संभल में सुबह-सुबह जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम को देखकर मुस्लिम समाज के लोग भड़क गए। उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। करीब तीन घंटे तक लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। SP ने आक्रोशित लोगों को समझाते हुए कहा- नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो। लेकिन लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। संभल में बवाल की 18 तस्वीरें… ये खबर भी पढ़ेंः- संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान पथराव-आगजनी:उग्र भीड़ पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया; भीड़ ने गाड़ी फूंकी संभल जामा मस्जिद में रविवार सुबह सर्वे के दौरान पथराव हो गया। इतना बवाल हुआ कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। हालात अभी बेकाबू है। आसपास के थानों से फोर्स को बुलाया गया है। डीएम और एसपी मौके पर हैं। दरअसल, सुबह 6 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। सुबह-सुबह टीम को देखकर आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। उन्होंने कहा कि छुट्टी के दिन इतनी-इतनी सुबह-सुबह सर्वे क्यों किया जा रहा है। कुछ ही देर में करीब एक हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। भीड़ मस्जिद के अंदर जाने पर अड़ गई। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। पढ़ें पूरी खबर…. संभल में सुबह-सुबह जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम को देखकर मुस्लिम समाज के लोग भड़क गए। उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। करीब तीन घंटे तक लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। SP ने आक्रोशित लोगों को समझाते हुए कहा- नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो। लेकिन लोग कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। संभल में बवाल की 18 तस्वीरें… ये खबर भी पढ़ेंः- संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान पथराव-आगजनी:उग्र भीड़ पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया; भीड़ ने गाड़ी फूंकी संभल जामा मस्जिद में रविवार सुबह सर्वे के दौरान पथराव हो गया। इतना बवाल हुआ कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा। हालात अभी बेकाबू है। आसपास के थानों से फोर्स को बुलाया गया है। डीएम और एसपी मौके पर हैं। दरअसल, सुबह 6 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। सुबह-सुबह टीम को देखकर आसपास के मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। उन्होंने कहा कि छुट्टी के दिन इतनी-इतनी सुबह-सुबह सर्वे क्यों किया जा रहा है। कुछ ही देर में करीब एक हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। भीड़ मस्जिद के अंदर जाने पर अड़ गई। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। पढ़ें पूरी खबर…. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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बस्तर में आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, रसोई से गायब हुआ आलू, प्याज ने निकाले आंसू
बस्तर में आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, रसोई से गायब हुआ आलू, प्याज ने निकाले आंसू <div class=”lSfe4c r5bEn”>
