Sambhal News: संभल हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच में अधिकारियों की दिलचस्पी नहीं, नौवीं बार बढ़ी तारीख

Sambhal News: संभल हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच में अधिकारियों की दिलचस्पी नहीं, नौवीं बार बढ़ी तारीख

<p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Violence Case:</strong> उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच को लेकर अधिकारियों में दिलचस्पी नहीं है. मजिस्ट्रेट दीपक चौधरी के आठ बार तिथि तय करने के बाद भी कोई अधिकारी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है. अब 24 फरवरी की तिथि तय की गई है. इससे पहले 28 नवंबर, 30 नवंबर, नौ दिसंबर, 16 दिसंबर, 30 दिसंबर, 15 जनवरी, 30 जनवरी और 10 फरवरी तक की अवधि तय की जा चुकी है. अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माना जा रहा है कि अब अगली तिथि को मजिस्ट्रेट अपने स्तर से निष्कर्ष निकालकर रिपोर्ट तैयार करेंगे. हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी 30 अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. मामले में पुलिस ने सात और चारों मृतकों के परिजनों ने अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी. &nbsp;वहीं, एक घायल के परिजनों की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने सभी 12 प्राथमिकी की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. घटना की तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग भी जांच कर रहा है. संभल के डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को मजिस्ट्रियल जांच सौंपी थी. मजिस्ट्रेट ने बयान के लिए पहली तिथि 28 नवंबर तय की थी, लेकिन कोई व्यक्ति बयान देने नहीं पहुंचा, इसके बाद लगातार तारीख बढ़ाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिछली बार 22 अधिकारियों ने दर्ज कराए थे बयान</strong><br />डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी का कहना है कि हिंसा से संबंधित अधिकारी, कर्मचारी व अन्य लोग 24 फरवरी को बयान देने नहीं आते हैं, तो उपलब्ध तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट बनाई जाएगी. जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्य न्यायिक जांच आयोग गठित किया है. जिसमे सेवानिवृत्त आईएएस एके जैन और सेवानिवृत्त आईएएस अमित मोहन प्रसाद सदस्य हैं. न्यायिक जाँच आयोग हाल में 30 जनवरी को संभल आया था. इस दिन 22 अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए थे. इससे पहले एक दिसंबर को आयोग ने पहली बार आकर हिंसा प्रभावित जामा मस्जिद क्षेत्र का जायजा लेकर अधिकारियों से बात की थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी बार 21 जनवरी को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के साथ पुलिसकर्मियों सहित 51 लोगों के लिखित बयान लिए थे. सीओ कुलदीप कुमार के नेतृत्व में हिंसा की सभी 12 प्राथमिकी की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. पुलिस अब तक हिंसा के मास्टरमाइंड शाकिर साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज और वारिस सहित 75 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. 46 आरोपियों ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है हालांकि, किसी को जमानत नहीं मिली है. एसआईटी ने अलग-अलग स्रोत से हिंसा से जुड़े साक्ष्य जुटा लिए हैं. संभावना है कि इसी सप्ताह चार्जशीट दाखिल की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपद्रवियों की तलाश कर रही पुलिस-एसपी</strong><br />संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक पुलिस तेजी से जांच कर रही है. आरोपियों को सजा दिलाने का पूरा प्रयास होगा. हिंसा में शामिल रहे उपद्रवियों को चिन्हित कर उनकी तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई है. हिंसा वाले दिन जितने भी लोग बाहर से घटना स्थल के पास पहुंचे थे उन सब की मोबाइल लोकेशन से पहचान कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है की घटना वाले दिन हिंसा ग्रस्त इलाके में आने जाने का उनका उद्देश्य क्या था अगर हिंसा में शामिल थे तो उनकी सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान की जाएगी. किसी भी उपद्रवी को छोड़ा नहीं जायेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-politics-controversy-over-this-word-in-up-government-advertisement-on-maha-kumbh-2882661″><strong>महाकुंभ पर यूपी सरकार के विज्ञापन में इस शब्द पर विवाद! सपा और कांग्रेस ने उठाए सवाल</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal Violence Case:</strong> उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच को लेकर अधिकारियों में दिलचस्पी नहीं है. मजिस्ट्रेट दीपक चौधरी के आठ बार तिथि तय करने के बाद भी कोई अधिकारी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है. अब 24 फरवरी की तिथि तय की गई है. इससे पहले 28 नवंबर, 30 नवंबर, नौ दिसंबर, 16 दिसंबर, 30 दिसंबर, 15 जनवरी, 30 जनवरी और 10 फरवरी तक की अवधि तय की जा चुकी है. अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माना जा रहा है कि अब अगली तिथि को मजिस्ट्रेट अपने स्तर से निष्कर्ष निकालकर रिपोर्ट तैयार करेंगे. हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी 30 अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. मामले में पुलिस ने सात और चारों मृतकों के परिजनों ने अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई थी. &nbsp;वहीं, एक घायल के परिजनों की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने सभी 12 प्राथमिकी की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. घटना की तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग भी जांच कर रहा है. संभल के डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को मजिस्ट्रियल जांच सौंपी थी. मजिस्ट्रेट ने बयान के लिए पहली तिथि 28 नवंबर तय की थी, लेकिन कोई व्यक्ति बयान देने नहीं पहुंचा, इसके बाद लगातार तारीख बढ़ाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिछली बार 22 अधिकारियों ने दर्ज कराए थे बयान</strong><br />डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी का कहना है कि हिंसा से संबंधित अधिकारी, कर्मचारी व अन्य लोग 24 फरवरी को बयान देने नहीं आते हैं, तो उपलब्ध तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट बनाई जाएगी. जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्य न्यायिक जांच आयोग गठित किया है. जिसमे सेवानिवृत्त आईएएस एके जैन और सेवानिवृत्त आईएएस अमित मोहन प्रसाद सदस्य हैं. न्यायिक जाँच आयोग हाल में 30 जनवरी को संभल आया था. इस दिन 22 अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए थे. इससे पहले एक दिसंबर को आयोग ने पहली बार आकर हिंसा प्रभावित जामा मस्जिद क्षेत्र का जायजा लेकर अधिकारियों से बात की थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी बार 21 जनवरी को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के साथ पुलिसकर्मियों सहित 51 लोगों के लिखित बयान लिए थे. सीओ कुलदीप कुमार के नेतृत्व में हिंसा की सभी 12 प्राथमिकी की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है. पुलिस अब तक हिंसा के मास्टरमाइंड शाकिर साठा के गुर्गे मुल्ला अफरोज और वारिस सहित 75 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. 46 आरोपियों ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है हालांकि, किसी को जमानत नहीं मिली है. एसआईटी ने अलग-अलग स्रोत से हिंसा से जुड़े साक्ष्य जुटा लिए हैं. संभावना है कि इसी सप्ताह चार्जशीट दाखिल की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उपद्रवियों की तलाश कर रही पुलिस-एसपी</strong><br />संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक पुलिस तेजी से जांच कर रही है. आरोपियों को सजा दिलाने का पूरा प्रयास होगा. हिंसा में शामिल रहे उपद्रवियों को चिन्हित कर उनकी तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई है. हिंसा वाले दिन जितने भी लोग बाहर से घटना स्थल के पास पहुंचे थे उन सब की मोबाइल लोकेशन से पहचान कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है की घटना वाले दिन हिंसा ग्रस्त इलाके में आने जाने का उनका उद्देश्य क्या था अगर हिंसा में शामिल थे तो उनकी सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से पहचान की जाएगी. किसी भी उपद्रवी को छोड़ा नहीं जायेगा.</p>
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