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पंजाब नगर निगम और काउंसिल चुनाव तैयारी में जुटी भाजपा:प्रभारी व सह प्रभारी नियुक्त, परनीत कौर समेत कई दिग्गजों को दी जिम्मेदारी
पंजाब नगर निगम और काउंसिल चुनाव तैयारी में जुटी भाजपा:प्रभारी व सह प्रभारी नियुक्त, परनीत कौर समेत कई दिग्गजों को दी जिम्मेदारी पंजाब में हुए उपचुनाव में भले ही भाजपा को सफलता नहीं मिली, लेकिन पार्टी ने पांच नगर निगमों और 43 नगर परिषदों में होने वाले चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। इस दौरान वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी गई है। कोशिश शहरी क्षेत्र में इस चुनाव को जीतने की है। क्योंकि भाजपा इस चुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है। क्योंकि इन क्षेत्रों में भाजपा का मजबूत आधार है। परनीत कौर व अश्वनी शर्मा बनाए प्रभारी प्रभारी अमृतसर नगर निगम के कुल 85 वार्ड में से वार्ड नंबर 1-45 के शवेत मलिक व वार्ड नंबर से 46-85 के अश्वनी सेखड़ी प्रभारी व राकेश शर्मा और बिक्रमजीत सिंह चीमा को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसी तरह जालंधर नगर निगम के कुल 85 वार्ड में से वार्ड नंबर 1-45 के लिए मनोरंजन कालिया व वार्ड 46-85 के अश्वनी शर्मा प्रभारी व सुशील रिंकू प्रभारी और केडी भंडारी सह-प्रभारी। फगवाड़ा के नगर निगम कुल 50 वार्ड में से वार्ड नंबर 1-25 के लिए विजय सांपला व् वार्ड नंबर 26-50 के सोम प्रकाश प्रभारी तथा सूरज भारद्वाज और राजेश बग्गा सह-प्रभारी, पटियाला नगर निगम के कुल 60 वार्ड में से वार्ड नंबर 1-30 के हरजीत सिंह ग्रेवाल व वार्ड नंबर 31-60 के लिए परनीत कौर प्रभारी व दमन बाजवा और सरूप चंद सिंगला सह-प्रभारी लगाया गया है। केवल सिंह ढिल्लों काे लुधियाना की कमान लुधियाना नगर निगम के कुल 95 वार्ड में से वार्ड 1-47 के केवल सिंह ढिल्लों व वार्ड नंबर 48-95 के अविनाश राय खन्ना प्रभारी तथा डा. हरजोत कमल और जतिंदर मित्तल सह-प्रभारी नियुक्त किये गए हैं। सुभाष शर्मा को मोहाली व बलाचौर की जिम्मेदारीराजा सांसी व बाबा बकाला के लिए अमरपाल सिंह बोनी प्रभारी व रेनू कश्यप सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इसी तरह हंडियाया के लिए संजीव खन्ना प्रभारी तथा हरचंद कौर सह प्रभारी, रामपुराफुल तथा तलवंडी साबो के लिए हरमिंदर जस्सी प्रभारी, गुरप्रीत सिंह मलूका सह प्रभारी, अमलोह के लिए दीदार सिंह भट्टी प्रभारी व भानु प्रताप सह प्रभारी, मोहाली के घड़ूआं व बलाचौर के लिए सुभाष शर्मा प्रभारी व राकेश गुप्ता सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। दिनेश बब्बू को भी जिम्मेदारी फिरोजपुर के मखू व मल्लन वाला खास नगर परिषद के लिए राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी प्रभारी व वंदना सांगवान सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, वहीं गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक व् पठानकोट के नरोट जैमल सिंह नगर परिषद् के लिए दिनेश सिंह बब्बू प्रभारी, रविकरण सिंह काहलों व सीमा देवी सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। होशियारपुर के महलपुर व तलवारा के लिए जंगी लाल महाजन प्रभारी व् कुलवंत सिंह बाठ सह प्रभारी, जालंधर नार्थ के भोगपुर व गोराया के लिए तीक्षण सूद प्रभारी व् मीनू सेठी सह प्रभारी, जालंधर साउथ के बिलगा व शाहकोट के लिए इन्दर इक़बाल सिंह अटवाल प्रभारी, अमरजीत सिंह अमरी सह प्रभारी, कपूरथला के बेगोवाल व भुलल्थ के लिए अरुणेश शाकर प्रभारी व विनय शर्मा सह प्रभारी, ढिलवां व नडाला के लिए फतेहजंग सिंह बाजवा प्रभारी व बलविंदर सिंह लाडी सह प्रभारी, खन्ना के माछीवाड़ा व मलौद के लिए डा हरबंस लाल प्रभारी व रेनू थापर सह प्रभारी, मुल्लांपुर दाखां व साहनेवाल के लिए जीवन गुप्ता प्रभारी व दुर्गेश शर्मा सह प्रभारी नियुक्त किया है। पूर्व सेहतमंत्री धर्मकोट के इंचार्ज बने भीखी व सरदूलगढ़ के लिए मंगत राय बंसल प्रभारी व अशोक भारती सहघनौर के लिए सुखविंदर सिंह गोल्डी प्रभारी प्रभारी, मोगा के बाघापुराना, धर्मकोट व फतेहगढ़ पंजतूर के लिए सुरजीत कुमार ज्याणी प्रभारी व दविंदर बजाज सह प्रभारी, मुक्तसर के बरीवाला के लिए मोना जैस्वाल प्रभारी व शिवराज चौधरी सह प्रभारी, पटियाला ग्रामीण नार्थ के सन्नौर, देवीगढ़ व घनौर के लिए सुखविंदर सिंह गोल्डी प्रभारी, सुशील राणा सह प्रभारी, पटियाला ग्रामीण साउथ के भादसों व घागा के लिए विजय शर्मा प्रभारी, रणदीप सिंह देओल सह प्रभारी, संगरूर 1 के लिए अरविंद खन्ना प्रभारी व कंवरवीर सिंह टोहड़ा सह प्रभारी, संगरूर 2 चीमा व मूनक के लिए जगदीप सिंह नकई प्रभारी व प्रदीप गर्ग सह प्रभारी, खनौरी व दिड़बा के लिए मंजीत सिंह राय प्रभारी व सरजीवन जिंदल सह प्रभारी व तरनतारन अधीन आती खेमकरण नगर परिषद चुनावों के लिए रंजीत सिंह प्रभारी व हरदियाल सिंह औलख सह प्रभारी नियुकित कियए गए हैं।
छत्तीसगढ़ के 5 लाख वनाधिकार पट्टाधारियों की बदलेगी किस्मत, जानें नियम में क्या हुआ संशोधन?
छत्तीसगढ़ के 5 लाख वनाधिकार पट्टाधारियों की बदलेगी किस्मत, जानें नियम में क्या हुआ संशोधन? <p style=”text-align: justify;”><strong>Bastar News:</strong> वन अधिकार पट्टाधारियों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काफी बड़ी राहत दी है. दरअसल, अब वन अधिकार पट्टाधारियों के मृत्यु के बाद वारिसान के नाम पर पट्टा नामांतर आसानी से हो पाएगा. बस्तर जिले में इसकी शुरूआत हो चुकी है. बस्तरिया आईडिया के बाद प्रदेश में ये कानून बना और इसे लागू करने वाला बस्तर पहला जिला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, पहले वन अधिकार पट्टा धारक के मृत्यु के बाद वारिसों के नाम पर नामांतरण नहीं होता था. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के प्रयास के बाद इस दिशा में सरकार ने प्रयास शुरू कर कानून बनाया और अब इस पर अमल होना भी शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में प्रदेश के करीब 5 लाख वनाधिकारी पट्टाधारियों को इसका लाभ मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बस्तर जिले में 3800 ग्रामीणों को मिलेगा इसका लाभ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य शासन के निर्देशानुसार व्यक्तिगत वन अधिकारों के अधिकार अभिलेखीकरण और वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु के बाद उनके विधिक वारिसानों को अधिकार हस्तांतरण संबंधित कार्यवाही किया जा रहा है. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के मार्गदर्शन में सभी तहसील में ये कार्यवाही की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कलेक्टर ने जगदलपुर अनुभाग के वन अधिकार पत्रधारक सरगीपाल निवासी जगबंधु की मृत्यु के बाद उनके विधिक वारिसान पत्नी डोमानी जगबंधु को और ग्राम कुम्हली के तुलसी के वरिसान पत्नी राधामनी को वनाधिकार पत्र वितरण किया. इसी तरह सभी तहसील में दो-दो वारिसान को एफआरए पत्रक वितरण किया गया है. खास बात ये है कि जिले में इस प्रकार के लगभग 3800 प्रकरण है और अब सभी को इसका लाभ मिलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या था नियम, कैसे हुआ संशोधन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी अधिनियम, 2006 छत्तीसगढ़ में साल 2008 से लागू है. इस अधिनियम का उद्देश्य वनों में निवास करने वाली अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासियों को काबिज भूमि पर वन अधिकारों की मान्यता प्रदान करना है. ऐसा करने से उनके भूमि का विवरण शासकीय अभिलेखों में दर्ज किया जा सकेगा और इसके साथ ही उन्हें काबिज भूमि के अधिभोग का अधिकार प्रदान किया जा सकेगा, जिससे उनकी खाद्य सुरक्षा और आजीविका सुनिश्चित हो सकेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन-से नियमों के तहत वंशानुगत होगा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय समुदाय के माध्यम से वनों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन को मजबूत करते हुए परिस्थितिकीय संतुलन भी बनाए रखना है. वन अधिकार नियम, 2007 और संशोधित नियम 2012 में अधिनियम की धारा 4 की उपधारा 4 (1) के तहत प्रदत्त अधिकार वंशानुगत होगा, लेकिन संक्रमणीय नहीं होगा और विवाहित व्यक्तियों की दिशा में पति-पत्नी दोनों के नाम में संयुक्त रूप से होगा और अगर किसी घर का मुखिया एक ही व्यक्ति है तो एकल मुखिया के नाम में रजिस्ट्रीकृत होगा, और सीधे वारिस की अनुपस्थिति में वंशागत अधिकार अगले करीबी संबंधी को चला जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> सरकार को पत्र लिखने के बाद जारी हुई कार्यवाही</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बस्तर कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को पत्र लिखा गया, जिसके बाद राज्य में जारी व्यक्तिगत वन अधिकारों के अधिकार अभिलेखीकरण और वन अधिकार पत्रधारकों की मृत्यु के बाद उनके विधिक वारिसानों को अधिकार हस्तांतरण संबंधित कार्यवाही की जा रही है. वहीं, अन्य भूमि संबंधित कार्यवाही के लिए राज्य शासन की समसंख्यक अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित की गई है और अब इससे छत्तीसगढ़ के 5 लाख वन अधिकार पट्टाधारियों को लाभ मिल सकेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़े: <a title=”बस्तर में खुलेगी छत्तीसगढ़ की पहली एडवेंचर स्पोर्टस एकेडमी, पर्यटकों के लिए होगा खास” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/chhattisgarh-first-adventure-sports-academy-will-open-in-bastar-there-will-be-23-types-activities-ann-2745451″ target=”_self”>बस्तर में खुलेगी छत्तीसगढ़ की पहली एडवेंचर स्पोर्टस एकेडमी, पर्यटकों के लिए होगा खास</a></strong></p>
एक्टिवा सवार दो भाइयों को टक्कर मारने वाले बस चालक को किया काबू
एक्टिवा सवार दो भाइयों को टक्कर मारने वाले बस चालक को किया काबू लुधियाना | एक्टिवा सेवर दो भाइयों को तेज रफ्तार बस ने टक्कर मार दी। हादसे में एक भाई की मौत हो गई, जबकि दूसरे का उपचार एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है इस संबंधी थाना डेहलो की पुलिस ने सरकारी बस के ड्राइवर अमरीक सिंह पुत्र कमलजीत सिंह वासी ढिलवां, समराला को गिरफ्तार किया है। मामले में शिकायतकर्ता हरविंदर सिंह ने बताया कि वह शनिवार दोपहर को एक्टिवा पर अपने भाई गुरजीत के साथ सवार होकर जा रहा था। जब वह गांव डेहलो से होता हुआ मुख्य सड़क की ओर जा रहा था। तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार पीआरटीसी बस ने उनकी एक्टिवा को टक्कर मार दी। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल गुरजीत सिंह ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी बस चालक को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।