SC कमीशन ने हिसार एसपी को भेजा नोटिस:7 दिनों में मांगा जवाब; 4 पुलिसकर्मियों ने दलित युवक को दी थी थर्ड डिग्री

SC कमीशन ने हिसार एसपी को भेजा नोटिस:7 दिनों में मांगा जवाब; 4 पुलिसकर्मियों ने दलित युवक को दी थी थर्ड डिग्री

हरियाणा के हिसार में दलित युवक को थर्ड डिग्री देने का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (SC कमीशन) पहुंच गया है। इस मामले में अयोग ने हिसार एसपी को नोटिस देकर 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। भीम आर्मी जिला महासचिव अमित जाटव के साथ बस स्टैंड चौकी के 4 पुलिसकर्मियों ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया था। पीड़ित ने बताया कि उनके साथ 23 सितंबर 2024 की रात्रि बस स्टैंड चौकी हिसार के 4 पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार कर थर्ड डिग्री दी थी। इस मामले में 42 दिन बाद सिटी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पीड़ित की शिकायत को नजरअंदाज कर जांच अधिकारी महेंद्र ने जानबूझकर आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए बयानों के अनुसार धारा ना लगाकर और 2 पुलिसकर्मियों का नाम एफआईआर में नहीं जोड़कर केस को कमजोर कर दिया था। डीएसपी, एसपी और आईजी को गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। तब पीड़ित अमित जाटव ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को इनकी शिकायत भेजी थी। जिस पर आयोग ने एसपी को तलब कर 7 दिनों में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से भेजा गया नोटिस… अमित ने शिकायत में बताया उस रात का वाकया… 1. रात को पुलिस ने बेवजह रोका, डंडे मारे
मिल गेट शिवनगर निवासी अमित ने बताया था कि 23 सितंबर की रात को अपने सेक्टर 1-4 निवासी दोस्त संदीप की मम्मी से मिलने सेवक सभा अस्पताल गया था। साथ में दोस्त भी था। संदीप की मम्मी से मिले के बाद हम घूमने के लिए नीलम सिनेमा वाले रोड पर चले गए। रात करीब 10.30 बजे बाइक पर दो पुलिसकर्मी वाले आए और हमे रोक लिया, जिनका नाम बसाउराम और सुरेश था। पुलिस कर्मचारियों ने पूछा कि कहां के हो। हमने अपना पूरा पता बता दिया। पुलिस वाले बसाउराम ने मेरा आधार कार्ड मांगा तो मैंने कहा कि आधार कार्ड नहीं है। मैं फोन में अपना आधार देखने लगा तो बसाउ ने मुझे गालियां दी। मैंने कहा कि सर गाली मत दो। तभी दोनों बाइक से उतर कर हमें मारने लगे। इतना ही नहीं हाथ में डंडे लेकर मारने लगे। मुझे जबरन बाइक पर बैठाने लगे तो बाइक गिर गई। 2. मैं डर के भागने लगा तो जबरन ऑटो से चौकी ले गए
अमित ने बताया कि मैं डर के मारे भागने लगा, तभी पीछे से होमगार्ड बसाउराम एक ऑटो में आया और मुझे जबरदस्ती ऑटो में डाल दिया और मेरा फोन व 1300 रुपए छीन लिए, और मेरे को ऑटो में जबरदस्ती बैठाकर हिसार बस अड्डा चौकी के पास अलग कमरे में ले गए। तभी बसाउ ने फोन करके बाइक सवार दूसरे सिपाहियों को बुला लिया और मुझे एक कमरे में बंद करके बसाउराम, सुरेश और बाइक सवार 2 सिपाहियों ने मिलकर मुझे प्लास्टिक के डंडे से बुरी तरह मारा। तभी एक सिपाही ने पूछा क्या जाति है तेरी? तभी मैंने कहा कि मैं भीम आर्मी चलाता हूं। भीम आर्मी का जिला महासचिव हूं। इसके बाद पुलिसकर्मी और पीटने लगे और कहा कि तूने कहीं शिकायत की तो जान से मार देंगे। जाते वक्त मेरा फोन मुझे दे दिया, मैंने मेरे 1300 रुपए तो मांगे तो बोले भाग जा नहीं तो दोबारा पीटेंगे। इसके बाद मैं सरकारी अस्पताल दाखिल हो गया। 3. शिकायत के 42 दिन बाद केस दर्ज हुआ
