SGPC ने कंगना की फिल्म इमरजेंसी को लेकर दी चेतावनी:सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, बठिंडा डीसी को सौंपा ज्ञापन; बैन की मांग

SGPC ने कंगना की फिल्म इमरजेंसी को लेकर दी चेतावनी:सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, बठिंडा डीसी को सौंपा ज्ञापन; बैन की मांग

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का विरोध किया है। बठिंडा में SGPC के सदस्यों और गुरुद्वारा प्रशासकों ने डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा हाजी रतन साहिब के मैनेजर गुरसेवक सिंह किंगरा के अनुसार, यह फिल्म सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 17 जनवरी को फिल्म रिलीज होती है, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा और इससे होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की होगी। मुख्य सचिव को पत्र भेजकर बैन की मांग
SGPC ने इस मामले में पहले ही पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई थीं। कमेटी का कहना है कि आपातकाल पर आधारित यह फिल्म सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से बनाई गई है। हालांकि, अभी तक पंजाब सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। फिल्म की टिकट बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे सिख समुदाय में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हम यह बताना चाहेंगे कि फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र धार्मिक स्थलों सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और कई अन्य धार्मिक स्थलों पर हुए घातक हमलों के साथ-साथ सिख नरसंहार और जनसंहार के दमन को भी दर्शाया गया है। सिख विरोधी एजेंडे के तहत देश के खिलाफ जहर का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को भी चित्रित किया गया है। चूंकि आप जिले के प्रशासनिक प्रमुख हैं, इसलिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इस पत्र के माध्यम से दृढ़ता से मांग करती है कि कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म को 17 जनवरी 2025 को रिलीज होने से तुरंत रोका जाए। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो हम इसका कड़ा विरोध करने को मजबूर होंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का विरोध किया है। बठिंडा में SGPC के सदस्यों और गुरुद्वारा प्रशासकों ने डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ऐतिहासिक गुरुद्वारा हाजी रतन साहिब के मैनेजर गुरसेवक सिंह किंगरा के अनुसार, यह फिल्म सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 17 जनवरी को फिल्म रिलीज होती है, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा और इससे होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की होगी। मुख्य सचिव को पत्र भेजकर बैन की मांग
SGPC ने इस मामले में पहले ही पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई थीं। कमेटी का कहना है कि आपातकाल पर आधारित यह फिल्म सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से बनाई गई है। हालांकि, अभी तक पंजाब सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। फिल्म की टिकट बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे सिख समुदाय में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हम यह बताना चाहेंगे कि फिल्म में 1984 में सिखों के पवित्र धार्मिक स्थलों सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और कई अन्य धार्मिक स्थलों पर हुए घातक हमलों के साथ-साथ सिख नरसंहार और जनसंहार के दमन को भी दर्शाया गया है। सिख विरोधी एजेंडे के तहत देश के खिलाफ जहर का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही फिल्म में सिखों के राष्ट्रीय शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को भी चित्रित किया गया है। चूंकि आप जिले के प्रशासनिक प्रमुख हैं, इसलिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इस पत्र के माध्यम से दृढ़ता से मांग करती है कि कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म को 17 जनवरी 2025 को रिलीज होने से तुरंत रोका जाए। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो हम इसका कड़ा विरोध करने को मजबूर होंगे।   पंजाब | दैनिक भास्कर