<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत नए पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क और दंड की संरचना को लेकर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है. आगामी समान नागरिक संहिता नियमावली, 2025 में विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार जैसे महत्वपूर्ण मामलों से जुड़े पंजीकरण शुल्क के नए नियम लागू किए गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस नियमावली के अनुसार, अलग-अलग सेवाओं के लिए शुल्क, विलंब शुल्क और अर्थदंड का निर्धारण किया गया है, जो राज्य के नागरिकों पर सीधा प्रभाव डालेगा. समान नागरिक संहिता नियमावली के तहत विवाह पंजीकरण के लिए सामान्य शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति पंजीकृत विवाह की पावती चाहता है, तो उसे नियम 9 (11)(क) के तहत शुल्क का भुगतान करना होगा, जिसकी राशि 250 रुपये है. </p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/pgHPMMmjgYM?si=02jgHzfXKyYp-biP” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>विवाह पंजीकरण के क्या हैं नियम?</strong><br />हालांकि, अगर विवाह पंजीकरण की पावती तत्काल चाहिए तो शुल्क में वृद्धि होती है और यह 2500 रुपये तक पहुंच सकती है. इसके अलावा अगर पंजीकरण में देरी होती है, तो विलंब शुल्क भी लागू होगा. 90 दिनों तक की देरी पर अतिरिक्त 200 रुपये और 90 दिनों से अधिक की देरी होने पर हर तिमाही के लिए 400 रुपये की दर से शुल्क लिया जाएगा, जो अधिकतम 10 हजार रुपये तक हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तलाक के मामलों में पंजीकरण शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है. अगर कोई व्यक्ति तलाक की डिक्री की पंजीकरण के लिए आवेदन करता है, तो उसे नियम 10(7)(क) के तहत इस शुल्क का भुगतान करना होगा. तलाक के पंजीकरण में भी विलंब शुल्क लागू होगा, जो 90 दिनों तक की देरी पर 200 रुपये और उससे अधिक की देरी पर 400 रुपये होगा. विलंब शुल्क की अधिकतम सीमा 10 हजार रुपये तक हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वसीयत के लिए देनी होगी ये फीस</strong><br />उत्तराधिकार के मामलों में जिनमें वसीयत के बिना कानूनी वारिसों की घोषणा की जाती है, उसके लिए पंजीकरण शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अगर वसीयत के पंजीकरण की आवश्यकता होती है, तो नियम 14(2)(ग) के तहत 250 रुपये का शुल्क लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए 500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है. इस संबंध के दौरान सूचना को अपडेट करने में देर होती है, तो 1000 रुपये तक का विलंब शुल्क लिया जाएगा. लिव-इन रिलेशनशिप के समाप्त होने पर भी 500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये गलती पड़ सकती है भारी!</strong><br />समान नागरिक संहिता नियमावली के तहत जानबूझकर पंजीकरण में चूक या लापरवाही करने पर दंड का प्रावधान किया गया है. पंजीकरण शुल्क और विलंब शुल्क के अतिरिक्त इस प्रकार के मामलों में अधिकतम 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा झूठी शिकायत करने पर भी जुर्माना लागू होगा, जिसके लिए पहली बार 5000 रुपये और दूसरी बार 10 हजार रुपये तक जुर्माना तय किया गया है. इसके अलावा लिव-इन रिलेशनशिप के प्रमाणपत्र के उल्लंघन पर मकान मालिक को 20 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने के लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है. उदाहरण के लिए प्रमाणित उद्धरण प्राप्त करने के लिए 100 रुपये और वसीयत के दस्तावेज की प्रमाणित प्रति के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. इसके अलावा कानूनी उत्तराधिकारी की घोषणा की प्रमाणित प्रति के लिए भी 150 रुपये का शुल्क होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर किसी व्यक्ति का विवाह या तलाक संहिता के लागू होने से पहले पंजीकृत हुआ हो, तो समान नागरिक संहिता नियमावली, 2025 के लागू होने की तिथि से छह महीने तक वर्णित पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा. यह छूट उन व्यक्तियों के लिए है, जिनके विवाह या तलाक पहले से पंजीकृत हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”उत्तराखंड में धामी सरकार ने पेश किया 1 लाख करोड़ से अधिक का बजट, जानें क्या है इसमें खास” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-budget-2025-dhami-govt-focus-on-roads-irrigation-environment-startups-premchand-aggarwal-ann-2888775″ target=”_blank” rel=”noopener”>उत्तराखंड में धामी सरकार ने पेश किया 1 लाख करोड़ से अधिक का बजट, जानें क्या है इसमें खास</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News Today:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत नए पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क