर पुलिस के नए कमिश्नर ने संभाला कार्यभार:चुनाव के दौरान EC ने किया था तबादला, 2009 बैच के IPS हैं स्वपन शर्मा
जालंधर पुलिस के नए कमिश्नर ने संभाला कार्यभार:चुनाव के दौरान EC ने किया था तबादला, 2009 बैच के IPS हैं स्वपन शर्मा 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी स्वप्न शर्मा ने शनिवार दोपहर जालंधर में पुलिस कमिश्नर का पदभार संभाल लिया। कमिश्नर कार्यालय पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले अपने अधीन सभी विभागों का ब्यौरा लिया और संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की। आपको बता दें कि चुनावों के दौरान स्वप्न शर्मा का चुनाव आयोग ने अचानक तबादला कर दिया था। जिसके बाद से उनकी पोस्टिंग पेंडिंग चल रही थी। इससे पहले आईपीएस राहुल जालंधर के सीपी थे वहीं, चुनाव आयोग द्वारा स्वप्न शर्मा का तबादला किए जाने के बाद आईपीएस राहुल एस को जालंधर में तैनात किया गया था। चुनाव खत्म होते ही पंजाब सरकार ने स्वप्न शर्मा को फिर से जालंधर पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात कर दिया। वहीं, सीपी शर्मा जालंधर ग्रामीण क्षेत्र में एसएसपी के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पंजाब के कई जिलों में रहे हैं SSP स्वपन शर्मा ने बठिंडा के ज्ञानी जैल सिंह कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी। जिसके बाद उन्होंने साल 2008 में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा का एग्जाम क्लियर किया था। उनकी पहली नियुक्ति शिमला के चौपाल में ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर के रूप में हुई थी। जिसके बाद 2009 में उन्होंने UPSC परीक्षा पास की, ट्रेनिंग के बाद उन्हें पंजाब कैडर अलॉट हुआ। IPS स्वपन शर्मा बतौर SSP फाजिल्का, बठिंडा, रोपड़, संगरूर, जालंधर और अमृतसर देहाती में सेवाएं निभा चुके हैं।
जालंधर में नगर निगम के टिप्पर ने युवक को कुचला:मौके पर ही मौत, स्कूटी पर सवार था, 40 मिनट देरी से पहुंची पुलिस
जालंधर में नगर निगम के टिप्पर ने युवक को कुचला:मौके पर ही मौत, स्कूटी पर सवार था, 40 मिनट देरी से पहुंची पुलिस पंजाब के जालंधर में कपूरथला हाईवे पर स्थित स्पोर्ट्स कॉलेज के सामने भीषण सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक युवक मृतक राज नगर का रहने वाला था। टिप्पर मृतक के सिर के ऊपर से गुजर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उक्त टिप्पर नगर निगम का था, जो मौके पर ही खड़ा था। घटना के समय मृतक अपनी एक्टिवा पर सवार होकर कपूरथला चौक की तरफ जा रहा था। जब वह स्पोर्ट्स कॉलेज के सामने एनएचएस अस्पताल के बाहर पहुंचा तो उसे एक टिप्पर ने टक्कर मार दी। मौके पर बिखरा था खून प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक अपनी एक्टिवा (पीबी-08-सीआर-8269) पर सवार होकर जा रहा था। मृतक का खून मौके पर बिखरा हुआ था और आसपास लोग खड़े थे। हादसे के 40 मिनट बाद पुलिस पार्टी जांच के लिए मौके पर पहुंची। फिलहाल जांच में पता चला है कि मृतक राज नगर का रहने वाला है। हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं।