पंजाब में डेरा प्रेमी मोहिंदर पाल सिंह बिट्टू हत्याकांड मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने आज शुक्रवार को पूर्व IG रणबीर सिंह खटड़ा समेत पुरानी SIT से 2 घंटे तक पूछताछ की है। साथ ही उनसे 24 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। पूर्व IG खटड़ा से चंडीगढ़ स्थित पुलिस मुख्यालय में आज पूछताछ हुई। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ दोपहर 2 बजे से सवा 4 बजे के बीच हुई है। एडीजीपी एएस राय की अगुवाई वाली एसआईटी ने उनसे पूछताछ की । इसलिए पूछताछ के लिए बुलाया गया था पूर्व IG खटड़ा ने बातचीत में बताया कि बेअदबी कांड के आरोपी मोहिंदर पाल सिंह बिट्टू के परिवार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी। उस रिट पर एक SIT बनाई गई थी। इस SIT के प्रमुख एडीजीपी एएस राय है। उस SIT ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। खटड़ा ने बताया वह उस SIT की अगुवाई कर रहे थे, जिसने बेअदबी से जुड़े केस सुलझाए थे। 2 साल पहले भी दर्ज करवाए थे बयान खटड़ा ने बताया कि 2 साल पहले भी अपने बयान दर्ज किए थे। वहीं, अब अपने बयान दर्ज करवाए हैं। याद रहे कि मोहिंदर पाल सिंह बिट्टू बेअदबी केस का आरोपी था। खटड़ा वाली एसआसईटी ने उसे गिरफ्तार किया था। नाभा जेल जून 2019 को उसकी हत्या कर दी थी। इसी मामले में उसके परिवार की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में उन्होंने बिट्टू को बेकसूर बताते हुए सारे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी। खटड़ा ने कुछ दिन पहल अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से भी मुलाकात की थी। पंजाब में डेरा प्रेमी मोहिंदर पाल सिंह बिट्टू हत्याकांड मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने आज शुक्रवार को पूर्व IG रणबीर सिंह खटड़ा समेत पुरानी SIT से 2 घंटे तक पूछताछ की है। साथ ही उनसे 24 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। पूर्व IG खटड़ा से चंडीगढ़ स्थित पुलिस मुख्यालय में आज पूछताछ हुई। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ दोपहर 2 बजे से सवा 4 बजे के बीच हुई है। एडीजीपी एएस राय की अगुवाई वाली एसआईटी ने उनसे पूछताछ की । इसलिए पूछताछ के लिए बुलाया गया था पूर्व IG खटड़ा ने बातचीत में बताया कि बेअदबी कांड के आरोपी मोहिंदर पाल सिंह बिट्टू के परिवार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी। उस रिट पर एक SIT बनाई गई थी। इस SIT के प्रमुख एडीजीपी एएस राय है। उस SIT ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। खटड़ा ने बताया वह उस SIT की अगुवाई कर रहे थे, जिसने बेअदबी से जुड़े केस सुलझाए थे। 2 साल पहले भी दर्ज करवाए थे बयान खटड़ा ने बताया कि 2 साल पहले भी अपने बयान दर्ज किए थे। वहीं, अब अपने बयान दर्ज करवाए हैं। याद रहे कि मोहिंदर पाल सिंह बिट्टू बेअदबी केस का आरोपी था। खटड़ा वाली एसआसईटी ने उसे गिरफ्तार किया था। नाभा जेल जून 2019 को उसकी हत्या कर दी थी। इसी मामले में उसके परिवार की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में उन्होंने बिट्टू को बेकसूर बताते हुए सारे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई थी। खटड़ा ने कुछ दिन पहल अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से भी मुलाकात की थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनोट की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है। कंगना पर सिखों की भावनाओं को भड़काने के आरोप एडवोकेट धामी ने कहा कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। सिख कार्यकर्ता पर आधारित फिल्म पर लगा था प्रतिबंध धामी ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ की रिलीज को 85 कट लगाने के बाद भी सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। जबकि सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली 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मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ 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