<p style=”text-align: justify;”><strong>Hemant Soren on JMM Convention at Ranchi:</strong> रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दो दिवसीय केंद्रीय अधिवेशन की शुरुआत सोमवार (14 अप्रैल) को ज़ोरदार सामाजिक न्याय के एजेंडे के साथ हुई. पार्टी ने एक सुर में केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी, खासतौर पर हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर. JMM ने इसे न सिर्फ अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन बताया बल्कि देश की संघीय संरचना पर हमला करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हेमंत सोरेन ने बताया पार्टी का लक्ष्य</strong><br />अधिवेशन की अध्यक्षता पार्टी के संरक्षक व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने की, जबकि मुख्यमंत्री और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि अब पार्टी का लक्ष्य झारखंड से आगे बढ़कर असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बंगाल तक अपनी पैठ बनाना है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक CM सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा, “सामंती शक्तियों को जनता ने पराजित किया है. आदिवासी, मूलवासी, गरीब, दलित और शोषित एकजुट होकर सत्ता में लाए गए हैं. यह अब उनका शासन है, लूट का नहीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>असंवैधानिक है वक्फ कानून- सुप्रियो भट्टाचार्य</strong><br />वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव बिना राज्य सरकारों से परामर्श के किया गया, जबकि भूमि राज्य का विषय है. “यह कदम न केवल असंवैधानिक है, बल्कि अल्पसंख्यक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश है. झारखंड में इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा,” उन्होंने दोहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह संशोधन कानून धर्म और जाति के नाम पर भय का माहौल बनाने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है. साथ ही, सभी क्षेत्रीय दलों और नागरिक समाज समूहों से एकजुट होकर इसके खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भूमि पुनरुद्धार अधिनियम की उठी मांग</strong><br />सम्मेलन में 108 पृष्ठों की संगठनात्मक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई, जिसमें ‘जल, जंगल, जमीन’ पर अधिकार, आदिवासी और मूलवासी समुदायों के लिए भूमि अधिकार, वनवासियों को स्थायी पट्टा और एक भूमि पुनरुद्धार अधिनियम (Land Revival Act) की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>JMM ने जनगणना आधारित परिसीमन का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इससे आदिवासियों की राजनीतिक भागीदारी को कम करने की साजिश की जा रही है।</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि अधिवेशन का समापन आज यानी 15 अप्रैल को होगा, जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए राजनीतिक रोडमैप पेश किया जाएगा और साथ ही नए पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाएगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Hemant Soren on JMM Convention at Ranchi:</strong> रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दो दिवसीय केंद्रीय अधिवेशन की शुरुआत सोमवार (14 अप्रैल) को ज़ोरदार सामाजिक न्याय के एजेंडे के साथ हुई. पार्टी ने एक सुर में केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी, खासतौर पर हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर. JMM ने इसे न सिर्फ अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन बताया बल्कि देश की संघीय संरचना पर हमला करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हेमंत सोरेन ने बताया पार्टी का लक्ष्य</strong><br />अधिवेशन की अध्यक्षता पार्टी के संरक्षक व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने की, जबकि मुख्यमंत्री और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि अब पार्टी का लक्ष्य झारखंड से आगे बढ़कर असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बंगाल तक अपनी पैठ बनाना है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक CM सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा, “सामंती शक्तियों को जनता ने पराजित किया है. आदिवासी, मूलवासी, गरीब, दलित और शोषित एकजुट होकर सत्ता में लाए गए हैं. यह अब उनका शासन है, लूट का नहीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>असंवैधानिक है वक्फ कानून- सुप्रियो भट्टाचार्य</strong><br />वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव बिना राज्य सरकारों से परामर्श के किया गया, जबकि भूमि राज्य का विषय है. “यह कदम न केवल असंवैधानिक है, बल्कि अल्पसंख्यक संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश है. झारखंड में इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा,” उन्होंने दोहराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पार्टी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि यह संशोधन कानून धर्म और जाति के नाम पर भय का माहौल बनाने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है. साथ ही, सभी क्षेत्रीय दलों और नागरिक समाज समूहों से एकजुट होकर इसके खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भूमि पुनरुद्धार अधिनियम की उठी मांग</strong><br />सम्मेलन में 108 पृष्ठों की संगठनात्मक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई, जिसमें ‘जल, जंगल, जमीन’ पर अधिकार, आदिवासी और मूलवासी समुदायों के लिए भूमि अधिकार, वनवासियों को स्थायी पट्टा और एक भूमि पुनरुद्धार अधिनियम (Land Revival Act) की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>JMM ने जनगणना आधारित परिसीमन का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इससे आदिवासियों की राजनीतिक भागीदारी को कम करने की साजिश की जा रही है।</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि अधिवेशन का समापन आज यानी 15 अप्रैल को होगा, जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए राजनीतिक रोडमैप पेश किया जाएगा और साथ ही नए पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जाएगी.</p> झारखंड अंबेडकर जयंती की शोभायात्रा में मधुमक्खियों का हमला, मासूम बच्चा समेत आधा दर्जन लोग घायल
Ranchi News “अब नहीं लुटेगा झारखंड”, JMM संकल्प सम्मेलन में बोले सोरेन, Waqf Act पर भी दिया बयान