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<div class=”n0jPhd ynAwRc tNxQIb nDgy9d” style=”text-align: justify;” role=”heading” aria-level=”3″><strong>Chhattisgarh Vegetable Price Hike:</strong> <span style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिले के सभी सब्जी मंडियों में अचानक हरी सब्जियों के कीमतों में उछाल आने से बस्तर वासियों के रसोई का बजट बिगड़ गया है, आलू- प्याज के दाम प्रति किलो 50 रुपये के पार पहुंच गए है, वहीं हरी सब्जियों में गोभी, भिंडी, शिमला मिर्च, कुंदरु, बरबट्टी, करेला के दाम भी प्रति किलो 70 से 80 रुपये के पार हो गए हैं, इसके अलावा टमाटर किलो भी 60 से 70 रुपये तक पहुंच गया है, पिछले कुछ दिनों से लगातार सब्जियों के दामो में वृद्धि होने से बस्तर वासियों को हरी सब्जी खरीदने में महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है.</span></div>
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<p style=”text-align: justify;”>जगदलपुर शहर के संजय बाजार के सब्जी विक्रेता संजय अधिकारी ने बताया कि मानसून लगने के बाद लगातार सब्जियों के दाम में वृद्धि हो रही है, बारिश से सब्जियां खराब होने के कारण बाजार में इसकी आवक कम हो रही है, और इसके दाम में काफी ज्यादा वृद्धि हो रही है, मंडी में भी सब्जी विक्रेता काफी ऊंचे दामों में सब्जी खरीद रहे हैं, यही वजह है कि सब्जी खरीदने पहुंच रहे लोग सब्जी की खरीददारी कम कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>15 दिनों से काफी ज्यादा बढ़े हुए है सब्जी के दाम</strong><br />गरीब और आम जनता महंगी सब्जी नहीं खरीद सकते इसलिए हरी सब्जियों की खरीददारी में काफी गिरावट आ रही है, वहीं सब्जी विक्रेता संजय अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और भी बढ़ सकते हैं हालांकि इनके दाम कब तक घटेंगे इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता फिलहाल आलू प्याज से लेकर टमाटर और सभी हरी सब्जी के दाम के रेट पिछले 15 दिनों से काफी ज्यादा बढ़े हुए है..</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सब्जियों के महंगे दामों से रसोई का बजट गड़बड़ाया</strong><br />इधर कुछ दिनों पहले प्रति किलो 40 में बिकने वाली फूलगोभी 80 से 100 प्रति किलो बिक रही है, वहीं 20 रुपये किलो में बिकने वाला टमाटर 60 से 70 किलो में बिक रहा है ,साथ ही भिंडी, बरबटी, करेला, लौकी, कुम्हड़ा, कुंदरु ,धनिया ,मिर्च ,प्याज, आलू , लाल भाजी ,पालक भाजी सहित अन्य सब्जियों की कीमतों में भी काफी ज्यादा वृद्धि हुई है, इधर सब्जी खरीदने बाजार पहुंच रहे लोगों का कहना है कि जिस तरह से लगातार सब्जियों के दाम में वृद्धि हो रही है उससे रसोई का बजट बिगड़ गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जहां वे पहले आलू ,प्याज ,टमाटर की तीन से चार किलो की खरीददारी करते थे ,अभी इनके रेट दो से तीन गुने बढ़ जाने के कारण खरीददारी भी कम कर रहे हैं, वहीं गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार भी सब्जियों के तेजी से बढ़ रहे दाम को देखते हुए दाल चावल से ही अपनी भूख मिटा रहे हैं, या फिर काफी कम मात्रा में हरी सब्जियां खरीद रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Dog Attack: रायपुर में पिटबुल का आतंक! पार्सल देने आए युवक पर झपटा, घर के बाहर तक किया पीछा” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/raipur-a-delivery-boy-attacked-by-two-pitbull-dogs-as-soon-as-he-reached-the-recipients-house-ann-2737289″ target=”_self”>Dog Attack: रायपुर में पिटबुल का आतंक! पार्सल देने आए युवक पर झपटा, घर के बाहर तक किया पीछा</a></strong></p>
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया हरियाणा में करनाल की एक विधानसभा सीट ऐसी है, जिसकी चर्चा चुनावों के रिजल्ट पर हुए कोर्ट केस को लेकर की जाती है। इस सीट पर वोटों में हेराफेरी कर नेता 2 बार विधायक बने रहे। इसके बाद जब तक कोर्ट का फैसला आया, तब तक तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। इन चुनावों में हार-जीत का अंतर इतना छोटा था कि रीकाउंटिंग के बाद अदालत भी जल्दी फैसला नहीं सुना सकी। इनमें से एक केस को टाइम निकलने की बात कहकर कोर्ट ने रफा-दफा कर दिया। वहीं, दूसरे चुनाव के रिजल्ट पर कोर्ट में स्टे लिया गया था, जिसके बाद विनिंग कैंडिडेट को केवल 6 महीने के लिए विधायक की कुर्सी मिल पाई। यह करनाल की घरौंडा सीट है। 1996 में आया पहला मामला
