Ravan Dahan: बिहार के कई जिलों में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, तस्वीरों में देखें कहां और कैसे जला रावण और मेघनाथ Ravan Dahan: बिहार के कई जिलों में धूमधाम से मनाया गया दशहरा, तस्वीरों में देखें कहां और कैसे जला रावण और मेघनाथ बिहार Ravana Vadh: पटना के गांधी मैदान में धू-धूकर जला 80 फीट का रावण, राज्यपाल और सीएम नीतीश ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन
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बाघ पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा…खुद कैद हो गया वनकर्मी:घबराकर बोला- जल्दी बाहर निकालो; लखीमपुर में 4 किसानों को खा चुका है टाइगर
बाघ पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा…खुद कैद हो गया वनकर्मी:घबराकर बोला- जल्दी बाहर निकालो; लखीमपुर में 4 किसानों को खा चुका है टाइगर लखीमपुर खीरी में बाघ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे में वनकर्मी कैद हो गया। वह पिंजरे की जांच करने के लिए अंदर गया था। कैद होने पर वनकर्मी घबरा गया। साथियों ने उसे ढांढस बंधाया और बाहर निकालने में जुट गए। चार-पांच लोग दरवाजे का लॉक तोड़ने लगे। आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद वनकर्मी को बाहर निकाला गया। मामला हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के पास का है। 4 दिन पहले गांव के अमरीश को बाघ ने मार डाला था। भड़के ग्रामीणों ने बुधवार को करीब तीन घंटे तक हंगामा किया। किसी तरह उन्हें समझाकर शांत कराया गया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है। यहां 27 दिन बाघ के 10 बड़े हमले हुए। हमले में 4 किसानों की जान जा चुकी है। देखिए 3 तस्वीरें… अमरीश का सिर धड़ से अलग था
अमरीश मंगलवार की शाम करीब 3.30 बजे घरवालों के साथ खेतों में गया था। घर से खेत की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। वह खेत में काम करने में जुट गया। परिवार के लोगों को घर भेज दिया। देर शाम तक अमरीश घर नहीं लौटा तो परिजन तलाश करते हुए खेत में पहुंचे। वहां लाश देखकर चीख-पुकार मच गई। भाई जसवंत ने बताया- खेत से 200 मीटर दूर भाई की लाश पड़ी थी। शरीर से सिर अलग था। शव इस हालत में था कि उधर देखा भी नहीं जा रहा था। शरीर पर बाघ के नोचने-खरोंचने के निशान थे। सूचना मिलते ही महेशपुर वन रेंजर स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। गोला के नायब तहसीलदार सर्वेश कुमार और भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची। ग्रामीणों ने घटना को लेकर वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया। काफी देर तक उनका वन विभाग के अधिकारियों से विवाद हुआ। वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तहसीलदार और पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कराया। वन विभाग ने 5 दिन के अंदर परिवार को 5 लाख की आर्थिक सहायता देने की बात कही। दक्षिण खीरी के DFO संजय विश्वाल ने बताया- बाघ को पकड़ने के लिए टीम को मौके पर भेजा गया है। अब पढ़िए वन विभाग क्या कुछ कर रहा? दो ड्रोन और 24 कैमरे लगाए गए
वन मंत्री अरुण सक्सेना ने बाघ के हमले और मौत की घटना की समीक्षा की। बाघ को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए l बाघ की तलाश के लिए दो ड्रोन और 24 कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही खेतों में छह पिंजरे भी लगाकर बाघ को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर एक्सपर्ट टीमों की भी मदद ली जा रही है। लोहे की रॉड से लॉक तोड़कर वनकर्मी को निकाला
शनिवार को पिंजरे का ट्रायल हो रहा था। डेमो देते समय विभाग का वन वॉचर अंदर फंस गया। पिंजरे का गेट बाहर से लॉक हो गया था। खुल नहीं रहा था l वन विभाग के कर्मचारियों के प्रयास के बाद भी जब पिंजरा नहीं खुला तो कर्मचारी रोने लगा। आधे घंटे बाद लोहे की रॉड से हुक तोड़कर उसे बाहर निकाला गया। खराब था एक पिंजरा, उसी में फंसा कर्मी
वन विभाग के अधिकारी मामले पर ऑन कैमरा बोलने को तैयार नहीं हैं। वनकर्मियों ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए 6 पिंजरा आए थे, उनमें से एक खराब पिंजरा किनारे रखा हुआ था। इसके रख-रखाव के समय एक वॉचर उसके अंदर फंस गया, जिसे निकालने में बस थोड़ा समय लगा l कोई बड़ी बात नहीं है। यह खबर भी पढ़ें:- मां बोली- भेड़िया मेरे बगल से बेटा खींच ले गया:यूपी के 35 गांवों में भेड़ियों का आतंक; 6 बच्चों समेत 7 को मार चुके ‘मैं अपने 7 साल के बेटे अयांश के साथ रात में आंगन में सो रही थी। भेड़िया कब बच्चे को उठा ले गया, मुझे पता भी नहीं चला। जब नींद खुली तो बेटा गायब था। घरवालों के साथ रातभर बेटे को खोजती रही, लेकिन नहीं मिला। सुबह गांव वालों ने बताया कि बेटे का शव खेत में पड़ा है। बेटे का पूरा सिर भेड़िया खा गया।’ यह बातें रोती-बिलखती रोली ने कही। पढ़ें पूरी खबर…
एसजीपीसी अंतरिम कमेटी की बैठक आज:सुखबीर बादल पर हमले के बाद बुलाई; प्रधान व कमेटी सदस्य कर चुके जत्थेदार से मुलाकात
एसजीपीसी अंतरिम कमेटी की बैठक आज:सुखबीर बादल पर हमले के बाद बुलाई; प्रधान व कमेटी सदस्य कर चुके जत्थेदार से मुलाकात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अंतरिम कमेटी की बैठक आज सोमवार होने जा रही है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सजा सुनाए जाने और सुखबीर बादल पर हमले के बाद ये पहली बैठक है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा भी सुखबीर बादल पर हुआ हमला ही रखा गया है। इसके अलावा कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जानी है। इस बैठक की घोषणा से पहले कमेटी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और घोषणा के बाद अंतरिम कमेटी के सदस्य श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने भी पहुंचे थे। वहीं, सुखबीर बादल की सजा अभी भी चल रही है। तीन गुरुद्वारों पर सेवा के बाद अब दमदमा साहिब और श्री मुक्तसर साहिब में सुखबीर बादल को सजा पूरी करने के लिए जाना है। विज्ञापन का 90 लाख भी वसूलना है एसजीपीसी ने सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने के बाद डेरा सच्चा साध की सजा माफी के बाद दिए गए 90 लाख के विज्ञापन पर भी श्री अकाल तख्त साहिब ने टिप्पणी की थी। श्री अकाल तख्त साहिब ने साफ किया था कि सुखबीर बादल व उनके सहयोगियों से ब्याज सहित इस राशि को वसूला जाना है। इस पैसे को वसूलने की जिम्मेदारी एसजीपीसी को दी गई है। अनुमान है कि इस बैठक में ये पैसा वापस लेने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की जाएगी। 13 दिसंबर को होगी सुखबीर बादल की सजा पूरी सुखबीर बादल की सजा 3 दिसंबर को गोल्डन टेंपल से शुरू हुई थी, जो 13 दिसंबर को पूरी होगी। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सुखबीर बादल व अन्य के दिए गए इस्तीफों को परवान करने और इसकी रिपोर्ट भेजने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन अकाली दल ने सजा के चलते श्री अकाल तख्त साहिब से इसे मंजूर करने व रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांग लिया था और उनकी इस मांग को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से मान भी लिया गया है। वहीं, सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने में देरी पर बागी गुट एक बार फिर अलग नजर आया। बागी गुट ने सुखबीर बादल के इस्तीफे को मंजूर करने में देरी को श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमों का निरादर बताया है। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।
चंपाई सोरेन और उनके बेटे को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार, अब क्या बोले झारखंड के पूर्व CM
चंपाई सोरेन और उनके बेटे को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार, अब क्या बोले झारखंड के पूर्व CM <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand BJP Candidates List:</strong> झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने शनिवार (19 अक्टूबर) को 66 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें चंपाई सोरेन और उनके बेटे समेत कई दिग्गजों के नाम शामिल हैं. इस बीच बीजेपी नेता चंपाई सोरेन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश की जनता ने परिवर्तन के संकेत दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रांची में मीडिया से बातचीत झारखंड विधानसभा चुनाव पर बीजेपी नेता चंपाई सोरेन ने कहा, ”आने वाले समय में झारखंड में बीजेपी को सबसे बड़ी जीत मिलेगी. हमारी परिवर्तन रैली में जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है. झारखंड की जनता ने परिवर्तन का संकेत दे दिया है. बेटे को टिकट दिए जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने विचार करके निर्णय लिया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चंपाई सोरेन और उनके बेटे को कहां से टिकट?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि झारखंड बीजेपी की ओर से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में पूर्व सीएम चंपई सोरेन को सरायकेला विधानसभा से टिकट दिया गया है जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला विधानसभा से मैदान में उतारा गया है.</p>