एसपी गोयल होंगे यूपी के अगले मुख्य सचिव:मनोज सिंह जुलाई में रिटायर हो जाएंगे; सबसे ताकतवर CM साबित होंगे योगी 1989 बैच के IAS शशि प्रकाश गोयल यूपी के अगले मुख्य सचिव बनाए जा सकते हैं। एसपी गोयल ना सिर्फ मुख्य सचिव की रेस में सबसे आगे हैं, बल्कि सबसे वरिष्ठ अधिकारी भी हैं। पिछले 8 साल से सीएम योगी के प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचम तल (मुख्यमंत्री कार्यालय) की कमान संभाल रहे हैं। मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह जुलाई में रिटायर हो जाएंगे। शासन में होली के हुड़दंग के बीच नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि मनोज कुमार सिंह के बाद एसपी गोयल ही सूबे के नए मुख्य सचिव बनाए जाएंगे। गोयल की पिछले साल केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था, लेकिन उन्हें मुख्य सचिव बनाए जाने की योजना के तहत ही यूपी में रोका गया। मनोज सिंह का कार्यकाल बढ़ा तो गोयल को करना होगा इंतजार
अफसरों का मानना है कि मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह जुलाई 2025 में रिटायर हो जाएंगे। अगर सीएम योगी ने व्यक्तिगत स्तर पर मनोज सिंह का कार्यकाल बढ़ाने की संस्तुति पीएम मोदी से की तो उनका कार्यकाल 6 महीने से एक साल तक बढ़ जाएगा। ऐसे में गोयल को फिर इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन बीते 8 साल में योगी ने किसी भी अफसर का कार्यकाल बढ़ाने की व्यक्तिगत संस्तुति नहीं की है। दीपक कुमार भी दावेदार
एसपी गोयल के बाद अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार मुख्य सचिव पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। दीपक कुमार भी सीएम योगी के करीबी और विश्वसनीय अफसर हैं। हालांकि वरिष्ठा के आधार पर एसपी गोयल से पीछे हैं। शासन में चर्चा है कि अगर एसपी गोयल मुख्य सचिव बनाए गए तो पंचम तल पर गोयल की जगह मुख्यमंत्री और गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद लेंगे। गोयल के पीएमओ से भी अच्छे रिश्ते
जानकार मानते हैं कि एसपी गोयल का प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ भारत सरकार के गृह मंत्रालय सहित अधिकांश मंत्रालयों के सचिवों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। यही कारण है कि जिस किसी मामले में योगी सरकार केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी चाहती है वह मिल जाती है। दबाव में काम नहीं करते हैं गोयल
यूपी से लेकर भारत सरकार तक एसपी गोयल की छवि निडर और बेबाक अफसर की है। गोयल के साथ काम कर चुके आईएएस अफसर बताते हैं कि वह कभी भी दबाव में नहीं आते हैं। सही को सही और गलत को गलत कहने और करने की हिम्मत रखते हैं। इसका ताजा उदाहरण है कि 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे करीबी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सिंचाई विभाग के साढ़े सात सौ सहायक इंजीनियर्स के ट्रांसफर की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी। गोयल को इतनी बड़ी संख्या में एई के तबादले तार्किक नहीं लगे। उन्होंने ट्रांसफर की फाइल को कई बार लौटा दिया। वहीं सैमसंग इंडिया को निर्धारित से ज्यादा सब्सिडी देने की फाइल पर भी गोयल ने सहमति नहीं दी थी। हर महीने ऐसे एक-दो छोटे बड़े उदाहरण देखने को मिल जाते हैं, जब फाइल में थोड़ी भी चूक नजर आने पर गोयल बगैर किसी दबाव में आए उस पर आपत्ति लगाकर लौटा देते हैं। योगी के विश्वसनीय और करीबी
एक पूर्व मुख्य सचिव बताते हैं कि एसपी गोयल सीएम योगी के सबसे करीबी और विश्वसनीय अफसर हैं। आईएएस लॉबी में पंचम तल से लेकर पूर्व मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव रहे अफसरों और सरकार के दिग्गज मंत्रियों ने उन्हें घेरने की कई बार कोशिश की। कई बार झूठे आरोप लगाकर छवि खराब करने की कोशिश भी की। लेकिन सीएम योगी की नजर में गोयल की विश्वसनीयता और उपयोगिता के चलते वह कुछ नहीं बिगाड़ सके। वह बताते हैं कि गोयल के कारण ही सत्ता पक्ष और विपक्ष पंचम तल पर उंगली नहीं उठा सका है। इतना ही नहीं सीएम योगी ने भी किसी गलत फाइल पर दस्तखत नहीं किए हैं। यूपी में आईएएस अफसरों की तैनाती में बीते 8 साल गोयल की ही बड़ी भूमिका रही है। सबसे ताकतवर सीएम साबित होंगे
शासन के अधिकारी मानते हैं कि एसपी गोयल मुख्य सचिव बनाए गए तो योगी सरकार में अब तक के सबसे ताकतवर सीएम साबित होंगे। आमतौर पर मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर शासन के सभी विभागों में पंचम तल की हनक ज्यादा रही है। गोयल खुद 8 साल से पंचम तल की कमान संभाल रहे हैं। इतना ही नहीं वह यूपी एक एक-एक आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की क्षमता जानते हैं। सरकार के मंत्रियों और विधायकों से भी उनका सीधा संवाद होता है। पंचम तल पर भी अधिकांश अफसरों की पोस्टिंग उनकी पसंद से की गई है। ….तो ब्यूरोक्रेसी बहुत हावी हो जाएगी
यूपी में सत्तापक्ष के विधायक और मंत्री खुलेआम कहते हैं कि नौकरशाही बहुत हावी है। जिलों में जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान विधायकों और सांसदों की सुनते नहीं हैं। ऐसा माना जाता है कि जब-जब किसी आईएएस की शिकायत सीएम के सामने पहुंचती है तो ठोस सबूत नहीं होने पर एसपी गोयल ही ढाल बनकर उनका बचाव करते हैं। गोयल के मुख्य सचिव बनने से ब्यूरोक्रेसी जनप्रतिनिधियों पर ज्यादा हावी हो जाएगी। इससे जनप्रतिनिधियों और भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ भी सकती है। सरकार को अगले साल चुनावी मैदान में उतरना है, अगर ब्यूरोक्रेसी हावी रही तो उसका असर चुनाव परिणाम पर भी पड़ सकता है। जेवर एयरपोर्ट को धरातल पर उतारा
यूपी में यूं तो जेवर एयरपोर्ट का प्लान बसपा की मायावती सरकार से ही शुरू हो गया था। लेकिन उसके बाद से यह प्लान केवल फाइलों तक ही सीमित रहा। गोयल ने नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख सचिव की बागडोर संभालने के बाद जेवर एयरपोर्ट की योजना को धरातल पर उतारने का काम किया। जेवर एयरपोर्ट के ड्राइंग एंड डिजाइन से लेकर भूमि अधिग्रहण कराने, जेवर एयरपोर्ट के लिए स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) तैयार करने, ग्लोबल टेंडर कराने तक में भी गोयल की बड़ी भूमिका रही। गोयल के कार्यकाल में ही यूपी में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की संख्या दो से बढ़कर चार (लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या, कुशीनगर) पहुंची है। वहीं यूपी में अब आगरा, बरेली, गोरखपुर, हिंडन, कानपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद में एयरपोर्ट बनकर तैयार हुए हैं। वहीं अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, सोनभद्र, झांसी, ललितपुर, सहारनपुर, पलिया और श्रावस्ती में एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। ————————– ये भी पढ़ें: यूपी में BJP जिलाध्यक्ष का नाम वॉट्सऐप पर भेजेगी:नाराजगी और विरोध रोकने के लिए फैसला, 16 मार्च को होगा ऐलान यूपी में भाजपा ने अपने जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल कर लिए हैं। जिलाध्यक्षों को इसकी जानकारी उनके वॉट्सऐप पर मिलेगी। 16 मार्च को दोपहर 1 बजे वॉट्सऐप पर PDF फाइल में जिलाध्यक्ष को नियुक्ति पत्र भेजा जाएगा। फिर दोपहर 2 बजे संगठन की बैठक में एक साथ नए जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी। (पढ़ें पूरी खबर)