अमित का कहना है कि शिकायत करने के 42 दिन बाद सिटी थाने पर आरोपी पुलिस कर्मी बसाउराम, एसपीओ सुरेश सहित दो अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ धारा 115(2), 127(2), 351(2), 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया था। अब अमित का कहना है कि शिकायत के मुताबिक इसमें धाराएं नहीं जोड़ी गई। बल्कि हल्की धाराएं लगाकर पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास किया गया। हरियाणा के हिसार में दलित युवक को थर्ड डिग्री देने का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (SC कमीशन) पहुंच गया है। इस मामले में अयोग ने हिसार एसपी को नोटिस देकर 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा है। भीम आर्मी जिला महासचिव अमित जाटव के साथ बस स्टैंड चौकी के 4 पुलिसकर्मियों ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया था। पीड़ित ने बताया कि उनके साथ 23 सितंबर 2024 की रात्रि बस स्टैंड चौकी हिसार के 4 पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार कर थर्ड डिग्री दी थी। इस मामले में 42 दिन बाद सिटी थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पीड़ित की शिकायत को नजरअंदाज कर जांच अधिकारी महेंद्र ने जानबूझकर आरोपी को फायदा पहुंचाने के लिए बयानों के अनुसार धारा ना लगाकर और 2 पुलिसकर्मियों का नाम एफआईआर में नहीं जोड़कर केस को कमजोर कर दिया था। डीएसपी, एसपी और आईजी को गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। तब पीड़ित अमित जाटव ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को इनकी शिकायत भेजी थी। जिस पर आयोग ने एसपी को तलब कर 7 दिनों में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से भेजा गया नोटिस… अमित ने शिकायत में बताया उस रात का वाकया… 1. रात को पुलिस ने बेवजह रोका, डंडे मारे
मिल गेट शिवनगर निवासी अमित ने बताया था कि 23 सितंबर की रात को अपने सेक्टर 1-4 निवासी दोस्त संदीप की मम्मी से मिलने सेवक सभा अस्पताल गया था। साथ में दोस्त भी था। संदीप की मम्मी से मिले के बाद हम घूमने के लिए नीलम सिनेमा वाले रोड पर चले गए। रात करीब 10.30 बजे बाइक पर दो पुलिसकर्मी वाले आए और हमे रोक लिया, जिनका नाम बसाउराम और सुरेश था। पुलिस कर्मचारियों ने पूछा कि कहां के हो। हमने अपना पूरा पता बता दिया। पुलिस वाले बसाउराम ने मेरा आधार कार्ड मांगा तो मैंने कहा कि आधार कार्ड नहीं है। मैं फोन में अपना आधार देखने लगा तो बसाउ ने मुझे गालियां दी। मैंने कहा कि सर गाली मत दो। तभी दोनों बाइक से उतर कर हमें मारने लगे। इतना ही नहीं हाथ में डंडे लेकर मारने लगे। मुझे जबरन बाइक पर बैठाने लगे तो बाइक गिर गई। 2. मैं डर के भागने लगा तो जबरन ऑटो से चौकी ले गए
अमित ने बताया कि मैं डर के मारे भागने लगा, तभी पीछे से होमगार्ड बसाउराम एक ऑटो में आया और मुझे जबरदस्ती ऑटो में डाल दिया और मेरा फोन व 1300 रुपए छीन लिए, और मेरे को ऑटो में जबरदस्ती बैठाकर हिसार बस अड्डा चौकी के पास अलग कमरे में ले गए। तभी बसाउ ने फोन करके बाइक सवार दूसरे सिपाहियों को बुला लिया और मुझे एक कमरे में बंद करके बसाउराम, सुरेश और बाइक सवार 2 सिपाहियों ने मिलकर मुझे प्लास्टिक के डंडे से बुरी तरह मारा। तभी एक सिपाही ने पूछा क्या जाति है तेरी? तभी मैंने कहा कि मैं भीम आर्मी चलाता हूं। भीम आर्मी का जिला महासचिव हूं। इसके बाद पुलिसकर्मी और पीटने लगे और कहा कि तूने कहीं शिकायत की तो जान से मार देंगे। जाते वक्त मेरा फोन मुझे दे दिया, मैंने मेरे 1300 रुपए तो मांगे तो बोले भाग जा नहीं तो दोबारा पीटेंगे। इसके बाद मैं सरकारी अस्पताल दाखिल हो गया। 3. शिकायत के 42 दिन बाद केस दर्ज हुआ
अमित का कहना है कि शिकायत करने के 42 दिन बाद सिटी थाने पर आरोपी पुलिस कर्मी बसाउराम, एसपीओ सुरेश सहित दो अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ धारा 115(2), 127(2), 351(2), 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया था। अब अमित का कहना है कि शिकायत के मुताबिक इसमें धाराएं नहीं जोड़ी गई। बल्कि हल्की धाराएं लगाकर पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास किया गया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर