आय से अधिक संपत्ति मामले में पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार रहे भरत इंदर सिंह चहल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा है कि याची पर दंड योग कार्रवाई न की जाए। साथ ही चहल को कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग दें। वहीं, पंजाब सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है। 25 अक्टूबर को उनके खिलाफ पटियाला अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट में रखी थी यह दलील चहल के वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि 76 वर्षीय चहल कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। साथ ही जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। हालांकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि, आर्थिक अपराधों में अग्रिम जमानत देने से पहले अदालत को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो सकता है और जनता के विश्वास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। जस्टिस सिंधु ने स्पष्ट किया था कि “चूंकि चहल के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है, और उन्हें अग्रिम जमानत देना जांच को प्रभावित कर सकता है।” आमदनी 7 करोड़, खर्च 31 करोड़ हुआ विजिलेंस के मुताबिक मार्च 2017 से सितंबर 2021 तक चहल और उसके पारिवारिक सदस्यों की आय 7,85,16,905 रुपए थी। जबकि 31,79,89,011 रुपए खर्च किए गए, जो आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 305 फीसदी अधिक है। आरोप हैं कि भरत इंदर सिंह चहल ने अपने और अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर कई संपत्ति बनाई। आरोपी चहल की संपत्ति आरोपी भरत इंदर सिंह चहल की संपत्ति में सरहिंद रोड पटियाला स्थित दसमेश लग्जरी वैडिंग रिजॉर्ट (अलकाजार), मिनी सचिवालय रोड पटियाला पर 2595 गज की पांच मंजिला कॉमर्शियल इमारत (पशु पालन विभाग की साइट), नाभा रोड पर टोल प्लाजा के समीप गांव कलियान में 72 कनाल 14 मरले जमीन शामिल है। इनके अलावा फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव मालाहेड़ी और हरबंसपुरा में भी जमीन खरीदी गई है। फिलहाल विजिलेंस मामले की आगामी जांच में जुटी है। आय से अधिक संपत्ति मामले में पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार रहे भरत इंदर सिंह चहल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा है कि याची पर दंड योग कार्रवाई न की जाए। साथ ही चहल को कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग दें। वहीं, पंजाब सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है। 25 अक्टूबर को उनके खिलाफ पटियाला अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट में रखी थी यह दलील चहल के वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि 76 वर्षीय चहल कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। साथ ही जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। हालांकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 4 अक्टूबर को जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस दौरान अदालत ने कहा था कि, आर्थिक अपराधों में अग्रिम जमानत देने से पहले अदालत को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो सकता है और जनता के विश्वास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। जस्टिस सिंधु ने स्पष्ट किया था कि “चूंकि चहल के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है, और उन्हें अग्रिम जमानत देना जांच को प्रभावित कर सकता है।” आमदनी 7 करोड़, खर्च 31 करोड़ हुआ विजिलेंस के मुताबिक मार्च 2017 से सितंबर 2021 तक चहल और उसके पारिवारिक सदस्यों की आय 7,85,16,905 रुपए थी। जबकि 31,79,89,011 रुपए खर्च किए गए, जो आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 305 फीसदी अधिक है। आरोप हैं कि भरत इंदर सिंह चहल ने अपने और अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर कई संपत्ति बनाई। आरोपी चहल की संपत्ति आरोपी भरत इंदर सिंह चहल की संपत्ति में सरहिंद रोड पटियाला स्थित दसमेश लग्जरी वैडिंग रिजॉर्ट (अलकाजार), मिनी सचिवालय रोड पटियाला पर 2595 गज की पांच मंजिला कॉमर्शियल इमारत (पशु पालन विभाग की साइट), नाभा रोड पर टोल प्लाजा के समीप गांव कलियान में 72 कनाल 14 मरले जमीन शामिल है। इनके अलावा फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव मालाहेड़ी और हरबंसपुरा में भी जमीन खरीदी गई है। फिलहाल विजिलेंस मामले की आगामी जांच में जुटी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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