और दंड की संरचना को लेकर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है. आगामी समान नागरिक संहिता नियमावली, 2025 में विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार जैसे महत्वपूर्ण मामलों से जुड़े पंजीकरण शुल्क के नए नियम लागू किए गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस नियमावली के अनुसार, अलग-अलग सेवाओं के लिए शुल्क, विलंब शुल्क और अर्थदंड का निर्धारण किया गया है, जो राज्य के नागरिकों पर सीधा प्रभाव डालेगा. समान नागरिक संहिता नियमावली के तहत विवाह पंजीकरण के लिए सामान्य शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति पंजीकृत विवाह की पावती चाहता है, तो उसे नियम 9 (11)(क) के तहत शुल्क का भुगतान करना होगा, जिसकी राशि 250 रुपये है. </p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/pgHPMMmjgYM?si=02jgHzfXKyYp-biP” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>विवाह पंजीकरण के क्या हैं नियम?</strong><br />हालांकि, अगर विवाह पंजीकरण की पावती तत्काल चाहिए तो शुल्क में वृद्धि होती है और यह 2500 रुपये तक पहुंच सकती है. इसके अलावा अगर पंजीकरण में देरी होती है, तो विलंब शुल्क भी लागू होगा. 90 दिनों तक की देरी पर अतिरिक्त 200 रुपये और 90 दिनों से अधिक की देरी होने पर हर तिमाही के लिए 400 रुपये की दर से शुल्क लिया जाएगा, जो अधिकतम 10 हजार रुपये तक हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तलाक के मामलों में पंजीकरण शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है. अगर कोई व्यक्ति तलाक की डिक्री की पंजीकरण के लिए आवेदन करता है, तो उसे नियम 10(7)(क) के तहत इस शुल्क का भुगतान करना होगा. तलाक के पंजीकरण में भी विलंब शुल्क लागू होगा, जो 90 दिनों तक की देरी पर 200 रुपये और उससे अधिक की देरी पर 400 रुपये होगा. विलंब शुल्क की अधिकतम सीमा 10 हजार रुपये तक हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वसीयत के लिए देनी होगी ये फीस</strong><br />उत्तराधिकार के मामलों में जिनमें वसीयत के बिना कानूनी वारिसों की घोषणा की जाती है, उसके लिए पंजीकरण शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अगर वसीयत के पंजीकरण की आवश्यकता होती है, तो नियम 14(2)(ग) के तहत 250 रुपये का शुल्क लिया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए 500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है. इस संबंध के दौरान सूचना को अपडेट करने में देर होती है, तो 1000 रुपये तक का विलंब शुल्क लिया जाएगा. लिव-इन रिलेशनशिप के समाप्त होने पर भी 500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये गलती पड़ सकती है भारी!</strong><br />समान नागरिक संहिता नियमावली के तहत जानबूझकर पंजीकरण में चूक या लापरवाही करने पर दंड का प्रावधान किया गया है. पंजीकरण शुल्क और विलंब शुल्क के अतिरिक्त इस प्रकार के मामलों में अधिकतम 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा झूठी शिकायत करने पर भी जुर्माना लागू होगा, जिसके लिए पहली बार 5000 रुपये और दूसरी बार 10 हजार रुपये तक जुर्माना तय किया गया है. इसके अलावा लिव-इन रिलेशनशिप के प्रमाणपत्र के उल्लंघन पर मकान मालिक को 20 हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने के लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है. उदाहरण के लिए प्रमाणित उद्धरण प्राप्त करने के लिए 100 रुपये और वसीयत के दस्तावेज की प्रमाणित प्रति के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. इसके अलावा कानूनी उत्तराधिकारी की घोषणा की प्रमाणित प्रति के लिए भी 150 रुपये का शुल्क होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर किसी व्यक्ति का विवाह या तलाक संहिता के लागू होने से पहले पंजीकृत हुआ हो, तो समान नागरिक संहिता नियमावली, 2025 के लागू होने की तिथि से छह महीने तक वर्णित पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा. यह छूट उन व्यक्तियों के लिए है, जिनके विवाह या तलाक पहले से पंजीकृत हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”उत्तराखंड में धामी सरकार ने पेश किया 1 लाख करोड़ से अधिक का बजट, जानें क्या है इसमें खास” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-budget-2025-dhami-govt-focus-on-roads-irrigation-environment-startups-premchand-aggarwal-ann-2888775″ target=”_blank” rel=”noopener”>उत्तराखंड में धामी सरकार ने पेश किया 1 लाख करोड़ से अधिक का बजट, जानें क्या है इसमें खास</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Sehore News: कोर्ट ने समझा बुजुर्ग मां का दर्द, भरण-पोषण न करने पर बेटे को भेजा जेल
Uttarakhand UCC: झूठी शिकायत पर 10 हजार जुर्माना, शादी, तलाक और लिव-इन पर कितना शुल्क?
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