Uttarakhand News: उत्तराखंड में बेमौसम धान की खेती पर लगा बैन हटाया, सीएम धामी ने किसानों से की ये अपील

Uttarakhand News: उत्तराखंड में बेमौसम धान की खेती पर लगा बैन हटाया, सीएम धामी ने किसानों से की ये अपील

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के मैदानी जनपदों में पिछले कई वर्षों से बेमौसम धान की खेती के कारण जलस्तर में भारी गिरावट दर्ज हुई है. जलस्तर गिरने से चिंतित राज्य सरकार एवं प्रशासन की तरफ से लंबे समय से किसानों को बेमौसम धान की खेती न करने की अपील की जा रही थी. लेकिन बेमौसम धान की खेती का क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता ही जा रहा था, इसके बाद बेमौसम धान पर प्रशासन ने रोक लगा दी, कई स्थानों पर बेमौसम धान की खेती के लिए तैयार हो रही पौध को नष्ट भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर इस साल किसानों को छूट देने की मांग की. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस साल बेमौसम धान की खेती पर रोक हटा दी और किसानों को अगले वर्ष से बेमौसम धान के स्थान पर मक्का की फसल लगाने की अपील की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उधम सिंह नगर जनपद में पिछले कई सालों से बेमौसम धान की खेती का तेजी से विस्तार हो रहा था जिसके कारण जलस्तर में भारी गिरावट दर्ज हुई है. जल स्तर में हो रही गिरावट को देखते हुए प्रशासन द्वारा समय-समय पर किसानों को बे मौसम धान की फसल ना लगाने की अपील कर रहा था, फिर धान की खेती कम होने का नाम नहीं ले रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेमौसम धान&nbsp; की खेती पर लगा था प्रतिबंध<br /></strong>अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के समय ही प्रशासन ने किसानों के साथ मीटिंग कर बेमौसम धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दीं थी, साथ ही ये भी कहा था कि जिन किसानों के खेतों में ज्यादा नमी हैं वो अनुमति लेकर खेती कर सकते हैं. कई जगह पर बिना अनुमति के किसानों ने बे मौसम धान की खेती के लिए पौध तैयार कर रहे थे, इसकी जानकारी मिलने के बाद प्रशासन द्वारा उन पौध को नष्ट किया गया. इस मुद्दे को गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उठाया था, इसके बाद सरकार ने इस साल बेमौसम धान की खेती के लिए किसानों को छूट दें दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसानों की आय दुगना करने के लिए कदम उठा रही सरकार</strong><br />पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय को दुगुना करने के लिए कई कदम उठाए रही है. इसलिए मैंने सदन में सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस साल बेमौसम धान की बुआई पर रोक हटा दी जाए, ताकि जिन छोटे किसानों ने खेती के लिए जमीन ठेके पर ली हैं उनको नुकसान से बचाया जा सकें. मुझे खुशी है कि सरकार ने मेरी बात को गंभीरता से लेकर तत्काल किसानों के पक्ष में निर्णय लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बेमौसम धान की खेती से जलस्तर में तेजी से गिरावट दर्ज हो रही थी. इसके बाद ही सरकार ने बेमौसम धान की खेती पर रोक लगाई थीं, लेकिन इस बार किसानों के खेत खाली ना रहे जाएं इसलिए रोक हटा ली गई है. किसानों को वैकल्पिक खेती की तरफ रुख करना चाहिए, इसके लिए सरकार भी सहयोग करेंगे. भविष्य के पर्यावरण संरक्षण अति आवश्यक है इसलिए अर्थव्यवस्था के साथ साथ प्राकृतिक का भी ध्यान रखना हैं. इसके लिए इन दोनों के बीच संतुलन बहुत जरूरी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bhadohi-news-bihar-child-labor-in-carpet-factory-labor-department-took-action-ann-2894573″><strong>भदोही: कालीन कारखाने में बुनाई का काम कर रहे थे बिहार से लाए गए नाबालिग, छापा पड़ने पर कुछ भागे</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड के मैदानी जनपदों में पिछले कई वर्षों से बेमौसम धान की खेती के कारण जलस्तर में भारी गिरावट दर्ज हुई है. जलस्तर गिरने से चिंतित राज्य सरकार एवं प्रशासन की तरफ से लंबे समय से किसानों को बेमौसम धान की खेती न करने की अपील की जा रही थी. लेकिन बेमौसम धान की खेती का क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता ही जा रहा था, इसके बाद बेमौसम धान पर प्रशासन ने रोक लगा दी, कई स्थानों पर बेमौसम धान की खेती के लिए तैयार हो रही पौध को नष्ट भी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर इस साल किसानों को छूट देने की मांग की. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस साल बेमौसम धान की खेती पर रोक हटा दी और किसानों को अगले वर्ष से बेमौसम धान के स्थान पर मक्का की फसल लगाने की अपील की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उधम सिंह नगर जनपद में पिछले कई सालों से बेमौसम धान की खेती का तेजी से विस्तार हो रहा था जिसके कारण जलस्तर में भारी गिरावट दर्ज हुई है. जल स्तर में हो रही गिरावट को देखते हुए प्रशासन द्वारा समय-समय पर किसानों को बे मौसम धान की फसल ना लगाने की अपील कर रहा था, फिर धान की खेती कम होने का नाम नहीं ले रही थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेमौसम धान&nbsp; की खेती पर लगा था प्रतिबंध<br /></strong>अक्टूबर और नवंबर में धान की कटाई के समय ही प्रशासन ने किसानों के साथ मीटिंग कर बेमौसम धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दीं थी, साथ ही ये भी कहा था कि जिन किसानों के खेतों में ज्यादा नमी हैं वो अनुमति लेकर खेती कर सकते हैं. कई जगह पर बिना अनुमति के किसानों ने बे मौसम धान की खेती के लिए पौध तैयार कर रहे थे, इसकी जानकारी मिलने के बाद प्रशासन द्वारा उन पौध को नष्ट किया गया. इस मुद्दे को गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उठाया था, इसके बाद सरकार ने इस साल बेमौसम धान की खेती के लिए किसानों को छूट दें दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किसानों की आय दुगना करने के लिए कदम उठा रही सरकार</strong><br />पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय को दुगुना करने के लिए कई कदम उठाए रही है. इसलिए मैंने सदन में सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस साल बेमौसम धान की बुआई पर रोक हटा दी जाए, ताकि जिन छोटे किसानों ने खेती के लिए जमीन ठेके पर ली हैं उनको नुकसान से बचाया जा सकें. मुझे खुशी है कि सरकार ने मेरी बात को गंभीरता से लेकर तत्काल किसानों के पक्ष में निर्णय लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बेमौसम धान की खेती से जलस्तर में तेजी से गिरावट दर्ज हो रही थी. इसके बाद ही सरकार ने बेमौसम धान की खेती पर रोक लगाई थीं, लेकिन इस बार किसानों के खेत खाली ना रहे जाएं इसलिए रोक हटा ली गई है. किसानों को वैकल्पिक खेती की तरफ रुख करना चाहिए, इसके लिए सरकार भी सहयोग करेंगे. भविष्य के पर्यावरण संरक्षण अति आवश्यक है इसलिए अर्थव्यवस्था के साथ साथ प्राकृतिक का भी ध्यान रखना हैं. इसके लिए इन दोनों के बीच संतुलन बहुत जरूरी है.</p>
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