पहला विवादित चुनाव 1996 का था जब विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश कश्यप ने इनेलो कैंडिडेट रमेश राणा को मात्र 11 वोटों से हराया था। रिकॉर्ड के अनुसार, 1996 में हारने के बाद रमेश राणा वोटों की रीकाउंटिंग के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इस मामले में 3 साल बाद हाईकोर्ट ने रमेश राणा के पक्ष में फैसला सुना दिया, लेकिन इस फैसले को रमेश कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। उन्होंने रीकाउंटिंग में कम वोटों की गिनती को आधार बनाते हुए रिजल्ट पर स्टे ले लिया और विधानसभा भंग होने तक विधायक बने रहे। पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी पूर्व विधायक रेखा राणा का कहना है कि रमेश राणा हाईकोर्ट से केस जीत गए थे। फिर उन्होंने विधायक पद की शपथ भी ली थी। इसके प्रमाण विधानसभा में भी मिल जाएंगे। जबकि, रमेश कश्यप का दावा है कि वह विधानसभा भंग होने तक विधायक रहे और रमेश राणा ने कोई शपथ नहीं ली। 6 महीने तक हम विधानसभा में रहे
रेखा राणा ने बताया है कि 1996 में केंद्र में समता पार्टी व इनेलो का समझौता था। 1996 में बैलेट पेपर से चुनाव होते थे। भाजपा और इनेलो के उम्मीदवारों का नाम भी एक जैसा था। रेखा राणा का आरोप है कि एक प्रभावशाली नेता के बेटे ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी करवाई और रमेश कश्यप के पक्ष में रिजल्ट करवा दिया। रेखा ने यह भी आरोप लगाया कि उस प्रभावशाली नेता ने 500 वोट भी कैंसिल करवा दिए थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट में गए। वहां वोटों की गिनती दोबारा करवाई गई तो रमेश राणा 157 वोटों से जीते थे। उन्हें शपथ के लिए 20 दिन का समय मिला था। इस समय में शपथ लेनी थी, लेकिन उनकी फाइल को कहीं दबा दिया गया। इसकी वजह से वह शपथ नहीं ले पाए थे। इसी बीच रमेश कश्यप के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगवा दिया था। रेखा का कहना है कि उनके पति रमेश राणा ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर स्टे हटवाया। इसी दौरान हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा का समझौता टूट गया था और इनेलो की सरकार आ गई थी। तब रमेश राणा ने शपथ ली थी और 6 महीने तक विधानसभा में रहे थे। 14 दिसंबर 1999 तक विधायक रहा
वहीं, रमेश कश्यप बताते है कि 1996 के चुनाव में उन्होंने 11 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बताया, “इसके बाद रमेश राणा ने तुरंत ही हाईकोर्ट में केस डाला। 3 साल बाद हाईकोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद मैं सुप्रीम कोर्ट चला गया और दलील दी कि चुनाव रिजल्ट के दौरान जितने वोटों की गिनती हुई थी, हाईकोर्ट में उतने वोटों की गिनती क्यों नहीं की गई? इस आधार पर हाईकोर्ट के फैसले पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। इसके बाद जुलाई 1999 में ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। चौटाला ने 14 दिसंबर 1999 को विधानसभा भंग करवाई और नए चुनाव का ऐलान करवा दिया। 14 दिसंबर 1999 तक मैं ही विधायक था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मेरा केस पेंडिंग था। रमेश राणा को शपथ दिलवाई नहीं गई थी। अगर उन्हें शपथ दिलवाई गई होती तो मैं विधायक ही नहीं रहता।” 2005 में जयपाल शर्मा गए थे कोर्ट
उधर, दूसरा केस 2005 के विधानसभा चुनाव का जब इनेलो की टिकट पर पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी रेखा राणा 21 वोटों से इलेक्शन जीतीं। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार जयपाल शर्मा चुनाव हारे तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जयपाल शर्मा का आरोप था कि विधानसभा चुनावों में मृत वोट और डबल वोट डाले गए हैं। यह केस करीब साढ़े 7 साल तक चला। इसी दौरान 76 वोट ऐसे निकाल दिए थे, जो मृत थे और डबल थे। लेकिन, बाद में कोर्ट ने यह कहकर पिटीशन खारिज कर दी थी कि अब इसका समय निकल चुका है। विधायक का कार्यकाल पूरा हो चुका है तो केस का कोई औचित्य ही नहीं। ऐसे में वोटों में हेराफेरी के दम पर रेखा राणा पूरे 5 साल तक विधायक बनी रहीं। क्या कहते हैं राजनीति के जानकार
राजनीति के जानकार नैनपाल राणा के मुताबिक, हरियाणा विकास पार्टी और बीजेपी का गठबंधन था। 1996 में रमेश कश्यप को जिता दिया गया, जिसमें धांधलेबाजी की बातें सामने आई थीं। रमेश राणा हाईकोर्ट चले गए, जहां रमेश राणा को जीता हुआ घोषित कर दिया गया था। उन्होंने शपथ ली थी। उन्हें सरकार में केवल 3-4 महीने ही मिले थे, क्योंकि 1999 में बंसी लाल की सरकार गिर गई। ऐसा ही 2005 में हुआ था जब 21 वोटों से रेखा राणा जीत गई थीं। जयपाल शर्मा ने कोर्ट केस कर दिया था, लेकिन यह केस साढ़े 7 साल चला था। विधायक का टर्म पूरा हो ही चुका था।
कोर्ट ने माना-ये नृशंस हत्या…इसलिए रहम नहीं कर सकते:कानपुर में पति-पत्नी और बच्चे के हत्यारों को उम्रकैद; अदालत का फैसला-मरने तक जेल में रहेंगे
कोर्ट ने माना-ये नृशंस हत्या…इसलिए रहम नहीं कर सकते:कानपुर में पति-पत्नी और बच्चे के हत्यारों को उम्रकैद; अदालत का फैसला-मरने तक जेल में रहेंगे कानपुर में पति-पत्नी और बच्चे की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा-‘नृशंस हत्या थी, इसलिए आरोपियों पर कोई रहम नहीं कर सकते हैं। दोनों आरोपी मरने तक जेल में रहेंगे।’ दरअसल, 2 अक्टूबर 2021 को फजलगंज के उंचवा मोहल्ला में किराना कारोबारी उनकी पत्नी और एक बच्चे की लूट के इरादे से हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के वादी रामकिशोर ने तीन साल तक केस लड़ा, जिसके बाद गुरुवार कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया। आइए जानते हैं पूरा मामला… सभी को लोहे की रॉड से पीटकर मारा था
उंचवा मोहल्ला में किराना कारोबारी प्रेम किशोर, उनकी पत्नी ललिता देवी और 12 साल के बेटे नैतिक के लाश 2 अक्टूबर 2021 को घर में पड़ी मिली। वारदात को अंजाम देने में प्रेम किशोर का दोस्त गौरव शुक्ला और हिमांशु सिंह शामिल था। पूरे परिवार को लोहे की रॉड और गला कसकर मारा था। घटना वाली रात प्रेम किशोर का बड़ा पुत्र पुनीत सिंह और बेटी प्रीति सिंह अपने ताऊ राज किशोर के घर पर सो रहे थे। जिसके चलते ये लोग बच गए थे। प्रेम किशोर ने भाई राज किशोर ने मुकदमा कराया। इसके बाद पूरी लड़ाई लड़ी। दैनिक भास्कर की प्रेम किशोर के भाई से बातचीत… फैसला आने से पहले दैनिक भास्कर टीम ने हत्याकांड के वादी प्रेम किशोर के बड़े भाई रामकिशोर से इन 3 सालों के संघर्ष की बात पूछी। उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने कहा-इस मुकदमे को यहां तक पहुंचने में बहुत संघर्ष करना पड़ा, बहुत पैरवी करनी पड़ी, तब जाकर आज इस परिणाम पर पहुंचे हैं। भाई के मर्डर के बाद पुलिस ने कोई मदद नहीं की। कोई कॉर्पोरेट नहीं किया। कुछ अच्छा नहीं किया, जहां घटना हुई वहां परचून की दुकान और आवास एक ही में था। उस दुकान में दो बार चोरी हुई। घटना के बाद पुलिस से शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।बेहद घटिया व्यवहार किया। हमें फिर मजबूरी में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करनी पड़ी। इसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ या नहीं ये तो नहीं पता, लेकिन मेरा विश्वास खत्म हो गया है।